आगामी पेरार्इ सत्र आने वाला है परन्तु प्रदेष सरकार गन्ना किसानों के प्रति उदासीन हैß यह आरोप लगाते हुये राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेष अध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि अगला पेरार्इ सत्र प्रारम्भ होने वाला है परन्तु पिछले पेरार्इ सत्र का गन्ना किसानों का लगभग 2400 करोड़ गन्ना मूल्य मिल मालिकों पर बकाया है और सरकार भुगतान करा पाने में अक्षम है जबकि गन्ना मूल्य भुगतान कराने हेतु उच्च न्यायालय कर्इ बार प्रदेष सरकार को निर्देषित कर चुका है।
श्री चौहान ने बताया कि प्रदेष सरकार ने इस तरह चीनी मिल मालिकों के सामने घुटने टेक रखे हैं कि शासन द्वारा बुलार्इ गर्इ गन्ना अनुरक्षण बैठक मेंं चीनी मिल मालिकों ने भाग नहीं लिया फिर भी सरकार ने कोर्इ कार्यवाही नहीं की। आगामी पेरार्इ सत्र के लिए गन्ना मूल्य का निर्धारण भी प्रदेष सरकार नहीं कर रही है जिससे लगता है कि सरकार मिल मालिकों के दबाव में है। उन्हाेंंने आगे बताया कि हरियाणा में आगामी पेरार्इ सत्र के लिए 300 रू प्रति कुन्तल गन्ना मूल्य निर्धारित किया जा चुका है और उ0प्र0 में चीनी मिल मालिक चीनी सस्ती होने का रोना रो रहे हैं। ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार ने चीनी मिल मालिको को रियायत देते हुये लेबी की चीनी का मूल्य बढ़ाया तथा चीनी स्टाक पर से नियंत्रण समाप्त कर दिया तथा प्रदेष सरकार ने शीरे को नियंत्रण मुक्त करके चीनी मिल मालिको को कर्इ सहुलियतें प्रदान की है परन्तु चीनी मिल मालिक किसानों की जेब काटने में लगे हैं और प्रदेष सरकार उनका साथ दे रही है।
श्री चौहान ने कहा कि एक तरफ गन्ना मूल्य के भुगतान हेतु किसान परेषान है दूसरी तरफ आगामी सत्र में गन्ना उत्पादन पर बढ़ी लागत के अनुरूप गन्ना मूल्य मिलने की चिन्ता भी किसानों को दिन रात सता रही है। उन्होंने प्रदेष सरकार से मांग की है कि गन्ना उत्पादन में बढ़े हुये डीजल, खाद व मजदूरी को समिमलित करके गन्ना का लाभकारी मूल्य घोषित किया जाये जिससे गन्ना किसान भविष्य की चिन्ता से मुक्त हो सके तथा चीनी मिलों मे पेरार्इ समय से प्रारम्भ करायी जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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