सरकार चाहे जितना प्रयास करे मगर हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। जच्चा बच्चा की सुरक्षा की आप बात छोड़ दीजिए उनकी जान ही ऐसी हालत में बच जाए यही क्या कम हैं। वाकया बेनीगंज थाना क्षेत्र के जलालपुर निवासी तहेदर की पत्नी सरला (30) को प्रसव पीड़ा होने पर कोथावां स्थित सरकारी अस्पताल में पति के साथ आई। परिजनों के मुताबिक डाक्टर साहब गायब थे और सभी कमरों में सुबह नौ बजे ताला लगा मिला। जबकि अन्य कर्मचारी बाहर बैठे गपषप कर रहे थे। तब आषा बहू ऊषा तिवारी के साथ वह जिला अस्पताल लेकर आए। लेकिन प्रसव पीड़ा बढ़ने के कारण हालत बिगड़ चुकी थी। इसलिए जिला अस्पताल में भी भर्ती करने से मना कर दिया। षिषु और प्रसूता प्रसव होने पर जीप में ही पड़े रहे। भीड़ बढ़ती ही चली गई। हंगामा शुरू हो गया। नारेबाजी होने के कारण भीड़ के दबाव में अस्पताल प्रषासन ने जच्चा और बच्चा को अंदर लेकर भर्ती किया। इस प्रकार की घटनाओं से जनता को कम निजात मिलेगी। इनमें कैसे सुधार होगा। ऐसी नौकरषाही व्यवस्था से कैसे जनता का काम चलेगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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