Archive | October 3rd, 2013

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव दिनांक 02 अक्टूबर, 2013 को समाजवादी पार्टी कार्यालय, लखनऊ में महात्मा गांधी एवं श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि देते हुए

Posted on 03 October 2013 by admin

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव दिनांक 02 अक्टूबर, 2013 को समाजवादी पार्टी कार्यालय, लखनऊ में महात्मा गांधी एवं श्री लाल बहादुर शास्त्री जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि देते हुए।

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सेरेब्रल पालसी से पीडित बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

Posted on 03 October 2013 by admin

देश मे हर वर्ष 3 अक्टूबर को राष्ट्रीय सेरेब्रल पालसी(बहुविकलांगता) दिवस मनाया जाता है, इस अवसर पर रोटरी क्लब आफ लखनऊ खास एवं संवेदना ट्रस्ट द्वारा सेरेब्रल पालसी से पीडित बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सेरेब्रल पालसी जन्म के समय या जन्म के बाद मसितष्क के कुछ भागों के नष्ट होने  के कारण बच्चे के उठने-बैठने , चलने-फिरने की जो समस्या आती है । उसे सेरेब्रल पालसी के नाम से जाना जाता है , इसमें कुछ बच्चों को झटके आने , लार गिरने , बोलने एवं सुनने की समस्या आती है। पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता के उपरांत भी समाज में शारीरिक विकलांगता की जो समस्या विधमान है । उसका मूल कारण सेरेब्रल पालसी है । सेरेब्रल पालसी ग्रसित लोगों की संख्या भारत में वर्तमान में लगभग 40 लाख एव विश्व में इनकी संख्या लगभग 1करोड 70 लाख हैें  प्रति हजार में 3 से 4 बच्चे सेरेब्रल पालसी से ग्रसित होते है।
संवेदना ट्रस्ट के डा0 जे0के0 जैन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार के संक्रमण, जन्म के समय कम (1.5 किग्रा0 से कम) जन्म के समय बच्चे का न रोना, नवजात शिशु में आक्सीजन की कमी, सेप्टीसीमीया, तेज पीलिया, सिर की चोट , मसितष्क ज्वर आदि कारणो से सेरेब्रल पालसी हो सकती है ।
बच्चे की शरीर में ज्यादा ढीला होना या सख्त होना , सामान्य बच्चो की तुलना में धीमा विकास होना , गर्दन का 3 माह तक न रूकना , 6 माह तक न बैठना, 11 माह तक खडे न होना, 15 माह तक न चलना आदि लक्षणों के पाये जाने पर सेरेब्रल पालसी होने की सम्भावना रहती है ।
रोटरी क्लब आफ लखनऊ खास के सचिव श्री प्रमिल द्विवेदी ने कहा कि कुछ वर्षो पहले तक सेरेब्रल पालसी का कोर्इ कारगार इलाज उपलब्ध न होने के कारण 80 प्रतिशत से अधिक बच्चे जो सामान्य जीवन व्यतीत करते हुए समाज की मुख्य धारा में जुड सकते है,। वे पीडादायी जीवन जीने को बाध्य हो जाते  थे। लेकिन वर्तमान में सेरेब्रल पालसी इलाज की आधुनिकतम तकनीके (न्यूरोडवलपमेंटल थेरेपी, सेन्सरी इन्ट्रीगे्रसन, और सर्जरी की नर्इ तकनीक सिमलास ) के आ जाने से इन बच्चों को पीडादायी जीवन से छुटकारा मिलने की शुरूवात हो गयी है।
वर्ष 2010 से राष्टीय सेरेब्रल पालसी दिवस पर समाज में ऐसे बच्चों के प्रति जागरूकता लाने के उददेश्य से  विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमो का आयोजन पूरे देश में किया जा रहा है। इस वर्ष संवेदना मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौधोगिकीे संस्थान  ;डछछप्ज्द्ध इलाहाबाद के सहयोग से इस अवसर पर सेरेब्रल पालसी ग्रसित बच्चों के लिए खेल-कूद प्रतियोगिता एवं इन्ही बच्चों के द्वारा बनाये गये चित्र एवं मुर्तिकला का प्रदर्शनी आयोजन मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौधोगिकीे संस्थान  के जिम खाना खेल मैदान में कर रही है । इस वर्ष इस अवसर को ऐसे बच्चों के क्षमताओं का उत्सव के रूप में मनाया जायेगा । संवेदना ट्रस्ट, इलाहाबाद ने सेरेब्रल पालसी इलाज के प्रति जनजागरूकता लाने के लिए पूरे देश में अभी तक 90 से अधिक नि:शुल्क प्रशिक्षण शिविर , सेरेब्रल पालसी अभिभावकों के लिए संगोष्ठी, विशेषज्ञों के लिए 50 से अधिक संगोष्ठी का आयोजन कर चुकी है। इसके अतिरिक्त संवेदना द्वारा थेरेपिस्टों को आधुनिकतम तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। संवेदना ट्रस्ट के द्वारा सेरेब्रल पालसी इलाज की नर्इ तकनीको न्यूरोडवलपमेंटल थेरेपी, सेन्सरी इन्ट्रीगे्रसन तकनीक और सर्जिकल तकनीक सिमलास का प्रयोग करते हुए अभी तक प्रसिद्ध हास्य कलाकार जय छनियारा सहित 1500 से अधिक बच्चों को आत्मनिर्भर बनाते हुए समाज की मुख्य धारा में जोड चुकी है । संवेदना का उददेश्य सेरेब्रल पालसी ग्रसित बच्चों का समग्र विकास करके उन्हे आत्मनिर्भर बनाना है । जिससे वे दुसरे पर निर्भर न हो कर देश व समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सके ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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महिला विधालय अमीनाबाद, लखनऊ में कार्यरत विधालय की सांस्कृतिक पीठ ”इला कौल कमल सृजन पीठ के तत्वाधान एवं लखनऊ

Posted on 03 October 2013 by admin

महिला विधालय अमीनाबाद, लखनऊ में कार्यरत विधालय की सांस्कृतिक पीठ ”इला कौल कमल सृजन पीठ के तत्वाधान एवं लखनऊ विश्वविधालय तथा यू0 पी0, पी0 ए0 सी0 के संयुक्त उपक्रम में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार ”राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संगोष्ठी का आयोजन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तकनीकी सहयोग से भारतवर्ष में दूसरी बार उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दिनांक 3 एवं 4 अक्टूबर 2013 को सम्पन्न होगा। संगोष्ठी का विषय ”राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन में युवाओं की भूमिका है।
उक्त 2 दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का उदघाटन दिनांक 3 अक्टूबर 2013 गुरूवार को साइंटिफिक कन्वेशन सेन्टर, के0जी0एम0यू0, चौक लखनऊ मेें महामहिम राज्यपाल महोदय श्री बी0 एल0 जोशी जी द्वारा प्रात: 10:00 बजे सम्पन्न होगा। कार्यक्रम में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य माननीय श्री के0 एम0 सिंह (राज्य मंत्री स्तर, भारत सरकार) द्वारा मुख्य उदबोधन एवं श्री रंजन द्विवेदी, पुलिस महानिदेशक पी0ए0सी0, उत्तर प्रदेश, प्रो0 ऐ0 के0 सेन गुप्ता, प्रतिकुलपति एवं कार्यवाहक कुलपति, लखनऊ विश्वविधालय, श्री वेंकेटेश्वर लू, (आर्इ0 ए0 एस0) राहत आयुक्त उत्तर प्रदेश, प्रो0 संतोष कुमार, निदेशक, सार्क आपदा प्रबंधन केन्द्र, नर्इ दिल्ली एवं श्री मनीष रंजन, कमाण्डेंट नवी बटालियन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन फोर्स, पटना की गरिममयी उपसिथति एवं आशीर्वचनों के साथ सम्पादित होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधालय की प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता श्री उमेश चन्द्रा द्वारा प्रदान की जायेगी। इस अवसर पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा एक प्रदर्शनी आपदा प्रबंधन के कार्यो एवं डाक्यूमेंट्री फिल्म एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन फोर्स द्वारा साइंटिफिक कन्वेशन सेन्टर में आपदा प्रबंधन के बचाव कार्य का प्रदर्शन भी सम्पादित होगा। इस अवसर पर दोनो दिन लखनऊ विश्वविधालय एवं उसके सम्बद्ध महाविधालयों, एन0सी0सी0 एवं एन0एस0एस0 की लखनऊ में कार्यरत सभी र्इकाइयों के छात्र एवं छात्राओं की उपसिथति रहेगी।
दिनांक 4 अक्टूबर 2013 को लक्ष्मण मेला मैदान निकट एन0बी0आर0आर्इ0 लखनऊ में सायं काल 04:00 बजे से 06:00 बजे तक नवीं बटालियन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन फोर्स, पटना एवं यू0पी0 पी0ए0सी0 द्वारा बाढ़ एवं अतिवृषिट में होने वाली जन एवं पशु हानि को रोकने एवं बचाव के कार्यो का प्रर्दशन किया जायेगा। दिनांक 4 अक्टूबर 2013 के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो0 ऐ0 के0 सेन गुप्ता, प्रतिकुलपति एवं कार्यवाहक कुलपति, लखनऊ विश्वविधालय होंगे।
इस अवसर पर अपने सम्मानित समाचार पत्रन्यूज चैनल से प्रेस प्रतिनिधिसवांददाता एवं फोटो छायाकारटी0वी0 क्रयू को दिनांक 03 एवं 04 अक्टूबर के कार्यक्रम की मीडिया कवरेज हेतु पधारने की अनुमति प्रदान करने की कृपा करेें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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दो अक्टूबर को याद किए गए गांंधी व शस्त्री जी महात्मा गांधी व्यकित नहीं विचार थे और विचार कभी नहीं मरते- मुनिसफ फरेन्दा

Posted on 03 October 2013 by admin

दो अक्टूबर को देश की दो महान विभ्ूतियां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा पूर्व प्रधान मंत्री लालबहादुर शास्त्री का जन्म दिन सरकारी व अर्धसरकारी कार्यालयों तथा क्षेत्र के विधालयों पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बीच धूम धाम से मनाया गया। स्थानीय दीवानी कचहरी फरेन्दा में इस अवसर पर सिविल जज ( जूनियर डिवीजन ) फरेन्दा डाक्टर सुनील कुमासर सिंह के द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और राष्ट्रपिता को गार्ड आफ आनर दिया गया। इसके बाद डाक्टर सिंह ने महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें अपना श्रद्धा सुमन अर्पित किया । डा0 सिंह के बाद बार एसोसिएसन के अध्यक्ष ओमप्रकाश पाण्डेय सहित अधिवक्ताओं ने भी राष्ट्रपिता को पुष्पअर्पित
किया।
इस अवसर पर उपसिथत अधिवक्ताओं व न्यायालय कर्मियों को सम्बोधित करते हुए सिविल जज डाक्टर सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी व्यकित नहीं विचार थे। उनका मानना था कि व्यकित की सोच ही उसे महान बनाती है। गांधी जी का कहना था कि अपनी सोच को हमेशा सकारात्मक रखें क्योंकि सोच ( विचार ) ही शब्दों का रूप लेते हैं और  शब्द ही व्यवहार में परिवर्तित होते हैं जो बाद में मनुष्य की आदत बन जाती है और व्यकित की सामान्य आदत में परिवर्तित गुणात्मकता ही उसका भाग्य बनती है। इसलिए सकारात्मक सोच ही अन्तत: व्यकित को सही दिशा प्रदान करती है।
डाक्टर सिंह ने कहा कि गांधी जी ने अपने विचारों को जीवन में साकार किया । उनकी सोच और उनकी कार्य प्रणाली में कोर्इ अन्तर नहीं था। बचपन से ही गांधी जी को सत्य , अहिन्सा व शाकाहार का संस्कार मिला था । डाक्टर सिंह ने महात्मा गांधी के जीवन से जुड़े कर्इ प्रसंगों का उदाहरण देते हुए कहा कि मोहन दास कर्मचन्द गांधी की सकारात्मक सोच तथा नैतिकता के प्रति उनका आग्रह और किसी भी परिसिथति में सत्य का साथ न छोड़ने की दृढ़ता ने ही उन्हें तत्कालीन महान विभूतियों से अलग किया और वे महात्मा बन गए। अन्त में डाक्टर सिंह ने लोगों से महात्मा गांधी के विचारों को अपने जीवन में उतारने की अपील किया और कहा कि आज समाज में नैतिकता का हो रहा àास ही तमाम समस्याओं की जड़ में है। पूरा देश व समाज जिस भ्रष्टाचार की समस्या से जूझ रहा है उसका मुकाबला केवल सकारात्मक सोच व नैतिक बल के साथ ही किया जा सकता है।
इस अवसर पर बार एसोसिएसन के अध्यक्ष ओमप्रकाश पाण्डेय , डी एन चतूर्वेदी , सत्येन्द्र नरायन सिंह ,अब्दुल मजीद, दिनेश लाल श्रीवास्तव , रवीन्द्र नाथ उपाध्याय, सुनील मणि त्रिपाठी, सुशील यादव,शम्भू यादव , सहित कर्इ अधिवक्ता तथा मुन्सरिम विनोद श्रीवास्तव, लिपिक पवन पाण्डेय, बैजनाथ पाण्डेय, रामजीत, मनोज दूबे , रवीन्द्र दूबे सहित सभी न्यायालय कर्मी उपसिथत रहे।
फोटो- दीवान कचहरी फरेन्दा में महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण करते सिविल जज ( जू0 डि0 ) फरेन्दा डाक्टर सुनील कुमार सिंह।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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