* उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी के कर कमलों द्वारा उ0प्र0 विकलांग उद्धार डा0 शकंुतला मिश्रा विश्वविद्यालय का लोकार्पण सम्पन्न साथ ही, उन्होंने इस विश्वविद्यालय को अपने स्वर्गीय दादा श्री मंगला उर्फ श्री मंगल सैन को समर्पित किया
* जिनसे प्रेरित होकर माननीया मुख्यमंत्री जी ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की
* इसके साथ-साथ माननीया मुख्यमंत्री जी ने राज्य सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये गये अन्य महत्वपूर्ण कार्याें का भी संक्षेप में वर्णन किया
* माननीया मुख्यमंत्री जी ने इस मौके पर जनहित से जुड़ी 16,142 करोड़ रुपये की 236 अन्य परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास भी किया
* सोची-समझी व बहुत बड़ी राजनैतिक साजिश के तहत कांग्रेस सहित सभी विरोधी पार्टियां मेरी सरकार पर गलत व झूठे आरोप लगाती रहती हैं-माननीया मुख्यमंत्री जी
* उ0प्र0 राज्य सलाहकार परिषद के अध्यक्ष श्री सतीश चन्द्र मिश्र ने कार्यक्रम से जुड़े सभी महानुभाव के प्रति आभार व्यक्त किया
उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री माननीया सुश्री मायावती जी के कर कमलों द्वारा उ0प्र0 विकलांग उद्धार डा0 शकंुतला मिश्रा विश्वविद्यालय (लखनऊ) का लोकार्पण आज यहां सम्पन्न हुआ। उन्होंने इस विश्वविद्यालय को अपने स्वर्गीय दादा श्री मंगला उर्फ श्री मंगल सैन को समर्पित किया, जिनकी महान व मानवीय सोच से प्रेरित होकर माननीया मुख्यमंत्री जी ने इस विश्वविद्यालय की स्थापना की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने ख़ासकर शिक्षा के क्षेत्र में किये गये महत्वपूर्ण कार्याें का भी संक्षेप में वर्णन करते हुए कहा कि प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए वर्तमान सरकार ने पिछले चार वर्षों में लगभग 65,000 करोड़ रूपये से अधिक खर्च किये, जिसके फलस्वरूप प्रदेश में साक्षरता की दर काफी बढ़ी है।
माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने इस मौके पर जनहित से जुडे़ विभिन्न विभागों की 16,142 करोड़ रूपये की 236 अन्य महत्वपूर्ण परियोजनओं का लोकार्पण, उद्घाटन व शिलान्यास करते हुए बी0एस0पी0 सरकार के प्रति केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार के सौतेले व असहयोगपूर्ण रवैये की निन्दा की और ‘‘कांग्रेस पार्टी के युवराज’’ को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के युवराज प्रदेश में वोट की राजनीति के लिए आयेदिन किस्म-किस्म की नाटकबाजी व गलत बयानबाजी के जरिये उनकी सरकार पर गुस्सा जाहिर करते रहते हैं। इसके बजाय उन्हें अपना गुस्सा कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में चल रही केन्द्र की यू0पी0ए0 सरकार को दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक बहुत बड़ी सोची-समझी राजनीतिक साजिश के तहत कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियां उनकी सरकार पर गलत व झूठे आरोप लगाती रहती हैं।
अपने सम्बोधन में माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब-जब उत्तर प्रदेश में, उनके नेतृत्व में बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनी है, तब-तब हर मामले में व हर स्तर पर यहाँ ‘‘सर्वजन हिताय एवं सर्वजन सुखाय‘‘ की नीति के आधार पर सरकार चलायी गयी है। इसी ही नीति के तहत् चलकर प्रदेश में लम्बे अरसे से समाज में उपेक्षित चले आ रहे विकलांगजनों के उद्धार के लिये भी प्रदेश सरकार ने अनेकों ठोस व महत्वपूर्ण कार्य किये हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश विकलांग उद्धार डा. शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय की उनकी सरकार द्वारा की गई स्थापना, विशेष रूप से ऐतिहासिक एवं अति महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि खासतौर से इस विश्वविद्यालय की स्थापना के पीछे समाज में विकलांगजनों के व्यापक उद्धार के लिए उनकी पवित्र भावना निहित है, जिसकी प्रेरणा उन्हें अपने दादा स्वर्गीय श्री मंगला उर्फ श्री मंगल सैन की मानवीय सोच से मिली है।
अपने स्वर्गीय दादा श्री मंगला उर्फ श्री मंगल सैन का संक्षिप्त परिचय देते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वे देश सेवा करने के ध्येय से सेना में भर्ती हुये तथा उक्त सेवाकाल में सन् 1914 से लेकर 1918 तक के प्रथम विश्वयुद्ध में अपने देश की ओर से इटली में कार्यरत रहे थे। इसके बाद फिर वे अपने देश में वापिस आकर शादी के बन्धन में बंध गये। लेकिन इसके साथ-साथ यहाँ यह भी उल्लेखनीय है कि माननीया मुख्यमंत्री जी के पिता श्री प्रभुदास जी, सन् 1928 में जब लगभग छः महीने के थे, तब इनकी माता अर्थात् माननीया मुख्यमंत्री जी की दादी जी का देहान्त हो गया। जब माननीया मुख्यमंत्री जी के पिता जी की उम्र लगभग पाँच वर्ष थी, उस दौरान माननीया मुख्यमंत्री जी के दादा श्री मंगल सैन अपने ही घर में खुद का कार्य करते हुये दुर्घटनावश दृष्टि बाधित हो गये और कुछ समय बाद उनकी दोनों आँखों की रोशनी पूरी तौर से चली गयी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वर्गीय श्री मंगल सैन ने ऐसी विषम परिस्थितियों में भी अपने इकलौते बेटे अर्थात् माननीया मुख्यमंत्री जी के पिता श्री प्रभुदास जी का, अपनी मेहनत की कमाई से खुद पालन-पोषण करके, इन्हें स्नातक यानि बी0ए0 की उच्च शिक्षा हासिल करायी। और इनको हर मामले में अपने पैरों पर खड़ा करके, समाज में यह साबित कर दिया कि इन्सान अपनी नेक व मज़बूत, दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर, विकलांगता होने के बावजूद अपने जीवन में बड़े से बड़े उद्देश्य को सफलतापूर्वक हासिल कर सकता है। अपनी इसी पवित्र सोच व धारणा के अनुरूप ही श्री मंगल सैन ने अपने बेटे अर्थात् माननीया मुख्यमंत्री जी के पिता जी को यह भी प्रेरित किया कि उनके व उनके परिवार के किसी भी सदस्य को आगे चलकर जब भी कोई मौका प्राप्त होता है तो उन्हें समाज में विकलांगजनों के उद्धार के लिये ज़रूर नेक कार्य करना होगा।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि खुशी की बात यह है कि देश में दलित एवं अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरूओं व महापुरूषों में भी खासतौर से, महात्मा ज्योतिबा फूले, छत्रपति शाहूजी महाराज, श्री नारायणा गुरू, बाबा साहेब डा0 भीमराव अम्बेडकर व मान्यवर श्री कांशीराम जी आदि के बताये हुये रास्तों पर चलकर, आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े प्रदेश, उत्तर प्रदेश की चार बार, जब उनकी पोती को अर्थात् माननीया सुश्री मायावती जी को मुख्यमंत्री के रूप में यहाँ जनता की सेवा करने का शुभ अवसर मिला। तब माननीया मुख्यमंत्री जी ने अपने दादा स्वर्गीय श्री मंगल सैन की इस मानवीय सोच को पूरा करने के मुख्य उद्देश्य से उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उत्तर प्रदेश विकलांग उद्धार डा0 शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय की स्थापना की।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्वर्गीय श्री मंगल सैन की सोच को ध्यान में रखकर ही इस विश्वविद्यालय का नाम स्वर्गीय डा0 शकुन्तला मिश्रा के नाम पर रखा गया है, जो अपने जीते-जी अपनी सच्ची मानवीय भावना से समाज में दुःखी व पीडि़त लोगों की सेवा करने के साथ-साथ विकलांगजनों के हितो में भी काफी अहम् भूमिका निभाती रही है। और इनकी इसी नेक व मानवीय सोच से प्रभावित होकर फिर इनके बेटे श्री सतीश चन्द्र मिश्रा, बहुजन समाज पार्टी की मूवमेन्ट से जुड़े हैं।
माननीया सुश्री मायावती जी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम खासतौर से एक महिला के नाम पर इसलिये रखा गया है, क्योंकि उनके पूज्यनीय दादा ने अपने समय में समाज के पुरूष प्रधान होते हुये भी, हर मामले में बेटियों को हमेशा बेटों के बराबर दर्जा दिया है। जिसकी पृष्ठभूमि यह है कि माननीया मुख्यमंत्री जी के दादा के इकलौते बेटे श्री प्रभुदास जी के यहाँ बेटे तो बाद में पैदा हुये, लेकिन शुरू में उन्हें (माननीया मुख्यमंत्री जी को) मिलाकर लगातार तीन बेटियां पैदा हुई। जिसके कारण बेटा पैदा होने की उम्मीद को छोड़ते हुये, समाज के अधिकांश लोगों ने वंश चलाने के नाम पर, श्री प्रभुदास जी को दूसरी शादी करने की सलाह दी थी। किन्तु उनकी इस सलाह को माननीया मुख्यमंत्री जी के दादा ने पूर्णरूप से ठुकराते हुये माननीया मुख्यमंत्री जी के पिताजी को यह कहा कि ‘‘मेरे जीते-जी व देहान्त के बाद भी, मेरी पोतियों का पालन-पोषण, आपको बेटों की तरह ही करना है।’’ और साथ ही समाज में हर स्तर पर महिलाओं को पुरूषों के बराबर पूरा-पूरा महत्व भी देना है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने पूज्यनीय दादा जी की इस सोच व धारणा को नमन करते हुये, अपने देश में पहले बने इस विशिष्ट व भव्य विकलांग उद्धार विश्वविद्यालय का नाम एक योग्य एवं पात्र महिला के नाम पर रखा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अपने देश में सवर्ण समाज में सदियों से उपेक्षित रहे दलित वर्ग की एक बेटी के नेतृत्व में चल रही बी0एस0पी0 की सरकार के दौरान यहाँ लखनऊ में स्थापित इस विश्वविद्यालय का नाम एक सवर्ण जाति की महिला के नाम से रखे जाने पर, सर्वसमाज में भाईचारा पैदा करने व समतामूलक समाज व्यवस्था के निर्माण में भी कुछ हद तक गति जरूर मिलेगी।
उत्तर प्रदेश विकलांग उद्धार डाॅ0 शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय के खास मकसद व उद्देश्य के बारे में जानकारी देते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न श्रेणी के विकलांगजनों को एक बेहतरीन वातावरण में अच्छी उच्च शिक्षा आसानी से उपलब्ध कराने की चुनौती को पूरा करने के खास मकसद व उद्देश्य से, राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2008 में लखनऊ के मोहान रोड पर लगभग 131 एकड़ भूमि के विशाल क्षेत्र में इस विकलांग उद्धार विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है। साथ ही इसे, इसकी पवित्र भावना के अनुरूप ढालने के लिये, राज्य सरकार का लगातार प्रयास जारी है और इसके निर्माण की लागत लगभग 500 करोड़ रूपये है। उन्होंने इन सब विशेष प्रयासों के लिए प्रदेश के विकलांग कल्याण विभाग व इस विश्वविद्यालय के निर्माण से सम्बन्धित अन्य सभी महानुभावों का भी तहेदिल से आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उनके (माननीया मुख्यमंत्री जी के) दिशा-निर्देंशन में, माननीया मुख्यमंत्री जी के दादा स्वर्गीय श्री मंगल सैन जी की मानवीय सोच को जमीनी अमली जामा पहनाने के खास मकसद से समाज में विकलांगजनों का उद्धार करने हेतु देश में सही मायने में पहली बार यहाँ एक विशिष्ट व विशाल उत्तर प्रदेश विकलांग उद्धार डा. शकुन्तला मिश्रा विश्वविद्यालय की स्थापना की है।
माननीया सुश्री मायावती जी ने कहा कि इस विश्वविद्यालय को समाज के उपेक्षित विकलांगजनों के हित व कल्याण एवं उद्धार के प्रति संकल्पित बी0एस0पी0 की सरकार द्वारा ‘‘मेरे पूज्यनीय दादा स्वर्गीय श्री मंगला उर्फ श्री मंगल सैन जी की महान एवं मानवीय सोच को आज समर्पित किया जाता है।‘‘ जिनकी सोच से प्रभावित होकर ही देश में अपना विशिष्ट स्थान रखने वाला यह पहला आलीशान विकलांग उद्धार विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है, जो विकलांगजनों के कल्याण हेतु आगे चलकर जरूर मील का पत्थर साबित होगा।
इस अवसर पर माननीया मुख्यमंत्री जी ने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में किये गये व्यापक कार्याें का संक्षिप्त विवरण देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने अनेकों विश्वविद्यालय, कालेज, मेडिकल कालेज, तकनीकी व अन्य शिक्षण संस्थानों, छात्रावास, कोचिंग सेन्टर आदि की भी स्थापना की है। जिन पर राज्य सरकार द्वारा पिछले चार वर्षाें में लगभग 65 हजार करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि खर्च की गयी। साथ ही प्रदेश में पहले से स्थापित शिक्षण संस्थानों को बेहतर करने और संसाधनों की कमी को दूर करने की दिशा में भी काफी ठोस पहल की गयी है, जिसके परिणामस्वरूप इस दशक में प्रदेश की महिलाओं की साक्षरता दर 42 प्रतिशत से बढ़कर लगभग 60 प्रतिशत हो गई है। इसके अलावा पुरुषों की साक्षरता दर बढ़कर लगभग 90 प्रतिशत हो गई। उन्होंने कहा कि इसकी पुष्टि वर्ष 2011 के जनगणना आंकड़ों से की जा सकती है।
जनपद गौतमबुद्ध नगर में विश्व स्तरीय गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय की स्थापना की जानकारी देते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने बताया कि इस विश्वविद्यालय में पहली बार सर्वसमाज के गरीब छात्र-छात्राओं को सरकारी खर्च पर विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा दी गयी है। साथ ही लखनऊ में मान्यवर श्री कांशीराम जी उर्दू-अरबी-फारसी विश्वविद्यालय की भी स्थापना की गयी है। उनकी सरकार बी0पी0एल0 परिवारों की बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए, अपने संसाधनों के बल पर सावित्री बाई फुले बालिका शिक्षा मदद योजना संचालित कर रही है, जिसमें कक्षा-ग्यारह में पढ़ रही छात्रा को एक साइकिल के साथ-साथ 15 हजार रूपये तथा कक्षा-बारह में पढ़ने वाली छात्रा को 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। उन्हांेने कहा कि तीन वर्षों में, इस योजना के तहत राज्य सरकार ने लगभग 1221 करोड़ रूपये खर्च करके, अब तक लगभग 9,93,000 बालिकाओं को लाभ पहुँचाया है, जिसमें लगभग 2,43,000 बालिकायें अनुसूचित जाति की हैं। इसके अलावा वर्तमान वित्तीय वर्ष में भी इस योजना के तहत लगभग 1131 करोड़ रूपये का प्राविधान करके 7,39,000 बालिकाओं को लाभान्वित करने के लक्ष्य में काफी प्रगति हो चुकी है। साथ ही इस योजना से प्रदेश के मान्यता प्राप्त मदरसों व अन्य तकनीकी संस्थाओं में पढ़ रही पात्र छात्राओं को भी लाभान्वित किया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए उठाये गये कदमों की जानकारी देते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस सम्बन्ध में 97 हजार अध्यापकों की नियुक्ति की गयी और लगभग 72 हजार प्राथमिक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया प्रगति पर है। साथ ही 62 हजार स्नातक शिक्षामित्रों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ उनकी सरकार ने 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों को निःशुल्क अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने हेतु उत्तर प्रदेश निःशुल्क व अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियमावली 2011 को लागू किया है और प्राथमिक विद्यालयों में पहली कक्षा से ही अंग्रेजी की पढ़ाई भी शुरू करायी है। स्कूलों में दोपहर के भोजन की योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार ने आई0वी0आर0एस0 प्रणाली अपनायी हैै, जिसकी तारीफ पूरे देश में हो रही है और अब इसे दूसरे राज्य भी लागू करने पर विचार कर रहे हैं।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने माध्यमिक शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि 256 राजकीय हाईस्कूलों का उच्चीकरण करके उन्हें इण्टरमीडिएट में तब्दील किया गया और 572 नवीन हाईस्कूल विद्यालयों की भी स्थापना भी की गई। इसके अलावा 148 विकास खण्डों में केन्द्रीय विद्यालय की भांति माॅडल स्कूलों का भी निर्माण कार्य बहुत जल्द पूरा होगा। इसी प्रकार, उच्च शिक्षा में सुधार पर भी राज्य सरकार ने पूरा ध्यान देते हुए 16 राजकीय महाविद्यालय स्थापित किये तथा 10 राजकीय महाविद्यालयों को स्नातकोत्तर स्तर पर उच्चीकृत भी किया है। निजी क्षेत्र में अब तक 17 विश्वविद्यालयों की स्थापना की अनुमति प्रदान की जा चुकी है। इसके साथ ही गौतमबुद्ध नगर जिले में महामाया प्राविधिक विश्वविद्यालय के नाम से दूसरा प्राविधिक विश्वविद्यालय, बांदा में मान्यवर श्री कांशीराम जी कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 05 जि़लों में नये पाॅलीटेक्निक तथा मान्यवर श्री कांशीराम जी यू0पी0 इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी की भी स्थापना भी की गई है।
राज्य सरकार द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए किए गये कार्याें की जानकारी देते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उनकी सरकार ने डिप्लोमा संस्थाओं की संख्या बढ़ाकर 149 तथा इनमें प्रवेश क्षमता लगभग 33 हजार कर दी है। 41 नये राजकीय पाॅलीटेक्निकों की भी स्थापना की गई है। इसी के साथ स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान के अन्तर्गत बाँदा, बिजनौर, आज़मगढ़ तथा अम्बेडकर नगर जिलों में नये इंजीनियरिंग कालेजों की स्थापना की गई है। बाँदा, कन्नौज, अम्बेडकर नगर तथा सहारनपुर जनपदों में मेडिकल कालेजों की स्थापना के साथ-साथ, 28 संस्कृत महाविद्यालयों तथा 99 मदरसों को अनुदान सूची में शामिल भी किया गया है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसी प्रकार उनकी सरकार ने अन्य क्षेत्रों में भी विकास व जनहित के काफी महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक कार्य किये हैं। इसके बावजूद विरोधी पार्टियों के लोग आये-दिन मीडिया में अधिकांशतः अरोप लगाते रहते हैं कि उनकी पार्टी की सरकार जनता की ज्यादातर धनराशि को स्मारकों व पार्काें आदि के निर्माण पर ही खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों के अरोप हकीकत से बिलकुल परे है और यह पूरी तौर से इनका दुष्प्रचार है। जबकि इस सम्बन्ध में वास्तविकता यह है कि प्रदेश सरकार के वार्षिक बजट का मात्र एक प्रतिशत से भी कम धनराशि स्मारकों व पार्काें आदि के निर्माण पर अभी तक खर्च की गई है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अब इन सभी स्थलों पर प्रतिदिन आने वाली भारी संख्या में पर्यटकों की भीड़ को देखते हुये, विरोधी पार्टियों को यह भी मालूम हो जाना चाहिये कि जनता के दिल में इन स्मारकों व पार्कों आदि के प्रति कितनी ज्यादा आस्था है। उन्हांेने कहा कि उनका अनुमान है कि ऐसी स्थिति में कुछ ही वर्षों के बाद इन स्थलों के टिकटों की बिक्री से होने वाली आय, इनके निर्माण पर हुये खर्चें से कई गुना अधिक हो जायेगी, जो प्रदेश के विकास व जनहित के कार्यों पर और उसमें भी गरीबों के उत्थान के लिए विशेषतौर से खर्च की जायेगी।
कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में चल रही केन्द्र सरकार द्वारा उनकी पार्टी की सरकार के प्रति शुरू से ही किये जा रहे सौतेले व असहयोगपूर्ण रवैये का उल्लेख करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके बावजूद, उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में वर्णित ज्यादातर उपलब्धियां, राज्य सरकार ने अपने संसाधनों के बदौलत प्राप्त की हैं। उन्हांेने कहा कि प्रदेश की जनता के हित व कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं की धनराशि भी केन्द्र सरकार द्वारा समय से उपलब्ध नहीं करायी जाती रही है।
इस सम्बन्ध में खासतौर से सर्व शिक्षा अभियान व राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान का उल्लेख करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि केन्द्र सरकार का रवैया निन्दनीय है। उन्हांेने कहा कि कांग्रेस पार्टी के युवराज प्रदेश में वोट की राजनीति के लिए, आये-दिन किस्म-किस्म की नाटकबाजी व गलत बयानबाजी के जरिये, उनकी सरकार पर गुस्सा जाहिर करते रहते हैं, इसके बजाय उन्हें अपना गुस्सा दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में चल रही यू0पी0ए0 की सरकार को दिखाना चाहिये। साथ ही प्रदेश का एक सांसद होने के नाते भी इनको केन्द्र सरकार पर अपना दबाव डालकर प्रदेश की लम्बित पड़ी धनराशि को जारी करवाने में राज्य सरकार की मदद करनी चाहिये। इसके साथ-साथ कांग्रेस के युवराज को, केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण देश में लगातार बढ़ रही महँगाई व अभी हाल ही में पेट्रोल की बढ़ी हुई कीमतों को कम करवाने में भी बढ़-चढ़कर पहल करनी चाहिये, क्योंकि इनसे उत्तर प्रदेश भी काफी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। उन्हांेने दुःख जताते हुए कहा कि जनहित के इन सभी जरूरी मामलों में, कांग्रेस पार्टी के इस युवराज को न तो कभी गुस्सा आता है और न ही इस ओर उनका कभी ध्यान जाता है। इसी प्रकार देश में खासतौर से कांग्रेस पार्टी शासित राज्यों, और इसमें भी महाराष्ट्र व देश की राजधानी दिल्ली जैसे राज्यों में, विशेषतौर से उत्तर प्रदेश व बिहार के जो लोग कांग्रेस पार्टी के राज में अपनी रोटी-रोजी कमाने के लिए मजबूरीवश अपने राज्यों को छोड़कर वहाँ जाकर बस गये हैं, जिनके साथ आयेदिन किस्म-किस्म की जुल्म-ज्यादती भी होती रहती हैं।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी शासित राज्य हरियाणा के मिर्चपुर गाँव में वहाँ के सामन्तवादियों द्वारा दलितों को पूरी तरह से उजाड़ दिया गया, जो आज भी कोर्ट में न्याय मांगते घूम रहे हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी के युवराज को अपनी इन सरकारों पर गुस्सा नहीं आता है। इतना ही नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद, कांग्रेस पार्टी ने जब लगभग 38 वर्षों तक अकेले यहाँ राज किया, तो इस लम्बी अवधि में इनके शासन के दौरान यहाँ पर दलितों, पिछड़ों, धार्मिक अल्पसंख्यकों व अपर कास्ट समाज में से गरीब एवं कमजोर लोगांे के ऊपर जातिवादी व धार्मिक द्वेष की भावना तथा सामन्तवादी मानसिकता के तहत् बड़े पैमाने पर जुल्म-ज्यादती की जाती थी।
कांग्रेस पार्टी के राज में ही मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुये श्री वी.पी. सिंह के सगे भाई की हत्या के अलावा अनेक निर्दोष लोगों तथा कई जन-प्रतिनिधियों के मारे जाने का उल्लेख करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस मामले में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तो एक जन-प्रतिनिधि को दिन-दहाड़े उसके कमरे की छत को तोड़कर बल्लम से गोद-गोदकर मार दिया गया था। लेकिन आश्चर्य की बात है कि इसे कांग्रेस पार्टी के लोग कानून का राज कहते थे। उन्होंने कहा कि आज जब उनकी सरकार में, हर मामले में व हर स्तर पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बिना किसी द्वेष भावना के न्याय दिया जा रहा है, तो कांग्रेस पार्टी के लोग उनके इस बेहतरीन राज को जंगल राज बता रहे हैं।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में तो कांग्रेस पार्टी का काफी लम्बा इतिहास है, इसलिए इस मामले को लेकर उनकी पार्टी की सरकार के बारे में कोई भी टीका-टिप्पणी करना कांग्रेस पार्टी को शोभा नहीं देता। कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ अन्य सभी विरोधी पार्टियों के लोग भी उनकी सरकार के ऊपर आयेदिन किस्म-किस्म के और उसमें भी विशेषतौर से भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का गलत व झूठा आरोप लगाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि यह सब उनकी सरकार को बदनाम करने की विपक्षी पार्टियों की आपसी मिली-जुली एक सोची-समझी बहुत बड़ी राजनैतिक साजिश नजर आती है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस सम्बन्ध में सभी विरोधी पार्टियों को अच्छी तरह से मालूम है कि प्रदेश में वर्षों से हर स्तर पर काफी ज्यादा भ्रष्टाचार फैला हुआ है, वह पूर्व की सरकारों की, वर्षों पुरानी भयंकर बीमारी है जो उनकी सरकार को विरासत में मिली है। उन्होंने कहा कि इसे खत्म करने के लिए उनकी सरकार पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ लगी हुई है, और इसके अनेक जीते-जागते प्रमाण जनता के सामने मौजूद हैं। इस बारे में सभी लोगों को मालूम है कि उनकी सरकार के जिस भी मन्त्री व अधिकारी के ऊपर भ्रष्टाचार में लिप्त होने की थोड़ी सी भी गम्भीर बात सामने आयी है, तो उन्होंने (माननीया मुख्यमंत्री जी ने) उस मन्त्री व अधिकारी के खिलाफ काफी सख्त कार्यवाही करने के निर्देंश दिये हंै।
ऐसे कुछ मामलों में दाखिल की गई पी0आई0एल0 पर माननीय हाई कोर्ट के आये फैसले को माननीय सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के बजाय, उनकी सरकार द्वारा माननीय हाई कोर्ट के फैसले का तुरन्त पालन किये जाने का उल्लेख करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में एन0आर0एच0एम0, लखनऊ से जुड़े 3 सी0एम0ओ0 की हत्या व सम्बन्धित विभाग की वित्तीय जाँच को भारत सरकार की सी0बी0आई व सी0ए0जी0 को यह जानते हुये भी दे दी है कि कांग्रेस पार्टी केन्द्र की इन दोनों जाँच एजेन्सियों की आड़ में उत्तर प्रदेश विधानसभा या फिर आगे चलकर देश में लोकसभा आम चुनाव होने से पहले इसका राजनैतिक लाभ उठाने की पूरी-पूरी कोशिश कर सकती है। उन्होंने कहा कि अभी तक लगभग सभी विरोधी पार्टियों के लोग केन्द्र की इन जाँच एजेन्सियों के बारे में केन्द्र सरकार के रवैये को देखकर आयेदिन उंगली उठाते रहते हैं। लेकिन फिर भी उन्हें प्रदेश की जनता पर पूरा यकीन है कि वह उनके ताज प्रकरण से सबक सीखकर इन सब मामलों में भी सावधान रहेगी।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में विरोधी पार्टियों द्वारा अपनायें जा रहे इन सब हथकण्डों से भी जब इनका मकसद पूरा नहीं हो पा रहा है, तो अब ये सभी विरोधी पार्टियां अपनी किस्म-किस्म की यात्रायें निकालकर प्रदेश की भोली-भाली जनता का,े उनकी पार्टी व सरकार के खिलाफ गुमराह करने की कोशिश में जी-जान से लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि जब इनकी इन यात्राओं से भी इनका मकसद पूरा नहीं हो रहा है तो अब ये पार्टियां, अपनी इन यात्राओं के साथ-साथ पर्दें के पीछे से अपनी मदद के लिए प्रदेश में अनेक धार्मिक बाबाओं की भी यात्रायें निकलवा रही हैं। इन सब यात्राओं में भी फेल हो जाने के बाद, अब ये विरोधी पार्टियां अपने मकसद को हासिल करने की कोशिश में मुम्बई के कुछ फिल्म-कलाकारों का भी विभिन्न रूप में इस्तेमाल कर सकती हैं। जिससे प्रदेश की जनता का मनोरंजन तो खूब होगा, लेकिन इससे भी इनको कुछ ज्यादा फायदा होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों को इन हथकण्डों के इस्तेमाल करने के बावजूद प्रदेश की जनता गुमराह होने वाली नहीं है।
इस अवसर पर अपने सम्बोधन में माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा को बढ़ावा देने के साथ-साथ उनकी पार्टी की सरकार, अपने अन्य विभागों के जरिये भी यहाँ विकास व जनहित के मामलों में अनेकों और महत्वपूर्ण व ऐतिहासिक कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछले महीने 14 अक्टूबर के बाद आज फिर से उनके (माननीया मुख्यमंत्री जी के) द्वारा लगभग 10,611 करोड़ रूपये की, 169 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 5,532 करोड़ रूपये की लागत से 67 परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने इस मौके पर बताया कि आज जिन परियोजनाओं का उन्होंने लोकार्पण व शिलान्यास किया है, उनमें बिजली उत्पादन की तीन अति महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी शामिल हैं, जिनके क्रियाशील हो जाने से प्रदेश को 1650 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मिलने लगेगी। उन्होंने इस बात पर बेहद खुशी जतायी कि बिजली उत्पादन के क्षेत्र में पिछले 20 वर्षाें में इतनी अधिक क्षमता वृद्धि कभी नहीं हुई।
प्रदेश में बिजली की दयनीय व खराब स्थिति उनकी पार्टी की सरकार को विरासत में मिलने का उल्लेख करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ाये जाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किये जा रहे अनेकों प्रयासों के चलते, उन्हें पूरा भरोसा है कि सन् 2014 तक यहाँ की जनता को समुचित बिजली मिलने लगेगी। इससे जनता को काफी राहत प्राप्त होगी, और आगे चलकर सन् 2017 तक उत्तर प्रदेश बिजली उत्पादन के मामले में न केवल आत्मनिर्भर होगा, बल्कि देश में सरप्लस विद्युत प्रदेश भी बन जायेगा।
प्रदेश की नदियों को प्रदूषण मुक्त करने हेतु अपनी सरकार के दृढ़ संकल्प को दोहराते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पिछली सरकारों की मात्र घोषणाओं की बजाय, उनकी सरकार ने अपने वर्तमान कार्यकाल में ही लखनऊ शहर में गोमती नदी में गिरने वाले सभी नालों से हो रहे प्रदूषण को रोकने का कार्य 460.22 करोड़ रूपयों की लागत से पूर्ण कर गोमती नदी को प्रदूषण मुक्त कर दिया है। इन नालों के दूषित जल के शोधन हेतु 345 एम0एल0डी0 क्षमता का एशिया का सबसे बड़ा संयन्त्र भरवारा में तथा 14 एम0एल0डी0 अतिरिक्त क्षमता का एक सीवेज शोधन संयन्त्र दौलतगंज में माननीया मुख्यमंत्री जी द्वारा लोकार्पित किया जा चुका है। इसके अलावा नदी में साल भर 100 एम0एल0डी0 जल उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की जा चुकी है। इस प्रकार जहाँ एक ओर नदी में नाले नहीं जायेंगे, वहीं दूसरी ओर प्रतिदिन 100 एम0एल0डी0 साफ जल नदी में डाला जायेगा। उन्होंने कहा अब लखनऊ में गोमती नदी के निर्मल प्रवाह का उनकी सरकार का संकल्प पूर्ण हो चुका है, साथ ही प्रदेश की अन्य नदियों को भी प्रदूषण मुक्त करने की कार्यवाही काफी प्रगति पर है।
अपनी सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर कराये जा रहे विकास कार्यों की चर्चा करते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार के सीमित संसाधनों के बल पर, डा0 अम्बेडकर ग्राम सभा विकास योजना और मान्यवर श्री कांशीराम जी शहरी समग्र विकास योजना के तहत्, विभिन्न विभागों के जरिये, प्रदेश में गाँवों व शहरों का भी चरणबद्ध विकास काफी प्रगति पर है। इसके अलावा प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के जरिय सर्वसमाज में से गरीब, मजदूर, युवा व महिलाओं के साथ-साथ, किसान, व्यापारी, कर्मचारी, वकील व अन्य विभिन्न क्षेत्रों में लगे लोगों के हितों में भी अनेकों ठोस कार्य किये गये हैं।
अपने सम्बोधन के अंत में माननीया मुख्यमंत्री जी ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए, इससे जुड़े सभी स्तर के अधिकारियों, खासतौर से अपने प्रमुख सचिव श्री आर0पी0 सिंह, वरिष्ठ मन्त्रियों, पार्टी के सभी जिम्मेदार छोटे-बड़े पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं, कार्यक्रम में शामिल अन्य सभी महानुभाव व मीडिया बन्धुओं के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर उ0प्र0 राज्य सलाहकार परिषद के अध्यक्ष श्री सतीश चन्द्र मिश्र ने अपने सम्बोधन में माननीया मुख्यमंत्री जी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी (जो विकलांग कल्याण विभाग की माननीया मंत्री भी हैं) की प्रेरणा एवं दिशा निर्देश पर विकलांगजन के उद्धार के लिए इस विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है। उन्होंने कैबिनेट मंत्री श्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, श्री इन्द्रजीत सरोज तथा श्री स्वामी प्रसाद मौर्य के प्रति भी आभार व्यक्त किया। श्री मिश्र ने मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह, मुख्य सचिव श्री अनूप मिश्र, अपर मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री रवीन्द्र सिंह, विकलांग कल्याण विभाग सहित प्रदेश शासन के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, सांसद, विधायक, विश्वविद्यालय के शिक्षक, छात्र-छात्राओं, कर्मचारियों व अन्य उपस्थित जनों के प्रति भी कृतज्ञता ज्ञापित की। उन्होंने उ0प्र0 निर्माण निगम के प्रबन्ध निदेशक, अन्य संबंधित अभियन्ताओं तथा मीडिया बन्धुओं के प्रति भी आभार व्यक्त किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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