हंगरी के प्रधानमंत्री की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान आयोजित रात्रि भोज के अवसर पर दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण का पाठ इस प्रकार हैरू.
ष्ष्प्रधानमंत्री ओर्बन और उनके शिष्टमंडल की हमारे देश की यात्रा के अवसर पर उनका स्वागत करते हुए मुझे अपार हर्ष हो रहा है।
महामहिमए आप त्यौहारों के मौसम में भारत पधारे हैं। इसलिए मैं कहना चाहता हूं कि त्यौहारों के इस मौसम में आपकी हमारे बीच उपस्थिति हमारी खुशी को और भी बढ़ा रही है। हम भारत में आपका प्रवास अधिक सुखदए लाभकारी और आनंददायक रहने की कामना करते हैं।
महामहिमए कठिनाइयों के दौर में देश के शासन की बागडोर संभालने के बावजूदए आपने हंगरी को संकट से बाहर लाने और फिर से विकास के पथ पर अग्रसर करने में महान कौशल और संकल्पबद्धता का परिचय दिया है। ऐसा करते समय आपने वह आदर्श प्रस्तुत किया है जिसके लिए हंगरी जाना जाता है।
पिछली करीब आधी सदी से भी अधिक समय से भारत के लोगों ने हंगरी के लोगों की संकल्पशक्ति को देखा है। इनमें सबसे नवीनतम अवसर 1988.89 के ऐतिहासिक वर्षों में उस समय दिखाई दिया जब हंगरी में लोग लोकतंत्र बहाल करने और यूरोप में विभाजन का युग समाप्त करने में कामयाब हुए। हमने उसके बाद से हंगरी के तेजी से रूपांतरण की प्रसन्नतापूर्वक सराहना की है।
भारत की अपनी पहली यात्रा और ष्ष्पूर्वी देशों के साथ वार्तालापष्ष् की आपकी व्यापक नीति ने यह सिद्ध कर दिया है कि हमारे एकीकृत विश्व में अवसर आकार या दूरी से निर्धारित नहीं होते बल्कि रचनात्मकता और नई सोच से निर्धारित होते हैं।
आपकी यात्रा सांस्कृतिक संबंधों और हमारे लोगों के बीच परस्पर जुड़ाव की विशिष्ट परंपरा पर आधारित है। भारतविद्या से सम्बद्ध हंगरी के विद्वानों ने भारतीय परंपराओंए संस्कृति और विरासत के बारे में यूरोप की समृद्ध विद्वत्ता में बहुमूल्य योगदान किया है। हंगरी के एक विश्वविद्यालय में 1873 में संस्कृत शुरू की गई थी। गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर ने हंगरी के अनेक विद्वानों को शांति निकेतन में आमंत्रित किया था। गुरुदेव स्वयं बाल्टन झील के जल के सौंदर्य से मंत्रमुग्ध हो गए थे और इस वर्ष हम संयुक्त रूप से जानीमानी चित्रकार अमृता शेरगिल की जन्मशती मना रहे हैंए जो भारत और हंगरी की बेटी थीं।
हमारे लोगों के बीच स्नेह और सद्भावना की ये परंपराएंए हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्य और हमारे बीच आर्थिक साझेदारी की व्यापक संभावनाएंए ये सब बातें हमारी भागीदारी के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं। यूरोप और विश्व में कोलाहल और परिवर्तन के दौर में भी हमारे संबंध स्थिरता के साथ आगे बढ़ते रहे। हंगरी में भारतीय कंपनियों की उपस्थिति बढ़ रही है जो हमारे संबंधों की संकल्पबद्धता का संकेत है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर हंगरी से जो समर्थन भारत को मिला है हम उसे महत्वपूर्ण मानते हैं। इन सब बातों के आधार पर मेरा यह विश्वास है कि हंगरी और भारत एक दूसरे के यहां महान अवसर प्राप्त कर सकते हैं और यूरोप और एशिया में एक दूसरे के लिए सेतु बन सकते हैं।
इन शब्दों के साथए महामहिमए देवियो और सज्जनोए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इन शुभकामनाओं के साथ भोजन ग्रहण करें किरू.
• महामहिम प्रधानमंत्री ओर्बन के बेहतर स्वास्थ्य और समृद्धिय
• मैत्रीपूर्ण स्वभाव वाले हंगरी के लोगों की प्रगति और खुशहालीय और
• भारत और हंगरी के बीच कभी समाप्त न होने वाली मित्रता।ष्ष्
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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