उ0प्र0 विधानसभा के 125 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे उत्तरशती रजत जयंती समारोह के क्रम में कल आयोजित चित्र प्रदर्शनी में विपक्षी पार्टियों खासतौर पर कांग्रेस पार्टी के नेताओं को उक्त प्रदर्शनी कार्यक्रम में आमंत्रित न करके सरकार ने एक तरफ जहां लोकतंत्र की मर्यादा को भंग किया है वहीं दूसरी तरफ देश की आजादी में कंाग्रेस द्वारा दिये गये योगदान को भी झुठलाने का प्रयास किया है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि कल डा0 लोहिया पार्क में आयोजित चित्र प्रदर्शनी के अवसर पर जिस तरह से कंाग्रेस के नेताओं को उपेक्षित कियागया इससे ऐसा आभास होता है कि यह आयोजन विधानसभा का न होकर समाजवादी पार्टी का कोई राजनैतिक आयोजन था। उ0प्र0 सरकार शायद यह भूल गयी है कि देश की आजादी में एक तरफ जहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, जो हमारे बीच में हैं और जो नहीं हैं, उन सभी के साथ कांग्रेस के नेताओं का सर्वाधिक योगदान रहा है। इतना ही नहीं आज चाहे वह लोकतंत्र हो, भारतीय संविधान हो, यह सभी चीजें जो देश को मिली हैं उसमें कंाग्रेस की प्रमुख और महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि विधानसभा की स्थापना से लेकर उसके मूल्यों एवं मान्यताओं को स्थापित करने में कांग्रेस नेताओं के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है। उन्होने कहा कि लोकतंत्र में तमाम राजनैतिक दल चुनाव लड़ते हैं और जिसे जनता का समर्थन प्राप्त होता है वह सरकार बनाता है। लेकिन किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि लेाकतंत्र की एक मर्यादा होती है इसलिए उन मूल्यों को नहीं भूलना चाहिए कि जिन मूल्यों से आजादी मिली, संविधान मिला और लोकतंत्र फल-फूल रहा है। अगर सरकार के किसी कदम से इन मूल्यों को आघात पहुंचता है तो समाजवादी पार्टी के नेताओं को इस देश की जनता और इतिहास कभी माफ नहीं करेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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