Posted on 21 October 2013 by admin
श्री दुर्गा शिक्षा निकेतन महिला महाविधालय, भरवारा, गोमतीनगर, लखनऊ में आज भूतत्व एवं खनिज मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने छात्रों को लैपटाप वितरित किए। उन्होने छात्रो को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार घोषणाएं कम, काम ज्यादा करने में विश्वास करती है। मुख्यमंत्री जी जनोपयोगी घोषणाओं को तेजी से अमल में लाने में विश्वास करते है। इसीलिए चुनाव के समय नौजवानों से जो वायदे किए गए थे उनको पूरा किया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि श्रीमती सुशीला सरोज, सासद ने कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव जी ने कन्या विधाधन देना शुरू किया था। समाजवादी पार्टी सरकार ने Þपढ़े बेटियां, बढ़े बेटियांÞ योजना में 30 हजार रूपए देना शुरू किया है। अब मुख्यमंत्री जी ने गरीब छात्र-छात्राओें के हाथो में लैपटाप देकर उन्हें सम्पन्न परिवार के छात्र-छात्राओं की तरह अपना भविष्य संवारने का अवसर दिया हैं। समाजवादी पार्टी की सरकार समता और सामाजिक न्याय के लिए काम करती है।।
विधालय के प्रबंधक श्री जगजीवन प्रसाद ने छात्राओं को बधार्इ देते हुए कहा कि श्री मुलायम सिंह यादव हमेशा वायदों को निभाने पर जोर देते है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने चुनाव घोषणा पत्र के अधिकांश वायदों को पूरा कर एक रिकार्ड बनाया है। युवाओं को स्वावलम्बी बनाने के लिए उनके प्रयास सराहनीय है।
इस मौके पर प्रबंधक समिति के अध्यक्ष श्री रामशंकर यादव, कोआर्डिनेटर श्री एस0सी0 पाण्डेय, सचिव श्री दिनेश सिंह तथा उपप्रबंधक श्री कृष्ण मुरारी एवं श्रीमती तान्या के मुरारी की सिथति उल्लेखनीय रही।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 October 2013 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव आज यहाँ मौलाना मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित भव्य समारोह में बारहवीं पास 9177 छात्र छात्राओं को लैपटाप वितरण करने के साथ ही रामपुर नगर की सड़कों के निर्माण और रख-रखाव के लिए 100 करोड़ रुपए देने, जिला चिकित्सालय को उच्ची—त करके उसमें सुपर स्पेशलिटी सुविधाएं, जैसे - कैंसर केयर, कार्डियक यूनिट, एमआरआर्इ, सीटी स्कैन सेंटर, डिजिटल एक्स-रे स्थापित करने के साथ ही उसे 150 बेड से 300 बेड का करने, जौहर विश्वविधालय की तरफ कोसी नदी तट पर बैराज की स्थापना करने, लालपुर वियर के स्थान पर दो लेन का पुल बनाने, मौलाना मुहम्मद अली जौहर मार्ग पर सिथत गाँधी समाधि के चारों ओर सब-वे बनाने के साथ ही स्थल विकास और रामपुर क्लब परिसर में लोक निर्माण विभाग के चार सूट को अतिरिक्त निरीक्षण भवन तथा आफिसर्स ट्रांजिट हास्टल बनाने की घोषणाएं कीं।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मौलाना मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को विश्वस्तर की शिक्षण संस्था बनाने में कोर्इ भी कमी न रहने देने का आश्वासन देते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी में समय की जरूरतों के हिसाब से प्रत्येक विधा की आधुनिक शिक्षा का इंतजाम और प्रावधान बहुत ही कम समय में सुनिशिचत किया जाएगा। अपनी सरकार के प्रमुख निर्णयों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बहुत कम समय में जो फैसले लिए हैं, वैसे निर्णय और किसी प्रान्त में लिए ही नहीं गए देश के अनेक प्रान्तों की सरकारें छात्रों को नि:शुल्क लैपटाप, कन्या विधाधन तथा किसान कर्ज माफी जैसे फैसलों में उत्तर प्रदेश सरकार की पहल की नकल कर रही हैं।
श्री अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के युवाओं को उनकी क्षमता तथा वä की जरूरतों के मुताबिक समाज में आगे बढाने, कामयाब होने तथा खुशहाल जिन्दगी जीने में मदद जारी रखेगी।
सांसद, पूर्व मुख्यमंत्री तथा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने कम से कम समय में उत्तर प्रदेश को शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में देश का अगुआ राज्य बनाने की चर्चा करते हुए कहा कि जो देश स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में आगे हैं वही देश आज सबसे विकसित हैं।
श्री मुलायम सिंह यादव ने इससे पहले बिना किसी का नाम लिए कहा कि देश नफरत के नारों और लोगों को आपस में लड़ने की नीति से आगे बढ़ ही नहीं सकता। देश काम से, खुशहाली से और सभी की तरक्की से आगे बढ़ता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अभी तक अच्छा काम किया है और इसकी रफ्तार आगे भी कायम रहे यही असल कामयाबी होगी। सरकार ठान ले तो जनहित का काम और संकल्पों को पूरा करने में धन की कोर्इ कमी नहीं आड़े नहीं आ सकती। जनता के साथ किये गए वादे पूरे होने ही चाहिये क्योंकि वादा खिलाफी भी एक तरह का भ्रष्टाचार है।
सांसद श्री यादव ने कहा कि आजादी के बाद से लम्बे समय तक शासन करने वालों ने देश की सुरक्षा और सीमाओं को कितना महत्त्व दिया है, इसका उदाहरण यह है कि चीन आज हमारी सीमा तक सिर्फ तीन घंटे में रेल और विमान से रसद, हथियार और सैनिक पहुंचा सकता है, जबकि भारत को इसके लिए साढ़े तीन दिन चाहिए। इससे पहले उन्होंने बताया कि पिछली सरकार के समय का बिजली विभाग का करीब 25 हजार करोड़ रुपए बकाया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतार्इ कि एक दिन मौलाना मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी वैशिवक स्तर की बन कर रहेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के बाद मंच से नीचे उतर कर छात्र-छात्राओं से मुलाकात करके उनको लैपटाप वितरित किए। समारोह के आयोजक नगर विकास मंत्री श्री मोहम्मद आजम खां ने मुख्यमंत्री को रामपुरी हुक्का, वायलिन और श्री मुलायम सिंह यादव को रामपुर की प्रसिद्ध नक्काशी से धातु के बने साइबेरियन क्रेन्स का जोड़ा भेंट किया।
अपने सम्बोधन में नगर विकास मंत्री श्री मोहम्मद आजम खां ने कहा कि मुजफ्फरनगर के दंगे इंसानियत पर नीचता की ज़हनियत और खुदगर्जी की सियासत की निशानी हैं। इन दंगों में सबसे ज्यादा नुकसान गरीब, ग्रामीण और मजदूरों का हुआ। नगर विकास मंत्री ने कहा कि नफरत की खेतियां बोने वालों को समझना चाहिए कि उनको फसल भी नफरत की ही काटनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि देश को आज सहनशीलता, मुहब्बत और आपसी समझदारी बढ़ाने वाले लोगों की जरुरत है, जनता को ऐसे ही लोगों को बढ़ावा देना चाहिए।
श्री मोहम्मद आजम खां ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कोर्इ और देश होता तो अपनी निजी शोहरत के लिए सरकारी खजाने से पत्थरों के शहर बनाने और जिंदा होते हुए भी अपनी मूर्तियाँ लगाने वालों का वही हश्र होता जो तानाशाहों का हुआ। उन्होंने कहा कि इल्म की रोशनी वक्त की आंधियों और हालत के तूफानों से जीतने की ताकत देती है, इसीलिये हमारी सरकार ने छात्र-छात्राओं के लिए लैपटाप वितरण, कन्या विधाधन, हमारी बेटी उसका कल और बेरोजगारी भत्ता देने की शुरुआत की है। मौलाना मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के छात्रों के अनुशासन की सराहना करते हुए श्री खान ने कहा कि सरकार की लैपटाप वितरण योजना चुनावपूर्व वादों पर अमल का ही हिस्सा है।
इस अवसर पर मंत्रिमण्डल के अनेक सदस्य, जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं एवं गणमान्य नागरिक उपसिथत थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 October 2013 by admin
भारत और हंगरी ने एक महत्वयपूर्ण पहल करते हुए परम्पेरागत चिकित्साे पद्धतियों के विकास और प्रोत्सा हन के लिए एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताएक्षर किये हैं। बृहस्पऔतिवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री डॉण् मनमोहन सिंह और हंगरी के प्रधानमंत्री श्री विक्टैर ओर्बन की मौजूदगी में भारत की ओर से केन्द्री य स्वामस्य्ो एवं परिवार कल्या ण राज्यद मंत्री श्रीमती संतोष चौधरी और हंगरी के राष्ट्री य संसाधन मंत्री श्री जोर्टन बनोंग ने सहमति पत्र पर हस्तातक्षर किये। हंगरी ने भारत की परम्पहरागत चिकित्सा् पद्धतियों विशेषकर आयुर्वेद में काफी दिलचस्पी दिखाई है।
इस सहमति पत्र का मुख्यध उद्देश्यय समानता और परस्पदर लाभ के आधार पर दोनों देशों की परम्प रागत चिकित्साउ पद्धतियों के सशक्तिकरणए प्रोत्सााहन और विकास में सहयोग देना है। सहमति पत्र चिकित्साे की परम्प रागत पद्धतियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देनेए इन्हेंत इस्ते माल करने के लाइसेंस तथा एक.दूसरे के बाजारों में उनके विपणन के अधिकार के बारे में कानूनी सूचना के आदान.प्रदानए विशेषज्ञोंए अर्द्ध चिकित्सा कर्मियोंए वैज्ञानिकोंए शिक्षकों और छात्रों की अदला.बदली के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देता है। इस सहमति पत्र पर हस्तााक्षर होने से दोनों देशों के बीच परम्प़रागत चिकित्सास पद्धतियों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगाए जिससे नई आर्थिक और व्यापवसायिक संभावनाओं का पता चलेगा और पर्यटन का विकास होगा।
श्रीमती संतोष चौधरी ने आशा व्य क्ते की कि इस प्रकार के आपसी समझौतों पर हस्तातक्षर होने से भारत आयुर्वेदए यूनानीए योगए सिद्धए होम्योषपेथी जैसी चिकित्सा पद्धतियों को दुनियाभर में स्थातपित कर सकेगा।
उल्लेिखनीय है कि भारतए मलेशिया और त्रिनिडाड टोबेगो के साथ ऐसे ही समझौते कर चुका है और निकट भविष्यक में रूसए नेपालए श्रीलंकाए सर्बिया और मैक्सिको के साथ ऐसे ही समझौते करने वाला है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 October 2013 by admin
सम्मेेलन में करीब 100 देशों के प्रतिनिधिभाग लेंगे
अंतर्राष्ट्री य इलेक्ट्रोथ.टेक्नी्कल आयोग की महासभा का 77वां सम्मेनलन नई दिल्ली; के विज्ञान भवन में सोमवारए 21 अक्तूीबरए 2013 से शुरू हो रहा है। यह आयोग आईईसी के नाम से लोकप्रिय है। उपभोक्ताश मामलेए खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रोफेसर केण्वीण्थॉमस सम्मेालन का उद्घाटन करेंगे। इसमें करीब 100 देशों के 900 से अधिक प्रतिनिधिभाग ले रहे है।
आईईसी एक विश्वे संस्था है जो विकसित और विकासशील देशों में घरोंए कार्यालयोंए स्वाीस्य्कप देखरेख सुविधाओंए फैक्ट्रहरियों और सार्वजनिक स्थ0लों में विद्युतीय और इलेक्ट्रॉ निक उपकरणों तथा यंत्रों के लिए अंतर्राष्ट्रीहय मानक प्रकाशित करता है। आईईसी विद्युत उत्पाोदनए प्रेषण और वितरण सहित ऊर्जा के सभी निर्माताओं के लिए अधिकांश अंतर्राष्ट्रीयय मानक उपलब्ध कराने में भी मुख्यक भूमिका निभाता है। आईईसी में 164 देशों का प्रतिनिधित्व हैं। आईईसी में भारतीय मानक कार्यालय;ब्यू रो ऑफ इंडियन स्टैतण्ड र्डसद्ध भारत का प्रतिनिधित्वं करता है और यह आईईसी की 66 तकनीकी समितियों का भागीदारी सदस्यि भी है। साथ ही भारत 85 तकनीकी समितियों का पर्यवेक्षक सदस्य भी है। महासभा के दौरान आईईसी की मानक प्रबंधन जैसे विभिन्नप नीतिनिर्माता निकाय अंतर्राष्ट्री य मानकों से संबंधित मामलों पर विचार करेंगे और इलेक्ट्रोस टेक्नोवलॉजी के क्षेत्र में मानक विकास के लिए भावी रणनीतितथा निर्देशों के बारे में निर्णय लेगी।
विद्युत गुणवत्ताे के लिए चुनौतियां. विषय पर एक खुला अधिवेशन भी होगा जिसमें भारत के दो विशेषज्ञों सहित विश्वि के पाँच प्रसिद्ध वक्ता भारत में बिजली की गुणवत्ताद तथा चुनौतियों के मामले पर अपने विचार रखेंगे। इसके अलावाए विभिन्न देशों से चयनित मानकीकरण के क्षेत्र में 70 युवा पेशेवर लोगों के लिए एक तीन दिवसीय कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी।
आईईसी महासभा के आयोजन से भारत को इलेक्ट्रोम टेक्नोेलॉजी के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीकय मानकों के बारे में जानकारी पैदा करने में सहायता मिलेगी और आईईसी की मानक विकास प्रक्रिया में हमारी भागीदारी बढ़ेगी। आमसभा भारतीय मानक कार्यालयए इंडियन इलेक्ट्रि कल एंड इलेक्ट्रॉ निक मैन्यूयफेक्चकरर्स एसोसिएशन;आईईईएमएद्ध केन्द्री य विद्युत अनुसंधान संस्थाा;सीपीआरआईद्ध और आईईईई मानक संघए एलकोमा तथा अन्यो उद्योगों द्वारा संयुक्तए रूप से आयोजित की जा रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 October 2013 by admin
हंगरी के प्रधानमंत्री की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान आयोजित रात्रि भोज के अवसर पर दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण का पाठ इस प्रकार हैरू.
ष्ष्प्रधानमंत्री ओर्बन और उनके शिष्टमंडल की हमारे देश की यात्रा के अवसर पर उनका स्वागत करते हुए मुझे अपार हर्ष हो रहा है।
महामहिमए आप त्यौहारों के मौसम में भारत पधारे हैं। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि त्यौहारों के इस मौसम में आपकी हमारे बीच उपस्थिति हमारी खुशी को और भी बढ़ा रही है। हम भारत में आपका प्रवास अधिक सुखदए लाभकारी और आनंददायक रहने की कामना करते हैं।
महामहिमए कठिनाइयों के दौर में देश के शासन की बागडोर संभालने के बावजूदए आपने हंगरी को संकट से बाहर लाने और फिर से विकास के पथ पर अग्रसर करने में महान कौशल और संकल्पबद्धता का परिचय दिया है। ऐसा करते समय आपने वह आदर्श प्रस्तुत किया है जिसके लिए हंगरी जाना जाता है।
पिछली करीब आधी सदी से भी अधिक समय से भारत के लोगों ने हंगरी के लोगों की संकल्पशक्ति को देखा है। इनमें सबसे नवीनतम अवसर 1988.89 के ऐतिहासिक वर्षों में उस समय दिखाई दिया जब हंगरी में लोग लोकतंत्र बहाल करने और यूरोप में विभाजन का युग समाप्त करने में कामयाब हुए। हमने उसके बाद से हंगरी के तेजी से रूपांतरण की प्रसन्नतापूर्वक सराहना की है।
भारत की अपनी पहली यात्रा और ष्ष्पूर्वी देशों के साथ वार्तालापष्ष् की आपकी व्यापक नीति ने यह सिद्ध कर दिया है कि हमारे एकीकृत विश्व में अवसर आकार या दूरी से निर्धारित नहीं होते बल्कि रचनात्मकता और नई सोच से निर्धारित होते हैं।
आपकी यात्रा सांस्कृतिक संबंधों और हमारे लोगों के बीच परस्पर जुड़ाव की विशिष्ट परंपरा पर आधारित है। भारतविद्या से सम्बद्ध हंगरी के विद्वानों ने भारतीय परंपराओंए संस्कृति और विरासत के बारे में यूरोप की समृद्ध विद्वत्ता में बहुमूल्य योगदान किया है। हंगरी के एक विश्वविद्यालय में 1873 में संस्कृत शुरू की गई थी। गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर ने हंगरी के अनेक विद्वानों को शांति निकेतन में आमंत्रित किया था। गुरुदेव स्वयं बाल्टन झील के जल के सौंदर्य से मंत्रमुग्ध हो गए थे और इस वर्ष हम संयुक्त रूप से जानीमानी चित्रकार अमृता शेरगिल की जन्मशती मना रहे हैंए जो भारत और हंगरी की बेटी थीं।
हमारे लोगों के बीच स्नेह और सद्भावना की ये परंपराएंए हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्य और हमारे बीच आर्थिक साझेदारी की व्यापक संभावनाएंए ये सब बातें हमारी भागीदारी के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं। यूरोप और विश्व में कोलाहल और परिवर्तन के दौर में भी हमारे संबंध स्थिरता के साथ आगे बढ़ते रहे। हंगरी में भारतीय कंपनियों की उपस्थिति बढ़ रही है जो हमारे संबंधों की संकल्पबद्धता का संकेत है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हंगरी से जो समर्थन भारत को मिला है हम उसे महत्वपूर्ण मानते हैं। इन सब बातों के आधार पर मेरा यह विश्वास है कि हंगरी और भारत एक दूसरे के यहां महान अवसर प्राप्त कर सकते हैं और यूरोप और एशिया में एक दूसरे के लिए सेतु बन सकते हैं।
इन शब्दों के साथए महामहिमए देवियो और सज्जनोए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इन शुभकामनाओं के साथ भोजन ग्रहण करें किरू.
• महामहिम प्रधानमंत्री ओर्बन के बेहतर स्वास्थ्य और समृद्धिय
• मैत्रीपूर्ण स्वभाव वाले हंगरी के लोगों की प्रगति और खुशहालीय और
• भारत और हंगरी के बीच कभी समाप्त न होने वाली मित्रता।ष्ष्
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 October 2013 by admin
हंगरी के प्रधानमंत्री की भारत की राजकीय यात्रा के अवसर पर प्रधानमंत्री डाण् मनमोहन सिंह द्वारा दिए गए मीडिया बयान का पाठ नीचे दिया गया हैरू.
ष्ष्प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन की पहली भारत यात्रा के अवसर पर उनका स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। मैं दोनों देशों के बीच संबंधों को घनिष्ठ बनाने के प्रति उनकी व्यक्तिगत प्रतिबद्धता के लिए सराहना करता हूं। भारत और हंगरी के संबंध परंपरागत दृष्टि से घनिष्ठ और मित्रतापूर्ण रहे हैंए क्यांेकि लोगों के बीच सांस्कृतिक लगाव और परस्पर संबंधों का हमारा विशेष इतिहास रहा है।
आज बहुत सारी बातें हैं जो हमारे देशों को एक साथ खड़ा करती हैं। भारत की तरह हंगरी भी एक बढ़ता हुआ लोकतंत्र है। बदलते हुए मध्य यूरोप के केंद्र और यूरोपीय संघ के सदस्य के रूप में हंगरी एक गतिशील अर्थव्यवस्था है। भारतीय निवेशकों की हिस्सेदारी हंगरी में निरंतर बढ़ रही है। अपने अपने तरीके से हमारे दोनों देशए अफगानिस्तान में सुरक्षा और विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं। हंगरी आतंकवाद से निपटने के लिए एकजुट वैश्विक कार्रवाई का समर्थक रहा है। ये सब बातें हमारे संबंधों की मजबूती को आधार प्रदान करती हैं।
प्रधानमंत्री ओर्बन और मैंने आज अत्यंत लाभदायक विचार विमर्श किया है। बातचीत में हमने अपने संबंधों के समूचे परिदृश्य की समीक्षा की है। हम इस बात से सहमत हैं कि परस्पर पूरक शक्तियों के विस्तारए भारत के विशाल और उभरते हुए बाजार तथा हंगरी की यूरोपीय संघ की सदस्यता से हम अपने आर्थिक संबंधों का व्यापक विस्तार कर सकते हैं।
संयुक्त आर्थिक समिति द्वारा किए गए कार्य का हम स्वागत करते हैंए जिसकी बैठक इसी सप्ताह के शुरू में हुई थीए जिसमें सूचना प्रौद्योगिकीए फार्मास्युटिकल्सए आटो कम्पोनेंट्सए स्वास्थ्य देखभालए पर्यटनए ऊर्जाए इंजीनियरी सामान और खाद्य प्रसंस्करण सहित कई अन्य क्षेत्रों की पहचान प्राथमिकता क्षेत्रों के रूप में की गई थी। मैं प्रधानमंत्री ओर्बन से इस बात के लिए भी सहायता चाहता हूं कि वे भारत और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित व्यापक आधार वाले व्यापार एवं निवेश समझौते को शीघ्र अंतिम मुकाम पर पहुंचाने में योगदान करें। इस समझौते से भारत और हंगरी के बीच व्यापार एवं निवेश का प्रभाव बढ़ेगा।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारा सहयोग अत्यंत लाभदायक रहा है। दोनों देश संयुक्त कार्यनीतिक अनुसंधान कोष में 10.10 लाख यूरो का वार्षिक अंशदान करते हैं जिससे दोनों देशों को फायदा हुआ है। आज हमारे बीच यह सहमति हुई है कि इस कोष में अब दोनों देश 20.20 लाख यूरो का योगदान करेंगे। इससे उच्च प्रौद्योगिकी लक्ष्यों वाली नई परियोजनाएं शुरू की जा सकेंगी।
हमने रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की है। हंगरी के पास रक्षा उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी है और वह हमारे रक्षा आधुनिकीकरण के प्रयासों में भरोसेमंद भागीदार बन सकता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों के अंतर्गत भारत की स्थाई सदस्यता के मुद्दे सहित अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के बारे में हंगरी के समर्थन की भारत सराहना करता है। 2008 में परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह के भारत के साथ सिविल परमाणु सहयोग के फैसले में भी हंगरी ने भारत का समर्थन किया था। मैं प्रधानमंत्री ओर्बन से अपील करता हूं कि वे परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह और अन्य बहुराष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं की पूर्ण सदस्यता भारत को दिलाने में सहयोग करेें।
जैसा कि मैंने शुरू में कहा कि भारत और हंगरी के बीच सुदृढ़ सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। हंगरी में भारतविद्या के क्षेत्र में विद्वत्ता की सराहनीय परंपरा रही है। हम फेलोशिप और आदान.प्रदान के जरिए अपने संबंधों के इस महत्वपूर्ण आयाम को निरंतर मजबूत बनाने के प्रयास करते रहेंगे। मुझे विश्वास है कि 2013.15 की अवधि के लिए सांस्कृतिक आदान.प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत जिन गतिविधियों की योजना बनाई गई है उनसे हमारे सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ओर्बन और मैंने व्यापक क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों के बारे में बातचीत की है। हम दोनों यह भलीभांति समझते हैं कि आतंकवाद और उग्रवाद भारत और हंगरी जैसे आधुनिक लोकतांत्रिक राष्ट्रों के प्रति एक साझा खतरा है। हमने महसूस किया है कि आतंकवाद के खिलाफ एक वैश्विक नियामक फ्रेमवर्क तैयार करने की आवश्यकता है और हम इस बारे में परस्पर सहयोग बढ़ाने के बारे में सहमत हैं।
मैंए आपसी संबंधों के विस्तार और उन्हें गहरा करने के लिए प्रधानमंत्री ओर्बन के साथ मिल कर काम करने का इच्छुक हूं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 October 2013 by admin
प्रधानमंत्री डॉण् मनमोहन सिंह ने आज यहां प्रोफेसर बीण्एनण्गोस्वाकमी के सम्मा न में निबंधों की एक पुस्त क का विमोचन किया। इस पुस्तफक का नाम है. इंडियन पेंटिंगरू थीम्सोए हिस्ट्रीि एंड इंटरप्रिटेशन्सस । इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक वक्तंव्य दिया जिसका अनुदित मूल पाठ निम्नीलिखित हैरू
श्श्यह मेरे लिए बड़ा सम्मािन का अवसर है कि मुझे प्रोफेसर ब्रिजेन्द्रत गोस्वांमी के सम्माोन में निबंधों की इस पुस्ताक के विमोचन का अवसर प्राप्तरू हुआ है। हालांकि कला के क्षेत्र में कुछ करने का मैं दावा नहीं करता लेकिन मैं इस बात का दावा करता हूँ कि मैं ब्रिजेन्द्रत को कॉलेज के दिनों से जानता हूँ जब हम दोनों अमृतसर के हिन्दू कॉलेज के छात्र थे और बाद में पंजाब विश्वतविद्यालय के कॉलेज में थे। उसके बाद भी हम दोनों ने पंजाब विश्व्विद्यालय में अध्यापन का कार्य किया। जैसा कि मैंने कहा है कि मैं ब्रिजेन्द्र को करीब साढ़े 6 दशकों से जानता हूँ और मैं यह भी कह सकता हूँ कि उनकी विद्वता उस समय भी आज के समान प्रभावशाली थी। प्रोफेसर गोस्वाूमी ने भारतीय प्रशासनिक सेवाए आईएएस जिसमें उन्होंगने सफलता प्राप्तै की थीए को छोड़कर पंजाब विश्वविद्यालय में अध्याहपन का कार्य अपनाया था।
उन दिनों में प्रतिष्ठित सेवाए आईएएस को छोड़ना अनसुनी बात थीए लेकिन प्रोफेसर गोस्वाूमी सदा दृढ़ विश्वास के व्यसक्ति थे। उन्हों ने जीवन के शुरू में अपने दिल की आवाज को स्पोष्ट़ रूप से सुना था। और यह कला के जगत के लिए एक अच्छी् बात थी।
आज हम उनका 80वां जन्मटदिवस मनाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं जो दोहरा लाभ है। इस दौरान प्रोफेसर गोस्वाजमी ने एक प्रतिष्ठिलत स्थाुन प्राप्ता कर लिया है। उनकी रचनाएंए विशेष रूप से भारतीय चित्रकला के क्षेत्र में अत्यसधिक प्रभावशाली रही हैं। उन्हों ने कुल मिलाकर विश्वि कोए अमरीका और यूरोप के विश्व्विद्यालयों में शिक्षण सहित विभिन्न तरीकों से भारतीय कला की बारीकियों से अत्य धिक अवगत कराया है।
यह प्रोफेसर गोस्वाकमी के लिए उचित श्रेय की बात है कि समूचे विश्व् से ख्यातति प्राप्तफ विद्वान उनके सम्माएन में प्रकाशित की जा रही इस विशेष पुस्तक इंडियन पेंटिंगरू थीम्साए हिस्ट्रीर एंड इंटरप्रिटेशन्स में योगदान करने के लिए यहां एकत्र हुए हैं।
मैं समझता हूँ कि भारतीय चित्रकला के विभिन्नट पहलुओं पर नए दृष्टिमकोण उजागर करने के अलावा इस पुस्तमक में अनेक नए अनुसंधानों के बारे में जानकारी भी है। मुझे इस पुस्त क का विहंगम दृष्टिंपात करने का अवसर प्राप्तन हुआ है और इस विषय के बारे में मुझे बहुत कम ज्ञान होने के बावजूद यह पुस्तकक यथार्थ रूप में प्रमाणिक और प्रभावशील है। मुझे विश्वाास है कि यह पुस्तंक उन सभी के लिए अत्यंधिक उपयोगी होगी जो भारतीय कला और खासकर भारतीय चित्रकला के विषय में रूचि रखते हैं।
इन शब्दोंग के साथ मैं अंत में इस शानदार पुस्तरक के संपादकों और प्रकाशकों को बधाई देता हूँ। मैं प्रोफेसर ब्रिजेन्द्रस गोस्वासमी के लिए विद्वताए अच्छेन स्वागस्य््र और प्रसन्नतता के अनेक वर्षों की कामना करता हूँ और मैं उनकी धर्मपत्नीम करूणा जी को भी बधाई देता हूँ जिन्होंंने मुझे इस निमंत्रण को स्वीेकार करने के लिए प्रेरित किया और मैं सम्मा न के लिए गौरवान्वि त महसूस करता हूँ।श्श्
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 October 2013 by admin
भारत-भारती सम्मान से सम्मानित डा. लक्ष्मीशंकर मिश्र ‘निशंक की 95वीं जयन्ती के अवसर पर सोमवार 21 अक्टूबर, 2013 को अपराहन 3.00 बजे से निराला साहित्य केन्द्र एवं सभागार, हिन्दी भवन, लखनऊ में संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर डा0 निशंक की स्मृति को समर्पित ‘शाश्वत शब्द : समर्पित साधना गं्रथ का लोकार्पण किया जायेगा।
इस संगोष्ठी की अध्यक्षता श्री उदय प्रताप सिंह, मा0 कार्यकारी अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान करेंगे। मुख्य अतिथि श्री गोपाल चतुर्वेदी व प्रमुख वक्ता प्रो0 सरला शुक्ल होंगी।
डा. निशंक की साहितियक काव्य यात्राा के विभिन्न पहलुओं पर प्रो0 रमेश दीक्षित, श्री दीन मोहम्मद दीन, मैनपुरी, डा0 रामेन्द्र पाण्डेय, रायबरेली व श्री केशव प्रसाद वाजपेयी, रायबरेली भी अपने विचार रखेंगे। इसके अतिरिक्त डा. निशंक की कविताओं का सस्वर पाठ भी किया जायेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 October 2013 by admin
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी के जन्मदिवस पर प्रेस क्लब के सभागार में नादति मंथन व्याख्यानमाला ‘मीडिया में भाषागत चुनौतियां’ पर वक्ताओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के आयोजक एन.डी.टी फाउण्डेशन (ट्र0) के बैनरतले कार्यक्रम की अध्यक्षता पं.राम नरेश त्रिपाठी ने एवं संचालन संतोष कुमार जैन ने किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि पूर्व न्यायाधीश गिरधर मालवीय ने अन्य विशिष्ट वक्ताओं कन्दर्प नारायण मिश्र, प्रो.मुश्ताक काजमी, रमा शंकर श्रीवास्तव, नंदल हितैषी, रतन दीक्षित, राम नरेश पिण्डीवासा ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलित करके किया। इस अवसर पर संतोष जैन ने वर्तमान राजनैतिक परिदृश्य पर चर्चा करते हुए कहा कि 50 वर्ष तक शासन करने के बाद आज भी देश में भ्रष्टाचार, मंहगार्इ, घोटाला आदि व्याप्त है। इसी प्रकार न्यायपालिका पर भी उन्होने प्रहार करते हुए कहा कि जब अयोग्य व्यकित संसद में बैठकर कानून बनाये तो निशिचत ही सारी व्यवस्थाएं छिन्न-भिन्न होगी।
वरिष्ठ पत्रकार सुधांशु उपाध्याय ने कहा कि अंग्रेजी की महत्ता इतनी बढ़ गयी है कि हिन्दी का असितत्व ही समाप्त होता जा रहा है और दो समाचार पत्रों का नाम लेते हुए कहा कि इसने मीडिया में भाषा की गरिमा घटायी है। वरिष्ठ पत्रकार रमा शंकर श्रीवास्तव ने कहा कि मीडिया में हिन्दी भाषा कंगाल नहीं है, वह 43 भाषाओं से मिलकर बनी है। फिर भी हम अंग्रेजी को लेकर चलना चाहते हैं। कर्इ साहित्यकार व लेखक हो गये परन्तु व्याकरण में कमियों पर ध्यान नहीं देते। आज हिन्दी की जो दुर्दशा हो रही है वह सोचनीय है। नंदल हितैषी ने कहा कि आजादी के समय की पत्रकारिता अलग थी। पहले पत्रकार स्वत: लिखता था और वही प्रूफ रीडर भी था और अखबार भी वही बांटता था। लेकिन आज की पत्रकारिता का स्वरूप बदल गया है। उन्होने कहा कि भाषा में चुनौतियां बहुत है, बहुत नुक्ताचीनी करने पर भाषा मरती है जैसे फारसी व संस्कृत। उन्होने कहा कि किसी पर नुक्ताचीनी करना ठीक नहीं है। मीडिया में चुनौतियां बहुत हैं लेकिन घबराने की आवश्यकता नहीं।
इस अवसर पर इलेक्ट्रानिक चैनल के वीरेन्द्र पाठक ने कहा कि मीडिया में यह गोष्ठी जिनके लिए बहुत उपयोगी था वही आज बहुत कम दिखायी दे रहे हैं। कहा कि नयी मीडिया जिसे सरकार ने भी स्वीकार किया है वही इसके जिम्मेदार हैं। जो 80-90 के दशक से कार्य कर रहा है वह भाषा को नहीं तोड़ रहा है, नयी मीडिया के आने से ही भाषाओं में काफी गिरावट आर्इ है। कहा कि पहले जो पत्रकार गलत भाषा का प्रयोग करता था उसे तत्काल बाहर निकाल दिया जाता था लेकिन आज ऐसा नहीं है। जिसके कारण स्थानीय बोली व भाषा पर संकट गहराता जा रहा है।
अन्त में मुख्य अतिथि ने सभी वक्ताओं के विचारों पर अपनी सहमति जताते हुए कहा कि वक्ताओं ने जो तथ्य रखे हैं वह विचारणीय है और हम सबको उस पर अमल करना होगा। अंत में कहा कि यह सब हमें संस्कारों से मिलता है जो परिवार, शिक्षालय आदि से प्राप्त होता है। कार्यक्रम के दौरान रमा शंकर श्रीवास्तव, नंदल हितैषी, वीरेन्द्र पाठक, सुधीर अगिनहोत्री, प्रो.मुश्ताक काजमी, कन्दर्प नारायण मिश्र, अजामिल व्यास आदि को मुख्य अतिथि ने सम्मानित किया। इस दौरान यूनिवर्सिटी स्टूडेन्ट के सम्पादक प्रभाकर भटट, डा. भगवान प्रसाद उपाध्याय, न्याय का प्रहरी के संपादक हरिश्चन्द्र पटेल, अमरजीत सिंह सहित कर्इ पत्रकार व छायाकार उपसिथत रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 October 2013 by admin
संकल्प सभा के मददेनजर 18 अक्टूबर को अयोध्या से गिरफ्तार किये गये काशी सुमेरूपीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानन्द सरस्वती, विहिप के महामंत्री चंपत राय, डा. राविलास दास वेदान्ती व विधायक रामचंद्र यादव समेत चार सौ से अधिक विहिप व अन्य हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं को आज यहां लखनऊ कारागार से रिहा कर दिया गया। रिहा होने के बाद शंकराचार्य ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि स्थान पर जब तक भव्य राम मनिदर का निर्माण नहीं हो जाता तब तक संत समाज चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा कि संकल्प लेना हिन्दुओं का जन्मसिद्ध,कर्मसिद्ध और शास्त्र सिद्ध अधिकार है।
शंकराचार्य ने कहा कि कानून के रक्षक ही कानून की मर्यादाओं की धजिजयां उड़ा रहे हैं। संकल्प सभा पर रोक लगाकर प्रदेश सरकार ने संतो ंके मौलिक अधिकारों का हनन एवं संविधान का उल्लंघन किया है। शंकराचार्य ने कहा कि सप्तपुरियों में लिया गया संकल्प अधूरा नहीं जाता है।
संतो के अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि संत समाज 06 लाख 38 हजार गांवों तक जाकर जनता को जागरूक करेगी और जब तक अयोध्या में राम मनिदर बन नहीं जाता तब तक चुप नहीं बैठेगी। श्रीराम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य व पूर्व सांसद डा. राविलास दास वेदान्ती ने सपा के कैबिनेट मंत्री आजम खाँ पर निशाना साधते हुए कहा कि आजम खाँ जो काम बाहर करवा रहे हैं वहीं काम जेल के अन्दर करवाया।
उन्होंने कहा कि जेल में व्यवस्था नाम की कोर्इ चीज नहीं थी। जब तक हम लोग जेल में रहे। आतंकवादी अपनी बैरक से र्इंट पत्थर चलाते रहे। वेदान्ती ने कहा कि कम कर्इ बार जेल गये लेकिन जेल में ऐसा घटिया भोजन जीवन में पहली बार पाया। इससे ऐसा लगता है कि आजम खाँ ने हम कारसेवकों के लिए स्पेशल व्यवस्था करार्इ थी कि वेदान्ती रामभक्तों के साथ आयेंगे और आप लोग उन पर र्इंट पत्थर चलाना। उन्हाेंंने कहा कि सरकार धर्म, हिन्दुत्व एवं राष्ट्रीयता विरोधी काम कर रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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