समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि पूरे पांच साल तक बसपा सरकार ने प्रदेश में भ्रष्टाचार का खुलेआम तांडव किया। लोकतंत्र की सभी मर्यादाएं ध्वस्त कर दीं। विकास के सभी कार्य ठप्प रहे और अनुत्पादक मदों पर बजट की धनराशि लुटा दी गई। जनता के नागरिक अधिकार और स्वतंत्रता छीन ली गई। दुनिया में ऐसी मुख्यमंत्री का इतिहास नहीं मिलेगा जिसने अपने जीते जी अपनी मूर्तियां लगवाई हों। जनता ने उनको इन काले कारनामों पर सबक सिखाया और सत्ता सिंहासन से उतार दिया।
यदि बसपा नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री में जरा भी सौजन्य होता तो वे जनादेश को मानते लेकिन उनको जनता के निर्णय पर भरोसा नहीं। उनमें तो लोकतंत्र की जरा भी भावना नहीं है। वे अधिनायकशाही की बोली बोलते रहे हैं और वैसा ही आचरण भी करते रहे हैं। उन्हें प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार फूटी आंखों नहीं सुहाती है। विपक्ष का काम सरकार को सकारात्मक सहयोग देना होता है लेकिन बसपा नकारात्मक रवैया अपनाए हुए है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शपथ ग्रहण के साथ ही प्रदेश में लोकतंत्र की बहाली की और कानून का राज मजबूत बनाने में जुट गए यह बसपा नेतृत्व को नागवार गुजरता है। बसपा राज में माफिया, नेता और नौकरशाही की तिकड़ी ने सभी संवैधानिक व्यवस्थाएं तथा संस्थाएं नष्ट कर दी थीं और जनता की गाढ़ी कमाई पार्को, स्मारको पर लुटा दी थी। हत्या, बलात्कार, लूट और अपहरण में आज भी आधा दर्जन बसपा विधायक जेल में बंद है। पांच साल में न तो प्रदेश में विकास का कोई काम हुआ नहीं एक मेगावाट बिजली पैदा हुई। उधार की बिजली से 25,000 करोड़ रूपए का कर्ज अवश्य लद गया। सरकारी खजाना खाली कर बंदरबांट कर लिया गया।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पूर्णतया लोकतंत्री व्यवस्था के हामी रहे हैं। इसलिए जहाॅ किसी निर्णय से असहमति दिखी उन्होने तत्काल उसे वापस लेने का बड़प्पन दिखाया है। लगता है लोकतंत्री प्रक्रिया के प्रति उसके आलोचकों में कोई सम्मान नहीं है। जो बसपाई सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र देकर भी पार्को, स्मारकों में निर्माण कार्य करते रहे हैं उनसे किसी विवेक और समझ की उम्मीद कैसे की जा सकती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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