उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में आज यहाँ सम्पन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
उत्तर प्रदेश अन्य पिछड़ा वर्ग (अल्पसंख्यक पिछड़े वर्ग को छोड़कर)
दशमोत्तर छात्रवृत्ति/शुल्कप्रतिपूर्ति नियमावली- 2012 स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश अन्य पिछड़ा वर्ग (अल्पसंख्यक पिछड़े वर्ग को छोड़कर) दशमोत्तर छात्रवृत्ति/शुल्कप्रतिपूर्ति नियमावली-2012 को स्वीकृति प्रदान करते हुए शैक्षणिक सत्र- 2012-13 से लागू करने का फैसला लिया है। अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को दशमोत्तर छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों के समतुल्य ही की जाएगी। अभिभावकों की आय सीमा 02 लाख वार्षिक रखी गई है। इन वर्ग के छात्रों को, जो प्रदेश के निवासी हैं तथा अन्य प्रान्तों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उन्हें अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्रों के समान ही प्रतिपूर्ति देय होगी। प्रतिपूर्ति की धनराशि संस्था के खाते में न जाकर छात्रों के बैंक खाते में स्थानान्तरित की जाएगी। छात्रों को शिक्षण संस्थानों में निःशुल्क प्रवेश की सुविधा नहीं होगी। जिलाधिकारी के अध्यक्षता में गठित समिति धनराशि स्वीकृत करने, अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण हेतु सक्षम होगी।
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उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक दशमोत्तर छात्रवृत्ति
वितरण/शुल्क प्रतिपूर्ति नियमावली- 2012 स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने दशमोत्तर छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति के वितरण की पारदर्शी व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से पहली बार उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक दशमोत्तर छात्रवृत्ति वितरण/शुल्क प्रतिपूर्ति नियमावली- 2012 (कार्यकारी आदेश) को स्वीकृत करते हुए शैक्षणिक सत्र- 2012-13 से लागू करने का फैसला किया गया है। यह नियमावली उत्तर प्रदेश के ऐसे मूल निवासी अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं पर लागू होगा जो केन्द्र अथवा राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्था में तथा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम में संस्थागत विद्यार्थी के रूप में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इस सुविधा का लाभ उन्हीं छात्रों को मिलेगा, जिनके अभिभावकों की वार्षिक आय 02 लाख रुपए से कम है। अल्पसंख्यक समुदाय के विकास एवं हित को देखते हुए इस नियमावली में परिवार के सभी बच्चों को सुविधा का लाभ उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। यह भी फैसला किया गया है कि नियमावली के प्रख्यापन के बाद यदि किसी बिन्दु पर किसी स्पष्टता, सुगमता, परिवर्तन अथवा परिवर्धन की आवश्यकता परिलक्षित होती है तो उस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के स्तर से निर्णय लिया जा सकेगा।
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उत्तर प्रदेश सामान्य वर्ग दशमोत्तर छात्रवृत्ति नियमावली - 2012 को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश सामान्य वर्ग दशमोत्तर छात्रवृत्ति नियमावली-2012 को मंजूरी प्रदान करते हुए शैक्षणिक सत्र- 2012-13 से लागू करने का फैसला लिया है। इस नियमावली में निःशुल्क प्रवेश की सुविधा नहीं रखी गई है अपितु 02 लाख रुपए तक की आय सीमा वाले अभिभावकों के बच्चों को छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति की व्यवस्था की गई है। इसके तहत छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक संस्था के समीपस्थ बैंक में खोले गए बचत खाते में धनराशि भेजी जाएगी। सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए प्रत्येक वर्ष के लिए निर्धारित बजट सीमा के अंतर्गत शिक्षण संस्थाओं की वरीयता निर्धारण की व्यवस्था भी की गई है। छात्र-छात्राओं द्वारा स्वयं निर्धारित प्रपत्रों पर सूचनाएं उपलब्ध कराई जाएंगी तथा सम्बन्धित शिक्षण संस्थान द्वारा उनका परीक्षण करते हुए अपनी टिप्पणियां प्रस्तुत की जाएंगी। आवेदन पत्र सम्बन्धित शिक्षण संस्थाओं में 10 वर्ष तक सुरक्षित रखे जाएंगे। जनपद स्तर पर समयबद्ध स्वीकृति/वितरण हेतु जिलाधिकारी द्वारा नामित मुख्य विकास अधिकारी अथवा अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन किया जाएगा। आवेदन पत्र भरने से लेकर धनराशि प्राप्त होने तक की प्रक्रिया के निर्धारण के साथ-साथ प्रत्येक कार्य हेतु समय सीमा भी निर्धारित की गई है।
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मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा चालित रिक्शा योजना के क्रियान्वयन को स्वीकृति
मंत्रिपरिषद ने मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा चालित रिक्शा योजना के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस योजना का संचालन नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग द्वारा किया जाएगा और इसके लिए राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) को नोडल एजेन्सी नामित किया गया है। यह योजना प्रदेश के समस्त जनपदों में लागू होगी और निजी स्वामित्व के रिक्शा चालकों को इस जन कल्याणकारी योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा। लाभार्थियों को मानव चालित रिक्शा के स्थान पर मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा चालित अत्याधुनिक सिस्टम से बनाया गया रिक्शा मुफ्त प्रदान किया जाएगा।
योजना के लिए चालू वित्तीय वर्ष-2012-13 मंे 100 करोड़ रुपये का बजट प्राविधान किया गया है। योजना के क्रियान्वयन हेतु प्रदेश के नगर निकायों में पंजीकृत रिक्शा चालकों का चयन किया जाएगा। निजी स्वामित्व वाले ऐसे रिक्शा चालकों को लाभान्वित किया जाएगा जो नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्र के मूलरूप से निवासी होंगे। रिक्शा चालकों को रिक्शे का मालिकाना हक दिया जाएगा और उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर सही तकनीक के आधार पर रिक्शा का चयन किया जाएगा। आधुनिक रिक्शा के संबंध में निजी क्षेत्र की प्रतिष्ठित कंपनियों से प्रस्ताव लिए जाएंगे। रिक्शा आपूर्ति करने वाली कंपनी द्वारा रिक्शों के रख-रखाव तथा बैटरी चार्जिंग के सर्विस स्टेशन भी उसी नगर निकाय में स्थापित किए जाएंगे, जिस नगर निकाय में योजना क्रियान्वित होगी।
योजना हेतु आवेदन करने के लिए स्थानीय समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किए जाएंगे। योजना का लाभ ऐसे रिक्शा चालकों को प्रदान किया जाएगा जो संबंधित जनपद के नगर निगम/नगर पालिका/नगर पंचायत क्षेत्र में सुनिश्चित तिथि (कट आॅफ डेट) तक औपचारिक रूप से पंजीकृत होंगे। आवेदकों की संख्या उपलब्ध मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा चालित रिक्शा से अधिक होने पर लाॅटरी के आधार पर लाभार्थियों का चयन किया जाएगा तथा अवशेष रह गए पात्र रिक्शा चालकों को अगले चरण मंे रिक्शा वितरण यथा प्रक्रिया कराया जाएगा। लाभार्थियों को अत्याधुनिक रिक्शा को चलाने तथा सामान्य रख-रखाव हेतु यथा आवश्यकता प्रशिक्षण की व्यवस्था भी कराई जाएगी।
जनपद स्तर पर जिलाधिकारी/अध्यक्ष, डूडा के दिशा निर्देश में गठित समिति के माध्यम से चयनित पात्र रिक्शा चालकों से उनका पुराना पारम्परिक मानव चालित रिक्शा प्राप्त करने के उपरान्त ही मोटर/बैटरी/सौर ऊर्जा चालित रिक्शा वितरित कराया जाएगा। जमा कराए गए पारम्परिक रिक्शों के निस्तारण हेतु जनपद स्तर पर 03 सदस्यीय समिति गठित की जाएगी। योजना के सफल संचालन के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति तथा तकनीकी विशेषज्ञों की समिति का गठन किया गया है। जनपद स्तर पर जिलाधिकारी/अध्यक्ष, डूडा के अध्यक्षता में जनपद स्तरीय कार्यान्वयन समिति का गठन किया जाएगा।
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‘आसरा आवास योजना’ के क्रियान्वयन को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने ‘आसरा आवास योजना’ के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस योजना का संचालन नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग द्वारा किया जाएगा। शहरी गरीबांे की आवासीय सुविधा की तंगी के समाधान तथा शहरी क्षेत्रों में अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों तथा नगरीय मलिन बस्तियों में कम लागत के रिहायशी मकान चयनित पात्र लाभार्थियों को निःशुल्क उपलब्ध कराकर उनके जीवन स्तर में बदलाव और सामाजिक परिवेश में सुधार हेतु इस योजना का संचालन किया जाएगा। वित्तीय वर्ष-2012-13 में प्रथम चरण में 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है।
प्रदेश के चयनित नगरों में निःशुल्क उपलब्ध भूमि पर आवासों का निर्माण कराया जाएगा। प्रत्येक आवासीय इकाई के निर्माण पर 2.50 लाख रुपये की धनराशि व्यय होना अनुमानित है। आवास का क्षेत्रफल लगभग 25 वर्गमीटर होगा और इसमें एक आवासीय कक्ष, एक बरामदा, एक रसोई घर, शौचालय एवं स्नान घर की सुविधा प्रदान की जाएगी। योजना के तहत आवासीय भवनों का निर्माण कार्यदायी संस्था कंस्ट्रक्शन एण्ड डिजाइन सर्विसेज, उ0प्र0 जल निगम द्वारा किया जाएगा। जिला नगरीय विकास अभिकरण द्वारा भूमि के साथ-साथ पात्र लाभार्थियों के चयन की कार्यवाही भी की जाएगी।
अल्पसंख्यक बाहुल्य एवं मलिन बस्तियों में रहने वाले अल्पआय मेहनतकश परिवार, जिनके पास आवासीय सुविधा का अभाव हो तथा जिनकी आय 6 हजार रुपये प्रतिमाह से अधिक न हो, आसरा योजना के अन्तर्गत आवास आवंटन हेतु पात्र होंगे। इसके अलावा संबंधित नगर निकाय में पंजीकृत रिक्शा चालक, अन्य पिछड़ा वर्ग/अनुसूचित जाति के ऐसे आवासहीन व्यक्ति जो बी0पी0एल0 कार्ड धारक हो, भी आवास आवंटन हेतु पात्र होंगे। अवमुक्त स्वच्छकार भी योजना के तहत आवास आवंटन हेतु पात्र होंगे।
लाभार्थियों के चयन के लिए मलिन बस्तियों तथा अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में सर्वेक्षण कराया जाएगा। समाचार पत्र में विज्ञापन प्रकाशित कर आवेदकों से निर्धारित प्रारूप मंे आवेदन पत्र आमंत्रित किए जाएंगे। जिला नगरीय विकास अभिकरण में प्राप्त समस्त आवेदन पत्रों का सर्वे तथा सत्यापन करने के उपरान्त पात्र व्यक्तियों के प्रार्थना पत्रों की सूची तैयार की जाएगी। सूची तथा सर्वेक्षण के उपरान्त जनपद/नगरीय निकाय को आवंटित आवासों की संख्या के अनुसार सार्वजनिक लाॅटरी द्वारा ड्रा निकालकर लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। लाभार्थियों की सूची संबंधित नगरीय निकाय को भी प्रेषित की जाएगी। लाभार्थियों की सूची को सूडा तथा डूडा की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा।
आवंटी को आवंटित किए गए आवास को अगले 15 वर्ष तक बेचने, हस्तांतरित करने, अथवा किराए पर उठाने का अधिकार नहीं होगा, परन्तु आवंटी की मृत्यु होने की स्थिति में उसके वैधानिक उत्तराधिकारियों को उक्त आवास का स्वामित्व स्थानान्तरित हो जाएगा। आसरा योजना के अन्तर्गत भवनों के क्षेत्र में अवस्थापना कार्य यथा सम्भव नगरीय निकायों द्वारा मात्राकृत 25 प्रतिशत बजट से कराए जाएंगे एवं आवश्यकतानुसार केन्द्र तथा राज्य सरकार की अन्य योजनाओं से भी अवस्थापना सुविधाएं सृजित की जाएगी। अनुरक्षण सम्बन्धित नगरीय निकायों द्वारा ही कराया जाएगा।
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लघु व्यापार केन्द्रों की स्थापना का प्रस्ताव मंजूर
मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में दस्तकारों और शहरी हस्तकला उत्पादकों को विपणन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लघु व्यापार केन्द्रों की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। लघु व्यापार केन्द्र शहरी गरीबी उन्मूलन हेतु कार्य करेंगे तथा प्राथमिकता के आधार पर गरीबों को अपनी सलाहकारी सेवाएं तथा उनके उत्पादों के विपणन की सुविधा उपलब्ध कराएंगे। लघु व्यापार केन्द्र शहरी गरीबों के उत्पादों की बिक्री हेतु व्यवस्थाएं भी करेगा। वर्ष-2012-13 में दस लघु व्यापार केन्द्रों की स्थापना की जाएगी।
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नगरीय विकास तथा गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के संबंध में रामपुर
में राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने नगरीय विकास तथा गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के संबंध में क्षमता विकास और प्रशिक्षण सुविधाओं के लिए रामपुर नगर में राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना का निर्णय लिया है। संस्थान में नगर निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों/कर्मचारियों तथा पैरा स्टेटल एजेन्सियों को क्षमता विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
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सी0सी0 रोड अथवा इण्टरलाॅकिंग व अन्य सामान्य सुविधाओं
की स्थापना योजना के क्रियान्वयन का प्रस्ताव स्वीकृत
मंत्रिपरिषद ने ‘सी0सी0 रोड अथवा इण्टरलाॅकिंग व अन्य सामान्य सुविधाओं की स्थापना योजना’ के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान कर दी है। योजना के माध्यम से नगरीय निकायों के अन्तर्गत चयनित अल्पसंख्यक बाहुल्य बस्तियों तथा मलिन बस्तियों में सी0सी0 रोड, इण्टर लाॅकिंग व नाली निर्माण का कार्य कराया जाएगा।
नगर निकाय/नगर पालिका परिषद आबादी क्षेत्र के अन्दर के मार्ग व गलियां, जो सम्पर्क मार्ग की श्रेणी में नहीं आते हैं और जिन पर हैवी/कामर्शियल व्हीकल नहीं चलते हैं, उनकी पूरी चैड़ाई को आच्छादित करते हुए नाली, इण्टरलाॅकिंग व सी0सी0 रोड का निर्माण किया जाएगा। इण्टरलाॅकिंग का कार्य उन क्षेत्रों मंे कराया जाएगा, जहां गलियां अत्यन्त सँकरी हैं तथा हल्के वाहन चलते हैं। सी0सी0 रोड निर्माण कार्य ऐसे मार्गों पर कराया जाएगा जहां प्रायः जल भराव की समस्या हो तथा बड़े और भारी वाहनों का आवागमन रहता हो, ताकि निर्मित सड़क उनका भार सह सके।
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विशेष बाघ संरक्षण बल के गठन को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने दुधवा टाइगर रिजर्व के लिए विशेष बाघ संरक्षण बल (स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स) के गठन की मंजूरी प्रदान कर दी है। अवैध शिकार पर नियंत्रण किए जाने के लिए प्रस्तावित इस बल में 112 कार्मिक होंगे, जिन्हें गृह विभाग द्वारा सेवा स्थानान्तरण के आधार पर वन विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा।
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उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ की पुनः स्थापना
सभी संस्थाएं स्वमेव नव गठित उत्तर प्रदेश
प्राविधिक विश्वविद्यालय से सम्बद्ध माने जाएंगे
मंत्रिपरिषद ने गौतमबुद्ध प्राविधिक विश्वविद्यालय एवं महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय को संविलीन (मर्ज) करते हुए पुनः उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ की स्थापना का निर्णय लिया है। प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में अध्ययनरत छात्रों के हितों के दृष्टिगत 02 प्राविधिक विश्वविद्यालय होने से दक्षता एसेसमेंट के लिए अपनाई जा रही अलग-अलग प्रक्रिया को समाप्त करने, समान पाठ्यक्रम संचालन हेतु परीक्षा योजना एवं अन्य तकनीकी बिन्दुओं में समरूपता लाने के लिए पूर्व से स्थापित उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय की ख्याति का लाभ छात्रों को उपलब्ध कराए जाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है।
इस निर्णय के फलस्वरूप महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय एवं गौतमबुद्ध प्राविधिक विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त सभी संस्थाएं स्वमेव नव गठित उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय से सम्बद्ध माने जाएंगे। गौतमबुद्ध प्राविधिक विश्वविद्यालय में संकलित वेतन पर आबद्ध एवं आउटसोर्स दोनों ही प्रकृति के स्टाफ कार्यरत हैं। महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय में कोई नियमित स्टाफ तैनात नहीं है। वर्तमान में स्टाफ शासकीय विभाग/संस्थाओं से प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं अथवा वाह्य सेवा प्रदाता से लिए गए हैं। मर्जर के उपरान्त गौतमबुद्ध प्राविधिक विश्वविद्यालय के उक्त स्टाफ उत्तर प्रदेश प्राविधिक विश्वविद्यालय में समायोजित हो जाएंगे।
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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को वन विभाग के स्वामित्व में
अवस्थित वैधानिक वन भूमि के गैर वानिकी प्रयोग हेतु शर्तों में छूट
मंत्रिपरिषद द्वारा वन विभाग के स्वामित्व में अवस्थित वैधानिक वन भूमि के गैर वानिकी प्रयोग हेतु भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को राज्य सरकार की शर्तों के अनुसार बाजार दर पर मूल्य (प्रीमियम) व उसके 10 प्रतिशत धनराशि के बराबर वार्षिक लीज रेंट के भुगतान के राज्य सरकार के प्रावधान से छूट प्रदान कर दी गई है। इससे राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण कार्य बिना किसी अवरोध के तेजी से हो सकेगा।
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पार्टनरशिप सम्मिट- 2013 में पार्टनर स्टेट के रूप में
प्रतिभाग करने एवं इससे सम्बन्धित वित्तीय व्यवस्था को मंजूरी
मंत्रिपरिषद ने काॅन्फेडरेशन आॅफ इण्डियन इण्डस्ट्री (सी.आई.आई.) - पार्टनरशिप सम्मिट- 2013 में पार्टनर स्टेट के रूप में प्रतिभाग करने एवं इससे सम्बन्धित वित्तीय व्यवस्था को मंजूरी प्रदान कर दी है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्तर पर लब्ध-प्रतिष्ठित उद्यमी संगठन सी.आई.आई. द्वारा प्रतिवर्ष देश के किसी एक प्रान्त में आयोजित किए जाने वाले सम्मेलन पार्टनरशिप सम्मिट का आगामी आयोजन आगरा में किए जाने का निर्णय भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा किया गया है। उत्तर प्रदेश, पार्टनरशिप सम्मिट- 2013 के आयोजन में भारत सरकार व सी.आई.आई. के साथ पार्टनर होगा।
इस सम्मिट में अभी तक आस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री, बांग्लादेश, श्रीलंका व जिम्बावे के वाणिज्य मंत्री, अमेरिका के अनुसचिव, विश्व व्यापार संगठन के डायरेक्टर जनरल श्री फ्रांसिस गरी ओ.ई.सी.डी. के डिप्टी सेक्रेटरी जनरल, जापान के कमेटी आॅन साउथ एशिया के अध्यक्ष, म्यांमार के इन्वेस्टमेन्ट कमीशन के अध्यक्ष, एशिया डेवलेवमेन्ट बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर जनरल के साथ-साथ नामचीन शिक्षाविद् व बड़ी कम्पनियों के सी0ई0ओ0 द्वारा सहमति प्रदान कर दी गई है। इसके अतिरिक्त सी0आई0आई0 द्वारा 60 से अधिक देशों के व्यापार प्रतिनिधिमण्डलों को आमंत्रित किया गया है।
प्रदेश को निवेश हेतु शीर्ष प्राथमिकताओं वाले गंतव्य के रूप में स्थापित करने, अधिकाधिक पूंजी निवेश आकर्षित करने तथा आर्थिक विकास दर को गति प्रदान कर रोजगार सृजन एवं राज्य के चहँुमुखी विकास के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा पहले ही अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति-2012 घोषित की जा चुकी है।
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मेन्था प्रजाति पर मण्डी शुल्क घटाकर एक प्रतिशत करने का निर्णय
मंत्रिपरिषद ने मेन्था प्रजाति के समस्त प्रकार की हर्ब और मिन्ट उनके तेल और तेलों से निकाले गए ठोस पदार्थ और ठोस पदार्थ निकालने के पश्चात् बचे अवशेष पर मण्डी शुल्क एक प्रतिशत (0.5 प्रतिशत विकास सेस पूर्ववत रहेगा) कतिपय शर्तों के साथ करने का निर्णय लिया है, जो अभी तक दो प्रतिशत था। मण्डी शुल्क में कमी करने से उत्तर प्रदेश में मेन्था का उत्पादन बढ़ेगा एवं लघु उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। इससे जहां एक ओर रोजगार में वृद्धि होगी, वहीं मेन्था उत्पादक कृषकों को राहत मिलेगी।
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गुड़/खाण्डसारी इकाइयों हेतु मण्डी शुल्क समाधान योजना लागू
मंत्रिपरिषद ने चीनी वर्ष 2012-13 हेतु प्रदेश में कार्यरत गुड़/खाण्डसारी इकाइयों हेतु उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम 1964 के अन्तर्गत मण्डी शुल्क समाधान योजना लागू करने का निर्णय लिया है। इससे खाण्डसारी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को उनकी उपज का प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य प्राप्त होगा तथा रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
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12 जनपदों में ग्रीष्मकालीन मूंगफली की उत्पादन एवं
उत्पादकता को बढ़ाने हेतु प्रोत्साहन योजना लागू
मंत्रिपरिषद ने 12 चयनित जनपदों में ग्रीष्मकालीन मूंगफली की उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने हेतु 12वीं पंचवर्षीय योजना के दो वर्षाें, 2012-13 एवं 2013-14 के लिए प्रोत्साहन योजना लागू करने का फैसला लिया है। फिरोजाबाद, मैनपुरी, अलीगढ़, एटा, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, कानपुर नगर, लखनऊ एवं हरदोई में 2428 हेक्टेयर क्षेत्र में प्रदर्शन संचालित किया जाएगा। इसके तहत उत्तम एवं गुणात्मक मूंगफली बीजों का वितरण कराकर उत्पादन में वृद्धि कराया जाएगा। नवीनतम फसल उत्पादन प्रौद्योगिकी का व्यवहारिक ज्ञान किसानों को उपलब्ध कराने के लिए खण्ड प्रदर्शनों के प्रत्येक 10 हेक्टेयर संहत क्षेत्र पर प्रति हेक्टेयर 10 हजार रुपए मात्र अनुदान की सुविधा कृषकों को उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें बीज पर अनुदान मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 6000 रुपए, तृणनाशी/पेस्टीसाइड पर अनुदान मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 2000 रुपए एवं जिप्सम/रसायनिक खाद/सूक्ष्म तत्व पर मूल्य का 50 प्रतिशत अधिकतम 2000 रुपए दिया जाएगा। इसी प्रकार तकनीकी हस्तान्तरण एवं जागरूकता हेतु कृषक प्रशिक्षण आयोजन किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक 25 कृषकों के समूह को दो दिवसीय प्रशिक्षण हेतु 25 हजार रुपए प्रति प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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