लखनऊ, देवीटपाटन एवं फैजाबाद मण्डलों की मण्डलीय रबी गोष्ठी का आयोजन आज कृषि भवन के प्रेक्षागृह में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। बैठक में उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर तक गुणवत्तायुक्त बीज (चना को छोड़कर) उपलब्ध कराने की व्यवस्था, सिंचाई, ऊर्जा, कृषि रक्षा, निवेश, बीमा आदि से सम्बन्धित सभी समस्यायें एक सप्ताह में निस्तारित करें। किसानों के पशुओं के लिए मोबाइल पशु चिकित्सालय उनके द्वार तक पहुचेंगे। किसान, खाद्य प्रसंस्करण उद्यानीकरण, पोल्ट्री, पशुपालन आदि से अपनी आय में वृद्धि करें। अधिक से अधिक बिजली दिन में दी जाये। नहरों का पानी टेलों तक पहुंचाया जाये। सभी जनपदों में हरी खाद बोएं। तीनों मण्डलों के मण्डलायुक्त तथा सभी जनपदों के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, प्रमुख सचिव, कृषि, सहकारिता, दुग्ध उत्पादन, पशुपालन, ग्राम्य विकास भी उपस्थित रहे। प्रदेश में गेंहूँ की बुवाई जोरो पर है इसलिए मुख्य रूप से गुणवत्तायुक्त बीज उर्वरक एवं सिंचाई व्यवस्था पर विशेष चर्चा की गयी। सभी जनपदों में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है।
तीनों मण्डलों से आये हुये कृषकों द्वारा गोष्ठी में अवगत कराया गया कि सभी जनपदों में पर्याप्त मात्रा में बीज एवं उर्वरकों की उपलब्धता है। कृषकों के द्वारा मांग की गई कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाये।
प्रमुख सचिव, कृषि एवं सहकारिता श्री देवाशीष पाण्डा ने गोष्ठी में आये कृषक बन्धुओं से वार्ता के दौरान यह बताया कि तीनों मण्डलों के सभी जनपदों में गेंहूँ बीज के साथ-साथ रबी फसलांे के बीज समय से उपलब्ध कराये गये हैं। उर्वरकों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी गयी है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अवगत कराया कि उर्वकरेां का वितरण सही मूल्य पर करायें। उत्पादन एवं कृषकों की आय में वृद्धि करने के सम्बन्ध में बताया गया कि बीज प्रतिस्थापन दर में वृद्धि की गयी है। गत वर्ष की तुलना में अधिक फसली ऋण वितरण के लक्ष्य निर्धारित किये गये हैं, जिसे समय से वितरित कराया जाये। उर्वरकों की कमी नहीं है अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी करें।
कृषि निदेशक, श्री डी0एम0 सिंह ने अनुदान पर मिलने वाले निवेशों की विस्तृत जानकारी दी तथा किसानों से अपील की कि उर्वरक एवं सिंचाई के प्रयोग पर वैज्ञानिकता का रुख अपनाये। कृषि निदेशक द्वारा भूमि सेना योजना प्रारम्भ किये जाने की जानकारी दी गयी साथ ही उन्होंने अपने संबोधन में मृदा परीक्षण पर विशेष रूप से प्रकाश डाला मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाये जाने पर भी उनके द्वारा विशेष रूप से बल दिया गया जिससे किसान भाई मृदा परीक्षण की संस्तुतियों के आधार पर संतुलित उर्वरक का प्रयोग कर सकें। उन्होंने मिट्टी की उर्वरा शक्ति बरकार रखने हेतु रसायनिक उर्वरकों को संतुलित प्रयोग करने का सुझाव दिया जिससे मृदा की उर्वरा शक्ति बरकरार रखी जा सके। कृषि निदेशक द्वारा अपने संबोधन में बीज शोधन, मिट्टी शोधन आदि तकनीकी पहलुओं पर जोर देते हुये विस्तार से बताया गया।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने निवेशों की उपलब्धता पर संतोष व्यक्त करते हुए सिंचाई संसाधनों को सुदृढ़ करने हेतु सम्बन्धित विभागों को निर्देश भी दिये। रबी 2012-13 में निर्धारित उत्पादन लक्ष्यों को पूरा करने हेतु उन्होंने तीनों मण्डलों के जिलाधिकारियों से आग्रह किया कि विभिन्न विभागों के अधिकारियों को अपना नेतृत्व प्रदान करें, जिससे निर्धारित कृषि विकास दर प्राप्त की जा सके। गोष्ठी में पशुपालन एवं दुग्ध उत्पादन पर भी किसानों ने वार्ता की तथा पशुपालकों को प्रोत्साहित करने हेतु प्रोत्साहन देने की मांग भी की गयी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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