केंद्रीय उत्पाद शुल्क टीम ने 50 लाख रू. मूल्य की अवैध सिगरटें जब्त की

Posted on 11 July 2012 by admin

मुजफ्फरपुर / बिहारः  केंद्रीय उत्पाद शुल्क टीम ने मुजफ्फरपुर में रेलवे स्टेषन पर छापा मारा और भारतीय सिगरेटें भारी मात्रा में बरामद कीं। इस अभियान के दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई। यह कार्यवाही श्री आर.के. सफी, अधीक्षक, केंद्रीय उत्पाद शुल्क की निगरानी में की गई। टीम में विभाग के कई इंस्पेक्टर शामिल थे।

सूत्रों के अनुसार, 10 सिगरेटों वाले कुल 3,60,000 पैकेट बरामद किए गए। पकड़ी गई सिगरेटों की कुल कीमत अनुमानतः 50 लाख रू. बताई गई है। प्रत्येक सिगरेट पैकेट पर 18 रू. की कीमत मुद्रित है लेकिन यह पता चला है कि सिगरेटों की गुणवत्ता इंडस्ट्री के मानकों के अनुरूप नहीं थी। जांच के दौरान, यह ज्ञात हुआ कि अवैध सिगरेटें कासगंज, बरेली से बुक कराई गई थी ओर मुज्जफरपुर में रेलवे मार्ग से पार्सल द्वारा भेजी गई थीं।

पार्सल भेजे जाने के बारे में प्रष्न उठेः हालांकि सिगरेटों की यह खेप  जून मेे पकड़ी गई थी, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद अभी तक कोई भी इस पार्सल पर अधिकार के दावे के लिए सामने नहीं आया है। न ही पार्सल से इस बारे में कोई जानकारी प्राप्त हुई है। जिस दल ने अवैध सिगरेटों के इस पार्सल को बरामद किया है - वह फिलहाल टैक्स चोरों की तलाष कर रहा है। सूत्रों के अनुसार, पार्सल के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध न कराए जाने पर पार्सल विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ षिकायत दर्ज कराई जाएगी।

बिहार भारत में अवैध सिगरेटों की उपजाऊ भूमि के रूप में उभर कर सामने आया है। प्रदेश पूरे देश में अवैध सिगरेटों के लिए सबसे बड़े बाज़ार का प्रतिनिधित्व करता है।  जहाँ इन स्थानीय निर्मित टैक्स की चोरी करने वाली सिगरेटों का बिहार सिगरेट बाज़ार का 25ः हिस्सा है वहीं राज्य के कुछ हिस्सों में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में यह हिस्सा 40ः तक बढ़ जाता है। यह चिंताजनक रूप से बड़ा और अच्छी तरह संगठित व्यवसाय बनता जा रहा है, बिहार में अवैध सिगरेटों के कुछ सबसे बड़े निर्माताओं की मदद से प्रदेश में हर महीने 50 मिलियन अवैध सिगरेटें बेची जाती हैं। फलस्वरूप, राज्य सरकार को लगभग 50 करोड़ रूपए वार्षिक के कर का नुक्सान होता है।
बिहार में, अवैध ब्रांड जैसे मैगनेट फिल्टर, फोरएवर एफटी, रेड रोज़ और विंटेज भारी ग्राहक आधार के साथ बड़े खिलाडि़यों के रूप में उभरे हैं। ये ब्रांड बाज़ारों, पान की दुकानों व हाॅकरों के स्टालों पर आसानी से उपलब्ध हैं। वास्तव में सिगरेट विक्रेता इन ब्रांडों को अपने पास रखना इसलिए पसंद करते हैं कि इनकी कम कीमतें भारी व्यापारिक मुनाफे को सुनिश्चित करती हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in