Posted on 11 July 2012 by admin
अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त एवं प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में आज सर्किट हाउस पर आयोजित बैठक में आगरा में विकास कार्यो के त्वरित क्रियान्वयन हेतु निर्देश दिये गये ।
बैठक में आगरा में साफ्ट वेयर टैक्नोलाजी पार्क बनाये जाने पर चर्चा हुई। उपाध्यक्ष आगरा विकास प्राधिकरण ने बताया कि इस कार्य हेतु पांच एकड़ भूमि आरक्षित की गई है। औद्योगिक विकास आयुक्त एवं प्रमुख सचिव ने इस भूमि पर एक्सप्रैशन आफ इन्टरेस्ट आमंत्रित कर शीघ्र ही अग्रिम कार्यवाही हेतु निर्देश दिये।
उन्होंने लैदर पार्क के अवशेष कार्यो को तत्परता से पूर्ण करते हुए यूनिटों को क्रियाशील बनाने के निर्देश दिये। लैदर पार्क में 400 के0बी0 विद्युत उप केन्द्र की स्थापना हेतु लैदर पार्क की भूमि में से पांच एकड भूमि विद्युत विभाग को आवंटित किये जाने हेतु निर्देश दिये गये। बाह-फतेहाबाद रोड पर 765 के.वी. विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण हेतु भूमि आवंटन पर विस्तार से चर्चा की गई। ललितपुर तापीय परियोजना की विद्युत निकासी के लिए आगरा क्षेत्र में 765 के.वी. उपकेन्द्र बनाया जाना है। प्रस्तावित बंजर भूमि का विद्युत विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा 12 जुलाई को संयुक्त रूप से स्थलीय निरीक्षण के निर्देश दिये। भूमि उपयुक्त पाई जाने की स्थिति में यह भूमि उ0प्र0 पारेषण निगम को आवंटित किये जाने की कार्यवाही हेतु निर्देश दिये।
बैठक में शिल्पग्राम को नये स्वरूप में विकसित किये जाने एवं उस पर मल्टी लेबिल पार्किंग विकसित किये जाने पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्होंने निर्देश दिये कि किसी दक्ष संस्था से राय लेकर अग्रिम कार्यवाही सुनिश्चित करायें।
उन्होंने आगरा इनर रिंग रोड़ परियोजना की प्रगति की समीक्षा की। बैठक में इनर रिंग रोड हेतु भूमि अधिग्रहण की प्रगति से अवगत कराया गया। इस योजना के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाईयों को प्राथमिकता के आधार पर दूर किये जाने के निर्देश दिये गये। उन्होंने निर्देश दिये कि इस परियोजना को लागू किये जाने के सम्बन्ध में समस्त वित्तीय पोषण माड़ल विकल्प के रूप में तैयार कर लिये जाये ताकि उच्च स्तरीय बैठक में इस पर चर्चा के उपरान्त अन्तिम निर्णय लिया जा सके।
बैठक में मण्डलायुक्त मनजीत सिंह, जिलाधिकारी अजय चैहान, आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष तथा सचिव, उ0प्र0 राज्य औद्योगिक विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबन्धक तथा दक्षिणाचंल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक ओ.पी.जैन आदि वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 11 July 2012 by admin
भारतीय जनता पार्टी जम्मू-कश्मीर, राज्यों के मामले पर केन्द्र सरकार द्वारा नियुक्त वार्ताकारों की रपट पर टिप्पणी द्वारा श्री राधामोहन सिंह जी सह प्रभारी उ0प्र0 एवं राष्ट्रीय सदस्यता प्रमुख, भाजपा इस रपट में पाक अधिकृत (पी0ओ0के0) के स्थान पर पाक प्रशासित कश्मीर का उपयोग किया गया है। लगाववादी हमेशा ही जम्मू-कश्मीर राज्य के कुछ हिस्सों को पाक प्रशासित कश्मीर और भारत शासित हिस्सों को भारत प्रशासित कश्मीर के तौर पर सम्बोधित करते हैं। यहाॅ तक कि पाकिस्तान भी इन शब्दों का प्रयोग नहीं करता और पाक अधिकृत कश्मीर के क्षेत्र आजाद जम्मू-कश्मीर सम्बोधित करता है। इस रपट में अलगाववादियों की शब्दावली का उपयोग किया गया है।
(1) भारत पिछले 64 वर्ष से (संयुक्त राष्ट्र संघ) यू0एन0ओं0 तथा सभी अन्र्तराष्ट्रीय पर कह रह है कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में हमलावर की भूमिका में हैं, जम्मू-कश्मीर का विलयपुरी तरह वैध है तथा/संवैधानिक रूप से ठीक है, इस मुद्दे पर पाकिस्तान की कोई भूमिका नहीं है, जम्मू-कश्मीर राज्य जिसमें पी0ओ0के0 गिलगित-बल्तिस्तान भारत के ही वैधानिक रूप से क्षेत्र हैं। इस मामले में भारत और पाकिस्तान को जम्मू-कश्मीर के मामले में बराबरी पर नहीं रखा जा सकता है। क्योंकि पाकिस्तान हमलावर की भूमिका में है और भारत पीडि़त की। यहाॅ तक कि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव में भी जम्मू-कश्मीर राज्य के क्षेत्र में पाकिस्तान की उपस्थिति को गौरकानूनी माना था और बिना किसी शर्त के तत्काल खाली करने का निर्देश दिया था।
(2) नई दिल्ली से भेजे गए इन वार्ताकारों ने राज्य के विकास, आय के स्रातों तथा अन्य मामलों पर विचार के लिए नियंत्रण रेखा के दोनों ओर के जन प्रतिनिधियों संयुक्त सलाहकार समितियाॅ और मिलीजुली संस्थाएं बनाने के लिए कहा है। स्थाई समाधान की खोज के लिए इन वार्ताकारों ने भारत, जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के दोनों ओर के प्रतिनिधियों और पाकिस्तान को शामिल करने के सुझाव दिया है।
(3) वार्ताकारों ने केन्द्र सरकार और हुर्रियत के बीच जल्दी से जल्दी बातचीत करवाए जाने और बाद में नियंत्रण रेखा के दोनों ओर प्रतिनिधियों को शामिल करने तथा अन्त में पाकिस्तान से वार्ता करने का सुझाव दिया है। इस रपट में वार्ताकारों ने हुर्रियत की वार्ता से उस शर्त को स्वीकार कर लिया है। जिसमें कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए भारत-पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के दोनों ओर के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
(4) वार्ताकारों ने समाधान की सिफाारिश करते हुए कहा है कि हमें जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा की दृष्टि से महत्व की बात भी ध्यान में रखनी चाहिए। क्योंकि यह क्षेत्र मध्य एशिया और दक्षिणी एशिया को जोड़ने वाले एक पुल की भूमिका अदा करता है। जबकि इन वार्ताकारों को कहना चाहिए था कि यह क्षेत्र भारत का मध्य एशिया, यूरोप, अफ्रीका और यूरेशिया की तरफ का प्रवेश द्वार है। वार्ताकार यह बात भी कहना भूल गए कि कश्मीर भारत की सुरक्षा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण क्षेत्र है।
(5) इन वार्ताकारों ने 1947 में पाक अधिकृत कश्मीर से उजड़े 10 लाख लोगों, 1947 में ही पश्चिमी पाकिस्तान से आए चार लाख शरणर्थियों, 1990 से कश्मीर घाटी से निकाले गए चार लाख कश्मीरी पंडि़तों, जम्मू, लद्यख के आतंकवाद के पीडि़त लोगों और साथ ही गूजर, शिया, पहाड़ी, मुस्लिमों को जम्मू-कश्मीर का हितग्राही (स्टेकाहोल्डर) नहीं माना है।
(बी) वार्ताकारों ने संवैधानिक समिति बनाए जाने की सिफारिश की है जो 1952 में हुए (दिल्ली समझौते) के बाद से जम्मू-कश्मीर में लागू हुए सभी केन्द्रीय कानूनों और संविधान की धाराओें की समीक्षा करे। यह दिल्ली समझौता श्री शेख अब्दुल्ला और पंडि़त जवाहरलाल नेहरू के बीच दो व्यक्तियों का समझौता था। इस समझौते को जम्मू और लद्यख के लोगों ने भारी समर्थन के साथ नकारा था तथा देश के प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दलों और राष्ट्रवादी संगठनों ने भी इसका कड़ा विरोध किया था। वार्ताकारों ने कहा है कि संवैधानिक समिति हमारे द्वारा सुझाए गए आधार पर समीक्षा करे।
(1) राज्य को दोहरा दर्जा-भारत संघ के एक हिस्से के तौर पर तथा संविधान के तहत प्राप्त विशेष दर्जा राज्य के तौर पर उसकी स्थिति।
(2) नागरिकों का दोहरा दर्जा-स्थाई निवासी का प्रमाण-पत्र प्राप्त नागरिक और भारत के नागरिक होने का दर्जा प्राप्त होगा।
(3) दिल्ली समझौता केन्द्र सरकार और राज्य के सम्बन्धों का आधार होना चाहिए। वार्ताकारों ने यहाॅ तक सुझाव दिया है कि अनुच्छेदों और कानूनों के तहत विभिन्न विषयों पर राज्यों और केन्द्र सरकार दोनों का कानून बनाने का अधिकार है वे सभी राज्य सरकार को दे देने चाहिए। इन वार्ताकारों ने यह भी सिफारिश की है कि संसद को भविष्य में कोई भी कानून जम्मू-कश्मीर में लागू करने के लिए नहीं बनाना चाहिए। इनमें अपवाद केवल आतंरिक और बाहरी सुरक्षा तथा प्रमुख आर्थिक मुद्दों से जुड़े कानून ही हो सकते है।
(3) पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के लोगों का लोकसभा में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। उसमें 85 हजार किलोमीटर का क्षेत्र शामिल है और उस क्षेत्र के 10 लाख से अधिक शरणार्थी अपने घरों से 64 साल पहले उजाड़े गए थे और अब भी उन्हें कोई ठौर नहीं मिला है। यहाॅ तक कि जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पाक अधिकृत क्षेत्र के निवासियों के लिए 24 स्थान खाली पड़े हैं लेकिन इनकों भी शरणर्थियों के प्रतिनिधियों से भरने का प्रयास नहीं किया गया है।
(4) वाताकारों की रपट में 64 साल से शरणार्थी बने पश्चिमी पाक के शरणर्थियों के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा गया है। यहाॅ तक कि उन्हें वार्ताकारों ने किसी प्रकार की मौखिक सांत्वना भी देने का प्रयास नहीं किया। इन लोगों को न मताधिकार मिला है और न ही रोजगार उच्च शिक्षा में दाखिला तथा सम्पत्ति खरीदने का अधिकार आज तक नहीं मिल पाया है।
(5) वार्ताकारों ने पाक अधिकृत कश्मीर के शरणर्थियों, कश्मीर पंडि़तों और आतंक में प्रभावित हुए जम्मू क्षेत्र के लोगों के बारे में कोई स्पष्ट सिफारिश भी नहीं की है। केवल उनकी दुर्दशा की चर्चा कर देने से उनकी समस्या का समाधान नहीं हो जाएगा।
(6) वार्ताकारों के दल ने आतंकवाद के वास्तविक कारणों और कश्मीर घाटी से 1990 में हिन्दुओं को निकाले जाने के मामले की चर्चा भी नहीं की।
(7) वार्ताकारों ने अनुच्छेद 370 के दुरूपयोग के कारण केन्द्रीय कानूनों को राज्य में लागू नहीं होने देने की भी चर्चा नहीं की। कमजोर वर्गो के लोग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, शरणर्थियों को उनके सता और आर्थिक स्रोतों में अपना हिस्सा नहीं मिल पा रहा है। लेकिन इन मुद्दों पर वार्ताकारों ने ध्यान ही नहीं दिया है। वास्तव में, वार्ताकारों की यह रपट नेशनल कांफ्रेंस के दस्तावेज ग्रेटर आॅटोनामी, पी0डी0पी0 के दस्तावेज सेल्फ रूल, सज्जाद लोग की पुस्तक अचीवेबल नेशनल हुड, हुर्रियत कांफ्रेंस (गिलानी) तथा हुर्रियत कांफ्रेंस (मीरवाइज) ग्रुप की सिफारिश के दस्तावेज पर आधारित है। वार्ताकारों की यह सब सिफारिश जम्मू-कश्मीर राज्य के भारत में विलय की प्रक्रिया की उल्टी दिशा में ले जाएंगी। डाॅ0 श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शहादत और जम्मू में प्रजा परिषद के आंदोलन के कारण 1953 से जम्मू-कश्मीर को देश की एकात्मा की ओर बांधने का जो प्रयास प्रारम्भ हुआ था, उसे इन वार्ताकारों की सिफारिश उल्टी दिशा में ले जाएंगी।
भारतीय जनता पार्टी देशवासियों को आह्वहन किय है कि केन्द्र सरकार के इस रवैया का डटकर विरोध करें। इस रिपोट के कारण देश की आखण्डता के सामने गम्भीर चुनौती खड़ी हो गई है। जम्मू-कश्मीर में 1952 में पहले की स्थिति वापस लाने के लिए प्रयास करने की जाति, पात और पार्टी से उपर उठकर इसका विरोध होनो चाहिए। यह चुनौती केवल भाजपा के लिए नहीं बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए है।
(4) केन्द्र और राज्य सरकार के बीच नया आर्थिक समझौता किया जाना चाहिए।
(सी) वार्ताकारों की सिफारिश है कि धारा 370 में से अस्थाई शब्द को हटाकर, इसके स्थान पर विशेष शब्द लगा देना चाहिए। जैसा कि देश के अन्त राज्यों के लिए धारा 371 आदि में उपयोग किया गया है। पिछले कई दशकों से धारा 370 का असर कम करने के जो कदम उठाए गए, उन्हें निरस्त करके अधिक ताकतवर बनाया जाता चाहिए।
(डी) राज्यपाल और मुख्यमंत्री के लिए उर्द में उपयुक्त शब्दों को तय किया जाना चाहिए। राज्यपाल की नियुक्ति के लिए तीन नाम राज्य में विपक्ष की सलाह से तय किय जाएं और केन्द्र सरकार उनमें से एक नाम को चुन ले तथा राष्ट्रपति उसे नियुक्त कर दे।
(ई) केन्द्रीय प्रशासनिक सेवा (आई0ए0एस0 और आई0पी0एस0) के अधिकारियों के केन्द्र सरकार को कोटा 50 प्रतिशत जम्मू-कश्मीर ने है जबकि अन्य राज्यों में यह प्रतिशत 66 है। इसके बावजूद वार्ताकारों ने राज्य की प्रशासनिक सेवा का कोटा और बढ़ाए जाने की बात रपट में की है।
(एफ) पब्लिक सेफ्टी एक्ट में संशोधन, अशांत क्षेत्र कानून और ए0एफ0एस0पी0ए0 कानून को लागू करने के मुद्दे की समीक्षा करने की बात भी इन वार्ताकारों की रपट में कहीं गई है। उन्होंने कश्मीर घाटी की अनाम कब्रों की जांच के लिए न्यासिक आयोग बनाने के लिए कहा है। लेकिन इन वार्ताकारों ने अल्पसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ योजनाबद्ध ढंग से किये हमलों के शिकार लोगों को न्याय दिलाने के मुद्दों को कहीं नहीं उठाया है।
(जी) केन्द्र और राज्य सरकार की पिछले 60 वर्षों से चली आ रही कश्मीर घाटी को ही केन्द्रीत करके बनी सोच के कारण पिछले 60 वर्षों से उत्पन्न महत्वपूर्ण और गम्भीर विषयों पर इन वार्ताकारों ने किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया है।
(1) वार्ताकारों ने अपनी रपट में विधानसभा सीटों का पुनः निर्धारण किए जाने के सबसे संवेदनशील मुद्दे पर कहीं भी चर्चा नहीं की है जिससें जम्मू और लद्यख क्षेत्र के लोगों को विधानसभा और लोकसभा में न्यायोचित हिस्सा मिल सके।
(2) वार्ताकारों ने स्वीकार किया है कि राज्य में सभी स्तरों पर शासन में गड़बड़ी हैं लेकिन उन्होंने इसके लिए 64 सालों से जिम्मेदार शासनकर्ताओं के नाम नहीं लिए है। उनका मानना है कि प्रशासन में यह गडबड़ी केन्द्रीय संविधान का विस्तार जम्मू-कश्मीर राज्य में न होने के कारण हुई है। वार्ताकारों ने संवैधानिक संस्थाओं और आयोगों के कार्यक्षेत्र में इस राज्य को शामिल करने की सिफारिश की लेकिन उसे भी जम्मू-कश्मीर के संविधान के दायरे में बांध देने का प्रयास किया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 11 July 2012 by admin
भारतीय जनता पार्टी अवध क्षेत्र की प्रमुख कार्यकर्ताओं की एक आवश्यक बैठक को सम्बोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी उ0प्र0 के सहप्रभारी एवं राष्ट्रीय सदस्यता प्रमुख राधामोहन सिंह ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि अब जो सदस्यता की जायेगी वह वर्ष 2014 तक होगी। वर्ष 2009-11 सत्र की जो सदस्यता सदस्यता रजिस्टर में दर्ज कर प्रमाणित की जा चुकी है, उसके बाद की गई सदस्यता और अब की जाने वाली सदस्यता भी रजिस्टर में दर्ज कर प्रमाणित करनी होगी। इस प्रकार 2009-11 के चुनाव सत्र की सदस्यता और उसके बाद की गई सदस्यता और अब की जाने वाली सदस्यता, यह सब मिलाकर 2012-2014 के सत्र के संगठन चुनाव की आधार होगी। श्री सिंह ने आगे बताया कि सदस्यता की अंतिम तिथि 15 अगस्त, 2012 को होगी, प्रथम प्रकाशन तिथि 20 अगस्त, 2012 को होगी, आपत्ति तिथि 25 अगस्त, 2012 को, निपटारा तिथि 30 अगस्त, 2012 तथा अन्तिम प्रकाशन तिथि 5 सितम्बर, 2012 को होगी।
बैठक की जानकारी देते हुए प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र तिवारी ने बताया कि काशी क्षेत्र की सदस्यता की बैठक दिनांक 12 जुलाई को, गोरखपुर व पश्चिम क्षेत्र की बैठक 13 जुलाई को होगी। श्री तिवारी ने बताया कि आज सम्पन्न हुई बैठक में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कलराज मिश्र, प्रदेश के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 रमापतिराम त्रिपाठी व सूर्य प्रताप शाही, लखनऊ के सांसद लालजी टंडन, पार्टी के संगठन महामंत्री राकेश जैन, प्रदेश उपाध्यक्ष डाॅ0 महेन्द्र सिंह, महामंत्री नरेन्द्र सिंह तथा प्रदेश के सदस्यता प्रमुख देवेन्द्र सिंह चैहान विशेष रूप से उपस्थित रहे। श्री तिवारी ने आगे बताया कि इस बैठक में नगर निगम, नगर निकाय व नगर पंचायत के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों का स्वागत भी किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 11 July 2012 by admin
मुजफ्फरपुर / बिहारः केंद्रीय उत्पाद शुल्क टीम ने मुजफ्फरपुर में रेलवे स्टेषन पर छापा मारा और भारतीय सिगरेटें भारी मात्रा में बरामद कीं। इस अभियान के दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई। यह कार्यवाही श्री आर.के. सफी, अधीक्षक, केंद्रीय उत्पाद शुल्क की निगरानी में की गई। टीम में विभाग के कई इंस्पेक्टर शामिल थे।
सूत्रों के अनुसार, 10 सिगरेटों वाले कुल 3,60,000 पैकेट बरामद किए गए। पकड़ी गई सिगरेटों की कुल कीमत अनुमानतः 50 लाख रू. बताई गई है। प्रत्येक सिगरेट पैकेट पर 18 रू. की कीमत मुद्रित है लेकिन यह पता चला है कि सिगरेटों की गुणवत्ता इंडस्ट्री के मानकों के अनुरूप नहीं थी। जांच के दौरान, यह ज्ञात हुआ कि अवैध सिगरेटें कासगंज, बरेली से बुक कराई गई थी ओर मुज्जफरपुर में रेलवे मार्ग से पार्सल द्वारा भेजी गई थीं।
पार्सल भेजे जाने के बारे में प्रष्न उठेः हालांकि सिगरेटों की यह खेप जून मेे पकड़ी गई थी, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद अभी तक कोई भी इस पार्सल पर अधिकार के दावे के लिए सामने नहीं आया है। न ही पार्सल से इस बारे में कोई जानकारी प्राप्त हुई है। जिस दल ने अवैध सिगरेटों के इस पार्सल को बरामद किया है - वह फिलहाल टैक्स चोरों की तलाष कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, पार्सल के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध न कराए जाने पर पार्सल विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ षिकायत दर्ज कराई जाएगी।
बिहार भारत में अवैध सिगरेटों की उपजाऊ भूमि के रूप में उभर कर सामने आया है। प्रदेश पूरे देश में अवैध सिगरेटों के लिए सबसे बड़े बाज़ार का प्रतिनिधित्व करता है। जहाँ इन स्थानीय निर्मित टैक्स की चोरी करने वाली सिगरेटों का बिहार सिगरेट बाज़ार का 25ः हिस्सा है वहीं राज्य के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में यह हिस्सा 40ः तक बढ़ जाता है। यह चिंताजनक रूप से बड़ा और अच्छी तरह संगठित व्यवसाय बनता जा रहा है, बिहार में अवैध सिगरेटों के कुछ सबसे बड़े निर्माताओं की मदद से प्रदेश में हर महीने 50 मिलियन अवैध सिगरेटें बेची जाती हैं। फलस्वरूप, राज्य सरकार को लगभग 50 करोड़ रूपए वार्षिक के कर का नुक्सान होता है।
बिहार में, अवैध ब्रांड जैसे मैगनेट फिल्टर, फोरएवर एफटी, रेड रोज़ और विंटेज भारी ग्राहक आधार के साथ बड़े खिलाडि़यों के रूप में उभरे हैं। ये ब्रांड बाज़ारों, पान की दुकानों व हाॅकरों के स्टालों पर आसानी से उपलब्ध हैं। वास्तव में सिगरेट विक्रेता इन ब्रांडों को अपने पास रखना इसलिए पसंद करते हैं कि इनकी कम कीमतें भारी व्यापारिक मुनाफे को सुनिश्चित करती हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 11 July 2012 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि सोशल नेटवर्किगं “फेसबुक“ पर पैगंबर मोहम्मद साहब और इस्लाम धर्म के सम्बन्ध में अत्यन्त आपत्तिजनक कार्टून और टिप्पणियां प्रसारित की जा रही हंै जिससे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं और इससे देश-प्रदेश में सांप्रदायिक तनाव तथा उत्तेजना फैलने की आशंका है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस तरह की घृणास्पद प्रस्तुति को कतई प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता है। यह तो संविधान की मूलभावना का हनन है।
महाराष्ट्र विधान सभा के सदस्य एवं समाजवादी पार्टी, मुम्बई के अध्यक्ष श्री अबू आसिम आजमी ने सोशल नेटवर्किगं साइट पर इस्लाम विरोधी कुप्रचार के संबंध में महाराष्ट्र सरकार में उपमुख्यमंत्री तथा गृहमंत्री श्री आर0आर0 पाटिल का ध्यान आकर्षित करते हुए इस तरह के अश्लील कृत्य पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव को भी इस संबंध में श्री आजमी ने सम्पूर्ण जानकारी दी और उनसे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करने की इन साजिशों पर रोक लगवाने की प्रार्थना की। श्री मुलायम सिंह यादव ने फेसबुक पर इस्लाम विरोधी अश्लील सामग्री के प्रसारण पर रोष जताते हुए संसद में भी इस मसले को जोरदार तरीके से उठाने और इस संबंध में प्रधानमंत्री जी से वार्ता करके कठोर कानून का प्रस्ताव लाने पर जोर देने का भरोसा दिलाया।
श्री आजमी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव को भी फेसबुक पर भड़काऊ इस्लाम विरोधी सामग्री की सूचना दी है और उनसे भी इस तरह के कृत्य पर रोक लगाने में अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का आग्रह किया है।
प्रदेष प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने बताया है कि भारत का संविधान “एक सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न समाजवादी पंथ निरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य बनाने के लिए उसके समस्त नागरिको को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता, प्रतिष्ठा तथा अवसर की समता प्राप्त कराने के लिए तथा उन सब में व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता तथा अखंडता सुनिश्चित करनेवाली बंधुता बढ़ाने“ की गारंटी देता है। इसलिए फेसबुक पर जो कुछ छप रहा है वह संविधान की मूल प्रस्तावना की ही अवमानना है। देश में ऐसा कड़ा कानून बनना चाहिए जिससे किसी के भी धैर्य और विश्वास को चोट न पहुॅचे और सबकी गरिमा तथा प्रतिष्ठा अक्षष्णु रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 11 July 2012 by admin
समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में बसपा के कुशासनकाल में स्वास्थ्य सेवाओं की घोर उपेक्षा और भ्रष्टाचार के चलते आम आदमी अपनी बीमारियों का भी उपचार नहीं करा सका। अस्पताल के दरवाजों पर ही कितनों ने दम तोड़ दिया। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में तो इस कदर घोटाला हुआ कि दो सीएमओ और एक डिप्टी सीएमओ की हत्या हो गई। इस मामले की सीबीआई जांच में एक वरिष्ठ आईएएस अफसर और पूर्वमंत्री भी जेल जा चुके हैं। अस्पतालों में दवाओं का अभाव रहा और मोटा कमीशन लेकर निजी मेडिकल कालेजों को मान्यता बंटती रही।
सत्ता में आने पर समाजवादी पार्टी की सरकार ने अपने सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा सुविधा मुफ्त करने और असाध्य रोगों जैसे हृदय का आपरेशन, कैंसर, लीवर, किडनी आदि की चिकित्सा प्रदेश के सभी मेडिकल कालेजों को समृद्ध बनाकर मुफ्त कराने का वायदा पूरा किया। इसके लिए बजट में 25 करोड़ रूपए रखे गऐ है। चिकित्सा शिक्षा को व्यापक और गुणवत्ता युक्त बनाने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने तय किया है कि प्रदेश की जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए ग्रामीण एवं दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन को अब नए सिरे से सुव्यवस्थित एवं सुनियोजित स्वरूप दिया जाएगा। प्रदेश के बजट में एलोपैथी चिकित्सा एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य हेतु 4,419Û87 करोड़ रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है। चिकित्सा शिक्षा हेतु 1,907,Û01 करोड़ रूपये की व्यवस्था की गई है।
प्रदेश में उच्चीकृत एवं विशेषज्ञता की चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध हो सकें इसके लिए मुख्यमंत्री जी केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश में एम्स की स्थापना के लिए भी प्रयत्नशील हैं। बसपा सरकार ने इस योजना पर ठंडा पानी डाल दिया था। जब श्री अखिलेश यादव ने सत्ता सम्हाली तो उन्होने केन्द्र को इस संबंध में पूरे सहयोग का भरोसा दिलाया। राज्य सरकार स्वास्थ्य ढांचे की बुनियादी खामियां दूर करने में और अस्तव्यस्त व्यवस्था को सुधारने में लगी है। प्रदेश में एम्स की स्थापना होने पर प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं तथा उपचार मिल सकेगा। उत्तर प्रदेश एक बड़ा राज्य है और इसकी बड़ी आबादी को देखते हुए चिकित्सा क्षेत्र में बहुत अधिक प्रयास वांछित है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव प्रदेश को सर्वांगीण विकास के माध्यम से उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 11 July 2012 by admin
ताज नगरी में ढ़ाई एकड़ में ऊर्जा पार्क स्थापना पर विचार विमर्श
शाहजंहा पार्क में कार्यो में तत्परता लाने हेतु अभियंता को चेतावनी
जिलाधिकारी अजय चैहान ने निर्देश दिये हैं कि ताज महल की 500 मी0 की परिधि में सौर उर्जा/सोलर लाइट आपूर्ति हेतु सर्वे कर गाइड लाइन के अनुसार अबिलम्व डी.पी.आर. तैयार करें । इस सोलर परियोजना का क्रियान्वयन आगरा हैरिटेज फण्ड से किये जाने पर विस्तार से चर्चा की गई। इस फण्ड से सिकन्दरा स्मारक के समीप स्थल सौन्दर्यीकरण हेतु 43 लाख रूपये की लागत से कराये गये कार्यो का लोक निर्माण विभाग तथा आगरा विकास प्राधिकरण के अभियंताओं की संयुक्त टीम द्वारा सत्यापन कराने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में आगरा हैरिटेज फण्ड से प्रस्तावित कार्यो पर विचार विमर्श किया गया। पर्यटन संस्थाओं द्वारा ताजमहल के टिकट के साथ सभी पर्यटकों को सूचनाओं का ब्रोशर दिये जाने के सुझाव पर सहमति प्रकट की गई। अभी तक यह ब्रोशर केवल विदेशी पर्यटकों को ही दिया जाता है।
जिलाधिकारी ने ताज महल के आस पास क्षेत्रों में सफाई हेतु 14 लाख रूपये की क्रय की गई मशीनों के रखरखाव हेतु भी निर्देश दिये। पर्यटक स्थलों पर टूरिस्ट ब्रोशर्स व कलैण्डर्स प्रकाशन हेतु आगणन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
परियोजना अधिकारी नेडा अतुल जैन ने बताया कि वर्तमान में ताजखेमा, शिल्पग्राम, ताज नेचर वाक में सोलर लाइट हेतु परियोजना बनाई गई है। जिलाधिकारी ने 500 मीटर परिधि के क्षेत्र के लिए प्रोजेक्ट बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि ताजनगरी पार्क में ढाई एकड़ क्षेत्र में राज्य स्तरीय ऊर्जा पार्क बनाये जाने की योजना प्रस्तावित है।
बैठक में पर्यटन विभाग की पेंइग गेस्ट हाउस योजना में चार प्रस्तावों पर स्वीकृति प्रदान की गई। बैठक में शाहजंहा पार्क तथा ताज नेचर वाक में विकास कार्यो पर चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने शाहजंहा पार्क में विकास कार्यो की प्रगति पर असंतोष प्रकट करते हुए राजकीय निर्माण निगम के अधिशासी अभियन्ता आर.पी.सिंह को कार्यो में तत्परता लाने हेतु सचेत किया। उन्होंने शाहजंहा पार्क में 9 करोड़ रूपये की लागत से कराये जा रहे कार्यो की ड्राईंग/डी.पी.आर. प्रस्तुत करने हेतु निर्देश दिये।
बैठक में पथकर सलाहकार समिति की गत बैठक में लिए गये निर्णयों की अनुपालन आख्या पर विस्तार से चर्चा की गई। समिति की आगामी बैठक में स्वीकृति हेतु प्रस्तावित कार्यो पर विचार विमर्श किया गया और अन्य विभागों द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों पर विचार कर पथकर की आगामी बैठक में प्रस्तावित कार्यो की सूची तैयार की गई।
बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, नगर आयुक्त, आगरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष तथा सचिव, उप निदेशक पर्यटन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी इन्टैक के प्रतिनिधि आर.पी. सिंह तथा अध्यक्ष होटल एसो0 राकेश चैहान आदि उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com
Posted on 11 July 2012 by admin
देश के अग्रणी बैंक यूनियन बैंक आॅफ इंडिया के अध्यक्ष एवं प्रबंधक निदेशक डी. सरकार कल लखनऊ दौरे पर आ रहे है यूनियन बैंक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक का पद संभालने के बाद श्री सरकार का लखनऊ एवं उत्तर प्रदेश में यह प्रथम आगमन है। प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के विकास में वित्तीय समावेशन के माध्यम से यूनियन बैंक द्वारा महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। अपने नगर प्रवास के दौरान श्री सरकार राज्य में बैंक के वित्तीय समावेशन, कृषि, एमएसएमई एवं ऋण वसूली अभियान को और अधिक गति प्रदान करने तथा कासा संविभ्भाग में वृद्धि के लिये रणनीति पर चर्चा करके इस पर प्रभावी एवं तीव्र क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। इस अवसर पर आज आयोजित होने वाले विभिन्न अन्य कार्यक्रमों के अतिरिक्त बैंक द्वारा स्थानीय बलराम पुर गार्डेन में एक विशाल ऋण वितरण शिविर का भी आयोजन किया गया है जिसमें बैक के अध्यक्ष एवं प्रबंधक निदेशक डी. सरकार द्वारा लघु उद्योग, कृषि, खुदरा क्षेत्र को ऋण वितरण किया जायेगा। इस अवसर पर लखनऊ के जिलाधिकारी अनुराग यादव ने भी उपस्थित रहने पर अपनी सहमति दी है। यूनियन बैंक द्वारा उत्तर प्रदेश मंे अपनी 629 शाखाओं तथा लगभग 704 एटीएम के माध्यम से बैंकिग सेवा प्रदान की जा रही है। 30 जून 2012 को प्रदेश में बैंक की कुल जमाराशियां रू. 29968 करोड़ थी जिसमें कासा का योगदान रू. 13869 करोड़ था जो कुल जमाराशियों का 46.28 है। इसी प्रकार उक्त तिथि को कुल अग्रिम रू. 8876 करोड़ था जिसमें से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र ऋण रू. 5443 करोड़ था जो कुल अग्रिमों का लगभग 62 है। उत्तर प्रदेश के 7 जिलों जौनपुर, आजमगढ़, गाजीपुर, मऊ, वाराणसी,चन्दौली एवं संत रविदास नगर (भदोही) में बैंक द्वारा अग्रणी बैंक की भूमिका का जिम्मेदारीपूर्वक निर्वाह किया जा रहा है। प्रदेश मंे वित्तीय समावेशन के अन्तर्गत यूनियन बैंक को आबंटित 2000 से अधिक जनसंख्या वाले 1924 गांवों में बैंक द्वारा बीसी माॅडल के माध्यम से बैंकिंग सुविधा प्रदान की गई है तथा इन सभी गांवों में बीसी की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए तथा जनता की शिकायतों, यदि कोई, को दूर करने के लिए अल्ट्रा स्माॅल शाखायें खोली गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com