समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने आज यहां गरीबों, पिछड़ों तथा नौजवानों का आव्हान किया कि वे हीनता की भावना छोड़कर आत्म विश्वास के साथ आगे बढ़ें। बहुत गरीबी और पिछड़े हुए गांव से निकलकर श्री कर्पूरी ठाकुर बिहार के मुख्यमंत्री बने। आम जनता के दुःखदर्द से जुड़े रहने की वजह से ही उन्हें जननायक कहा गया। उन जैसी इच्छाशक्ति, संकल्प और साहस के साथ आगे बढ़ने से रास्ते की सारी बाधाएं दूर हो जाती है।
श्री यादव श्री कर्पूरी ठाकुर की 88वीं जयंती पर समाजवादी पार्टी के लखनऊ स्थित राज्य मुख्यालय में आयोजित समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। इस समारोह की अध्यक्षता पूर्व साॅसद एवं स्वतंत्रता सेनानी श्री रामनरेश कुशवाहा ने की और संचालन श्री राजेन्द्र चैधरी, प्रदेश प्रवक्ता ने किया। श्री कर्पूरी ठाकुर को सर्वश्री भगवती सिंह, राम आसरे कुशवाहा, शतरूद्र प्रकाश, सुखराम यादव, शादाब फातिमा, डा0 हीरा ठाकुर, रामआसरे विश्वकर्मा, एस0आर0एस0यादव, विनोद सविता तथा राम प्रसाद सविता ने भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित किए। श्री मुलायम सिंह यादव को इस अवसर पर शाल, मुकुट पहनाकर तथा गदा, स्मृतिचिन्ह एवं कर्पूरी ठाकुर का चित्र भेंटकर सम्मानित किया गया।
श्री मुलायम सिंह यादव ने जननायक कर्पूरी ठाकुर के साथ लम्बे राजनीतिक संबंधों का जिक्र करते हुए कई मर्मस्पर्शी संस्मरण सुनाए। उन्होने कहा श्री ठाकुर विनम्र किन्तु निर्भीक थे। उनकी सूझबूझ का मुकाबला नहीं था। वे सबसे गरीब कार्यकर्ता के घर रूकते थे, खाना खाते थे और सोते थे। उनका अपना घर छप्पर का था जहाॅ एक खाट की जगह थी। झुककर उस झोपड़ी के अंदर जाया जा सकता था। कर्पूरी ठाकुर की अंत्येष्टि में अभूतपूर्व भीड़ उमड़ पड़ी थी। इतनी भारी संख्या में किसी अन्य नेता की शवयात्रा में लोग नहीं शामिल हुए थे। खोंचेवाले, रिक्शेवाले, गरीब स्त्री-पुरूष रो रहे थे।
श्री यादव ने कहा कि डा0 लोहिया चाहते थे कि कर्पूरी ठाकुर देश का दौरा करें लेकिन कर्पूरी जी का मन बिहार में ही रमता था। वे गरीबों, पिछड़ों तथा अल्पसंख्यकों के हितों की लड़ाई लड़नेवालों में अग्रणी थे। समाजवादी व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्शशील रहे हैं। कार्यकर्ताओं और नेताओं को आधा पेट खाना मिलता था लेकिन समाजवादी आंदोलन को कभी कमजोर नहीं होने दिया। उन्होने कहा कि समाजवादी आंदोलन का दुर्भाग्य रहा है कि इसके कई बड़े नेता असमय हमारे बीच से उठ गए।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी आंदोलन संघर्षो का इतिहास है। इसमें नेताओं और कार्यकर्ताओं ने त्याग किया है, अनवरत तपस्या की है और कठिन परिश्रम करते हुऐ अनेक कठिनाईयों का सामना किया फिर भी अपने अभियान में जुटे रहे।
श्री कर्पूरी ठाकुर के जन्मदिवस समारोह में आगरा, टूण्डला, फिरोजाबाद, उन्नाव, इटावा, अलीगढ़, फैजाबाद, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, से भी बड़ी संख्या में सविता समाज के लोग शामिल होने आए थे। बाबा जी की इटावा की कीर्तन मण्डली, उन्नाव के गायक श्री वीरपाल सिंह यादव आदि ने गीत संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत किए। समाजवादी बौद्धिक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री दीपक मिश्र लिखित “जननायक कर्पूरी ठाकुर“ पुस्तिका का विमोचन श्री मुलायम सिंह यादव ने किया।
सर्वश्री अलिकेस सविता, चेतन स्वरूप सविता, चमन प्रकाश सविता, जितेन्द्र सविता, डा0 ज्ञान सिंह, अखिलेश सविता, डा0 आर0जे0 वर्मा, अशर्फी लाल, शमशेर सिंह ठाकुर, राधेगोविन्द स्वरूप, उमा ठाकुर एवं कर्पूरी जन कल्याण समिति के सदस्यों ने भी कर्पूरी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण किया और मुख्य अतिथि का सम्मान किया।
इस अवसर पर श्रीमती सुशीला सरोज, साॅसद, नगर अध्यक्ष श्री मुजीबुर्रहमान बबलू, अधिवक्ता सभा के राष्ट्रीय सचिव शिवशरण उपाध्याय, सहित सर्वश्री डा0 फिदा हुसैन अंसारी, संदीप बंसल, अजय त्रिपाठी, अशोक देव, सुरेन्द्र श्रीवास्तव, डा0 अल्पना बाजपेयी, जवाहरलाल साहू, महताब आलम, एजाज अख्तर, अनुराग बाजपेयी, डा0 बेनजीर, दिनेश यादव, (पूर्व सभासद), चंद्रिका पाल, धनंजय शर्मा, हनीफ खाॅ, सतीश अग्रवाल, मो0 हाफिज उस्मान, मनीषा चैहान, नानकदीन भुर्जी, अलाउद्दीन अब्बासी, आशालता सिंह, हाजी मुहम्मद, अनवर खान, डा0 गोविन्द राम, फरहाना, कमल मौर्य, शीला सिंह, रजिया नवाज, सुधा जैसवार, हरिशंकर यादव, प्रभा यादव, अकबर अली खाॅ, सुभम त्यागी, के0सी0 जैन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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