उत्तर प्रदेष सरकार द्वारा प्रदेष में बीड़ी बनाने के उद्योग के रोजगार नियोजन में नियोजित कर्मकारों के लिए मजदूरी की न्यूनतम दरों के पुनरीक्षण के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है तथा इसके संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है।
यह जानकारी प्रदेष के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री वकार अहमद शाह ने दी है। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित न्यूनतम मजदूरी दरों के अनुसार बीड़ी रोलिंग का कार्य करने वाले कर्मकारों द्वारा बनाई गई बीड़ी प्रति हजार 85 रूपया परन्तु जहां कोई कर्मचारी इस दर पर 595 रूपया प्रति सप्ताह से कम कमाता है वहां उसे इस आदेष में दिये गये शर्तों के अधीन 476 रूपया प्रति सप्ताह भुगतान किया जायेगा। चिट लगाने वालों को 8.30 रूपया प्रति हजार बीड़ी दिया जायेगा।
श्रम मंत्री ने बताया कि एक लाख बीडि़यों को लपटने, लेबिल चिपकाने और उनका बंडल बनाने के लिए 25 बीड़ी के एक बंडल के लिए 195 रूपये, 24 बीड़ी के एक बंडल के लिए 199 रूपये, 20 बीड़ी के एक बंडल के लिए 224 रूपये, 12 बीड़ी के एक बंडल के लिए 257 रूपये, 10 बीड़ी के एक बंडल के लिए 300 रूपये, 08 बीड़ी के एक बंडल के लिए 363 रूपये तथा 07 बीड़ी के एक बंडल के लिए 404 रूपये प्रस्तावित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि अकुषल श्रेणी के कर्मकार जैसे चैकीदार, सफाई मजदूर, जाल भरने वाला, तम्बाकू मिलाने वाला, बीडि़यों को बोरे में भरने वाला एवं ट्रकों पर लादने एवं उनसे उतारने तथा इसी प्रकार का कार्य करने वाला अन्य कर्मकार चाहे उसे किसी नाम से पुकारा जाये, को 3850 रूपये, प्रतिमाह दिया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि बीड़ी छाटने एवं जांच करने वालों के लिए तथा भटठी (बीडि़यों को सेकना) तथा इसी प्रकार का कार्य करने वाले अर्धकुषल कर्मकार चाहे उसे किसी भी नाम से पुकारा जाये, को 4400 रूपये प्रतिमाह दिये जाने का प्रस्ताव है। उन्होंने बताया कि मुनीम, लिपिक, रोकडि़या, स्टोरकीपर, लेखाकार, आषुलिपिक, टंकण एवं ड्राईवर तथा इसी प्रकार का कार्य करने वाले कुषल कर्मकारों चाहे उन्हें किसी भी नाम से पुकारा जाये, को 5250 रूपये प्रतिमाह देना प्रस्तावित किया गया है।
श्री शाह ने बताया कि ग्रामीण श्रमिकों के अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (1986-87त्र100) के 181 अंकों के ऊपर कोई वृद्धि होने पर मंहगाई को शत-प्रतिषत निष्प्रभावी करते हुए प्रत्येक वर्ष अप्रैल व अक्टूबर में क्रमषः पिछले वर्ष के जुलाई से दिसम्बर एवं प्रष्नगत वर्ष जनवरी से जून माह की अवधि के लिए कालानुपाती दरों पर कार्यरत अकुषल अर्द्धकुषल और कुषल श्रमिकों को परिवर्तनीय मंहगाई भत्ते का भुगतान एवं समायोजन किया जायेगा।
श्रम मंत्री ने बताया कि बीड़ी उद्योग के नियोजन में नियोजित श्रमिकों की दरें प्रति वर्ष 05 प्रतिषत, इस अधिसूचना के जारी होने के पश्चात आगामी 01 जनवरी से बढ़ जायेंगी। उन्होंने बताया कि बीड़ी रोलिंग के कार्य में नियोजित श्रमिकों हेतु संदेय मजदूरी में किसी भी प्रकार से ठेकेदार का कमीषन सम्मिलित नहीं है। मजदूरी की दैनिक दरें मासिक दरों के 1/26 के समान होंगी तथा प्रति घण्टा मजदूरी दैनिक मजदूरी के 1/6 से कम न होगी। उन्होंने बताया कि ऐसे कर्मचारियों को जिनके कार्य के घण्टे विश्राम अन्तराल को सम्मिलित करते हुए एक दिन में 6 घण्टे या एक सप्ताह में 36 घण्टे से कम है अंषकालिक कर्मचारी माना जायेगा और उनकी घण्टेवार मजदूरी की दर तद्नुरूप दैनिक दर के छठे भाग से कम न होगी। उन्होंने बताया कि मजदूरी दरें किसी भी रूप में कर्मचारी के हित के प्रतिकूल न होंगी। यदि इन दरों के प्रवृत्त होने के पूर्व विद्यमान मजदूरी के दरें अधिक हो तो उनका भुगतान किया जाता रहेगा और किसी भी नियोजक द्वारा उन्हें किसी भी स्थति में कम नहीं किया जायेगा।
श्रम मंत्री ने बताया कि जहां नियोजक प्रति सप्ताह 5600 बीडि़यां बनाने के लिए (तम्बाकू की पत्ती सहित) पर्याप्त मात्रा में अच्छे कच्चे माल की आपूर्ति करने में विफल रहता है वहां कर्मचारी प्रति सप्ताह कम से कम 476 रूपये प्राप्त करने का हकदार होगा।
श्री शाह ने बताया है कि न्यूनतम मजदूरी की इन प्रस्तावित दरों के संबंध में आपत्तियाॅं और सुझाव सचिव, उत्तर प्रदेष सरकार, श्रम अनुभाग-1 बापू भवन, लखनऊ को लिखित रूप में दो प्रतियों में प्रेषित किये जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि केवल उन्हीं आपत्तियों और सुझाव पर विचार किया जायेगा, जो इस अधिसूचना के प्रकाषित होने के दिनांक से दो माह के भीतर प्राप्त होंगे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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