बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष, राज्यसभा सांसद व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्र्रदेश सुश्री मायावती जी, ने दिल्ली गैंगरेप की पीडि़त लड़की की सिंगापुर में इलाज के दौरान आज प्रातः हुयी मौत पर गहरा दुःख व शोक व्यक्त किया व इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कुदरत से प्रार्थना की एवं इस जघन्य घटना के सभी आरोपियों को जल्द से जल्द सख्त सजा दिलवाने की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के साथ-साथ पूरे देश में महिलाओं की समुचित सुरक्षा व्यवस्था हेतु सख्त कानून बनाने की केन्द्र सरकार से जोरदार माँग की है।
सुश्री मायावती जी ने आज यहाँ मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहाकि इस प्रकार की बर्बर व जघन्य अपराधों के मामले में भी अक्सर यह देखा जाता है कि वारदात के बाद सरकारे सुस्त पड़ जाती हंै और दोषियों को सख्त सजा नही मिल पाती है, जिसके खिलाफ सर्वसमाज का व्यापक आक्रोश व बेचैनी पूरी तरह से जायज है। इसी कारण (सुश्री मायावती जी) मैंने संसद में और संसद के बाहर भी केन्द्र सरकार से महिला उत्पीड़न के खिलाफ ऐसा सख्त कानून बनाने की माँग भी की, जिससे दोषियों के लिाफ सख्त कार्यवाही हो और उनको मिलने वाली सख्त सजा का खूब प्रचार-प्रसार भी होना चाहिये, ताकि इस प्रकार की दूषित मानसिकता रखने वाले लोग भी महिलाओं के खिलाफ अपराध करने की बात सोचने से पहले दस बार सोचें।
इतना ही नही, इस प्रकार के मामलों की गम्भीरता को समझते हुये माननीया सुश्री मायावती जी ने मा0 प्रधानमंत्री जी को एक पत्र भी दिनांक 23 दिसम्बर सन् 2012 को लिखा, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ देश भर में महिलाओं में व्याप्त असुरक्षा की भावना के मद्देनजर सख्त कानून बनाने हेतु संसद का विशेष सत्र बुलाने की भी मांग की गयी थी, आज फिर उन्होंने अपनी मांग को दोहराया।
सुश्री मायावती जी ने कहाकि खासकर महिलाओं की सुरक्षा के मामले में आज पूरा देश काफी ज्यादा चिन्तित व गंभीर है। देश की राजधानी दिल्ली के साथ-साथ आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में महिलायें काफी असुरक्षित है एवं उनके प्रति बलात्कार व अन्य जघन्य अपराघ की घटनाओं के कारण स्थिति काफी खराब व विस्फोटक है। प्राप्त आंकड़े बताते है कि उत्तर प्रदेश में सपा सरकार बनने के बाद लगभग दस महीने में अब तक डेढ़ हजार से ज्यादा बलात्कार व जघन्य अपराध की घटनायें हो चुकी है, लेकिन सपा सरकार की महिला सुरक्षा के मामले में भी लचर नीति के कारण दोषियों के खिलाफ सख्त गैंगरेप की पीडि़त लड़की को नौकरी व आर्थिक सहायता दिलाने की बात कर रही थी, जबकि एस पीडि़त लड़की को न्याय दिलाने के लिये पूरा देश एकजुट है, यह दुनिया ने भी देखा है।
उत्तर प्रदेश सपा सरकार ने इस प्रकार के रवैये पर जनता की तीखी प्रतिक्रिया स्वभाविक है। यही कारण है कि सपा के शुभचिन्तक व समर्थक भी इसकी आलोचना कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में उत्पीड़न व बलात्कार की शिकार कितनी महिलाओं को सपा सरकार ने नौकरी व आर्थिक सहायता दी है एवं दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करते हुये कितने लोगों को सजा दिलाकर पीडि़त महिला व उसके परिवार को न्याय दिलाया गया। इस सम्बन्ध में दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम श्री अहमद बुखारी का यह बयान भी उल्लेखनीय है कि सपा सरकार अपने गिरेबान में झांककर क्यों नही देखती कि उत्तर प्रदेश में खासकर महिला सजा तो दूर, उनके खिलाफ प्रारम्भिक कार्यवाई करके उन्हे जेल तक नही भेजा गया है और वे खुले घूम रहे है।
ऐसी परिस्थित में सपा सरकार अपने गिरेबान में झांकने के बजाये, दिल्ली उत्पीड़न व बलात्कार के मामले में क्या कार्यवाही हो रही है।
इसके साथ-साथ पीडि़त महिला को नौकरी या आर्थिक सहायता प्रदान करना इस गम्भीर समस्या का सही समाधान नहीं है, बल्कि वास्तव में देश की सभी सरकारों को बलात्कार व महिला उत्पीड़न के खिलाफ काफी मुस्तैदी से उठ खडा होना होगा, तभी हम सभ्य कहलाने के हकदार होंगे। खासकर उत्तर प्रदेश की सपा सरकार को, वर्तमान गम्भीर परिस्थितियों के मद्देनजर अपराध नियन्त्रण व महिला उत्पीड़न एवं बलात्कार आदि के मामलों में तत्काल काफी सख्त कदम उठाने की अहम जरूरत है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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