Posted on 25 September 2012 by admin
आज मानसिक तनाव से कोई भी अछूता नही है। बच्चों से लेकर अभिभावक तक सभी तनाव में रहते है। रोगों का एकमात्र कारण मानसिक तनाव ही है। मधुमेह, रक्तचाप, जैसी बीमारियां मानसिक तनाव के कारण ही पनपती है। रोगों से मुक्त दिलाने में क्रिस्टल थेरापी कारगर साबित हो रही है। क्रिस्टल थेरापी को क्रिस्टल हीलिंग भी कहते है। इसमें प्राकृतिक क्रिस्टल का प्रयोग किया जाता है।हर क्रिस्टल की अलग-अलग विशेषता होती है। मनुष्य के शरीर में ऊर्जा क्षेत्र होता है। क्रिस्टल उस ऊर्जा को दूर करने में सक्षम है और मानसिक तनाव से राहत दिलाता है। क्रिस्टल और जेम्स स्टोन पर कई पुस्तकें भी लिखी गयी है। क्रिस्टल थेरापी को लेकर लोगों के नजरिए में दिनोंदिन बदलाव आ रहा है। शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने की जरूरत होती है और इसके लिए क्रिस्टल थेरापी सबसे मुफीद साबित हो रही है। क्रिस्टल थेरापी से कोई साइड एफेक्ट भी नहीं होता और यह पूरी तरह प्राकृतिक है। क्रिस्टल थेरापी से हर सूरत में लाभ ही मिलता है।
क्रिस्टल विशेषज्ञ डा़0 अनूप अग्रवाल का कहना है कि स्टोन यानी पत्थरों से करीब पाँच दर्जन रोगों को ठीक किया जा सकता है। इन पत्थरों का इतिहास बहुत पुराना है। यह पत्थर आपके दिल और दिमाग को मजबूती प्रदान करते है। हमारा शरीर सात चक्रो में बटा हुआ है । प्रत्येक चक्र कोई न कोई भावना लिए होता है। चक्र में गड़बड़ी के कारण ही हम बीमार होते है। क्रिस्टल समग्र चिकित्सा उपचार पर काम करता है। जैसेकि शारीरिक, भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक।
डा0 अग्रवाल बताते है कि शोध से यह बात सामने आयी है कि हर तरह की समस्या के पीछे कोई न कोई मानसिक कारण जरूर होता है। क्रिस्टल थेरापी के माध्यम से उसी कारण का उपचार पत्थरों से किया जाता है। आज हम सब अपनी वस्तुओं के खोने से डरते है जबकि सभी जानते है कि अपना कुछ भी नही है। उस डर को दूर करने के लिए सभी कोई न कोई साधन खोजते फिरते है, फिर वो कोई ज्योतिष हो या कोई डाक्टर। हम सभी फिर उनके हिसाब से चलने लगते है। प्रत्येक व्यक्ति को ऐसा तरीका चाहिए कि सब प्रसन्न हो और सब कुछ अच्छा हो। पर ऐसा नही होता क्योंकि अच्छा और बुरा कुछ नही होता। जो हमारे लिए अच्छा है वो दूसरे के लिए बुरा भी हो सकता है। अगर कोई अच्छे और बुरे की परिभाषा पूछे तो कोई जवाब नही दे सकता क्योकि अच्छा बुरा कुुछ नही होता वो तो सिर्फ हमारी पसंद होती है। अब अगर बुरे को अच्छे में बदलना है तो अपनी सोच बदल दो और देखे कि सब अच्छा हो गया है। पर ऐसा नही होता क्योकि हमारा दिमाग और दिल इन बातों को नही समझता।
हम जब इन पत्थरों का प्रयोग करते है। उससे हमारी सोच में परिवर्तन आ सकता है । आईए देखे कैसे? अगर आपने विक्रमादित्य की कहानी सुनी हो तो याद आ जायेगा कि किस तरह एक लड़का पत्थर पर बैठ कर सारे निर्णय कर लेता था। आज भी लोग पुखराज, नीलम, पन्ना आदि पहनते है जिससे हम किस्मत बनने की बात करते है। वो सब क्या है वो भी तो पत्थर है। एक अध्ययन में 288 किस्म के पत्थरों को खोजा गया और उनमे जो केमिकल थे उनका परीक्षण किया गया। उसके बाद उन सभी का प्रयोग किया गया और जो परिणाम आए उन सभी को जांचा-परखा गया।
अब प्रश्न ये उठता है कि इन पत्थरों से फायदा कैसे होगा? इन पत्थरों के अन्दर रसायन-खनिज होता है। हमारी खाल इन रसायन-खनिज को सोखती है और इन पत्थरों के अन्दर जो रसायन-खनिज होता है वो हमारे शरीर में पहुँच जाता है। सबसे ज्यादा खास बात यह है कि हमारा शरीर उतना ही रसायन-खनिज लेता है जितना उसे चाहिए होता है।
अगर कोई भी दवाई हम मुख से अन्दर लेते है तो उसका सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ता है पर इन पत्थरों से कोई भी नकारात्मक प्रभाव नही होता। कुछ पत्थर हमारे शरीर के साथ असर करते है तो कुछ वायु तथा वातावरण के अनुसार। अब जो पत्थर वायु के साथ असर करते है उन्हें हम घर में प्रयोग करते है जैसे पति पत्नी के बीच में सबंध सुधारने हो, बच्चो को याद नही रहता, बच्चें पढने नही बैठते, व्यापार नही चलता, काम होते होते रुक जाता है, नजर लग गई आदि ।
डा0 अग्रवाल का कहना है कि औरा (आभा) के बारे में सबने सुना है पर उसे कोई दिखा नही सकता। हम आधुनिक तकनीक के माध्यम से हर किसी का औरा दिखाते है और विस्तारपूर्वक विश्लेषण करके प्रत्येक चक्र की जानकारी देते है ।
हमारा शरीर सात चक्रो में बटा हुआ है। प्रत्येक चक्र कोई न कोई भावना लिए होता है। चक्र में गड़बड़ी के कारण ही हम बीमार होते है। जैसे-
1, आदत बुरी हो तो जीने का मजा खराब हो जाता है कारण
आप अपने डर से दूर भागते है और अपने डर का सामना नही कर सकते और आप अपने आप से प्यार नही करते ।
2 कही पर भी दर्द होना कारण
आप बहुत दिन से प्यार की कमी को महसूस करते है तथा किसी के प्यार की तलाश में है ।
3 रोगों का अतिक्रमण जो शरीर को हिला देता है कारण
आप अपनी शक्ति को नही पहचानते और आप किसी से बहुत नफरत करते है। आप को उस आदमी से बहुत ज्यादा चिढ़ होती है।
4 बेचेनी घबराहट और किसी भी काम में उत्सुकता के साथ साथ घबराहट होना कारण
आप को अपनी जिन्दगी पर विश्वास नही है ।जो हो रहा है उस पर आपका विश्वास नही है। जिस तरह से जिन्दगी चल रही है उस से आप संतुष्ट नही है ।
5 जोर्डो का दर्द घुटनों का दर्द, घुटनों की हड्डी घिस जाना कारण
आप को ऐसा लगता है की आप को कोई प्यार नही करता और सब आप से दूर भागते है। आप की उपेक्षा होती है और आप को नजर अंदाज करते है ।
6 कमर के ऊपर, नीचे तथा बीच में दर्द होना
आप अपने आर्थिक स्थिति से बहुत परेशान है। आप धन के बारे में बहुत सोचते है। आप अपनी पुरानी सोच पे अटकते है और आप उन सभी पुरानी बातों को भूल नही सकते जो आप को तंग करती रहेती है ।
यह तो कुछ है। इन पत्थरों से आप काफी फायदे ले सकते है। बस जरूरत है तो इन्हे अपनाने कि ।यह अपने आप में सम्पूर्ण नही है। इसको किसी भी थेरपी के साथ अपना सकते है ताकि परिणाम जल्दी आए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 25 September 2012 by admin
डिजिटल इमेजिंग और प्रिंटिंग समाधान के क्षेत्र में दुनिया भर में अग्रणी तथा दशक का सर्वोच्च प्रोजेक्ट निर्माता एपसन ने लखनऊ में 24 सितम्बर 2012 को अपना एनसोल्यूशंस प्रोग्राम 2012 पेश किया है और इसके साथ ही साझेदारों के साथ यह अपना संबंध मजबूत कर रहा है। एपसन का वार्षिक एनसोल्यूशन पार्टनर एंगेजमेंट प्रोग्राम सिस्टम इंटीग्रेटर्स ध् कॉरपोरेट रीसेलर्स और ऑफिस ऑटोमेशन पार्टनर को लक्ष्य करता है। इसमें बड़ी संख्या में सिस्टम इंटीग्रेटर (एसआई) और एपसन के कुछ प्रमुख कॉरपोरेट ग्राहकों ने भी हिस्सा लिया। एपसन का लक्ष्य देश के 16 प्रमुख शहरों को इस प्रोग्राम से कवर करना है। उसे उम्मीद है कि देश भर में होने वाले इस एनसोल्यूशन आयोजन से 2012 में वह करीब 1500 मौजूदा और भावी पार्टनर्स तक पहुंच सकेगा।
एपसन के इस एनसोल्यूशन प्रोग्राम का लक्ष्य सिस्टम इंटीग्रेटर्स ध् कॉरपोरेट रीसेलर्स और ऑफिस ऑटोमेशन पार्टनर का सशक्तिकरण है और इसका लाभ यह होगा कि इसके ग्राहक एपसन उत्पादों और समाधानों के उपयोग से लाभ पाने की स्थिति में रहेंगे। एपसन भी अपने पार्टनर को नई प्रौद्योगिकीय प्रगति पर प्रशिक्षण देने के इंतजार में है। इसका मकसद यह है उद्योग की मौजूदा प्रवृत्तियों से संबद्ध नई दिलचस्प जानकारियां दी जाए। साझेदारों को बाजार की अपनी जानकारी मजबूत करने में सहायता करने के लिए पूरे दिन के वॉक इन ईवेन्ट में उत्पाद का आकर्षक प्रदर्शन होता है जिसमें एपसन उत्पादों के इस्तेमाल पर रोशनी डाली जाती है। इसके अलावा, एपसन के वरिष्ठ प्रबंधन ने इच्छुक साझेदारों को कंपनी की पृष्ठभूमि और भविष्य की योजना के संबंध में जानकारी दी।
इस मौके पर अपने विचार रखते हुए एपसन इंडिया में डिप्टी जनरल मैनेजर, कंज्यूमर प्रोडक्ट्स श्री एसएम राम प्रसाद ने कहा, “हम जानते हैं कि पार्टनर क्या मूल्य लाते हैं और हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि हमारे ग्राहकों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उन्होंने अपनी सुविज्ञता बढ़ाई है। हमलोग सक्रियता से सिस्टम इंटीग्रेटर समाज को जोड़ते रहे हैं और इस एनसोल्यूशन प्रोग्राम से हमारा लक्ष्य साझेदारों के साथ अपने संबंध को अगले स्तर पर ले जाना है। हम अपने संबंधों को मजबूत करने और इस तरह अपने ग्राहकों के लिए सर्वश्रेष्ठ समाधान डिलीवर करने की उम्मीद करते हैं। हम उम्मीद करते हैं कि आज की पहल साझेदारों को ग्राहकों की आवश्यकता को समझने और उन्हें पूर्ण करने में सहायता करेगी तथा ग्राहकों को वह मूल्य मिलेगा जो एपसन के उत्पाद और समाधान मुहैया कराते हैं। हम अपने साझेदारों की निरंतर सहायता करने की उम्मीद करते हैं और उनकी प्रतिभा तथा कौशलों को निखारने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं जो आखिरकार कंपनी के विकास के लिए आवश्यक होगा।”
कार्यक्रम के दौरान एपसन ने अपने साझेदारों को सूचित किया कि गए साल वह 20 प्रतिशत बढ़ गया है और वित्त वर्ष 2011-12 में उसका कारोबार 604 करोड़ रुपए रहा। इसके अलावा, बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी इंकजेट प्रिंटर और ऑल इन वन में अब 23 प्रतिशत (भारत में नंबर 2), प्रोजेक्टर में 14 प्रतिशत (भारत में नंबर 1), डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में 53 प्रतिशत और प्वाइंट ऑफ सेल ध् बिलिंग प्रिंटर में 52 प्रतिशत (भारत में नंबर 1) है। भारत एक प्राथमिकता वाला बाजार है। इसलिए एपसन शिक्षा, बैंकिंग, वित्त, बीमा उद्योग और फार्मास्यूटिकल क्षेत्र के साथ-साथ एसओएचओ वर्ग में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कशिश में है।
एनसोल्यूशन प्रोग्राम में एपसन ने प्रमुख उत्पाद प्रदर्शित किए जैसे एल सीरिज प्रिंटर, जिसमें दुबारा भरने योग्य वाह्य इंक टैंक हैं और के सीरिज के मोनो इंकजेट प्रिंटर जिसे एपसन मोनो लेजर प्रिंटर से बेहतर कहता है। कंपनी ने नए प्रोजेक्टर मॉडल भी प्रदर्शित किए थे। इनमें 3डी प्रोजेक्टर, एप्पल डॉकिंग प्रोजेक्टर, अल्ट्रा पोर्टेबल प्रोजेक्टर, हाई ल्युमेन्स प्रोजेक्टर शामिल हैं। एपसन जापान से ऐसे उत्पाद तैयार करने लिए फोकस बढ़ रहा है जो भारतीय उपभोक्ता के लिए खासतौर से तैयार किए गए हों। इस आलोक में एपसन ने कहा है कि वह भारतीय बाजार के लिए तैयार किए गए नए उत्पाद पेश करना जारी रखेगा। कंपनी ने कुछ नए वर्ग में प्रवेश करने तथा उत्पाद श्रृंखला का विस्तार करने की भी बात की है। पोर्टेबल लेबल प्रिंटिंग, रोबोटिक्स और फैक्ट्री ऑटोमेशन, वीयरेबल इमेजिंग डिवाइसेज, शॉर्ट रन लेबल प्रिंटिंग और टेक्सटाइल प्रिंटिंग कुछ आकर्षक क्षेत्र हैं जिनमें एपसन कदम रखेगा।
एपसन के बारे में
एपसन इमेजिंग और इनोवेशन के क्षेत्र में दुनिया भर में अग्रणी है और अपनी कौमपैक्ट, बिजली की बचत वाली बेहद सूक्ष्म तकनालॉजी तथा उत्पादों की श्रृंखला के जरिए दुनिया भर के ग्राहकों की दूरदृष्टि से आगे जाने के लिए प्रतिबद्ध है। एपसन के उत्पादों में एंटरप्राइज के लिए प्रिंटर, 3एलसीडी प्रोजेक्टर और सेंसर तथा अन्य माइक्रोडिवाइस हैं। एपसन समूह का नेतृत्व जापान का सीको एपसन कॉरपोरेशन करता है। दुनिया भर में इसकी 97 कंपनियां हैं जिनमें 75,000 कर्मचारी हैं। दुनिया भर के जिन देशों में यह समूह काम करता है वहां के पर्यावरण और समाज को अपने योगदान पर इसे गर्व है।
एपसन इंडिया के बारे में
एपसन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का निगमन वर्ष 2000 में हुआ था। यह देश के सभी प्रमुख शहरों में मौजूद है और एपसन के उत्पाद कंप्यूटर पेरीफेरल के पूरे बाजार की जरूरत पूरी करते हैं और उन उपभोक्ताओं की भी जरूरतें पूरी करते हैं जिनकी खास जरूरतें हैं। एपसन इंडिया का मुख्यालय बंगलौर में है और गुणवत्ता व मूल्य के लिहाज से इसकी अच्छी ख्याति है। कंपनी एपसन डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर, इंकजेट प्रिंटर, इंकजेट ऑल इन वन्स, लेजर प्रिंटर, प्लाइंट ऑफ सेल प्रिंटर्स और सिस्टम्स, स्कैनर और एलसीडी प्रोजेक्टर का विपणन और बिक्री के बाद की सेवा मुहैया कराती है। इन श्रेणियों में से ज्यादातर में एपसन नंबर 1 या नंबर 2 ब्रांड है और तेजी से बढ़ रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 25 September 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित मण्डी परिषद के ‘अपना बाजार’ की तर्ज पर झांसी एवं सैफई में भी अपना बाजार खोलने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। दूसरे चरण में प्रदेश के बड़े शहरों तथा प्रमुख शहरों में भी अपना बाजार खोले जाएंगे। मण्डी परिषद द्वारा कराए जाने वाले 10 करोड़ से ऊपर के निर्माण कार्यों की ई-टेण्डरिंग की जाएगी। मण्डी परिषद द्वारा कृषि विषय में शोध करने वाले प्रदेश के लगभग सवा सौ छात्रों को 6000 रुपए मासिक छात्रवृत्ति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री आज सचिवालय, एनेक्सी में मण्डी परिषद के संचालक मण्डल की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य की किसान मण्डियों की कार्य प्रणाली को इस प्रकार और सहज बनाना चाहिए, ताकि छोटे और मध्यम किसान भी सीधे इनसे लाभान्वित हो सकें। उन्होंने कहा कि किसानों को सरकारी योजनाओं का और अधिक लाभ दिलाने में मण्डी परिषद महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि मण्डी परिषद ऐसे बाजारों को विकसित करे, जिनमें किसान सीधे और आसानी से अपनी कृषि उपज का विक्रय कर सकें और उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर कृषि उपज उपलब्ध हो सके। बैठक में चावल निर्यात नीति को भी मंजूरी दी गई, जिसके तहत निर्यात किए जाने वाले चावल को मण्डी शुल्क से मुक्त रखे जाने का प्रस्ताव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को अपनी उपज सीधे उपभोक्ताओं को बिक्री करने की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से अपना बाजार की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। यहां पर होने वाली फुटकर बिक्री पर मण्डी शुल्क नहीं लगता। इन बाजारों में हैण्डीक्राफ्ट एवं हैण्डलूम के दस्तकारों को भी अपने उत्पाद प्रदर्शित करने एवं उन्हें बेचने के अवसर भी प्रदान किए जाते हैं। साथ ही इनमें लोक कलाकार अपनी कला का भी प्रदर्शन कर सकेंगे। सामुदायिक क्रियाकलापों की भी व्यवस्था होगी। उन्होंने बताया कि लखनऊ के अपना बाजार की तर्ज पर प्रथम चरण में सैफई तथा झांसी में ये बाजार विकसित किए जाएंगे। दूसरे चरण में प्रदेश के बड़े शहरों तथा प्रमुख स्थानों पर अपना बाजार बनाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों में किसानों के ऐसे पुत्र-पुत्रियों, जो कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में शोध कर रहे हैं, उन्हें प्रतिमाह 6000 रुपए छात्रवृत्ति दी जाएगी। एक अनुमान के अनुसार प्रदेश के पांच कृषि विश्वविद्यालयों में लगभग सवा सौ छात्रों को प्रतिवर्ष इस योजना से लाभ मिलेगा और राज्य में कृषि अनुसंधान को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी परिषद द्वारा कराए जाने वाले 10 करोड़ से अधिक की लागत वाले निर्माण कार्यों की ई-टेण्डरिंग सुनिश्चित कराई जाए और ई-टेण्डर/ई-प्रोक्योरमेण्ट प्रणाली के अन्तर्गत समस्त टेण्डर शासन की ई-टेण्डर वेबसाइट पर अपलोड किए जाएं। ताकि पूरी पारदर्शिता से निर्माण कार्य सम्पन्न हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की गुड़/खाण्डसारी इकाइयों के मण्डी शुल्क के मामले में विगत कई वर्षों से प्रशासनिक समस्याएं पैदा हो रही थीं। व्यापारियों को भी शुल्क देने में कठिनाई आ रही थी, इसके दृष्टिगत चीनी वर्ष 01 अक्टूबर, 2012 से 30 सितम्बर, 2013 के लिए एकमुश्त मण्डी शुल्क समाधान योजना लागू की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मण्डी परिषद को अपनी आय को बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए और ऐसी नीतियां तैयार करनी चाहिए, जिनसे प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। किसान से उपभोक्ता सीधे खरीदारी कर सकें, इसकी व्यवस्था मण्डी परिषद को करनी चाहिए।
बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि नोएडा तथा साहिबाबाद में फल सब्जी मण्डी का विस्तार कराया जाएगा तथा गोरखपुर में एक आधुनिक मत्स्य मण्डी भी विकसित की जाएगी। श्रावस्ती के भिन्गा में मण्डी बनाने को मंजूरी के साथ-साथ निर्णय लिया गया है कि लखनऊ में दुबग्गा स्थित नवीन फल एवं सब्जी मण्डी का भी विस्तार किया जाएगा। बैठक में मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री राकेश गर्ग, प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन, मण्डी परिषद के निदेशक राजीव अग्रवाल के अलावा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 September 2012 by admin
आगामी वर्ष इलाहाबाद में होने वाले कुम्भ मेला के लिए भारत सरकार से एक मुश्त केन्द्रीय सहायता के रूप में प्राप्त होने वाली धनराशि को सम्बंधित 22 विभागोंध्संस्थाओं के बीच आवंटित किये जाने हेतु उत्तर प्रदेश सरकार ने 437.79 करोड़ रूपये की परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान करते हुए इसके सापेक्ष 254.64 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त कर दी है।
इस सम्बन्ध में नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री प्रवीर कुमार द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार लोक निर्माण विभाग को 59.05 करोड़ रूपये, सिंचाई विभाग को 4.91 करोड़ रूपये, उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन को 14ण्26 करोड़ रूपये, राज्य सड़क परिवहन निगम को 1ण्95 करोड़ रूपये, दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ (पराग) को 3.60 करोड़ रूपये, सूचना विभाग को 3.00 करोड़ रूपये, आवास विकास परिषद्, इलाहाबाद को 28 लाख रूपये, पर्यटन विभाग को 1.29 करोड़ रूपये, संगम क्षेत्र स्थित मिन्टो पार्क के जीर्णोद्धार हेतु वन विभाग को 1.10 करोड़ रूपये, अलंकृत पौध उत्पादन एवं लान विकास हेतु उद्यान विभाग को 18 लाख रूपये, आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा विभाग को 48 लाख रूपये, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को 34.27 करोड़ रूपये एवं होम्योपैथिक चिकित्सा विभाग को 50 लाख रूपये अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
इसी प्रकार उ.प्र. जल निगम की पेय जल व जल निकासी परियोजना के लिए 53.91 करोड़ रूपये, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई की सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट परियोजना के लिए 4.14 करोड़ रूपये, झूंसी नगर पंचायत के लिए 1ण्30 करोड़ रूपये, इलाहाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा आलोपीबाग में बनाये जा रहे उपरिगामी सेतु के नीचे सौन्दर्यीकरण व सड़क सुधार के लिए 34 लाख रूपये व स्वराज भवन और आनंद भवन के समीप फुटपाथ निर्माण एवं लैंडस्कैपिंग परियोजना के लिए 1.33 करोड़ रूपये, इलाहाबाद नगर निगम के लिए 54.23 करोड़ रूपये, कुम्भ मेला प्रशासन के लिए 12ण्29 करोड़ रूपये, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के लिए 32 लाख रूपये, मंडलायुक्त कार्यालय के लिए 11 लाख रूपये तथा पर्यटन विभाग के इलार्वत पर्यटन आवास गृह व होटल यमुना व्यू (राही त्रिवेणी दर्शन) के उच्चीकरण के लिए क्रमशः 94 लाख व 86 लाख रूपये अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति दी गयी है।
शासनादेश में यह भी कहा गया है कि लोक निर्माण विभाग, सिंचाई विभाग, उ.प्र. पावर कार्पोरेशन एवं आवास विकास परिषद् स्वीकृत धनराशि के अतिरिक्त शेष 70 प्रतिशत धनराशि कि व्यवस्था अपने विभागीय बजट से करेंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 September 2012 by admin
उत्तर प्रदेश में देश की 11 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि है, जबकि देश की उपज का 24 प्रतिशत अन्न देश के भण्डार में देेता है। उत्तर प्रदेश के कृषक मेहनती एवं उन्नतिशील हैं प्रदेश अन्न उत्पादन में आगे है। बढती हुई आबादी के साथ-साथ उत्पादन में और वृद्धि की आवश्यकता है। किसान खेती में आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करें।
प्रदेश के कृषि मंत्री श्री आनन्द सिंह ने किसानों के बीच यह उद्गार आज यहां राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान, रहमान खेड़ा में दो दिवसीय राज्य स्तरीय उन्नत कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि कृषि अब साइंस बन गई है। समय एवं श्रम की बचत के साथ-साथ कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए किसानों को नई तकनीक के उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग करना उनके लिए बहुत हितकर है। प्रदर्शनी में बताया गया कि कृषि यंत्रों में रीपर, राइस प्लण्टर, पावर वीडर, नेपसेक स्प्रेयर, पावर ट्रिलर, रोटावेटर, ट्रैक्टर, सीडकम फर्टीड्रिल आदि कृषि यंत्रों से जुताई, बुआई, कटाई, फसल रक्षा आदि के सभी कार्य सुगमता पूर्वक कम समय एवं कम लागत में अधिक कार्य करते हैं।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान कृषि विभाग को अपना मित्र समझें, विभाग उन्हें गुणवत्तायुक्त बीज, खाद, कृषि रक्षा रसायन एवं कृषि यंत्रों आदि को समय से उपलब्ध करायेगा। उन्होंने कहा कि नये-नये कीड़ों एवं खरपतवार आदि के लिए नई-नई मशीनें उपलब्ध हैं। कृषि विभाग एवं यू0पी0एग्रो के संयुक्त तत्वावधान से कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी एवं सजीव प्रदर्शन के आयोजन में लगभग 50 कृषि यंत्रों, रक्षा रसायन आदि की स्टाल लगाई गई। दिनांक 22 सितम्बर 12 को कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। पंजाब, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक आदि प्रदेशों के कृषि यंत्र निर्माताओं ने कृषि यंत्रों के साथ भाग लिया। यहां प्रत्येक दिन लकी ड्रा के माध्यम से किसानों को इनाम दिये गये। प्रदर्शनी में कृषि मंत्री एवं प्रमुख सचिव कृषि को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। प्रथम पुरस्कार मो0 वसीम को ‘‘ड्रमसीडर’’, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार में पावर स्प्रेयर, 05 कुन्तल की बखारी दी गई। सभी उत्पादकों को सान्त्वना पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र दिये गये।
प्रदर्शनी में प्रमुख सचिव कृषि श्री राजीव कपूर, यू0पी0एग्रो के प्रबन्ध निदेशक श्री प्रभात सिन्हा, निदेशक कृषि श्री एम0डी0सिंह, अपर निदेशक सर्वश्री पी0के0पाण्डेय, एस0सी0पाण्डेय, एम0पी0सिंह, एल0बी0सिंह, एम0पी0पाठक एवं आर0के0सिंह के अतिरिक्त अधिकारी, विभागीय कर्मचारी के साथ भारी संख्या में किसानों ने बड़े जोश के साथ भाग लिया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 September 2012 by admin
प्रदेश के नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री व मुजफ्फरनगर जिले के प्रभारी मंत्री मोहम्मद आजम खाॅं ने आज वहां के जिला पंचायत सभाकक्ष में आयोजित जिला योजना समिति की बैठक की अध्यक्षता के दौरान जिले में तैनात जल निगम के अधिशासी अभियन्ता श्री एस0के0गुप्ता के खिलाफ जनप्रतिनिधियों द्वारा की गयी भ्रष्टाचार एवं अनियमितताओं की शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुए श्री गुप्ता को निलम्बित करने के निर्देश दिये। इसी प्रकार श्री खाॅं ने भूमि विकास एवं जल संसाधन (राम गंगा कमाण्ड एरिया) के अधिशासी अभियन्ता श्री जनार्दन को बैठक में अनुपस्थित पाये जाने पर उन्हें भी निलम्बित किये जाने की संस्तुति की।
बैठक में जिले के लिए 1.20 अरब रुपये की योजना को स्वीकृति प्रदान की गयी। बैठक को सम्बोधित करते हुए जिले के प्रभारी मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे योजनाओं को अन्तिम रूप देने से पहले जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव अवश्य लें तथा अपनी योजनाओं में भी उनकी राय लें। उन्होंने अधिकारियों से बल देकर कहा कि वे अपनी कार्यशैली में सकारात्मक बदलाव लायें तथा अपने कार्यों से जनता का दिल जीतें। उन्होंने चेतावनी दी कि भ्रष्ट अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा और जनता की मेहनत की कमाई को किसी भी दशा में बर्बाद नहीं होने दिया जायेगा।
बैठक में नगर विकास राज्य मंत्री श्री चितरंजन स्वरूप के अलावा मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी श्री सुरेन्द्र सिंह, जिले के विधायकगण तथा अन्य जिलास्तरीय वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
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Posted on 23 September 2012 by admin
भारत सरकार के सेन्ट्रल इंस्टीट्यूट आॅफ इण्डियन लैंग्वेजेज़ और उर्दू टीचिंग एण्ड रिसर्च सेन्टर, सोलन (हिमाचल प्रदेश) तथा ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ के सहयोग से आगामी 25 सितम्बर से 29 सितम्बर तक सीतापुर-हरदोई बाईपास रोड स्थित ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के परिसर में उर्दू शायरी के विश्वकोष की तैयारी के लिए तृतीय पांच दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई है। इसका प्रारम्भिक सत्र आगामी 25 सितम्बर (मंगलवार) को पूर्वाह्न 10.30 बजे से शुरू होगा, जिसका शुभारम्भ ख़्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 अनीस अंसारी करेंगे।
कार्यशाला के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए डा0 अनीस अंसारी ने बताया कि इसमें लखनऊ विचारधारा के शायरों पर विशेष रूप से व्याख्यात्मक टिप्पणी तैयार की जाएगी, जिसके लिए स्थानीय और बाहर के विद्वान, बुद्धिजीवी, प्रोफेसर और शोधकर्ता शामिल होंगे। लगभग 15 विद्वान पांच दिन तक इस काम में व्यस्त रहेंगे। उन्होंने बताया कि उर्दू शायरी के विश्वकोष को तैयार करने के मामले में यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है, जिसके अन्तर्गत विद्वानगण विचार विमर्श के बाद शायरों के बारे में प्रविष्टियों को अन्तिम रूप देंगे। इसमें अमीर ख़ुसरो से लेकर वर्तमान युग के लगभग 600 शायरों को शामिल किया जायेगा।
डा0 अंसारी ने बताया कि इस विश्वकोष में शायरी को छः काल में विभक्त किया गया है- प्रारम्भिक शायरी व प्राचीन शायरी (दक्खिनी), प्राचीन शायरी (दिल्ली), क्लासिकी शायरी (लखनऊ), क्लासिकी शायरी (दिल्ली), आधुनिक शायरी (दिल्ली और लखनऊ) व आधुनिक शायरी (स्वतंत्रता के बाद)। उन्हांेने बताया कि इसमंे शायरों की जीवनी, उनके कारनामे, उनकी शैली और शायरी के नमूने इत्यादि शामिल किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि इस प्रकार की पहली कार्यशाला सोलन में और दूसरी दिल्ली में आयोजित हो चुकी है तथा चैथी कार्यशाला हैदराबाद में होगी। इस प्रकार उर्दू की दिल्ली और लखनऊ विचाराधारा के शायरों के साथ दक्खिनी और दूसरे क्षेत्रों के शायरों से संबंधित उनके क्षेत्रों के विद्वानों के सहयोग से सम्पूर्ण जानकारी उभर कर सामने आयेगी।
श्री अंसारी ने प्रारम्भिक सत्र में इस विषय मंे रूचि रखने वाले सभी व्यक्तियांे को आमंत्रित किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 September 2012 by admin
आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों का रिहाई मंच ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा सपा कार्यकर्ताओं पर से पिछली बसपा सरकार में लगाए गये मुकदमों को हटाने के निर्णय पर सवाल उठाया है। संगठन ने जारी बयान में कहा है कि चुनावी घोषणा पत्र में सपा ने आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को छोडने का वादा किया था लेकिन 6 महीने बीत जाने के बाद भी किसी बेगुनाह को नहीं छोड़ा गया और उल्टे 3 अन्य को आतंकवाद के झूठे आरोप में पकड़ा गया। जबकि सपा कार्यकर्ताओं और विजय मिश्र जैसे हत्या के आरोपी विधायक को छोड़ने का चुनावी वादा न करने के बावजूद उन्हें छोड़ा गया। जिससे सपा का मुसलमानों का हमदर्द होने की पोल खुल गयी है।
रिहाई मंच के नेताओं मुहम्मद शुऐब, राजीव यादव और शाहनवाज आलम ने संगठन के लाटूश रोड स्थित कैम्प कार्यालय में हुई बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि आतंकवाद के नाम पर कैद निर्दोषों को छोड़ने के चुनावी वादे के कारण ही मुसलमानों ने सपा को एकतरफा वोट दे कर पूर्ण बहुमत से सत्ता तक पहंुचाया है लेकिन छह महीने में ही मुसलमान अपने को ठगे महसूस करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के नाम पर निर्दोष मुसलमानों का जेल में रहना और सपा कार्यकताओं पर से गंभीर आपराधिक मुकदमों का हटाया जाना, कचहरी विस्फोट के आरोपियों तारिक और खालिद की फर्जी गिरफ्तारी पर जांच के लिये गठित आरडी निमेष कमीशन की रिर्पोट को सार्वजनिक न करना और कोसी कलां से लेकर अस्थान तक में हुये मुस्लिम विरोधी दंगों में एक भी आरोपी का न पकडा जाना समाजवादी पार्टी के साम्प्रदायिक चरित्र को उजागर करता है।
रिहाई मंच के नेताओं ने संगठन द्वारा पिछले दिनों बाटला हाउस फर्जी मुठभेड की चैथी बरसी पर प्रेस क्लब में ‘कांग्रेस, सपा और खुफिया एजंेसियों की साम्प्रदायिकता’ पर आयोजित सम्मेलन में पुलिस और खुफिया एजंेसियों की भारी तैनाती पर सवाल उठाते हुये कहा कि सपा वोट के लिये तो संजरपुर जा कर बाटला हाउस कांड को फर्जी एन्काउंटर कहती है लेकिन जब पूरे सूबे से आतंकवाद के आरोप में बंद निर्दोंषों के परिजन अपना दर्द बयां करने आते हैं तो सपा सरकार उन्हें पुलिस और खुफिया एजेंसियों से आतंकित करने की कोशिश करती है।
बैठक में सपा सरकार द्वारा बेगुनाह मुस्लिम नौजवानोें को छोडने का वादा पूरा न करने और सरकार की साम्प्रदायिक नीतियों के खिलाफ लगातार जन जागरण अभियान चलाने का निर्णय लिया गया। बैठक में गुफरान सिद्दीकी, योगेंद्र यादव, शाहनवाज खान इत्यादि उपस्थि थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 23 September 2012 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने खुदरा व्यापार में एफ0डी0आई0, डीजल की मूल्यवृद्धि के मुद्दे पर सपा के विरोध को मात्र दिखावा बताया। प्रदेश प्रवक्ता विधान परिषद सदस्य हृदयनारायण दीक्षित ने आज रविवार को सम्वाददाताओं से वार्ता करते हुए कहा कि सपा बसपा खुलकर देश को तबाह करने वाली संप्रग के साथ हैं। यू0पी0 में विरोध दिल्ली में कांग्रेस का साथ देने की सपा-बसपा की पुरानी नीति है। भाजपा आम जनता के साथ खड़ी है। केन्द्र की जनविरोधी नीतियों का प्रामाणिक और वास्तविक विरोध सिर्फ भाजपा ही कर रही है। सपा, बसपा और कांग्रेस अब एक साथ है। सपा कांग्रेस के प्रकोष्ठ की तरह ही यू0पी0 में काम कर रही है और बसपा कांग्रेस की बी-टीम बन गयी है।
श्री दीक्षित ने कहा कि सपा ने खुदरा व्यापार में प्रत्यक्षी विदेशी घुसपैठ का दिखावटी विरोध किया। डीजल की मूल्यवृद्धि के विरोध में प्रदर्शन का स्वांग भी किया। भारत बंद में सपा भी शामिल थी। तृणमूल कांग्रेस ने इन्हीं मुद्दों पर सरकार से समर्थन वापसी की तो सपा-बसपा दोनो में संप्रग को बचाने के लिए समर्थन देने की होड़ लग गयी। सपा केन्द्र की नीतियों का विरोध कर रही है, लेकिन यही नीतियां लागू करने की आरोपी संप्रग सरकार का समर्थन कर रही है। जनता सपा-बसपा से सारे सवालों का जवाब चाहती है।
प्रवक्ता ने सवाल किया कि यू0पी0 के मुख्यमंत्री आर्थिक बदहाली के लिये अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री को जिम्मेदार मानते हैं तो संप्रग का समर्थन क्यों कर रहे हैं?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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