Posted on 27 July 2012 by admin
भारत सरकार के आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन के सचिव अरुण कुमार मिश्र ने कहा कि भारत सरकार द्वारा शहरों में रहने वाले गरीबों खासकर गंदी बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं, ताकि इन लोगों को मूल भूत सुविधाएं व आवास उपलब्ध कराए जा सकें। उन्होंने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि शहरी रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग द्वारा इन योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाये जिससे कि गरीब लोगों के जीवन स्तर में आवश्यक सुधार लाया जा सके।
श्री मिश्र आज यहाँ गोमतीनगर स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आवास एवं शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालय, भारत सरकार एवं नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम विभाग, उ0प्र0 के संयुक्त तत्वावधान में एक राज्यस्तरीय कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन करने के पश्चात कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा गरीब लोग उत्तर प्रदेश के शहरों मंे रहते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि उनके कल्याण के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रत्यक्ष रूप से उन तक पहुंचाया जाये। उन्हांेने कहा कि जे0एन0एन0यू0आर0एम0 के तहत 04 हजार करोड़ रुपये की योजनाएं उत्तर प्रदेश में चलाई जा रही हैं लेकिन इनकी भौतिक प्रगति बहुत अधिक संतोषजनक नहीं है। अधिकांश कार्य अभी पूरे नहीं हुए हैं। उन्होंने बल देकर कहा कि एक प्रभावी कार्य योजना बनाकर इन सभी कार्यों को समय पर पूरा किया जाये।
श्री मिश्र ने राजीव आवास योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के तहत किये जाने वाले कार्यों को सुनियोजित ढंग से किया जाये ताकि इस योजना का सभी शहरों को गंदी बस्ती मुक्त बनाने का उद्देश्य हासिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत शहरों की गंदी बस्तियों का सर्वे किया जाये और इस सर्वे के आधार पर इस योजना के क्रियान्वयन की रूप रेखा बनाकर उसी के अनुरूप कार्य किया जाये। इस योजना का लाभ लक्षित समुदाय तक पहंुचाने के लिए जरूरी है कि उस समुदाय के लोगों से विचार-विमर्श कर उनकी सहमति से कार्यों का सम्पादन किया जाये।
श्री मिश्र ने स्वर्ण जयन्ती शहरी स्वरोजगार योजना पर चर्चा करते हुए कहा कि इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश में जो लक्ष्य दिये गये हैं, वे लक्ष्य अभी तक पूरे नहीं हुए हैं, जबकि देश के कुछ राज्यों में इस योजना के तहत अच्छे कार्य हुए हैं। लोगों को प्रशिक्षण के बाद रोजगार मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में भी इसी आधार पर पहल करते हुए इस योजना को संचालित करना होगा।
इससे पूर्व श्री अरुण कुमार मिश्र का स्वागत करते हुए प्रदेश के प्रमुख सचिव नगर विकास श्री प्रवीर कुमार ने कहा कि शहरांे की गंदी बस्तियों में रहने वाले गरीबों की स्थिति गांव के गरीबों से भी बद्तर है और उनका जीवन बहुत कठिन है। उन्होंने क्षेत्र स्तर पर कार्य करने वाले अधिकारियों से कहा कि वे इस विषय पर गहन विचार-विमर्श कर शहरी गरीबों की स्थिति में पर्याप्त सुधार लाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य शहरी रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन की योजनाओं पर गहन मन्थन करना है और इस मंथन के दौरान जो भी निष्कर्ष निकल कर आएंगे उन्हीं के अनुरूप विभिन्न योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए काम किया जायेगा।
इस कार्यशाला में भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश शासन, प्रदेश के विभिन्न विकास प्राधिकरणों एवं नगर निगमों के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा राज्य नगरीय विकास अभिकरण (सूडा) तथा जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर अन्य अधिकारियों के अलावा भारत सरकार की अपर सचिव सुश्री दीप्ति गौड़ द्वारा राजीव आवास योजना पर, आर0सी0यू0ई0एस0, हैदराबाद के डाॅ0 बसंत कुमार द्वारा नगरोें को स्लम फ्री बनाये जाने की योजना पर, प्रदेश के आवास एवं शहरी नियोजन विभाग द्वारा राजीव आवास योजना के क्रियान्वयन पर, भारत सरकार के अपर सचिव द्वारा स्वर्ण जयन्ती शहरी रोजगार योजना पर, निदेशक सूडा द्वारा स्वर्ण जयन्ती शहरी रोजगार योजना पर, हडको, लखनऊ के क्षेत्रीय प्रमुख द्वारा आई0एल0सी0एस0 योजना पर तथा अपर सचिव भारत सरकार द्वारा बी0एस0यू0पी0 एवं आई0एच0एस0डी0पी0 पर प्रस्तुतीकरण किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 July 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के समस्त कार्मिकों (मुख्यालय, नगरीय, ग्रामीण आदि) एवं अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के कार्मिकों के वेतन का भुगतान कम्प्यूटर आधारित एकीकृत भुगतान प्रणाली से किया जायेगा। इस उद्देश्य से विभाग में आटोमेटेड साफ्टवेयर व्यवस्था लागू किये जाने का निर्णय लिया गया है।
यह जानकारी बेसिक शिक्षा एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री श्री रामगोबिन्द चैधरी ने दी है। उन्होंने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के समस्त कार्मिकों एवं अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के कार्मिकों के वेतन का भुगतान सही और समय से किया जाना सुनिश्चित करने हेतु यह निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि समस्त आंकड़े आटोमेटेड साफ्टवेयर व्यवस्था से जोड़े जायें तथा डेटा बेवसाइट पर रखा जाये।
श्री चैधरी ने बताया कि इस संबंध में एक शासनादेश जारी कर दिया गया है जिसमें विस्तार से पूरी जानकारी दी गयी है। उन्होंने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के समस्त कार्मिकों एवं अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के कार्मिकों के वेतन भुगतान में आ रही कठिनाईयों का निराकरण करना है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 July 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के व्यावसायिक शिक्षा मंत्री श्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी से आज यहां विधान भवन में राजभर विचार महासंघ का एक शिष्ट मण्डल श्री अनिल राजभर के नेतृत्व में मिला और राजभर समाज की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिये एक ज्ञापन दिया।
श्री त्रिपाठी ने शिष्ट मण्डल को आश्वासन दिया कि उनकी उचित मांगों पर शासन सहानभूतिपूर्वक विचार करेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 July 2012 by admin
उत्तर प्रदेश में आज दिन में पावर कारपोरेशन द्वारा 9206 मेगावाट विद्युत की आपूर्ति की जा रही है।
आज दिन में 2ः00 बजे राज्य विद्युत उत्पादन निगम के विद्युत गृहों से 1703 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था, जिसमें ओबरा से 351 मेगावाट, अनपरा से 934 मेगावाट, पनकी से 122 मेगावाट, हरदुआगंज से 31 मेगावाट तथा पारीछा से 265 मेगावाट विद्युत का उत्पादन हो रहा था। इसके अलावा 506 मेगावाट जलीय विद्युत का उत्पादन हो रहा था।
पावर कारपोरेशन द्वारा केन्द्रीय क्षेत्र से 6019 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी। इसके अलावा को-जनरेशन से 50 मेगावाट, रोजा से 824 मेगावाट तथा बजाज इनर्जी से 104 मेगावाट विद्युत आयात की जा रही थी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 July 2012 by admin
उत्तर प्रदेष सरकार द्वारा प्रदेष में बीड़ी बनाने के उद्योग के रोजगार नियोजन में नियोजित कर्मकारों के लिए मजदूरी की न्यूनतम दरों के पुनरीक्षण के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है तथा इसके संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
यह जानकारी प्रदेष के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री वकार अहमद शाह ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित न्यूनतम मजदूरी दरों के अनुसार बीड़ी रोलिंग का कार्य करने वाले कर्मकारों द्वारा बनाई गई बीड़ी प्रति हजार 85 रूपया परन्तु जहां कोई कर्मचारी इस दर पर 595 रूपया प्रति सप्ताह से कम कमाता है वहां उसे इस आदेष में दिये गये शर्तों के अधीन 476 रूपया प्रति सप्ताह भुगतान किया जायेगा। चिट लगाने वालों को 8.30 रूपया प्रति हजार बीड़ी दिया जायेगा।
श्रम मंत्री ने बताया कि एक लाख बीडि़यों को लपटने, लेबिल चिपकाने और उनका बंडल बनाने के लिए 25 बीड़ी के एक बंडल के लिए 195 रूपये, 24 बीड़ी के एक बंडल के लिए 199 रूपये, 20 बीड़ी के एक बंडल के लिए 224 रूपये, 12 बीड़ी के एक बंडल के लिए 257 रूपये, 10 बीड़ी के एक बंडल के लिए 300 रूपये, 08 बीड़ी के एक बंडल के लिए 363 रूपये तथा 07 बीड़ी के एक बंडल के लिए 404 रूपये प्रस्तावित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि अकुषल श्रेणी के कर्मकार जैसे चैकीदार, सफाई मजदूर, जाल भरने वाला, तम्बाकू मिलाने वाला, बीडि़यों को बोरे में भरने वाला एवं ट्रकों पर लादने एवं उनसे उतारने तथा इसी प्रकार का कार्य करने वाला अन्य कर्मकार चाहे उसे किसी नाम से पुकारा जाये, को 3850 रूपये, प्रतिमाह दिया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि बीड़ी छाटने एवं जांच करने वालों के लिए तथा भटठी (बीडि़यों को सेकना) तथा इसी प्रकार का कार्य करने वाले अर्धकुषल कर्मकार चाहे उसे किसी भी नाम से पुकारा जाये, को 4400 रूपये प्रतिमाह दिये जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि मुनीम, लिपिक, रोकडि़या, स्टोरकीपर, लेखाकार, आषुलिपिक, टंकण एवं ड्राईवर तथा इसी प्रकार का कार्य करने वाले कुषल कर्मकारों चाहे उन्हें किसी भी नाम से पुकारा जाये, को 5250 रूपये प्रतिमाह देना प्रस्तावित किया गया है।
श्री शाह ने बताया कि ग्रामीण श्रमिकों के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (1986-87त्र100) के 181 अंकों के ऊपर कोई वृद्धि होने पर मंहगाई को शत-प्रतिषत निष्प्रभावी करते हुए प्रत्येक वर्ष अप्रैल व अक्टूबर में क्रमषः पिछले वर्ष के जुलाई से दिसम्बर एवं प्रष्नगत वर्ष जनवरी से जून माह की अवधि के लिए कालानुपाती दरों पर कार्यरत अकुषल अर्द्धकुषल और कुषल श्रमिकों को परिवर्तनीय मंहगाई भत्ते का भुगतान एवं समायोजन किया जायेगा।
श्रम मंत्री ने बताया कि बीड़ी उद्योग के नियोजन में नियोजित श्रमिकों की दरें प्रति वर्ष 05 प्रतिषत, इस अधिसूचना के जारी होने के पश्चात आगामी 01 जनवरी से बढ़ जायेंगी। उन्होंने बताया कि बीड़ी रोलिंग के कार्य में नियोजित श्रमिकों हेतु संदेय मजदूरी में किसी भी प्रकार से ठेकेदार का कमीषन सम्मिलित नहीं है। मजदूरी की दैनिक दरें मासिक दरों के 1/26 के समान होंगी तथा प्रति घण्टा मजदूरी दैनिक मजदूरी के 1/6 से कम न होगी। उन्होंने बताया कि ऐसे कर्मचारियों को जिनके कार्य के घण्टे विश्राम अन्तराल को सम्मिलित करते हुए एक दिन में 6 घण्टे या एक सप्ताह में 36 घण्टे से कम है अंषकालिक कर्मचारी माना जायेगा और उनकी घण्टेवार मजदूरी की दर तद्नुरूप दैनिक दर के छठे भाग से कम न होगी। उन्होंने बताया कि मजदूरी दरें किसी भी रूप में कर्मचारी के हित के प्रतिकूल न होंगी। यदि इन दरों के प्रवृत्त होने के पूर्व विद्यमान मजदूरी के दरें अधिक हो तो उनका भुगतान किया जाता रहेगा और किसी भी नियोजक द्वारा उन्हें किसी भी स्थति में कम नहीं किया जायेगा।
श्रम मंत्री ने बताया कि जहां नियोजक प्रति सप्ताह 5600 बीडि़यां बनाने के लिए (तम्बाकू की पत्ती सहित) पर्याप्त मात्रा में अच्छे कच्चे माल की आपूर्ति करने में विफल रहता है वहां कर्मचारी प्रति सप्ताह कम से कम 476 रूपये प्राप्त करने का हकदार होगा।
श्री शाह ने बताया है कि न्यूनतम मजदूरी की इन प्रस्तावित दरों के संबंध में आपत्तियाॅं और सुझाव सचिव, उत्तर प्रदेष सरकार, श्रम अनुभाग-1 बापू भवन, लखनऊ को लिखित रूप में दो प्रतियों में प्रेषित किये जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि केवल उन्हीं आपत्तियों और सुझाव पर विचार किया जायेगा, जो इस अधिसूचना के प्रकाषित होने के दिनांक से दो माह के भीतर प्राप्त होंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 July 2012 by admin
’’उत्तर प्रदेश सम्पत्ति का मूल्यांकन नियमावली’’ के अनुसार प्रत्येक दो वर्ष में रेट लिस्ट का पुनरीक्षण किया जाना आवश्यक है, जिसके तहत अब तक 72 जनपदों में नया सर्किल रेट लागू कर दिया गया है।
यह जानकारी स्टाम्प, पंजीयन, न्यायालय शुल्क एवं नागरिक सुरक्षा मंत्री श्री दुर्गा प्रसाद यादव ने दी है। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश के 72 जनपदों में नया सर्किल रेट लागू कर दिया गया है। शेष तीन जनपदों-बहराईच, लखनऊ एवं कुशीनगर में नया सर्किल रेट अभी लागू नही हो सका है। उन्होंने बताया कि एक सप्ताह के अन्दर पूरे प्रदेश में नया सर्किल रेट लागू कर दिया जायेगा।
श्री यादव ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में राजस्व प्राप्ति हेतु 9308 करोड़ रूपये का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु सभी अधिकारी मिलकर कार्य करें ताकि प्रत्येक माह निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा कि राजस्व वसूली को बढ़ाने हेतु स्टाम्प शुल्क अपवंचन को रोकना आवश्यक है। इसके लिए अधिकारी नियमित
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 July 2012 by admin
उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरविन्द सिंह गोप ने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश में 500 से अधिक आबादी वाली 688 बसावटों को पक्की सड़कों से जोड़ने के लिए भारत सरकार ने इम्पाॅवर्ड कमेटी की बैठक में 538.62 करोड़ रूपये के प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान कर दी है। उन्होंने बताया कि इस धनराशि से प्रदेश में कुल 1137.36 किमी0 लम्बे सम्पर्क मार्गों का निर्माण कराया जायेगा।
यह जानकारी आज यहाॅ देते हुए श्री गोप ने बताया कि इसी के साथ ही प्रदेश में नक्सल समस्या से प्रभावित दो जनपदों मिर्जापुर व चन्दौली में 250 से अधिक आबादी वाली 70 अन्य बसावटों को जोड़ने के लिए 98.37 कि0मी0 लम्बी पक्की सड़कों के निर्माण के लिए रू0 41.30 करोड़, के प्रस्ताव स्वीकृत किये गये हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों से उक्त योजना में भारत सरकार द्वारा प्रदेश के अधिकांश प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिये जाने के परिप्रेक्ष्य में यह स्वीकृति प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
श्री गोप ने बताया कि इस स्वीकृतियों के पश्चात् प्रदेश में ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पर्क मार्गो के निर्माण की एक बड़ी आवश्यकता की पूति हो सकेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 July 2012 by admin
भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की मूर्ति टूटने के बाद बढ़े तनाव के लिए सपा को जिम्मेदार बताया हैं। प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेई ने आज सरकार से चार सवाल किए। उन्होंने पूछा कि सरकार बताएं कि उसने विधानसभा चुनाव में जनता से बसपा सरकार द्वारा लगाई गई मूर्तियों को बुलडोजर से गिरवाने और हटाने के नाम पर क्या वोट नही मांगा था ? मूर्ति तोड़ने के लिए नवनिर्माण सेना के नौजवानों को कौन उक्सा रहा था ? किन लोगों के यहाॅ ये तत्व शरण लिए हुए थे ? तथा समाचार पत्रों में प्रमुखता के साथ सपा के राष्ट्रीय प्रमुख के साथ नवनिर्माण सेना के कथित अध्यक्ष अमित जानी की जो फोटो प्रकाशित हुई है वह क्या बता रही है?
डा0 बाजपेई ने कहा कि पूरे प्रदेश मे सपा सरकार धारा 144 लगा कर क्या संदेश देना चाह रही है। डा0 बाजपेई ने मायावती की मुर्ति टूटने पर अफसोस जताते हुए कहा कि भाजपा ऐसी राजनीति की निंदा करती है। भाजपा सरकार से तुष्टिकरण तथा वोट की राजनीति से बाज आने तथा प्रदेश के विकास के लिए काम करने की मांग करती है। पूववर्ती बसपा सरकार ने प्रदेश के विकास के नाम अपनी मूर्तिया लगवायी यह सरकार बिगड़ती कानून व्यवस्था, बिजली, पानी आदि की समस्याओं से बढ़ रहे जनअसंतोष से जनता का ध्यान हटाना चाहती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 July 2012 by admin
उत्तर प्रदेश में सहकारिता की प्रारम्भिक समितियों को पुनर्जीवित करने हेतु समितियों के विकास के लिए केन्द्र सरकार से मिले धन से समितियों के पुनर्जीवित होने तक सहकारिता के चुनाव को स्थगित रखे जाने, ग्राम्य विकास बैंकों द्वारा ऋण पुनः चालू किये जाने, साधन सहकारी समितियों द्वारा खाद, बीज के लिए किसानों को दिये जाने वाले ऋण को अविलम्ब शुरू किये जाने तथा कर्जमाफी योजना को तत्काल लागू कराने आदि विभिन्न मुद्दों को लेकर आज उत्तर प्रदेश कंाग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी के नेतृत्व में उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के सहकारिता प्रकोष्ठ के चेयरमैन एवं पूर्व मंत्री बच्चा पाठक सहित सहकारिता से जुड़े कंाग्रेस के 6 सदस्यीय वरिष्ठ नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल उ0प्र0 के सहकारिता मंत्री श्री शिवपाल सिंह यादव से मिला तथा उक्त समस्याओं को दूर किये जाने हेतु मांगपत्र सौंपा।
प्रदेश कंाग्रेस के प्रवक्ता वीरेन्द्र मदान ने बताया कि प्रदेश के सहकारिता मंत्री श्री यादव को सौंपे गये मांगपत्र में मांग की गयी है कि 1. किसानों के हितों के दृष्टिगत सहकारिता की प्रारम्भिक समितियों को पुनर्जीवित करने के लिए केन्द्र सरकार से मिले पैकेज से समितियों के सुदृढ़ीकरण हेाने तक सहकारी चुनाव को माह अक्टूबर तक बढ़ाया जाय। 2. ग्राम्य विकास बैंकों के बंद हुए ऋण को तत्काल चालू किया जाय 3. जिला सहकारी बैंकों के अधिकारों को पुनः बहाल किया जाय 4. साधन सहकारी समितियों द्वारा किसानों को उपलब्ध कराये जाने वाले खाद एवं बीज के ऋण को पुनः चालू कराया जाय तथा किसानों की कर्जमाफी योजनाओं को अतिशीघ्र लागू कराया जाय आदि शामिल है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी सहित प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को सहकारिता मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने सभी मांगों को पूरा किये जाने का आश्वासन दिया।
श्री मदान ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष डाॅ0 जोशी सहित उ0प्र0 कंाग्रेस सहकारिता प्रकोष्ठ के चेयरमैन-पूर्व मंत्री बच्चा पाठक, राजेन्द्र कुमार सिंह(आजमगढ़), राम सागर उपाध्याय(वाराणसी), पुरूषोत्तम नारायण सिंह(देवरिया), नवनीत कुमार मिश्र(कन्नौज), शैलेन्द्र कुमार सिंह(बहराइच) एवं श्री एस0के0 अस्थाना(लखनऊ) शामिल रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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Posted on 27 July 2012 by admin
प्ली बारगेंनिंग पर नये अध्यक्ष 21 ए पर भी चर्चा।
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण चन्द्र प्रकाश तिवारी ने बताया हैं कि जिला कारागार आगरा में प्ली बारगेंनिंग विषय पर विधिक साक्षरता/जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का संचालन जिला कारागार के डिप्टीजेलर पी0एस0 शुक्ला ने किया। बंदियों को विधिक सहायता से संबंधित प्रचार पत्रों का वितरण किया गया।
शिविर में मीडियेटर लक्ष्मीचंद बंसल ने उपस्थित विचाराधीन बंदियों को बताया कि शिविर आयोजन का उद्देश्य बंदियों को प्ली बारगेंनिंग विषय पर विधिक प्राविधानों की जानकारी देना है। उन्होंने बंदियों को विधिक सहायता प्रदान किये जाने, मध्यस्थता के व्दारा विवादों के निस्तारण के बारे में बतायां।
शिविर में मीडियेटर सूरजपाल सिंह ने बंदियों को बतया कि दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 में दण्डित विधि (संशोधन) अधिनियम 2005 के व्दारा प्ली बारगेंनिंग पर एक नये अध्याय 21 (ए) को शामिल करके यह प्राविधान लागू किया गया है। जो कि जुलाई 2006 से प्रभावी हुआ है। जिला विधिक प्राविधान समझौते का एक तरीका हैं, जिसके अन्तर्गत अभियुक्त कम सजा के बदले में अपने व्दारा किये गये अपराध को स्वीकार करें, और पीडित व्यक्ति को हुये नुकसान और मुकदमें के दौरान हुए खर्चे का क्षतिपूर्ति कर के कठोर सजा से बचा सकता है।
रिटेनर पाल सिंह राठौर ने बंदियों को प्ली बारगेंनिंग के बारे में बताते हुए कहा कि प्ली बारगंेनिंग केवल उन अपराधों पर लागू होता है, जिनके लिए कानून में 7 वर्ष से अधिक की कैद की सजा का प्राविधान नहीं है। उन्होंने बताया कि अभियुक्त प्ली बारगेंनिंग के लिए आवेदन उसी
न्यायालय में दाखिल कर सकता है, जिसमें उसके व्दारा किये गये अपराध से संबंधित मुकदमा विचाराधीन है।
अंत में जिला कारागार के डिप्टी जेलर पी0एस0 शुक्ला के व्दारा उपस्थित समस्त को धन्यवाद ज्ञापित कर शिविर का समापन किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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