Categorized | लखनऊ.

सेरेब्रल पालसी से पीडित बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

Posted on 03 October 2013 by admin

देश मे हर वर्ष 3 अक्टूबर को राष्ट्रीय सेरेब्रल पालसी(बहुविकलांगता) दिवस मनाया जाता है, इस अवसर पर रोटरी क्लब आफ लखनऊ खास एवं संवेदना ट्रस्ट द्वारा सेरेब्रल पालसी से पीडित बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
सेरेब्रल पालसी जन्म के समय या जन्म के बाद मसितष्क के कुछ भागों के नष्ट होने  के कारण बच्चे के उठने-बैठने , चलने-फिरने की जो समस्या आती है । उसे सेरेब्रल पालसी के नाम से जाना जाता है , इसमें कुछ बच्चों को झटके आने , लार गिरने , बोलने एवं सुनने की समस्या आती है। पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता के उपरांत भी समाज में शारीरिक विकलांगता की जो समस्या विधमान है । उसका मूल कारण सेरेब्रल पालसी है । सेरेब्रल पालसी ग्रसित लोगों की संख्या भारत में वर्तमान में लगभग 40 लाख एव विश्व में इनकी संख्या लगभग 1करोड 70 लाख हैें  प्रति हजार में 3 से 4 बच्चे सेरेब्रल पालसी से ग्रसित होते है।
संवेदना ट्रस्ट के डा0 जे0के0 जैन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार के संक्रमण, जन्म के समय कम (1.5 किग्रा0 से कम) जन्म के समय बच्चे का न रोना, नवजात शिशु में आक्सीजन की कमी, सेप्टीसीमीया, तेज पीलिया, सिर की चोट , मसितष्क ज्वर आदि कारणो से सेरेब्रल पालसी हो सकती है ।
बच्चे की शरीर में ज्यादा ढीला होना या सख्त होना , सामान्य बच्चो की तुलना में धीमा विकास होना , गर्दन का 3 माह तक न रूकना , 6 माह तक न बैठना, 11 माह तक खडे न होना, 15 माह तक न चलना आदि लक्षणों के पाये जाने पर सेरेब्रल पालसी होने की सम्भावना रहती है ।
रोटरी क्लब आफ लखनऊ खास के सचिव श्री प्रमिल द्विवेदी ने कहा कि कुछ वर्षो पहले तक सेरेब्रल पालसी का कोर्इ कारगार इलाज उपलब्ध न होने के कारण 80 प्रतिशत से अधिक बच्चे जो सामान्य जीवन व्यतीत करते हुए समाज की मुख्य धारा में जुड सकते है,। वे पीडादायी जीवन जीने को बाध्य हो जाते  थे। लेकिन वर्तमान में सेरेब्रल पालसी इलाज की आधुनिकतम तकनीके (न्यूरोडवलपमेंटल थेरेपी, सेन्सरी इन्ट्रीगे्रसन, और सर्जरी की नर्इ तकनीक सिमलास ) के आ जाने से इन बच्चों को पीडादायी जीवन से छुटकारा मिलने की शुरूवात हो गयी है।
वर्ष 2010 से राष्टीय सेरेब्रल पालसी दिवस पर समाज में ऐसे बच्चों के प्रति जागरूकता लाने के उददेश्य से  विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमो का आयोजन पूरे देश में किया जा रहा है। इस वर्ष संवेदना मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौधोगिकीे संस्थान  ;डछछप्ज्द्ध इलाहाबाद के सहयोग से इस अवसर पर सेरेब्रल पालसी ग्रसित बच्चों के लिए खेल-कूद प्रतियोगिता एवं इन्ही बच्चों के द्वारा बनाये गये चित्र एवं मुर्तिकला का प्रदर्शनी आयोजन मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौधोगिकीे संस्थान  के जिम खाना खेल मैदान में कर रही है । इस वर्ष इस अवसर को ऐसे बच्चों के क्षमताओं का उत्सव के रूप में मनाया जायेगा । संवेदना ट्रस्ट, इलाहाबाद ने सेरेब्रल पालसी इलाज के प्रति जनजागरूकता लाने के लिए पूरे देश में अभी तक 90 से अधिक नि:शुल्क प्रशिक्षण शिविर , सेरेब्रल पालसी अभिभावकों के लिए संगोष्ठी, विशेषज्ञों के लिए 50 से अधिक संगोष्ठी का आयोजन कर चुकी है। इसके अतिरिक्त संवेदना द्वारा थेरेपिस्टों को आधुनिकतम तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। संवेदना ट्रस्ट के द्वारा सेरेब्रल पालसी इलाज की नर्इ तकनीको न्यूरोडवलपमेंटल थेरेपी, सेन्सरी इन्ट्रीगे्रसन तकनीक और सर्जिकल तकनीक सिमलास का प्रयोग करते हुए अभी तक प्रसिद्ध हास्य कलाकार जय छनियारा सहित 1500 से अधिक बच्चों को आत्मनिर्भर बनाते हुए समाज की मुख्य धारा में जोड चुकी है । संवेदना का उददेश्य सेरेब्रल पालसी ग्रसित बच्चों का समग्र विकास करके उन्हे आत्मनिर्भर बनाना है । जिससे वे दुसरे पर निर्भर न हो कर देश व समाज के निर्माण में अपना योगदान दे सके ।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

March 2025
M T W T F S S
« Sep    
 12
3456789
10111213141516
17181920212223
24252627282930
31  
-->









 Type in