Categorized | लखनऊ.

काश अपने नाम के साथ गांधी लिखनेवाले राहुल जी गांधीजी की सीख से सबक लेते

Posted on 24 November 2011 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि यह सचमुच आश्चर्यजनक है कि कांग्रेस के पढ़े-लिखे युवराज, जिनके हाथों में देश की बागडोर तत्काल सौंप देने के लिए कांग्रेसी नेता व्याकुल है, वाणी संयम का महत्व नहीं जानते और राजनीति में तर्कहीन फतबेबाजी में कमाल दिखाने के लिए सभी मर्यादाएं भूल जाते है। खुद गरीबों का मसीहा बनते हुए उन्होने फरमाया कि मायावती और श्री मुलायम सिंह यादव गरीबों से दूर है। वे गरीबों के घर खाना नहीं खाते है। उनके बीच नहीं जाते है। राहुल गांधी बाराबकी, बहराइच, बलरामपुर जनपदों में अपने जनसम्पर्क अभियान में ऐंग्रीयंग मैन की भूमिका निभाने के चक्कर में भूल जाते हैं कि वह किसकों क्या नसीहत दे रहे है।
राजनीति में सुश्री मायावती और श्री मुलायम सिंह यादव के बीच कोई तुलना हो ही नहीं सकती, यह बात तो राजनीति की प्राथमिक कक्षा का विद्यार्थी भी जानता है। मायावती की जितनी उम्र है उतनी तो श्री मुलायम सिंह यादव की राजनीतिक सक्रियता की उम्र है। मायावती संघर्ष की देन नहीं, सत्ता के लिए जोड़तोड़ की राजनीति से निकली हैं जबकि श्री मुलायम सिंह यादव का पूरा जीवन संघर्ष की अकथ कहानी है। अभी 72 वर्ष की उम्र में भी जनवरी,2010 को उन्होने समाजवादी पार्टी के जनांदोलन का नेतृत्व किया था। श्री राहुल गांधी को यह भी मालूम होना चाहिए कि श्री मुलायम सिंह यादव 15 वर्ष की उम्र में सिंचाई रेट की बढ़त के खिलाफ आंदोलन में किसानों के साथ जेल गए थे। राहुल गांधी को तो अभी तक जेल के दर्शन नहीं हुए है।
प्रदेश के हालात चिन्ताजनक है। इसमें दो राय नहीं। किन्तु इसके लिए सबसे ज्यादा दोषी तो कांग्रेंस है जिसने आजादी के बाद से देश-प्रदेश पर दशकों तक राज किया है। लगभग 40 साल प्रदेश में सत्तारूढ़ रही कांग्रेस ने प्रदेश का सही ढंग से विकास किया होता तो आज प्रदेश की गिनती बीमार प्रदेश में नहीं होती। यदि कांग्रेस ने अयोध्या विवाद को हवा न दी होती और वहां से चुनाव प्रचार और शिलान्यास का नाटक न किया जाता तो भाजपा-विश्व हिन्दू परिषद को सांप्रदायिक उन्माद फैलाने में सफलता नहीं मिलती। यह तो श्री मुलायम ंिसह यादव ही थे जिन्होने सांप्रदायिकता का जहर पीकर धर्मनिरपेक्षता को बचाया था। वर्ना कांग्रेस ने तो भाजपा के समक्ष आत्म समर्पण कर देश की गंगा-जमुनी संस्कृति को ही नष्ट कर देने में कुछ उठा नहीं रखा था।
कांग्रेेस के युवराज ने गरीबी को दूर से देखा है और अपने सुरक्षा बलों के पहरे में मीडिया की रोशनी में झोपड़ी में कुछ समय बिताया है। उन्होने वह देखा है जो उनके शुभचिन्तकों ने उन्हें दिखाया है। इससे उन्हें यह अधिकार कहां से मिल गया कि वे जमीनी हकीकत जानने की नसीहत श्री मुलायम सिंह यादव को दें। राहुल जी पंचतारा सुविधाओं में पले बढ़े हैं और आज भी उसी माहौल में जी रहे है। श्री मुलायम सिंह यादव आज भी गांव गरीब से जुड़े है। श्री यादव जब सत्ता में आए उन्होने गांव और कृशि के लिए बजट में पर्याप्त व्यवस्था की। भट्टा पारसौल में किसानों के पक्ष में सबसे पहले समाजवादी उठे। वहां नेता विरोधी दल श्री शिवपाल सिंह यादव गए थे, वे जेल में भी किसानों से मिलने गये थे। यह सब राहुल जी को जानना चाहिए।
गांधीजी जब दक्षिण अफ्रीका से भारत आए थे, श्री गोखले ने उन्हें पहले भारत दर्शन की सलाह दी थी। गांधीजी जी ने पहले देश की दशा देखी, असमानता के दंश महसूस किए तब वे राजनीति में सक्रिय और मुखर हुए। काश अपने नाम के साथ गांधी लिखनेवाले राहुल जी गांधीजी की सीख से सबक लेते। कांगे्रस के वरिष्ठ नेताओं को चाहिए कि वे राहुल गांधी को राजनीतिक इतिहास का अध्ययन करने की ठीक-ठीक सलाह दें। अन्यथा वे अर्थ का अनर्थ करते ही रहेगें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in