Posted on 21 July 2012 by admin
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदेव ंिसंह ने आज किसानों को उनके गन्ना मूल्य का भुगतान न किये जाने से जनता में व्याप्त असंतोष को लेकर गहरी चिन्ता व्यक्त की है। उन्होेंने बताया कि किसानो को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही है और जो मिलती भी है वह कालाबाजारी में जिससे किसान बिचैलिये से औने पौने दामों में लेेने को मजबूर है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि सीतापुर, तथा पश्चिम उ0प्र0 के जे0पी0 नगर, मेरठ के साथ अन्य कई शहरों में बिजली की भारी किल्लत से जनता अत्यन्त परेशान है जिससे कई जिलों में आन्दोलन एवं हिंसक घटनाएं हो रही हैं और जनता धरना प्रदर्शन करने को बाध्य है तथा पुलिस द्वारा उन बर्बरतापूर्वक लाठी चार्ज किया जा रहा है।
श्री सिंह ने बताया कि कानून एवं शान्ति व्यवस्था दिन प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है परन्तु सरकार मूक बनी हुयी है। इस पर गहरी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये उन्होेंने बताया कि अगर जल्द ही किसानों को उनको गन्ने का उचित मूल्य, खाद की कालाबाजारी से किसानों को निजात, बिजली की भारी किल्लत से छुटकारा दिलाने एवं राज्य में शान्ति एवं कानून व्यवस्था में सुधार न किया गया तो किसान अब अपना शोषण बर्दाश्त नहीं करेगा और राष्ट्रीय लोकदल सरकार के खिलाफ प्रदेशव्यापी आन्दोलन करने को बाध्य होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 July 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि नेपाल से भारत के पुराने सम्बन्ध हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश से नेपाल के भावनात्मक एवं सामाजिक रिश्ते हैं। उन्होंने इन रिश्तों को और मजबूत करने पर बल देते हुए कहा कि नेपाल सीमा से लगे राज्य के सभी जनपदों में विकास कार्य तेज किये जायेंगे, ताकि दोनों तरफ के लोग आर्थिक तरक्की कर सकें। उन्होंने महाराजगंज से ढूढ़ीबाड़ी-गोरखपुर सड़क निर्माण तथा नेपाल से राज्य के लिये हर्बल निर्यात में आ रही कठिनाईयों के समाधान के निर्देश दिये। उन्होंने नेपाल सीमा तक प्रस्तावित सड़कों का निर्माण होने तक वर्तमान सड़कों को मरम्मत कराने के निर्देश दिये, ताकि आवागमन में समस्या न हो। मुख्यमंत्री आज यहां शास्त्री भवन स्थित अपने सभाकक्ष में फेडरेशन आफ नेपालीज चैम्बर्स आफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री (एफ0एन0सी0सी0आई0) के प्रतिनिधि मण्डल से मुलाकात के बाद अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री कोईराला एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के सम्बन्धों की चर्चा करते हुए कहा कि नेपाल के प्रतिनिधि मण्डल ने जिन समस्याओं का जिक्र किया है, उनमें से राज्य सरकार से सम्बन्धित मसलों का शीघ्र समाधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन, नदियों की बाढ़, विद्युत, कस्टम आदि से सम्बन्धित समस्याओं के समाधान के लिये केन्द्र सरकार को पत्र लिखा जायेगा। श्री यादव ने कहा कि नेपाल सीमा से लगे प्रदेश के सभी जनपदों को जोड़ते हुए एक विश्व स्तरीय सड़क का निर्माण किया जायेगा। इसके अलावा नेपाल सीमा से लगे जनपदों के लिये जो राष्ट्रीय एवं राज्य के मार्ग प्रस्तावित हैं, उन्हें भी शीघ्र पूरा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनपद मुख्यालयों को चार लेन की सड़कों से जोड़ने का कार्य शुरू कर रही है। इसका लाभ भी नेपाल से लगे जनपदों के साथ-साथ नेपाल को भी मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में काफी संभावनायें हैं, जिसको दृष्टिगत रखते हुए उनकी सरकार ने कुशीनगर में अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पी0पी0पी0 व्यवस्था के तहत बनाने का कार्य तेजी से आगे बढ़ाया है। इस परियोजना से सम्बन्धित लगभग सभी औपचारिकतायें पूरी हो चुकी हैं। इस एयरपोर्ट के बन जाने से दोनों देशों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और इस क्षेत्र की आर्थिक तरक्की होगी। उन्होंने कहा कि नेपाल से सटे जनपदों की कानून व्यवस्था एवं अन्य समस्याओं के समाधान के लिये इन जनपदों के जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक को नेपाल के समकक्ष जनपद स्तरीय अधिकारियों के साथ नियमित बैठक के निर्देश दिये जायेंगे। श्री यादव ने कहा कि नेपाल की नदियों से अचानक पानी छोड़े जाने के कारण सर्वाधिक नुकसान उत्तर प्रदेश को उठाना पड़ता है। इस सम्बन्ध में भारत सरकार से विचार-विमर्श कर भूटान की तरह विद्युत उत्पादन परियोजनाओं के लिये पहल करने का अनुरोध किया जायेगा। नेपाली प्रतिनिधि मण्डल द्वारा राज्य सरकार से नेपाल की अतिरिक्त विद्युत खरीदने के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की विद्युत पारेषण क्षमता तीस हजार मेगावाट तक करने के लिये लगभग 10 हजार करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे। बैठक में पंचायती राज मंत्री बलराम यादव, प्रोटोकाल राज्य मंत्री अभिषेक मिश्रा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अनिल कुमार गुप्ता, प्रमुख सचिव आई0टी0 जीवेश नंदन, सी0ई0ओ0 यूपीडा मुकुल सिंघल, सचिव मुख्यमंत्री आलोक कुमार, एफ0एन0सी0सी0आई0 की उपाध्यक्ष श्रीमती भवानी राना तथा नेपाल में भारतीय दूतावास की प्रथम अधिकारी श्रीमती अंजू रंजन एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 July 2012 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि पूरे पांच साल तक बसपा सरकार ने प्रदेश में भ्रष्टाचार का खुलेआम तांडव किया। लोकतंत्र की सभी मर्यादाएं ध्वस्त कर दीं। विकास के सभी कार्य ठप्प रहे और अनुत्पादक मदों पर बजट की धनराशि लुटा दी गई। जनता के नागरिक अधिकार और स्वतंत्रता छीन ली गई। दुनिया में ऐसी मुख्यमंत्री का इतिहास नहीं मिलेगा जिसने अपने जीते जी अपनी मूर्तियां लगवाई हों। जनता ने उनको इन काले कारनामों पर सबक सिखाया और सत्ता सिंहासन से उतार दिया।
यदि बसपा नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री में जरा भी सौजन्य होता तो वे जनादेश को मानते लेकिन उनको जनता के निर्णय पर भरोसा नहीं। उनमें तो लोकतंत्र की जरा भी भावना नहीं है। वे अधिनायकशाही की बोली बोलते रहे हैं और वैसा ही आचरण भी करते रहे हैं। उन्हें प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार फूटी आंखों नहीं सुहाती है। विपक्ष का काम सरकार को सकारात्मक सहयोग देना होता है लेकिन बसपा नकारात्मक रवैया अपनाए हुए है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शपथ ग्रहण के साथ ही प्रदेश में लोकतंत्र की बहाली की और कानून का राज मजबूत बनाने में जुट गए यह बसपा नेतृत्व को नागवार गुजरता है। बसपा राज में माफिया, नेता और नौकरशाही की तिकड़ी ने सभी संवैधानिक व्यवस्थाएं तथा संस्थाएं नष्ट कर दी थीं और जनता की गाढ़ी कमाई पार्को, स्मारको पर लुटा दी थी। हत्या, बलात्कार, लूट और अपहरण में आज भी आधा दर्जन बसपा विधायक जेल में बंद है। पांच साल में न तो प्रदेश में विकास का कोई काम हुआ नहीं एक मेगावाट बिजली पैदा हुई। उधार की बिजली से 25,000 करोड़ रूपए का कर्ज अवश्य लद गया। सरकारी खजाना खाली कर बंदरबांट कर लिया गया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पूर्णतया लोकतंत्री व्यवस्था के हामी रहे हैं। इसलिए जहाॅ किसी निर्णय से असहमति दिखी उन्होने तत्काल उसे वापस लेने का बड़प्पन दिखाया है। लगता है लोकतंत्री प्रक्रिया के प्रति उसके आलोचकों में कोई सम्मान नहीं है। जो बसपाई सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर भी पार्को, स्मारकों में निर्माण कार्य करते रहे हैं उनसे किसी विवेक और समझ की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 July 2012 by admin
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सेतु एवं पहंुच मार्गों के कार्यों को सुचारू रूप से सम्पादित कराये जाने के उद्देश्य से वर्तमान में कार्यरत आठ ब्रिज एण्ड रोड खण्डों को सामान्य खण्ड़ों की भांति पुनस्र्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
निर्माण-खण्ड (ब्रिज एण्ड रोड) आगरा को पुनस्र्थापित करके निर्माण -खण्ड-2 आगरा कर दिया गया है। इसी प्रकार निर्माण-खण्ड (ब्रिज एण्ड रोड) इलाहाबाद अब निर्माण-खण्ड-3 इलाहाबाद, निर्माण खण्ड (ब्रिज एण्ड रोड) बरेली, निर्माण-खण्ड-1 बरेली, निर्माण -खण्ड (ब्रिड एण्ड रोड) गोरखपुर, निर्माण-खण्ड-3 गोरखपुर, निर्माण-खण्ड (ब्रिज एण्ड रोड) झांसी, निर्माण-खण्ड-3 झांसी, निर्माण खण्ड (ब्रिज एण्ड रोड) कानपुर, निर्माण-खण्ड-1 कानपुर, निर्माण खण्ड (ब्रिज एण्ड रोड) मेरठ, निर्माण-खण्ड-1 मेरठ तथा निर्माण खण्ड (ब्रिज एण्ड रोड) फैजाबाद को निर्माण खण्ड-1 फैजाबाद के रूप में पुनस्र्थापित किया गया है।
पुनस्र्थापित निर्माण खण्डों के नियंत्रक अधिकारी सम्बन्धित वृत्त के अधीक्षण अभियन्ता लोक निर्माण विभाग एवं क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ता लोक निर्माण विभाग होंगे।
इसके अतिरिक्त लघु सेतुओं एवं पहंुच मार्गों एवं दीर्घ सेतुओं के पहंुच मार्गों का निर्माण कार्य पूर्व की भांति लोक निर्माण विभाग के सामान्य खण्ड, जिसके अन्तर्गत यह कार्य आता है, उसी के द्वारा सम्पादित किया जायेगा एवं लोक निर्माण विभाग के सम्बन्धित क्षेत्र के अधीक्षण अभियन्ता व मुख्य अभियन्ता को उनका नियंत्रक अधिकारी नामित किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 July 2012 by admin
उत्तर प्रदेष के किसानों को उनके कृषि उत्पादों का अधिकतम विक्रय मूल्य दिलाने के उद्देष्य से मण्डी परिषद द्वारा सरल एवं नवीन फोन नम्बर 12633 पर उत्पादों का मण्डी भाव जानने की सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।
मण्डी परिषद से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों को मण्डी भाव जानने की सुविधा बी0 एस0 एन0 एल0 द्वारा आॅन लाइन तथा मोबाइल के माध्यम से दी जा रही है, इससे उन्हें इस बात की स्वतंत्रता होगी कि जहाॅं भी उन्हें अपने उत्पाद का अधिकतम मूल्य प्राप्त हो वहाॅं पर जाकर वे उसे बेंच सकते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 July 2012 by admin
समाज कल्याण, अनुसूचित जाति/ जनजाति कल्याण एवं सैनिक कल्याण राज्य मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह वर्मा ने भूतपूर्व सैनिकों की समस्याओं को गम्भीरता से लेते हुए कहा है कि शासन स्तर से उनकी सभी समस्याओं का निराकरण अतिषीघ्र किया जायेगा। उन्होंने जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों को निर्देंष दिये कि जिला योजनाओं की बैठक में शामिल होकर अपनी परेषानियों को जिलाधिकारी और जनप्रतिनिधियों को अवगत करायें। श्री वर्मा ने कहा कि श्ूतपूर्व सैनिकों/उनकी विधवाओं को जो भी समस्यायें आयेगी उनके निराकरण और कल्याण के लिए हर संभव कदम उठाये जायेंगे। उन्होंने जिला कल्याण अधिकारियों को निर्देंष दिये कि सैनिकों/उनकी विधवाओं के पास यदि फोन है तो वे उनका नम्बर अपने कार्यालय में अवष्य नोट कर लें, जिससे कि आवष्यकता पड़ने पर तत्काल उनकी मदद की जा सकें। श्री वर्मा ने कहा कि जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों को कम से कम 2 वर्ष का सेवा विस्तार देने के लिए जल्दी ही शासन स्तर पर निर्णय लिया जायेगा।
श्री नरेन्द्र सिंह वर्मा आज सैनिक कल्याण विभाग के कार्यों की पहली समीक्षा बैठक कैसरबाग स्थित सैनिक कल्याण निदेषालय में कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेष में देष के ज्यादा भूतपूर्व सैनिक रहते है, जिनमें से कुछ बाहर से भी आकर बस गये है। श्री वर्मा ने जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों को निर्देंष दिये कि भूतपूर्व सैनिकों की, सोलर लाइट्स, नल, बिजली, हैण्डपम्प जैसी मूलभूत आवष्यकता को वहां के क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों से मिलकर पूरा करवायें।
प्रमुख सचिव श्री सदाकान्त ने बैठक में कहा कि अगली समीक्षा बैठक में भूतपूर्व सैनिकों/उनकी विधवाओं की समस्याओं को ज्यादा से ज्यादा लायें ताकि उनका तेजी से निराकरण किया जा सके। उन्होनंे सैनिक कल्याण विभाग में खाली पदों को गम्भीरता से लेते हुए सैनिक कल्याण निदेषक को इन्हें आगामी अगस्त तक हर हाल में भरने के निर्देंष दिये। उन्होंने कहा कि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी/सहायक सैनिक कल्याण अधिकारी के खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शीघ्र अति शीघ्र शुरू कर दी जाये। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में सैनिक कल्याण कार्यालय नहीं है वहां नये कार्यालय खोलने के लिए शासन स्तर से जल्द निर्णय लिया जायेगा। प्रमुख सचिव ने जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों को निर्देंष दिया कि प्रत्येक महीने में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में सैनिक बन्धु कमेटी की बैठक अवष्य बुलाये तथा जिस विभाग की समस्या हो उसके अधिकारी को बैठक में उपस्थित रहने के लिए कहें, जिससे संबंधित अधिकारी से समस्या का निराकरण करवा सकें।
इससे पूर्व सैनिक कल्याण निदेषक ने राज्य मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह वर्मा तथा प्रमुख सचिव श्री सदाकान्त का स्वागत किया तथा जिला सैनिक कल्याण अधिकारियों का परिचय भी कराया। बैठक में सैनिक कल्याण निदेषक, विषेष सचिव, अतिरिक्त निदेषक के साथ ही सभी जिलों के जिला सैनिक कल्याण अधिकारी भी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 July 2012 by admin
उत्तर प्रदेष में किसानों को उर्वरकों की कोई कमी का सामना न करना पड़े इसके लिए सरकार द्वारा वर्ष 2012-13 में कुल 85.6 लाख टन उर्वरकों के वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जो गत वर्ष के उर्वरक वितरण की तुलना में 7.84 लाख टन अधिक है।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेष में फास्फेटिक उर्वरकों के साथ-साथ यूरिया की अत्याधिक मांग को देखते हुए इस वर्ष प्रथम बार फास्फेटिक उर्वरकों के 8 लाख टन के साथ-साथ 3 लाख टन यूरिया की प्रीपोजीषनिंग की गई है, इससे सहकारी समितियों पर इसे स्टाॅक करने से फास्फेटिक उर्वरकों की भरपूर उपलब्धा सुनिष्चित हो सकेगी।
किसानों के लिए फास्फेटिक उर्वरकों में पुराने मूल्य वाला लगभग 8 लाख टन फास्फेटिक उर्वरक पहले से ही उपलब्ध है जो पूरे खरीफ की जरूरत के लिए पर्याप्त है। फास्फेटिक उर्वरकों की पैकिंग पर उनके मूल्य भी छपे हैं। इस संबंध में निर्देंष दिये गये हैं कि किसी भी दषा में फास्फेटिक उर्वरक छपे हुए मूल्यों से अधिक मूल्य पर न बेंची जाये।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 July 2012 by admin
उच्च गुणवत्ता युक्त पौध तैयार करने के लिए चयनित बीजों की आपूर्ति हेतु वन अनुसंधान का कार्य वन संरक्षक (अनुसंधान) कानपुर के अधीन तीन वर्धानिक साल क्षेत्र (बरेली) दक्षिण क्षेत्र (कानपुर) एवं विन्ध्य क्षेत्र (रामनगर वाराणसी) के माध्यम से सम्पादित किया जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में वन संबंधी शोध कार्य हेतु 48.50 लाख की धनराषि के व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई है।
वन विभाग की सूचना के अनुसार विभागीय वृक्षारोपण एवं अन्य एजेन्सियों अथवा निजी भूमि पर कृषकों द्वारा किये जाने वाले वृक्षारोपण की उत्पादकता में वृद्धि के लिए आवष्यक है कि उच्च गुणवत्ता का बीज उपयोग किया जाये। इसी को ध्यान में रखते हुए वन संबंधी शोध कार्य पर विषेष ध्यान दिया जा रहा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 July 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक रंजन ने राज्य के भूजल स्रोत एवं लघु सिंचाई विभाग से राज्य के धरती के भीतर पानी की अत्यन्त कमी वाले 108 विकास खण्डों में पुनः जल की प्रचुरता लाने के लिए वैज्ञानिकों-इंजीनियरों को एक साथ बैठाकर तीन माह में राज्य के लिए कार्य योजना बनाने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि अलग-अलग बैठकर सरफेस वाटर (भूमि पर उपलब्ध जल) के लिए बैठकर परियोजनाएं बनाने वाले इंजीनियर और सतह के नीचे धरती की गहराई में उपस्थित जल के बारे में ठोस जानकारी रखने वाले वैज्ञानिकों को एक साथ बैठकर कार्य करने की जरूरत है तभी राज्य को पानी की अत्यन्त कमी के आसन्न खतरे से बचाया जा सकेगा।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने यह बात आज यहाॅ भूजल सप्ताह के अन्तर्गत उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के प्रेक्षागृह में आयोजित ’’108 अतिदोहित एवं क्रिटिकल विकास खण्डों में भूजल संवर्धन हेतु कार्यशाला’’ में मुख्य अतिथि के रूप में कहीे। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने जिस तरह से 2020 में उत्तर भारत खास कर उत्तर प्रदेश के संदर्भ में अतिदोहन के कारण भूजल स्तर के अत्यन्त गिरने की चेतावनी दे रखी है, उसे देखते हुए भूमिगत जल संरक्षण और उसके संवर्धन के लिए वर्षा जल संचयन तथा भूमि जल संवर्धन की योजनाओं पर विशेष कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादन आयुक्त के रूप में उत्तर प्रदेश पर मंडरा रहे इस खतरे के बारे में केन्द्र सरकार को भी सचेत किया है और योजना विभाग की बैठक में इस मुद्दे को उठाया है जिसके परिणाम स्वरूप योजना विभाग इस विषय पर कार्यक्रम और नीति निर्देश तैयार करेगा। उन्होंने कहा कि वाटरशेड़ योजना, स्वायल कन्जर्वेशन स्कीम और सिंचाई की ट्रिपल आर स्कीमों में तालमेल कर अभी से इसके लिए धन की व्यवस्था करते हुए परियोजनाओं को मूर्तरूप दिया जा सकता है।
श्री आलोक रंजन ने भूगर्भ जल विभाग को निर्देश दिया है कि वह इस विषय में एक अच्छी शुरूआत करते हुए वैज्ञानिकों एवं इंजीनियरों की एक राज्य स्तरीय टास्क फोर्स का गठन करें जिसमें इंजीनियर और विशेषज्ञ वैज्ञानिक शामिल हों जो चिन्हित जिलों में भ्रमण कर जिलाधिकारियों और मुख्य विकास अधिकारियों से तालमेल बनाकर भूगर्भ जल संवर्धन और संरक्षण के लिए राज्य को उत्प्रेरित कर सके।
इसके पूर्व राजस्थान के जल पुरूष श्री राजेन्द्र सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश को सबसे पहले अपने जियोहाईड्रोलाॅजी वैज्ञानिक और सिंचाई अभियन्ताओं को इस कार्य में कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करने की व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए तथा कुछ इस तरह की नीति बनाई जानी चाहिए कि सतह पर जितने भी स्ट्रक्चर निर्मित हों उन्हें सतह के अन्दर मौजूद एक्वाफर (जलीय शिराओं) के क्षैतिज अथवा ऊध्र्वाधार अवस्थिति का ध्यान में रखते हुए बनाये जांय। उन्होंने कहा कि भूमि सतह पर मौजूद धाराओं से जुड़ी भूमिगत जलीय शिराओं का पूरा मैप होना चाहिए। श्री सिंह ने जोर दे कर कहा कि सरकार के भूमि जल संवर्धन के प्रयास तभी सफल होंगे जब पंचायतों और स्कूलों को इनसे जुड़े कार्यक्रमों के साथ जोड़ा जायेगा। उन्होंने कहा कि पंचायत से पंचायत और स्कूल से स्कूल के बीच शिक्षण/चेतना रैलियों का आयोजन जिलाधिकारियों को सुनिश्चित करना चाहिए जिससे जनता में खास कर किसानों और भूमि जल का दोहन करने वालों में भूमि जल की कमी और उसके महत्व की जानकारी हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को सबसे पहले एक नदी नीति बनानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश भाग्यशाली है कि जन संख्या की बहुलता के साथ यहाॅ जल स्रोतों की भी बहुलता है। उन्होंने कार्यशाला में एक पे्रजेन्टेशन देकर जिलाधिकारियों, मुख्य विकास अधिकारियों, इंजीनियरों को राजस्थान में सूखे जल स्रोतों और सात सूखी नदियों के फिर से हरे भरे होने तथा जल प्रवाहित होने, बंजर जमीन के उपजाऊ बन जाने के प्रयासों की जानकारी दी।
इसके पूर्व सी0जी0डब्ल्यू0बी0 के पूर्व चेयरमैन डा0 डी0के0चड्ढा ने ’’नीड फाॅर ए पर्सपेक्टिव प्लान आॅफ ग्राउन्ड वाटर कन्जर्वेशन इन यू0पी0’’ विषय पर बोलते हुए सुझाव दिया कि भारत में वर्षा जल की मार्केटिंग का प्रबन्ध होना चाहिए। जिन राज्यों में वर्षा जल ज्यादा है उन्हें इसका संचयन कर कम वर्षा वाले राज्यों को बिक्री करने की तरफ सोचने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कुछ देशों में इस तरह का प्रयोग किया जा रहा है जिसके अच्छे परिणाम हो रहे है। इसके पूर्व आई0आई0टी0 कानपुर के प्रो0 राजीव सिन्हा ने ’’अक्वाफर मैपिंग फाॅर अन्डरस्टैण्डिंग स्ट्रक्चर एण्ड डायनामिक्स आॅफ ग्राउन्ड वाटर सिस्टमः ए प्री-रिक्वीजिट फाॅर सस्टेनेबुल ग्राउन्ड वाटर मैनेजमेन्ट’’ विषय पर अपने विचार रखे।
बैठक में प्रमुख सचिव लघु सिंचाई श्री संजीव दुबे सहित 36 जनपदों के जिलाधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी और जल स्रोतों से सम्बन्धित अभियन्ता और प्रशासक उपस्थित थे।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने आज सुबह 11ः00 बजे कार्यशाला का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 21 July 2012 by admin
सफाई कर्मचारियों का तीन माह में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य रूप से कराया जाय तथा शिक्षित सफाई कर्मियों को योग्यता के अनुसार पदोन्नति भी दी जाये।
उक्त निर्देश राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के सदस्य श्यौराज जीवन ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों को सीवर सफाई के समय मास्क उपलब्ध कराने तथा प्रत्येक तीन माह के अन्तराल पर स्वास्थ्य परीक्षण हेतु स्वास्थ्य कैम्प लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जो सफाई कर्मचारी नियमित रूप से कार्य कर रहे है उन्हें नियमानुसार स्थाई करने की कार्यवाही की जाय। ऐसे सफाई कर्मचारी जिनके मकानों की स्थिति दयनीय है, आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है ऐसे मकानों का सर्वे कराने के निर्देश दिये।
मा0 सदस्य ने बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों के सम्बन्ध में जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि ऐसे लापरवाह अधिकारियों का स्पष्टीकरण किया जाय ताकि भविष्य में सुधारा जा सके।
मा0 सदस्य ने कहा कि सिर पर मैला ढोने की प्रथा को पूर्ण रूप से समाप्त होना चाहिए क्योंकि यह कुप्रथा समाज के नाम पर कलंक है। उन्होंने सफाई कर्मियों को सरकारी योजनाओं का लाभ जैसे अनुसूचित जाति/जनजाति वित्त विकास निगम द्वारा लघु उद्योगों के लिए 25 से 50 हजार तक का ऋण उपलब्ध कराने, विधवा, वृद्धावस्था पेंशन सहित अन्य योजनाओं के द्वारा लाभान्वित करने के लिए नगर निगम परिसर में ही संयुक्त कैम्प लगाने के निर्देश दिये, ताकि एक ही स्थान पर समस्याओं का निस्तारण हो सके।
नगर आयुक्त डी0के0सिंह ने अतगत कराया कि सफाई कर्मचारियों के क्षेत्र में दो नये सामुदायिक केन्द्र नुनिहाई तथा लोहामण्डी में तैयार किये गये है तथा शहर में अन्य पार्को की व्यवस्था सुधारने का कार्य किया जा रहा है।
बैठक में जिलाधिकारी अजय चैहान , वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0सी0 वाजपेयी, अपर जिलाधिकारी (नगर) अरूण प्रकाश, अपर नगर आयुक्त के0 पी0 त्रिपाठी, पर्यावरण अभियन्ता राठी, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 मंजू शर्मा, जिला पंचायत राज अधिकारी टी0सी0 पाण्डे सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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