Archive | November, 2011

मंत्री भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे हैं

Posted on 27 November 2011 by admin

उ0प्र0 ही नहीं, पूरे देश के इतिहास में यह पहला अवसर है जब किसी सरकार में 40प्रतिशत मंत्री भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे हैं और उनके खिलाफ लोकायुक्त द्वारा जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी में अगर तनिक भी नैतिकता हो तो उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देकर जनता की अदालत में जाना चाहिए। इसमें कोई शक नहीं है कि भ्रष्टाचार से कराह रही जनता आने वाले चुनाव में मुख्यमंत्री और बसपा को उसकी वास्तविक हैसियत बता देगी।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता द्विजेन्द्र त्रिपाठी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में विधायकों के खिलाफ गंभीर भ्रष्टाचार की शिकायतें दर्ज की गई और इन विधायकों में अधिकांश बहुजन समाज पार्टी के हैं। इतिहास यह भी है कि पहली बार किसी मंत्रिमण्डल के चार-चार मंत्रियों को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ा है। इन मंत्रियों को और किसी से नहीं बल्कि स्वयं मुख्यमंत्री सुश्री माायवती ने ही हटाया है। इसके अलावा स्वयं मुख्यमंत्री ने कई मंत्रियों और विधायकों को आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं देने का ऐलान किया है इसके पीछे भी भ्रष्टाचार, अपराधिक संलिप्तता ही प्रमुख कारण है। इन मंत्रियों और विधायकों पर हत्या, बलात्कार और भ्रष्टाचार के संगीन आरोप हैं। एनआरएचएम, मनरेगा और तमाम केन्द्रीय योजनाओं में भ्रष्टाचार की नित नई कहानियां प्रकाश में आ रही हैं। अब तो सुश्री मायावती जी के अपने निकट के लोगों की बातें भी इस बात को उजागर कर रही है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व मेंएक संगठित गिरोह आम जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा लूटने में लगा है।
प्रवक्ता ने कहा कि कहाकि श्री राहुल गांधी द्वारा उठाये मुद्दों का जवाब देने में असमर्थ बसपा का इतिहास पढ़ने की बात करना मुद्दों से दूर भागना है। बहुजन समाज पार्टी द्वारा कंाग्रेस के राष्ट्रीय नेता को यह नसीहत देना कि वह बसपा के इतिहास को पढ़ें। जहां तक बसपा के इतिहास की बात है तो इतिहास तो उसका होता है जिसने देश और समाज की भलाई के लिए कुछ किया है। रही बात बसपा के भ्रष्टाचार और कुशासन का इतिहास, तो इसे पढ़ने में कंाग्रेस को कोई दिलचस्पी नहीं है उसे जनता खुद ही देख रही है।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि पूर्व मंत्री और मुख्यमंत्री जी के अत्यन्त करीबी ने अभी शीघ्र ही जिस तरह से गंभीर आरोप लगाये हैं वह इस बात की ओर स्पष्ट इशारा है कि लूट के पैसे की बंदरबांट के चलते इस तरह की नौबत आ रही है। जिसे तरह से एक उद्यान अधिकारी ने अपने विभागीय मंत्री पर नियोजित ढंग से पैसे की लूट का आरोप लगाया है उससे भी यह साबित होता है कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सिर्फ और सिर्फ मंत्रियों और कुछ अधिकारियों का गिरोह अपनी जेबें भरने में लगा है। यह किसी से छुपा नहीं है कि कुछ अधिकारी प्रशासनिक मर्यादाओं को ताक पर रखकर बसपा प्रवक्ता या बसपा कार्यकर्ताओं की भूमिका में नजर आ रहे हैं। कई अधिकारियों ने तो सार्वजनिक रूप से सत्ता में बैठे लोगों के भ्रष्ट खेल के बारे में बोलना शुरू कर दिया है। दरअसल मुख्यमंत्री सुश्री मायावती और उनके गिरोह का भाण्डा पूरी तरह से फूट गया है और पाप का घड़ा पूरी तरीके से भर गया है। जनता अब बहुत दिनों तक चुपचाप यह सब देखने वाली नहीं है। अब जनता के आक्रोश का लावा भड़क चुका है और लोग सड़कों पर उतरने के लिए बेकाबू हैं, प्रशासनिक नियंत्रण हाथ से निकल चुका है ऐसे में मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देकर जनता की अदालत में जाना चाहिए।
प्रवक्ता ने अंत में कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा खुदरा क्षेत्र में विदेश निवेश पर लिये गये निर्णय पर जिस तरह से प्रदेश की मुख्यमंत्री ने प्रतिक्रिया में व्यक्तिगत आरोप लगाये हैं उससे ऐसा लगता है कि प्रदेश की मुखिया के पास आर्थिक और राजनीतिक विषय में कहने को कुछ भी नहीं है। उ0प्र0 में भी श्री राहुल गांधी जी के दौरे और जनसमर्थन से घबराई प्रदेश की मुख्यमंत्री ने जिस प्रकार व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप पर उतर आई हैं उससे उनकी घबराहट और बौखलाहट का अंदाजा लगाया जा सकता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने निम्नलिखित प्रत्याशियों को पार्टी द्वारा निर्धारित मानकों को पूर्ण कर देने के फलस्वरूप इनकी उम्मीदवारी बहाल कर दी है

Posted on 27 November 2011 by admin

1.     49-मेरठ दक्षिण,       श्री आदिल चैधरी
2.     60-गढ़मुक्तेश्वर,       श्री मदन चैहान
3.     145-महोली,          श्री अनूप गुप्ता
4.     174-लखनऊ मध्य,    श्री रविदास मेहरोत्रा
5.     259-मेजा            श्री गिरीशचन्द्र गामा पाण्डेय
6.     296-गोण्डा,          श्री विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह
7.     297-कटराबाजार,      श्री बैजनाथ दुबे
8.     384-पिन्ड्रा,           श्री अखिलेश मिश्रा

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आईडीएफसी के कर बचत वाले इंफ्रा बांड जारी

Posted on 27 November 2011 by admin

इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी लिमिटेड (आईडीएफसी) ने सिक्योर्ड रिडीमेबल नाॅन कनवर्टिबल डिबेंचर्स के रूप में 5000 रूप्ए अंकित मूल्य वाले लांग टर्म इंफ्रास्ट्रक्चर बांड जारी करने करने की घोषणा की है। इसमें निवेश करने पर धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट मिलेगी। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने पिछले आम बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर बांड में निवेश करने वालों को 20 हजार अतिरिक्त छूट की घोषणा की थी यानी पहली धारा 80 सी के तहत सिर्फ एक लाख रूप्ये तक निवेश करके टैक्स बचाया जा सकता था अब यह सीमा एक लाख बीस हजार हो गई है। श्रृंखला एक बांड्स के इस इश्यू के बिक्री की अंतिम तिथि 16 दिसंबर 2011 है। इसकी ब्याज दर 9 प्रतिशत सालाना होगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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श्री राजनारायण आजीवन अन्याय के खिलाफ संघर्षशील रहे

Posted on 26 November 2011 by admin

25-11-b “श्री राजनारायण आजीवन अन्याय के खिलाफ संघर्षशील रहे। किसानों के वे सच्चे हमदर्द थे। वे जो सोचते थे, वही बोलते थे और जो बोलते थे, वही करते थे। नाराज साथियों को मनाने का उनमें गुण था। उनके सिद्धान्तों पर चलकर हम नया समाज बनाने का संकल्प लें, यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी।“
इन शब्दों में आज लोकबंधु राजनारायण को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव ने एक सादे समारोह में श्रद्धांजलि अर्पित की। पार्टी मुख्यालय सहित प्रदेश के विभिन्न जनपदों में भी आज स्व0 राजनारायण का जन्म दिवस “संघर्षदिवस“ के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने की और संचालन प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने किया।
मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में श्री मुलायम सिंह यादव ने कहा कि समाजवादी आंदोलन में लोहिया, जयप्रकाश नारायण से लेकर राजनारायण तक संघर्ष की परम्परा रही है। अन्याय के सामने ये कभी झुके नहीं, टूटे नहीं। जनता के बीच से न्यायालय तक उन्होने असत्य और अन्याय को चुनौती दी। कांग्रेस आज जो कमजोर हुई है, उसमें स्व0 राजनारायण की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होने श्रीमती गांधी के चुनाव को चुनौती दी जिसकी प्रतिक्रिया में देश में आपातकाल लागू हुआ। आपातकाल के काले दिनों की यातना के बाद हुए आम चुनाव में उन्होने श्रीमती गांधी को पराजित कर एक नया इतिहास रचा।
श्री यादव ने श्री राजनारायण के साथ अपने लम्बे राजनीतिक संबंधों का जिक्र करते हुए कई रोचक संस्मरण सुनाए। उन्होने कहा स्व0 राजनारायण हमेशा आम आदमी के सरोकारों से जुड़े रहे और संसद तथा विधान सभा में उन्होने जनसमस्याओं को जोरदार तरीके से उठाया। संसदीय राजनीति में भी उन्होने अनोखे प्रयोग किए।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि आज देश के समक्ष कई चुनौतियां है। कांग्रेस सरकारें देश को किधर ले जा रही हैं, पता नहीं। देश में विदेशी दूकानों का जाल फैलनेवाला है। इससे बेकारी बढ़ेगी। बहुराष्ट्रीय कम्पनियों का बढ़ता वर्चस्व देशी व्यापार को नुकसान पहुॅचायेगा। गांव-कस्बे के बाजार चैपट हो जाएगें। हमें इसके खिलाफ जनता के बीच जाना होगा और जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी करना होगा। उन्होने कहा आज डा0 लोहिया और राजनारायण होते तो सत्याग्रह करते।
उन्होने कहा श्री राजनारायण ने दल बदले लेकिन समाजवादी विचारधारा कभी नहीं छोड़ी। समाजवादी आंदोलन नेतृत्व के मतभेदों और टूट का शिकार रहा है। पर गर्व की बात है कि समाजवादी पार्टी अपने जन्म से अब तक एक है और वह कभी टूटी नहीं। इस एकता को बनाए रखने के लिए उन्होने प्रशिक्षण शिविर चलाकर वैचारिक प्रतिबद्धता बनाए रखने पर बल दिया।
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव ने स्व0 राजनारायण को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि आज किसानों और खेती पर संकट है। असमानता बढ़ रही है। खुदरा कारोबार में विदेशी निवेश से किसानों के साथ अन्याय होगा। इस लड़ाई में समाजवादी पार्टी की भूमिका होगी। समाजवादी सिद्धंातों को आगे बढ़ाना का हमें आज संकल्प लेना होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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शिक्षा में सामाजिक सहभागिता की पहल ‘‘सारथी‘‘

Posted on 26 November 2011 by admin

commissioner-amrit-abhijat-hosting-meet-of-saarthi-to-encourage-social-engagement-in-education‘‘सारथी‘‘ की पहली बैठक में ही विद्यालयों को अंगीकृत हेतु भारी उत्साह

शिक्षा में सामाजिक सहभागिता हेतु मण्डलायुक्त अमृत अभिजात द्वारा एक पहल की गई है और ‘‘सारथी‘‘ कार्यक्रम की शुरूवात हुई है । कलेक्ट्रेट सभागार में ‘‘सारथी‘‘ की प्रारम्भिक बैठक में ही नागरिकों ने भारी उत्साह दिखाते हुए स्वेच्छा से प्राइमरी स्कूलों को अंगीकृत किये जाने हेतु सहमति देते हुए सारथी की भावना को साकार करने का संकल्प दोहराया।
मण्डलायुक्त ने इस अवसर पर कहा कि सामाजिक संस्थाओं से इस कार्य में आर्थिक सहयोग की कोई अपेक्षा नही है। केवल यह अनुरोध है कि इन प्राइमरी स्कूलों के संचालन में अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को निभाते हुए उत्साह के साथ आगे आकर सहयोग करें। आपका पर्यवेक्षण व्यवस्था में गुणात्मक सुधार लायेगा। इन बच्चों को अपना स्नेह स्नेह दें, उनका सुख दुख बांटे और आने वाले वर्षो में हाथ पकडकर उनको मार्ग दर्शन देकर उनका शैक्षिक और सामाजिक स्तर ऊंचा करें।
उन्होंने बताया कि विद्यालय को अंगीकृत करने पर एक साधारण शपथ पत्र देना होगा। अंगीकृत किये गये विद्यालय के सम्बन्ध में शिक्षा विभाग द्वारा अध्यापकों व बच्चों का विवरण, अनुदान मध्यान्ह भोजन, छात्रवृत्ति, निःशुल्क पाठ्य पुस्तक वितरण, निःशुल्क स्कूल बैग व यूनीफार्म वितरण आदि के बारे में पूरी सूचना दी जायेगी जिससे कि इस योजनाओं का अनुश्रवण भली प्रकार कर सकें।
जिलाधिकारी अजय चैहान ने सारथी कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि सुखी और सबल समाज की परिकल्पना तभी साकार हो सकती है जब ‘‘सब पढे-सब बढे‘‘ हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि स्कूलों में बच्चों का सर्वागींण विकास हो।
अशोक जैन सी.ए. ने सारथी अभियान को रचनात्मक पहल बताते हुए समाज सेवी संस्थाओं की भरपूर सहयोग की ओर ध्यान दिलाया। इस अवसर पर हर विजय सिंह वाहिया, रमन जी, सन्देश जैन, बी.डी.अग्रवाल, पवन आगरी, रमाशंकर गोयल मानाजी, सुधा कपूर, शशि गोपाल, उषा बंसल, वत्सला प्रभाकर, नीलिमा पाटनी आदि ने विचार व्यक्त किये।
इस अवसर पर माधवी अग्र महिला मण्डल द्वारा- 4, आराधना संस्था द्वारा-7 महिला शांति सेना-5, लल्ला बाबू माना जी यूथ फण्ड , रितु जैन महिला मण्डल, नारी स्मिता समिति, रामलाल वृद्वा आश्रम, लार्ड कृष्णा संस्थान, श्रीमती पुष्पा अग्रवाल पुष्पांजलि ग्रुप, सिटी जन आफ आगरा की महिला शाखा , हिन्दुस्तानी विरादरी के डा0 शिराज कुरैशी आदि द्वारा विद्यालयों को अंगीकृत किये जाने पर सहर्ष स्वीकृति देते हुए सूची भी प्रस्तुत की गई।
बैठक में आगरा मण्डल के चारों जिलो के जिलाधिकारी गण, अपर जिलाधिकारी (नगर) अरूण प्रकाश, जिला विद्यालय निरीक्षक, बेसिक शिक्षा अधिकारी आदि उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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हरदोई महोत्सव का आगाज, कैबिनेट मंत्री द्वारा महोत्सव की शुरूआत

Posted on 26 November 2011 by admin

रंगारंग अंदाज में हरदोई महोत्सव की शुरूआत राजकीय इंटर काॅलेज के प्रंागण में दीप प्रज्वलित करके मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अब्दुल मन्नान ने शुभारंभ करते हुए कहा कि जनपद में प्रत्येक वर्ग से चाहे किसान छात्र या प्रषासनिक सेवा के अधिकारी सभी का उद्देष्य जिले की संस्कृति प्रतिभा का परिचय मंच के माध्यम से जनता को अवगत कराना ही लक्ष्य है। आगे भी यह अनवरत चलता रहेगा। हमाररी कोषिष यहीं होनी चाहिए की इसमें ज्यादा से ज्यादा लोगोें को प्रतिभा दिखाने का मौका मिल सकें। जिलाधिकारी एके सिंह राठौर ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिंह भी भेंट किया। कार्यक्रम की शुरूआत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भोला सिंह को सम्मानित करते हुए किया गया। संचालन अनीता सहगल ने किया। इस अवसर पर नगरपालिकाध्यक्ष उमेंष अग्रवाल, अपर जिलाधिकारी आरके मिश्रा सहित समस्त अधिकारी मौजूद रहे। महोत्सव में रंगारंग कार्यक्रम 24 नवंबर से 28 नवंबर तक धूमधाम से मनाया जाएगा और उसी दिन इसका समापन होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अस्पताल मंे लगा ताला मिला, मजबूरी में जीप में हुआ प्रसव

Posted on 26 November 2011 by admin

सरकार चाहे जितना प्रयास करे मगर हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। जच्चा बच्चा की सुरक्षा की आप बात छोड़ दीजिए उनकी जान ही ऐसी हालत में बच जाए यही क्या कम हैं। वाकया बेनीगंज थाना क्षेत्र के जलालपुर निवासी तहेदर की पत्नी सरला (30) को प्रसव पीड़ा होने पर कोथावां स्थित सरकारी अस्पताल में पति के साथ आई। परिजनों के मुताबिक डाक्टर साहब गायब थे और सभी कमरों में सुबह नौ बजे ताला लगा मिला। जबकि अन्य कर्मचारी बाहर बैठे गपषप कर रहे थे। तब आषा बहू ऊषा तिवारी के साथ वह जिला अस्पताल लेकर आए। लेकिन प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण हालत बिगड़ चुकी थी। इसलिए जिला अस्पताल में भी भर्ती करने से मना कर दिया। षिषु और प्रसूता प्रसव होने पर जीप में ही पड़े रहे। भीड़ बढ़ती ही चली गई। हंगामा शुरू हो गया। नारेबाजी होने के कारण भीड़ के दबाव में अस्पताल प्रषासन ने जच्चा और बच्चा को अंदर लेकर भर्ती किया। इस प्रकार की घटनाओं से जनता को कम निजात मिलेगी। इनमें कैसे सुधार होगा। ऐसी नौकरषाही व्यवस्था से कैसे जनता का काम चलेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अनशन से पूर्व चै0 लौटनराम निषाद को धोखे से बुलाकर किया गया अगवा

Posted on 26 November 2011 by admin

आरक्षण नहीं मिला तो कांग्रेस व बसपा का होगा बहिष्कार-चै0 लौटन राम निषाद

राष्ट्रीय निषाद संघ व राष्ट्रीय विमुक्त घुमन्तू जनजाति महासंघ के उ0प्र0 प्रभारी चै0 लौटन राम निषाद रेणके आयोग की सिफारिश को केन्द्र सरकार से लागू करने व उ0प्र0 सरकार से विमुक्त जनजातियों को महाराष्ट्र पैटर्न पर आरक्षण देने तथा निषाद, मल्लाह, केवट, बिन्द, माझी, धीवर, कहार, गोडिया, तुराहा, कुम्हार, प्रजापति, राजभर, धनगर, पाल, गडेरिया, नोनिया, लोनिया, चैहान आदि की उ0प्र0 अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान लखनऊ द्वारा करायी गयी इथोग्राफिकल स्टडी रिपोर्ट भारत सरकार को भेजने की मांग को लेकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार झूले लाल पार्क में अनिश्चित कालीन आमरण अनशन करने वाले थे, परन्तु एक साजिश के तहत धोखे सु बुलाकर बापू भवन के पास से उन्हें अगवा कर लिया गया। इस सम्बन्ध में निषाद ने जारी अपने बयान में बताया कि सुबह ठीक 11ः00 बजे मोबाईल नम्बर- $91 7860564285 से फोन करके मुझे मांगो के सम्बन्ध में शासन से बात करने के लिए बापू भवन के पास बुलाया गया। बुलाने पर मैंने बताया कि केन्द्र व राज सरकार से मांग को लेकर आज से झूले लाल पार्क में मेरा अनशन का कार्यक्रम है। जिसे बात करना हो वहां आकर कर ले, लेकिन कहा गया कि आये और मांगों के सम्बन्ध में शासन से बात कर लीजिए। जब मैं वहां गया तो नीली जाइलो गाड़ी के पास दो लोग खड़े मिले नमस्ते आदि के बाद मुझे गाड़ी में बैठने को कहे। मेरे द्वारा जल्दी कहने पर बताया गया कि समाज कल्याण विभाग से दो लोगों के आने के बाद चला जायेगा। 15-20 मिनट बाद दो लोग आये और मेरे दायें-बायें बैठ गये और गाड़ी को कैसरबाग की तरह लेकर जाने लगे वहां से सिकन्दरबाग चैक, जापलिंग रोड से जब आगे बढ़े तो मैंने कहा कि इधर कहां तो एक ने कहा चलो बताया जाता है। इसके बाद मुझे बाराबंकी, रामनगर होते हुये जरवल कस्बा से दो तीन किलो मीटर आगे ले जाकर छोड़ दिया गया। उन लोगों ने कहा कि तुम बहुत बड़ा नेता बनते हो, लोगों के खिलाफ लिखते बोलते, तुम्हारे चलते हम लोगों की राजनीति में खतरा पैदा होता जा रहा है, सुधर जाओं नहीं तो बहुत बुरा होगा। अब राष्ट्रीय निषाद संघ व एन0ए0एफ0 के बैनर का प्रयोग किये तो ठीक नहीं रहेगा।

श्री निषाद ने कहा कि राष्ट्रीय निषाद संघ के बैनर का प्रयोग किये जाने की बात के अनुसार सिद्ध होता है कि यह मेरे सामाजिक विरोधियों की कार्यक्रम विफल करने की साजिश है। समाज को धोखे में रखकर राजनीति करने वाले समाज विरोधियों को भय है कि कहीं लौटनराम निषाद के आन्दोलन से केन्द्र व राज सरकार ने इसकी मांग को मान लिया तो हम लोगों की राजनीति खत्म हो जायेगी। उन्होंने कहा कि मैं भविष्य में भी राष्ट्रीय निषाद संघ के बैनर तले उसी तरह से संघर्ष करता रहूँगा जिस तरह से 1992 से कर रहा हूँ। उन्होंने कहा कि अपने सलाहकारों की सहमति से भावी रणनीति तय कर प्रदेश व्यापी आन्दोलन के रूप रेखा तय की जायेगी। उन्होंने कार्यक्रम में आये हुये साथियों के प्रति आभार व्यक्ति किया  है।

राष्ट्रीय निषाद संघ के राष्ट्रीय सचिव व राष्ट्रीय विमुक्त घुमन्तू जनजाति महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव/उ0प्र0 प्रभारी चै. लौटन राम निषाद ने कहा कि अब वायदा व घोषणा पत्र में अतिपिछड़ों व विमुक्त जनजातियों को विश्वास नहीं है। जो सरकार पहले विमुक्त व अतिपिछड़ी जातियों को पहले आरक्षण देना, 2012 के विधानसभा चुनाव व 2014 के लोकसभा चुनाव में सहयोग व समर्थन दिया जायेगा। उन्होंने उ0प्र0 सरकार से मल्लाह, केवट, कहार, लोध, बिन्द, किसान, बंजारा, राजभर, जोगी, गोसाई, कलन्दर, नायक, मदारी आदि को महाराष्ट्र पैटर्न पर जनसंख्या के अनुपात में शिक्षा, सेवायोजन, पदोन्नति, निर्वाचन आदि में अलग से आरक्षण देने, उ0प्र0 विमुक्त घुमन्तू जनजाति आयोग व विमुक्त घुमन्तू जनजाति विकास बोर्ड की स्थापना करने, विमुक्त जनजातियों के सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक, उत्थान हेतु विकास बोर्ड की स्थापना करने व अगल से बजट प्रोविजन करने, अन्य महापुरूषों की भांति महाराज निषाद राज गुहा की जंयती पर चैत्र शुक्ल पंचमी को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने, निषाद, मल्लाह, केवट, कश्यप, माझी, बिन्द, धीवर, धीमर, कहार, गोडिया, तुराहा, राजभर, प्रजापति, कुम्हार, तुरेहा, धनगर, पाल, गडेरिया, लोनिया, नोनिया, चैहान की शोध संस्थान द्वारा सर्वेक्षित इथनोग्राफिकल स्टडी रिपोर्ट केन्द्र सरकार को भेजने की मांग की। उन्होंने कहाकि केन्द्र सरकार ने 1949 से लेकर अब तक विमुक्त जनजातियों के लिए दर्जनों आयोगों का गठन किया और 2006 में रेणके आयोग का गठन किया जिसमें 2 जुलाई, 2008 को अपनी रिपोर्ट व सिफारिश भारत सरकार को सौंप दिया, परन्तु इस पर कोई विचार नहीं किया गया। उन्होंने कहाकि जो सरकार पहले अतिपिछड़ो व विमुक्त जनजातियों को आरक्षण देगी, उसे आगामी चुनाव में समर्थन दिया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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काश अपने नाम के साथ गांधी लिखनेवाले राहुल जी गांधीजी की सीख से सबक लेते

Posted on 24 November 2011 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि यह सचमुच आश्चर्यजनक है कि कांग्रेस के पढ़े-लिखे युवराज, जिनके हाथों में देश की बागडोर तत्काल सौंप देने के लिए कांग्रेसी नेता व्याकुल है, वाणी संयम का महत्व नहीं जानते और राजनीति में तर्कहीन फतबेबाजी में कमाल दिखाने के लिए सभी मर्यादाएं भूल जाते है। खुद गरीबों का मसीहा बनते हुए उन्होने फरमाया कि मायावती और श्री मुलायम सिंह यादव गरीबों से दूर है। वे गरीबों के घर खाना नहीं खाते है। उनके बीच नहीं जाते है। राहुल गांधी बाराबकी, बहराइच, बलरामपुर जनपदों में अपने जनसम्पर्क अभियान में ऐंग्रीयंग मैन की भूमिका निभाने के चक्कर में भूल जाते हैं कि वह किसकों क्या नसीहत दे रहे है।
राजनीति में सुश्री मायावती और श्री मुलायम सिंह यादव के बीच कोई तुलना हो ही नहीं सकती, यह बात तो राजनीति की प्राथमिक कक्षा का विद्यार्थी भी जानता है। मायावती की जितनी उम्र है उतनी तो श्री मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक सक्रियता की उम्र है। मायावती संघर्ष की देन नहीं, सत्ता के लिए जोड़तोड़ की राजनीति से निकली हैं जबकि श्री मुलायम सिंह यादव का पूरा जीवन संघर्ष की अकथ कहानी है। अभी 72 वर्ष की उम्र में भी जनवरी,2010 को उन्होने समाजवादी पार्टी के जनांदोलन का नेतृत्व किया था। श्री राहुल गांधी को यह भी मालूम होना चाहिए कि श्री मुलायम सिंह यादव 15 वर्ष की उम्र में सिंचाई रेट की बढ़त के खिलाफ आंदोलन में किसानों के साथ जेल गए थे। राहुल गांधी को तो अभी तक जेल के दर्शन नहीं हुए है।
प्रदेश के हालात चिन्ताजनक है। इसमें दो राय नहीं। किन्तु इसके लिए सबसे ज्यादा दोषी तो कांग्रेंस है जिसने आजादी के बाद से देश-प्रदेश पर दशकों तक राज किया है। लगभग 40 साल प्रदेश में सत्तारूढ़ रही कांग्रेस ने प्रदेश का सही ढंग से विकास किया होता तो आज प्रदेश की गिनती बीमार प्रदेश में नहीं होती। यदि कांग्रेस ने अयोध्या विवाद को हवा न दी होती और वहां से चुनाव प्रचार और शिलान्यास का नाटक न किया जाता तो भाजपा-विश्व हिन्दू परिषद को सांप्रदायिक उन्माद फैलाने में सफलता नहीं मिलती। यह तो श्री मुलायम ंिसह यादव ही थे जिन्होने सांप्रदायिकता का जहर पीकर धर्मनिरपेक्षता को बचाया था। वर्ना कांग्रेस ने तो भाजपा के समक्ष आत्म समर्पण कर देश की गंगा-जमुनी संस्कृति को ही नष्ट कर देने में कुछ उठा नहीं रखा था।
कांग्रेेस के युवराज ने गरीबी को दूर से देखा है और अपने सुरक्षा बलों के पहरे में मीडिया की रोशनी में झोपड़ी में कुछ समय बिताया है। उन्होने वह देखा है जो उनके शुभचिन्तकों ने उन्हें दिखाया है। इससे उन्हें यह अधिकार कहां से मिल गया कि वे जमीनी हकीकत जानने की नसीहत श्री मुलायम सिंह यादव को दें। राहुल जी पंचतारा सुविधाओं में पले बढ़े हैं और आज भी उसी माहौल में जी रहे है। श्री मुलायम सिंह यादव आज भी गांव गरीब से जुड़े है। श्री यादव जब सत्ता में आए उन्होने गांव और कृशि के लिए बजट में पर्याप्त व्यवस्था की। भट्टा पारसौल में किसानों के पक्ष में सबसे पहले समाजवादी उठे। वहां नेता विरोधी दल श्री शिवपाल सिंह यादव गए थे, वे जेल में भी किसानों से मिलने गये थे। यह सब राहुल जी को जानना चाहिए।
गांधीजी जब दक्षिण अफ्रीका से भारत आए थे, श्री गोखले ने उन्हें पहले भारत दर्शन की सलाह दी थी। गांधीजी जी ने पहले देश की दशा देखी, असमानता के दंश महसूस किए तब वे राजनीति में सक्रिय और मुखर हुए। काश अपने नाम के साथ गांधी लिखनेवाले राहुल जी गांधीजी की सीख से सबक लेते। कांगे्रस के वरिष्ठ नेताओं को चाहिए कि वे राहुल गांधी को राजनीतिक इतिहास का अध्ययन करने की ठीक-ठीक सलाह दें। अन्यथा वे अर्थ का अनर्थ करते ही रहेगें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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किसानों का समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना किए जाने का अनुरोध

Posted on 24 November 2011 by admin

समाजवादी पार्टी के लोकसभा सदस्य श्री धर्मेन्द्र यादव ने आज संसद में शून्यप्रहर में किसानों की दुर्दशा पर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि पोषक तत्व आधारित राज सहायता की नीति का अंतर्राष्ट्रीय व्यापारी और उर्वरक निर्माता पूरी तरह से लाभ ले रहे हैं जिसके कारण आज किसान पूरी तरह से तबाह हो रहे हैं। उन्हें फसल की लागत भी नहीं मिल रही है। उन्होने सरकार से उर्वरकों के मूल्यों पर कन्ट्रोल करने और किसानों का समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना किए जाने का अनुरोध किया है।
श्री धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि किसानों के रेट बहुत बढ़ने से किसान परेशान है। पिछले वर्ष मार्च,2010 में डीएपी का रेट 9350 रू0 प्रति मीट्रिक टन से बढ़कर आज 18200 रू0 हो गया है। इसी तरह से एमएपी का रेट भी 18200 रू0 हो गया है। टीएसपी का रेट 7460 रू0 से बढ़कर 8057 रूपए प्रति मीट्रिक टन हो गया है। एमओपी खाद का रेट 4455 रूपए से बढ़कर 11300 रू0 हो गया है। लेकिन किसान का समर्थन मूल्य नहीं बढ़ा है। डीजल मंहगा है। बिजली की किल्लत है। किसान की फसल की लागत दो से ढाई गुना हो गई है जबकि किसानों के समर्थन मूल्य में कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ है। बल्कि जो समर्थन मूल्य है, वह भी नहीं मिल रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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