Archive | November 3rd, 2012

कोष प्रबन्धन समिति की बैठक वित्तीय वर्ष के प्रत्येक त्रैमास अवश्य आयोजित हो:मुख्य सचिव

Posted on 03 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश में सड़क सुरक्षा को सुदृढ़ किए जाने तथा उनके उपायों को प्रभावी ढ़ग से लागू किये जाने के उद्देश्य से उ0प्र0 सड़क सुरक्षा कोष की स्थापना होगी। कोष में लगभग दो सौ करोड़ रुपए की आय प्रतिवर्ष सम्भावित होगी। इस निधि में जमा धनराशि का उपयोग यातायात व्यवस्था का बेहतर प्रबन्धन करने, सड़क सुरक्षा उपायों के प्रभावी क्रियान्वयन करने, यातायात शिक्षा के प्रचार-प्रसार तथा यातायात प्रवर्तन व्यवस्था को आधुनिकतम उपकरणों से सुसज्जित करने के लिए किया जाएगा। यातायात प्रबन्धन के संबंध में अन्य कोई कार्य जो निधि की प्रबन्धन समिति कराना आवश्यक समझती है तो उसे भी इस निधि से वित्त पोषित किया जा  सकेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने यह निर्देश परिवहन विभाग द्वारा आयोजित रोड सेफ्टी फण्ड की स्थापना बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि कोष की प्रबन्धन समिति की बैठक वित्तीय वर्ष के प्रत्येक त्रैमास मंे प्रमुख सचिव, गृह की अध्यक्षता में आयोजित होगी। गठित समिति इस कोष से व्यय किये जाने हेतु योजनाओं का चयन और उसका अनुमोदन प्रदान करने के साथ-साथ स्वीकृत योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति का अनुश्रवण करेगी। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि कोष के अन्तर्गत योजनाओं का चयन राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित मानकों के अनुरूप किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस बात का भी ध्यान रखा जायेगा कि कोष की धनराशि से ऐसी योजनायें या परियोजनायें संचालित की जाये जो एक बार में क्रियान्वित करके पूर्ण करायी जा सके।  उन्होने कहा कि दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्रों को चिन्हित कर विस्तृत कार्य योजना के तहत आवश्यक कार्य करायें जायें, ताकि दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। उन्होंने यातायात प्रचार-प्रसार सामग्री तैयार कराने के निर्देश देते हुए कहा कि यातायात शिक्षा सम्बन्धी उपकरणों का नियमानुसार क्रय कराके आवश्यक रख-रखाव सुनिश्चित कराया जाये। बच्चों के मध्य यातायात नियमों की जानकारी कराने हेतु विभिन्न प्रकार की प्रतियोगितायें आयोजित करायी जायें तथा यातायात लाईट आदि कार्यों का आवश्यक सुधार कराते हुए जन सामान्य मंे यातायात नियमों का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाये।
श्री उस्मानी ने यह भी निर्देश दिये कि सड़क दुर्घटना के आॅंकड़ों की रिर्पोटिग, विश्लेषण तथा नियंत्रण हेतु ‘‘सड़क दुर्घटना डाटा बेस सिस्टम’’ लागू कराया जाय। उन्होने कहा कि सड़क सुरक्षा के कारण का अध्ययन कराया जाय तथा दुर्घटना बाहुल्य स्थानों का चिन्हीकरण करके उसके सुधार एवं उपचार हेतु आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। ड्राइविंग लाइसेंस प्रणाली को सुदृढ़ करने हेतु परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग टेस्ट की व्यवस्था कराई जाय। व्यवसायिक वाहनों की स्वस्थता जाॅंच हेतु परिवहन कार्यालयों में फिटनेस जाॅंच किट तथा सी0एन0जी0 वाहनों की चेकिंग हेतु मोबाइल टेस्टिंग संयन्त्र की व्यवस्था भी कराई जाय।
सड़क सुरक्षा कोष का शासन में प्रशासनिक विभाग परिवहन विभाग तथा कोष के संचालन हेतु प्रमुख सचिव, गृह की अध्यक्षता में गठित समिति में परिवहन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, वित्त एवं लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिवों, पुलिस महानिदेशक तथा निदेशक यातायात पुलिस को सदस्य नामित करते हुये परिवहन आयुक्त को सदस्य सचिव नामित किया गया है।
बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री एस0सी0शर्मा, प्रमुख सचिव, गृह श्री आर0एम0 श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव परिवहन, श्री बी0एस0भुल्लर, सचिव वित्त, श्री बी0एम0जोशी, परिवहन आयुक्त श्री आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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सिंचाई, ऊर्जा, कृषि रक्षा, निवेश, बीमा आदि से सम्बन्धित सभी समस्यायें एक सप्ताह में निस्तारित करें

Posted on 03 November 2012 by admin

लखनऊ, देवीटपाटन एवं फैजाबाद मण्डलों की मण्डलीय रबी गोष्ठी का आयोजन आज कृषि भवन के प्रेक्षागृह में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। बैठक में उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर तक गुणवत्तायुक्त बीज (चना को छोड़कर) उपलब्ध कराने की व्यवस्था, सिंचाई, ऊर्जा, कृषि रक्षा, निवेश, बीमा आदि से सम्बन्धित सभी समस्यायें एक सप्ताह में निस्तारित करें। किसानों के पशुओं के लिए मोबाइल पशु चिकित्सालय उनके द्वार तक पहुचेंगे। किसान, खाद्य प्रसंस्करण उद्यानीकरण, पोल्ट्री, पशुपालन आदि से अपनी आय में वृद्धि करें। अधिक से अधिक बिजली दिन में दी जाये। नहरों का पानी टेलों तक पहुंचाया जाये। सभी जनपदों में हरी खाद बोएं। तीनों मण्डलों के मण्डलायुक्त तथा सभी जनपदों के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, प्रमुख सचिव, कृषि, सहकारिता, दुग्ध उत्पादन, पशुपालन, ग्राम्य विकास भी उपस्थित रहे। प्रदेश में गेंहूँ की बुवाई जोरो पर है इसलिए मुख्य रूप से गुणवत्तायुक्त बीज उर्वरक एवं सिंचाई व्यवस्था पर विशेष चर्चा की गयी। सभी जनपदों में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है।
तीनों मण्डलों से आये हुये कृषकों द्वारा गोष्ठी में अवगत कराया गया कि सभी जनपदों में पर्याप्त मात्रा में बीज एवं उर्वरकों की उपलब्धता है। कृषकों के द्वारा मांग की गई कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाये।
प्रमुख सचिव, कृषि एवं सहकारिता श्री देवाशीष पाण्डा ने गोष्ठी में आये कृषक बन्धुओं से वार्ता के दौरान यह बताया कि तीनों मण्डलों के सभी जनपदों में गेंहूँ बीज के साथ-साथ रबी फसलांे के बीज समय से उपलब्ध कराये गये हैं। उर्वरकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी गयी है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अवगत कराया कि उर्वकरेां का वितरण सही मूल्य पर करायें। उत्पादन एवं कृषकों की आय में वृद्धि करने के सम्बन्ध में बताया गया कि बीज प्रतिस्थापन दर में वृद्धि की गयी है। गत वर्ष की तुलना में अधिक फसली ऋण वितरण के लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं, जिसे समय से वितरित कराया जाये। उर्वरकों की कमी नहीं है अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी करें।
कृषि निदेशक, श्री डी0एम0 सिंह ने अनुदान पर मिलने वाले निवेशों की विस्तृत जानकारी दी तथा किसानों से अपील की कि उर्वरक एवं सिंचाई के प्रयोग पर वैज्ञानिकता का रुख अपनाये। कृषि निदेशक द्वारा भूमि सेना योजना प्रारम्भ किये जाने की जानकारी दी गयी साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में मृदा परीक्षण पर विशेष रूप से प्रकाश डाला मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाये जाने पर भी उनके द्वारा विशेष रूप से बल दिया गया जिससे किसान भाई मृदा परीक्षण की संस्तुतियों के आधार पर संतुलित उर्वरक का प्रयोग कर सकें। उन्होंने मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकार रखने हेतु रसायनिक उर्वरकों को संतुलित प्रयोग करने का सुझाव दिया जिससे मृदा की उर्वरा शक्ति बरकरार रखी जा सके। कृषि निदेशक द्वारा अपने संबोधन में बीज शोधन, मिट्टी शोधन आदि तकनीकी पहलुओं पर जोर देते हुये विस्तार से बताया गया।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने निवेशों की उपलब्धता पर संतोष व्यक्त करते हुए सिंचाई संसाधनों को सुदृढ़ करने हेतु सम्बन्धित विभागों को निर्देश भी दिये। रबी 2012-13 में निर्धारित उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करने हेतु उन्होंने तीनों मण्डलों के जिलाधिकारियों से आग्रह किया कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों को अपना नेतृत्व प्रदान करें, जिससे निर्धारित कृषि विकास दर प्राप्त की जा सके। गोष्ठी में पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन पर भी किसानों ने वार्ता की तथा पशुपालकों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रोत्साहन देने की मांग भी की गयी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नियुक्ति को तात्कालिक प्रभाव से निरस्त

Posted on 03 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश शासन ने उ0प्र0 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कल्याण परिषद के निदेशक/सचिव पद पर होमगार्डस्, नागरिक सुरक्षा एवं राजनैतिक पेंशन विभाग के उप सचिव श्री अजेय कुमार श्रीवास्तव की नियुक्ति को तात्कालिक प्रभाव से निरस्त करते हुये इस पद पर कानपुर नगर के श्री गोविन्द प्रसाद द्विवेदी आत्मज स्व0 पुत्तीलाल को कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से एक वर्ष की अवधि के लिये नियुक्त किया है।
श्री द्विवेदी की नियुक्ति पर श्री राजेश पाण्डेय राष्ट्रीय संयोजक, राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार तथा श्री वीरेन्द्र प्रसाद बाजपेयी ने उन्हें हार्दिक बधाई दी है।
लखनऊ, दिनांक 02 नवम्बर, 2012

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 573.70 करोड़ के प्रस्तावों की स्वीकृति जारी

Posted on 03 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द कुमार सिंह गोप ने बताया है कि उत्तर प्रदेश सरकार के निरन्तर प्रयासों से केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 573.70 करोड़ के प्रस्तावों की स्वीकृति जारी कर दी गयी हैं उन्होंने बताया कि इस धनराशि से प्रदेश में 1,223 कि0मी0 सड़कों के निर्माण द्वारा 757 बसावटों को पक्के मार्गों से जोड़ा जायेगा।
श्री गोप ने बताया कि इस स्वीकृति के फलस्वरूप प्रदेश में 500 से 999 आबादी तक के बसावटों को संतृप्त किया जा सकेगा। उन्हांेने बताया कि इससे अधिक आबादी वाले समस्त बसावटों को पूर्व में ही पक्के मार्गों से जोड़ा जा चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के नक्सल प्रभावित जनपदों- सोनभद्र, चन्दौली व मिर्जापुर में 250 से अधिक आबादी के सभी ग्रामीण बसावटों को पक्के मार्गों से जोड़ने का लक्ष्य भी पूर्ण हो जायेगा।
श्री गोप ने बताया कि भारत सरकार द्वारा प्रदेश के 7000 कि0मी0 लम्बे मार्गों के उन्नयन हेतु भी प्रदेश सरकार के प्रस्तावों पर शीघ्र स्वीकृति प्रदान किये जाने का आश्वासन दिया गया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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70 लाख पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कराने का लक्ष्य निर्धारित किया

Posted on 03 November 2012 by admin

कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन ने प्रदेश में कृत्रिम गर्भाधान के आच्छादन एवं सुदृढ़ीकरण के सम्बन्ध में प्रगति की समीक्षा करते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2012-13 में 70 लाख पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने निर्देश दिये हैं कि कृत्रिम गर्भाधान में सुधार करते हुए इससे सम्बन्धित समस्त आकड़ों को कम्प्यूटरीकृत कर लिया जाये। उन्होंने यह भी निर्देशित किया है कि इस महत्वपूर्ण योजना की प्रगति की जांच नियमित रूप से सुनिश्चित की जाये।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने यह निर्देश बृहस्पतिवार को अपने कार्यालय कक्ष में पशुधन विभाग की बैठक में दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि कृत्रिम गर्भाधान का माहवार लक्ष्य बनाकर पूर्ति की जाये एवं उत्पन्न पशु-संतति का भी समय-समय पर निरीक्षण सुनिश्चित कराया जाये। इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि पूर्व में उत्पन्न पशु-संतति का मूल्यांकन किया जाये और पूर्व के संतति उन्नयन कार्यक्रम से प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में हुयी वृद्धि का आकलन किया जाये। उन्होंने कहा कि नस्ल सुधार के जरिये राज्य की दुग्ध मांग को पूरा करने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
बैठक के दौरान प्रमुख सचिव पशुधन योगेश कुमार ने अवगत कराया कि कृत्रिम गर्भाधान के आच्छादन में वृद्धि हो इसको दृष्टिगत रखते हुए प्रत्येक पशु चिकित्साधिकारी एवं पशुधन प्रसार अधिकारी द्वारा क्रमशः पांच एवं तीन कृत्रिम गर्भाधान प्रतिदिन कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके साथ-साथ एन0जी0ओ0 में मुख्यतः बाॅएफ एवं पैरावेट का लक्ष्य निर्धारित कर इसकी पूर्ति करायी जा रही है। निदेशक पशुपालन डाॅ0 रुद्र प्रताप ने बताया कि प्रदेश में 1 करोड़ 89 लाख प्रजनन योग्य पशु हैं जिसके सापेक्ष 50 प्रतिशत के लक्ष्य के तहत सितम्बर माह तक 35 प्रतिशत की पूर्ति हो चुकी है। उन्होंने कहा कि अच्छी नस्ल के पशुओं में साहीवाल, मुर्रा तथा भदावरी को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
बैठक में प्रमुख सचिव पशुधन श्री योगेश कुमार, निदेशक पशुपालन डाॅ रुद्र प्रताप, अपर निदेशक पशुपालन डाॅ0 पी0एस0 गौतम, विशेष सचिव तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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निर्माण कार्यों हेतु ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय को 14.59 करोड़ रुपये जारी

Posted on 03 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्माण कार्यों के लिये ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ को 14.59 करोड़ रुपये की धनराशि आज जारी की है।
यह जानकारी देते हुये विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डाॅ0 अनीस अंसारी आई0ए0एस0 (रि0) ने बताया कि यह धनराशि लाइब्रेरी, ऐकाडेमिक ब्लाॅक व प्रशासनिक ब्लाॅक के भवनों के निर्माण पर व्यय करने के साथ ही इसे क्षेत्र के विकास पर भी खर्च किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जारी की गयी धनराशि को आगामी दो माह में खर्च करने का निर्णय लिया गया है।
डाॅ अंसारी ने बताया कि इससे पूर्व राज्य सरकार द्वारा निर्माण कार्यों के लिये विश्वविद्यालय को 174.25 करोड़ रुपये जारी किये गये थे, जिसे उ0प्र0 राजकीय निर्माण निगम द्वारा निर्माण कार्यों पर खर्च किया जा चुका है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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निर्दोष किसानों के विरुद्ध पंजीकृत मुकदमों को जनहित एवं न्यायहित में वापस ले लिया गया है

Posted on 03 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि मई, 2011 में जनपद गौतमबुद्धनगर के थाना दनकौर में ग्राम भट्टा व परसौल के निर्दोष किसानों के विरुद्ध पंजीकृत मुकदमों को जनहित एवं न्यायहित में वापस ले लिया गया है। सरकार के इस फैसले से भारी संख्या में निर्दोष किसानों को राहत मिली है। पिछली बसपा सरकार में निर्दोष किसानों का उत्पीड़न करने की नीयत से दर्ज किये गये मुकदमों को वापस लेने की घोषणा उन्होंने पहले ही कर दी थी।
ज्ञातव्य है कि संघर्ष समिति के नेतृत्व में ग्राम भट्टा व परसौल के किसान  मई, 2011 में अपनी जमीनों का मुआवजा बढ़ाए जाने के लिए शांतिपूर्ण आन्दोलन कर रहे थे। पिछली सरकार के इशारे पर प्रदर्शन के दौरान ही आन्दोलनरत किसानों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत विभिन्न आरोप लगाकर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें से अधिकतर मुकदमे जनपद गौतमबुद्ध नगर के थाना दनकौर में श्री मानवीर सिंह तेवतिया, प्रेमवीर, काले सिंह, गजे सिंह, किरणपाल, धन सिंह व अन्य के विरुद्ध दर्ज किए गए थे। पिछली सरकार ने किसानों पर ये मुकदमे भूमि अधिग्रहण का विरोध करने तथा वाजिब मुआवजा मांगने पर उन्हें उत्पीडि़त करने की नीयत से लगाए थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पूर्व साईकिल यात्रा के दौरान किसानों की मांग पर उन्होंने किसानों पर दर्ज किए गए झूठे मुकदमे वापस लेने का वादा किया था। राज्य सरकार ने किसानों से किए गए वादे को निभाते हुए भट्टा व परसौल के निर्दाेष किसानों के विरुद्ध कपटपूर्ण ढंग से दर्ज किए गए मुकदमों को वापस ले लिया है। चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादों में से एक और वादा राज्य सरकार ने पूरा कर दिया है।
श्री यादव ने कहा कि इन मुकदमों का विभिन्न स्तरों पर परीक्षण करने के उपरान्त ही इन्हें वापस लेने का निर्णय लिया गया। इन मुकदमों के सम्बन्ध में स्थानीय प्रशासन द्वारा शासन को उपलब्ध कराई गई आख्या से यह तथ्य संज्ञान में आया कि अधिग्रहीत जमीन का समुचित मुआवजा न मिलने के कारण ही किसान आन्दोलन के लिए बाध्य हुए थे। उन्होंने बताया कि सम्यक विचारोपरान्त भट्टा व परसौल प्रकरण में अभियुक्त बनाए गए किसानों को मुकदमेबाजी की प्रताड़ना से बचाने तथा जनहित एवं न्यायहित में इनके विरुद्ध दर्ज मुकदमे वापस ले लिए गए हैं। इन मुकदमों को वापस ले लेने से भारी संख्या में किसानों को राहत मिली है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समग्र भूजल प्रबन्धन नीति

Posted on 03 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए हैं कि भूजल प्रबन्धन, वर्षा जल संचयन एवं भूजल रिचार्ज हेतु ‘समग्र भूजल प्रबन्धन नीति’ के प्रारूप का प्रस्तुतीकरण नवम्बर के अन्तिम सप्ताह में प्रस्तुत किया जाए। उन्हांेने कहा कि प्रत्येक दशा में 15 दिसम्बर तक ‘समग्र भूजल प्रबन्धन नीति’ का अनुमोदन अवश्य ले लिया जाए। प्रस्तावित ‘समग्र भूजल प्रबन्धन नीति’ हेतु सम्बन्धित विभाग एक सप्ताह के अन्दर अपने सुझाव अवश्य प्रस्तुत कर दंे। समग्र नीति के प्रारूप में भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं तथा प्रदेश सरकार द्वारा आगामी वर्षों में प्रस्तावित योजनाओं का समावेश अवश्य किया जाये, ताकि समग्र नीति अधिक से अधिक जन उपयोगी बन सके। उन्होंने कहा कि अलीगढ़, सहारनपुर, कन्नौन, चित्रकूट एवं जौनपुर के कुल 19 अतिदोहित एवं क्रिटिकल विकास खण्डों के विस्तृत एक्शन प्लान बनाने हेतु अधिकृत एजेन्सी नामित किए जाने हेतु आवश्यक आदेश तत्काल निर्गत कर दिए जायें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में प्रदेश में भूजल प्रबन्धन, वर्षा जल संचयन एवं भूजल रिचार्ज हेतु प्रस्तावित ‘समग्र भूजल प्रबन्धन नीति’ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भूजल रिचार्ज कार्यक्रम को वृहद स्तर पर एकीकृत रूप से लागू कराया जाये। भूजल प्रबन्धन एवं नियोजन में रिवर बेसिन/वाटर सेट अप्रोस को प्राथमिकता देते हुए प्रदूषित भूजल स्रोतों को चिन्हित कर प्रभावी क्षेत्रों में सुरक्षित जलापूर्ति सुनिश्चित करायी जाये। उन्हांेने कहा कि भूजल प्रबन्धन के लिए प्रभावी विधिक ढांचे की व्यवस्था कराते हुए शोध एवं प्रशिक्षण के साथ जन जागरूकता को बढ़ावा दिया जाये।
श्री उस्मानी ने कहा कि भूजल संसाधन के न्यायसंगत एवं अनुकूलतम उपयोग हेतु सिंचाई की कुशल तकनीकों को प्रोत्साहित किया जाये। फसल पद्धतियों में उपयुक्त परिवर्तन के माध्यम से कम जल की खपत वाली फसलों को प्रोत्साहित कराया जाये। उन्होंने कहा राज्य में भूगर्भ जल के दोहन एवं उपयोग एवं उसके संरक्षण व पुनर्भरण का कुशल प्रबन्धन कराया जाये। उन्होंने कहा कि लघु सिंचाई, जल निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, ग्राम्य विकास, नगर विकास, आवास एवं शहरी नियोजन आदि द्वारा आवश्यकतानुसार सम्बन्धित आंकड़ें एवं सूचनायें नियमित रूप से उपलब्ध कराने मंे समुचित सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से वर्गीकृत आंकड़ों को छोड़कर शेष आंकड़ें एवं सूचना वेबसाइट के माध्यम से ‘पब्लिक डोमेन’ मंे उपलब्ध कराई जाये।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन, प्रमुख सचिव लघु सिंचाई श्री संजीव दुबे, सचिव सिंचाई श्री एस0पी0गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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पंचायतों में विकसित पायका सेन्टर्स का प्राविधानों के तहत भौतिक सत्यापन कराया जाए

Posted on 03 November 2012 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, श्री जावेद उस्मानी ने निर्देश दिए हंै कि पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान (पायका) के तहत विगत वित्तीय वर्ष 2008-09 में चयनित 4982 ग्राम पंचायतों एवं 67 क्षेत्र पंचायतों में विकसित पायका सेन्टर्स का प्राविधानों के तहत भौतिक सत्यापन कराया जाए। पायका योजनान्तर्गत विगत वर्षों में आयोजित कराये गये कार्यक्रमों का भौतिक सत्यापन कर एक माह के अन्दर आख्या प्रस्तुत की जाए। अब तक सत्यापन न कराये जाने के कारणों की जाँच कर दोषी अधिकारियों को चिन्हित कर दण्डित किया जाए। भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान की राज्यस्तरीय कार्यकारी समिति की बैठक विगत एक वर्ष के उपरान्त आयोजित कराये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उन्होंने निर्देश दिये कि प्राविधानों के तहत वर्ष में दो बार अवश्य आयोजित कराई जाए। पायका योजनान्तर्गत खेल मैदानों के विकास हेतु कराये गये कार्यों-खेल मैदानों का विकास, लगाये गये उपकरणों आदि की गुणवत्ता को सुनिश्चित कराने हेतु राज्य स्तर की शासकीय एजेसिंयों से थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराया जाए। ग्राम स्तर पर खेलों के विकास हेतु अनुभवी खिलाडि़यों का ’क्रीड़ाश्री’ गठित समिति द्वारा चयन शीघ्र कराया जाए। टेक्नीकल कन्सल्टेन्ट को संविदा के आधार पर नियुक्त करने का व्यापक प्रचार-प्रसार कराकर गठित चयन समिति द्वारा योग्य एवं अनुभवी व्यक्ति को चयनित करने हेतु कार्यवाई प्रारम्भ की जाए।
मुख्य सचिव कल शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान की राज्यस्तरीय कार्यकारी समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत दो वर्षों से पायका अभियान हेतु भारत सरकार से आवश्यक धनराशि न निर्गत किए जाने के कारणों का उल्लेख करते हुए मा0 मुख्यमंत्री जी के तरफ से भारत सरकार को पत्र भेजा जाए। उन्होंने कहा कि बारहवीं पचंवर्षीय योजना के अन्तिम वित्तीय वर्ष आगामी वित्तीय वर्ष 2016-17 तक प्रदेश के समस्त ग्राम पंचायतों  एवं क्षेत्र पंचायत स्तर पर खेल मैदानों का विकास कर खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु विस्तृत कार्य योजना बना ली जाय। पायका योजनान्तर्गत ग्राम पंचायतों एवं क्षेत्र पंचायतों हेतु आवंटित धनराशि के व्यय का स्थलीय निरीक्षण कराया जाय।
श्री उस्मानी ने निर्देश दिये कि राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिताओं की प्रस्तावित तिथियों दिसम्बर/जनवरी के पूर्व विकास खण्ड, जनपद, जोन तथा राज्य स्तर की खेल प्रतियोगितायें तत्काल आयोजित करा ली जायें। उन्होंने कहा कि नगरीय क्षेत्र में समाहित ग्राम पंचायतों के स्थान पर नई ग्राम पंचायतों का चयन आगामी वर्षो में कर के पायका सेन्टर का विकास कराया जाय। प्रदेश की विविधता युक्त भौगोलिक परिस्थित, (दुर्गम क्षेत्र) नक्सल प्रभावित क्षेत्र एवं अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के निकट की ग्राम पंचायतों तथा अन्य क्षेत्रों की परस्पर 02 कि0मी0 से अधिक दूरी पर स्थित ग्राम पंचायतों मंे निर्धारित आबादी से कम आबादी होने की स्थिति में भी स्वतंत्र पायका सेन्टर बनाया जाय।
बैठक में सचिव खेलकूद, श्री सुरेश चन्द्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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कृषि निवेशों की आपूर्ति मांग के अनुरूप सही दरों पर समय से सुलभ कराये

Posted on 03 November 2012 by admin

किसानों को रबी फसल के लिए उर्वरक, बीज, फसली ऋण, सिचाई आदि कृषि निवेशों की आपूर्ति मांग के अनुरूप सही दरों पर समय से सुलभ कराये। खाद बीज वितरण व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए नियमित रूप से प्रवर्तन कार्य भी प्रभावी रूप से चलाये। नहरों की सफाई का कार्य 15 नवम्बर तक पूर्ण कराये।।नहरों की सफाई का कार्य प्रारम्भ होने से पूर्व, कार्य के बीच में और कार्य पूर्ण होने पर फोटो ग्राफी अनिवार्र्य रूप से कराये साथ ही निरीक्षण दल बनाकर नहर सफाई कार्य का गहन निरीक्षण तथा सघन पर्यवेक्षण करें। इस कार्य मे सावधानी बरतें और समयबद्ध रूप से कार्य पूर्ण करायें। मण्डल में उर्वरकों एवं बीजो की मांग के सापेक्ष पर्याप्त मा़त्रा में उपलब्धता है।
मण्डलायुक्त रबी फसल की तैयारियां के क्रम में कृषि कार्यक्रमों की जिलेवार समीक्षा कर रहे थे। उन्हांेने कहा कि नहरों के पानी के अलावा बड़ी संख्या में किसान निजी नलकूपों से सिंचाई करते हैे अतः बुआई के समय ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा लोकल फाल्ट को शीघ्रता से ठीक कराने की व्यवस्था करें। आयुक्त ने मण्डल के सभी जिलो के उपस्थित अधीक्षण अभियन्ताओं को निर्देश दिये कि ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर समस्याओं का निदान करायें।
श्री सिंह ने जनपद वार किसान क्रेडिट कार्ड वितरण और फसली ऋण वितरण की समीक्षा की । फसली .ऋण का वितरण लक्ष्य के सापेक्ष न पाये जाने पर उन्हांेने असन्तोष प्रकट करते हुए कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये । लीड बैक प्रबन्धक आगरा पी0के0 सक्सेना ने बताया कि  गत वर्ष 580 करोड़ रूपये का फसली ऋण वितरण किया गया था इस वर्ष अबतक लगभग 283 करोड़ रूपये का फसली ऋण वितरण हो चुका है।
आयुक्त ने बीजो की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए दलहन तथा तिलहन बीजो की आपूर्ति पर भी घ्यान देने के निर्देश दियेैै। उन्होंने मण्डल में उर्वरको की उपलब्धता पर सन्तोष प्रकट किया । उन्हांेने जैव उर्वरकों की उपलब्धता, मृदा परीक्षण, कृषि रक्षा रसायनों की उपलब्धता, आदि की भी जिलेवार समीक्षा।
बैठक में संयुक्त विकास आयुक्त राम आसरे, संयुक्त कृषि निदेशक आर0पी0 यादव जनपदों के मुख्य विकास अधिकारी, परियोजना निदेशक , एवं विद्युत नलकूप, सहकारिता, कृषि, नहर, लघु सिचाई आदि विभागों के मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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