उत्तर प्रदेश शासन ने नगर निगमों में तैनात अधिकारियों एवं तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के आन्तरिक/पटल स्थानान्तरण संबंधी प्रस्तावों पर नगर प्रमुख/ महापौर से पूर्वानुमोदन लेने की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। अब इन अधिकारियों व कर्मचारियों के आन्तरिक/पटल स्थानान्तरण हेतु संबंधित नगर निगम के नगर आयुक्त सक्षम होंगे और उन्हें नगर प्रमुख/महापौर से इस संबंध में पूर्वानुमोदन लेने की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
यह जानकारी देते हुये प्रदेश के नगर विकास मंत्री मोहम्मद आज़म खाॅ ने बताया कि इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नगर निगमों में एक ही पटल/अनुभाग/विभाग में लम्बे अर्से से अधिकारियों व तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के तैनात रहने से कार्य कुशलता में शिथिलता का अनुभव किया गया है। इन अधिकारियों/कर्मचारियों के स्थानान्तरण प्रस्तावों पर महापौर का पूर्वानुमोदन प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, जिसके फलस्वरूप अनावश्यक विलम्ब होता था। उन्होंने कहा कि इसी के मद्देनज़र शासन ने महापौर से पूर्वानुमोदन लेने की व्यवस्था को समाप्त करते हुये नगर आयुक्तों को इस स्थानान्तरणों के लिये पूरी तरह से अधिकृत कर दिया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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