भारत और हंगरी ने एक महत्वयपूर्ण पहल करते हुए परम्पेरागत चिकित्साे पद्धतियों के विकास और प्रोत्सा हन के लिए एक द्विपक्षीय समझौते पर हस्ताएक्षर किये हैं। बृहस्पऔतिवार को हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री डॉण् मनमोहन सिंह और हंगरी के प्रधानमंत्री श्री विक्टैर ओर्बन की मौजूदगी में भारत की ओर से केन्द्री य स्वामस्य्ो एवं परिवार कल्या ण राज्यद मंत्री श्रीमती संतोष चौधरी और हंगरी के राष्ट्री य संसाधन मंत्री श्री जोर्टन बनोंग ने सहमति पत्र पर हस्तातक्षर किये। हंगरी ने भारत की परम्पहरागत चिकित्सा् पद्धतियों विशेषकर आयुर्वेद में काफी दिलचस्पी दिखाई है।
इस सहमति पत्र का मुख्यध उद्देश्यय समानता और परस्पदर लाभ के आधार पर दोनों देशों की परम्प रागत चिकित्साउ पद्धतियों के सशक्तिकरणए प्रोत्सााहन और विकास में सहयोग देना है। सहमति पत्र चिकित्साे की परम्प रागत पद्धतियों के इस्तेमाल को बढ़ावा देनेए इन्हेंत इस्ते माल करने के लाइसेंस तथा एक.दूसरे के बाजारों में उनके विपणन के अधिकार के बारे में कानूनी सूचना के आदान.प्रदानए विशेषज्ञोंए अर्द्ध चिकित्सा कर्मियोंए वैज्ञानिकोंए शिक्षकों और छात्रों की अदला.बदली के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देता है। इस सहमति पत्र पर हस्तााक्षर होने से दोनों देशों के बीच परम्प़रागत चिकित्सास पद्धतियों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगाए जिससे नई आर्थिक और व्यापवसायिक संभावनाओं का पता चलेगा और पर्यटन का विकास होगा।
श्रीमती संतोष चौधरी ने आशा व्य क्ते की कि इस प्रकार के आपसी समझौतों पर हस्तातक्षर होने से भारत आयुर्वेदए यूनानीए योगए सिद्धए होम्योषपेथी जैसी चिकित्सा पद्धतियों को दुनियाभर में स्थातपित कर सकेगा।
उल्लेिखनीय है कि भारतए मलेशिया और त्रिनिडाड टोबेगो के साथ ऐसे ही समझौते कर चुका है और निकट भविष्यक में रूसए नेपालए श्रीलंकाए सर्बिया और मैक्सिको के साथ ऐसे ही समझौते करने वाला है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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