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मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण के कार्यालय में किये गये भुगतान, लेन-देन तथा वित्तीय अनियमितताओं की एक उच्च स्तरीय संस्था से आॅडिट करायी जायेगी

Posted on 27 April 2011 by admin

उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन की वित्तीय अनियमितताओं को दूर करने तथा हर स्तर पर पारदर्शिता बरतने के लिए कुछ सुधारात्मक कदम उठाने का निर्णय लिया हैं। इसके तहत राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन का पुनर्गठन करते हुए मुख्य सचिव द्वारा कार्यक्रम के प्रबन्धकीय ढांचे की अध्यक्षता की जायेगी। समस्त वित्तीय प्रस्तावों का परीक्षण तथा कार्यक्रम की वित्तीय व्यवस्थाओं के पर्यवेक्षण हेतु एक वित्तीय समिति अनिवार्य रूप से गठित की जायेगी। जिला स्तर पर वित्त अधिकारियों को तैनात किया जाएगा।

मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह आज लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित मीडिया सेंटर में प्रेस प्रतिनिधियों को इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि डाॅ0 बी0पी0 सिंह की हत्या के प्रकरण की जांच के उपरान्त यह तथ्य सामने आये कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ के कार्यालय में आपसी झगड़ा तथा गुटबाजी थी। इस झगड़े के कारण कार्यालय का माहौल ठीक नहीं था, और निजी स्वार्थों के कारण कार्यालय में वैमनस्यता का वातावरण था। इसी के साथ कार्यालय में भुगतान तथा पैसे के लेन-देन में प्रथम दृष्टया अनियमिततायें थीं। उन्होंने कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण के कार्यालय में भुगतान तथा वित्तीय अनियमितताओं एवं लेन-देन के प्रकरण में एक उच्च स्तरीय संस्था से इसकी पूरी बारीकी से आॅडिट करायी जायेगी।

मंत्रिमण्डलीय सचिव ने मुख्यमंत्री जी द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम में सुधार के लिए उठाये गये कदमों को जानकारी देते हुए कहा कि समस्त कार्यकलापों, व्यय, लेखा, क्रय पद्धति, अधिकारों का प्रतिनिधायन तथा वित्तीय विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए एक विस्तृत वित्तीय नियमावली बनायी जायेगी। इसकी जरूरत इसलिए भी है कि वित्तीय नियमों की सभी स्तरों पर जानकारी रहे तथा पारदर्शिता बनी रहे, इसके अलावा एक उपयोगी संग्रह भी उपलब्ध रहे। इसके अलावा अन्तरिक एवं बाह्य लेखा-परीक्षा की व्यवस्था, उनकी आवत्र्तता, विषय सीमा (स्कोप) एवं आच्छादित क्षेत्र आदि को भी वित्तीय नियमावली में परिभाषित किया जायेगा। अभी तक बनी हुई आॅडिट की व्यवस्था को और सुदृढ़ व व्यापक किया जा रहा है तथा अलग से आन्तरिक आॅडिट की भी स्थाई व्यवस्था की भी जा रही है।

श्री सिंह ने कहा कि डाॅ0 बी0पी0 सिंह के मामले की जांच सही दिशा में चल रही है और कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। उन्होंने जांच की प्रगति की विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण का पद मई 2010 में सृजित होने के पश्चात् डाॅ0 विनोद कुमार आर्या ने इस पद पर कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने कहा कि बाद में डाॅ0 वाई0एस0 सचान ने उनके अधीन डिप्टी सी0एम0ओ0 के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। परिवार कल्याण विभाग के तहत अधिकांश धनराशि सी0एच0सी0/पी0एच0सी0 के माध्यम से ही व्यय होती है। उन्होंने कहा कि डाॅ0 आर्या ने सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निरीक्षण और भ्रमण करना शुरू किया तथा इन निरीक्षणों के माध्यम से उन्होंने सी0एच0सी0/पी0एच0सी0 के कार्य प्रणाली को ठीक करने की कोशिश की।

मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि निरीक्षण के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कई अनियमितताएं प्रकाश में आयीं और उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की। उन्होंने कहा कि डाॅ0 आर्या की हत्या के बाद डाॅ0 योगिन्द्र सिंह सचान ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण का कार्यभार ग्रहण किया और डाॅ0 बी0पी0 सिंह की नियुक्ति होने तक इस पद पर बने रहे। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यह भी ज्ञात हुआ कि डाॅ0 सचान ने अपनी तैनाती के समय तमाम वित्तीय अनियमितताएं बरतीं। उन्होंने कहा कि इनके सम्बन्ध में जांच के उपरान्त परिवार कल्याण निदेशालय द्वारा इनके विरूद्ध अभियोग पंजीकृत कराया जा चुका है।

श्री सिंह ने वित्तीय अनियमितताओं की जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के विभिन्न कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार तथा सत्यापन में वाहनों का वास्तविक उपयोग न करके फर्जी उपयोग दर्शा कर और फर्जी बिल तैयार करके शासकीय धन का आहरण करना, टेण्डर प्रक्रिया के तहत स्वीकृत मैनपावर से अधिक संख्या में मैनपावर दर्शाकर स्वीकृत धनराशि से अधिक धन आहरण करना, दवाओं तथा अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धी उपकरणों का फर्जी भुगतान करना, दवाओं/उपकरणों की वास्तविक आपूर्ति न होना तथा फर्जी स्टाक इन्ट्री दर्शाया जाना, चिकित्सालयों में जनरेटर के डीजल का भुगतान चेक से फर्म को न करके नगद भुगतान किया जाना तथा वास्तविक उपयोग से अधिक डीजल का खर्च दर्शाया जाना तथा जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत लाभार्थी को चेक से भुगतान न करना और किसी कर्मचारी के पक्ष में चेक जारी करके धनराशि प्राप्त करना और वास्तविक लाभार्थी को लाभ से वंचित करना आदि अनियमिततायें प्रकाश में आयीं। इन वित्तीय अनियमितताओं में बहुत बड़ी धनराशि सन्निहित होने की सम्भावना है।

श्री सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ मिशन के तहत भारत सरकार से प्राप्त होने वाली धनराशि के वितरण आदि की प्रक्रिया भी भारत सरकार द्वारा निर्धारित होती है। भारत सरकार इसके लिए प्रेषित की जाने वाली धनराशि सीधे हेल्थ सोसाइटीज को दी जाती है, इस प्रक्रिया को अधिक सुदृढ़ बनाने हेतु इसमें संशोधन की आवश्यकता प्रतीत होती है।

मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि इस सम्बन्ध में पुलिस एवं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा विवेचना व जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के दौरान यह भी तथ्य प्रकाश में आये कि डाॅ0 सचान ने इन वित्तीय अनियमितताओं के माध्यम से अवैध धन अर्जित किया।    यह इस बात से साबित होता है कि डाॅ0 सचान द्वारा इसी अवधि में लाखों रूपये की जमीन खरीदने का मामला संज्ञान में आया है, इसकी भी जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि इसी तरह डाॅ0बी0पी0 सिंह ने कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात सी0एच0सी0 तथा पी0एच0सी0 का दौरा किया तथा उन्होंने विभिन्न अनियमितताओं के विषय में सम्बन्धित अधिकारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा। उन्होंने कहा कि अब तक जांच से यह भी परिलक्षित हुआ है कि कतिपय वित्तीय अनियमितताएं भी डाॅ0 बी0पी0 सिंह के संज्ञान में आयीं थीं। यह तथ्य डाॅ0 सिंह के घर सेे बरामद दस्तावेजों की  छानबीन से स्पष्ट हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त लगभग 67 लाख रूपये की धनराशि के बिल डाॅ0 बी0पी0 सिंह के कार्यकाल में लम्बित रहे। इनमें दो बड़े बिलों का भुगतान आदेश डाॅ0 सिंह द्वारा नहीं किया गया था।

श्री सिंह ने कहा कि अतः अब तक की जांच एवं वर्णित परिस्थितियांे के परिप्रेक्ष्य में इस हत्याकाण्ड में डाॅ0 वाई0एस0सचान की भूमिका, अत्यन्त संदिग्ध प्रतीत होती हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में डाॅ0 सचान की विशिष्ट भूमिका होने के सम्बन्ध में कोई भी निष्कर्ष विवेचना पूर्ण होने के बाद ही निकाला जा सकता है। उन्होंने कहा कि डाॅ0 सचान को दो बार पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया था, लेकिन दोनों बार स्वास्थ्य खराब होने के कारण उनसे गहराई से पूछताछ नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि डाॅ0 बी0पी0 सिंह की हत्या के उपरान्त पाये गये खोखा-कारतूसों का मिलान डाॅ0 आर्या की हत्या में मिले खोखा-कारतूसों से विधि विज्ञान प्रयोगशाला के माध्यम से कराने पर यह ज्ञात हुआ कि दोनों घटनाओं में प्रयुक्त कम से कम एक हथियार समान है।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि जांच इस दिशा में भी की जा रही है कि क्या इन दोनों हत्याओं का शूटर अथवा गिरोह एक ही है। उन्होंने कहा कि डाॅ0 आर्या की हत्या के प्रमुख अभियुक्त सुधाकर पाण्डे की गिरफ्तारी अभी शेष है। इसकी गिरफ्तारी के लिए 50 हजार रूपये का घोषित पुरस्कार बढ़ाकर एक लाख रूपये किया जा रहा है। इसकी गिरफ्तारी के लिए जनपदीय पुलिस तथा एस0टी0एफ0 की टीमें लगी हुई हैं। उन्होंने कहा कि अभी तक की जांच से यह भी परिलक्षित होता है कि इस मामले में कतिपय अपराधी गिरोह, जोकि गोरखपुर, वाराणसी या लखनऊ के आस-पास के हैं, भी संलिप्त हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि डाॅ0 सिंह की हत्या का मामला परिस्थिति जन्य साक्ष्य का मामला है तथा घटना स्थल के प्रत्यक्षदर्शी साक्षी भी अभियुक्तों के बारे में अभी तक स्पष्ट रूप से नहीं बता पाये हैं, जिससे की विवेचना और जटिल हो गयी है। उन्होंने कहा कि मीडिया के समक्ष जो बातें रखी गयी हैं, अभी तक वह विवेचना से प्राप्त परिणामों पर आधारित हैं।

श्री सिंह नेे कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने कुछ दिन पहले अर्थात् 22 अप्रैल, 2011 को आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में कहा था कि पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल के दौरान प्रदेश में हर स्तर पर भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर व्याप्त था तथा राजनीति में गुण्डे, माफियाओं एवं अपराधिक तत्वों का भी दखल रहा था, यह दोनों बीमारियां वर्तमान सरकार को विरासत में मिली है। उन्होंने कहा कि यह बीमारियां अत्यधिक गम्भीर प्रकृति की होने के कारण इसको ठीक करने में राज्य सरकार को कई सख्त कदम उठाने पड़े हैं। जिसकी वजह से आम जनता को काफी राहत मिली है, जबकि पूर्ववर्ती सरकारों में स्थिति इसके विपरीत थी। अर्थात् पूर्व की सरकारों में आम आदमी को अपना काम कराने के लिए विभिन्न स्तरों पर भ्रष्टाचार का सामना करना पड़ता था, जिससे जनता त्रस्त थी। उन्होंने कहा कि आम जनता की रोजमर्रा की परेशानियों को देखते हुए माननीया मुख्यमंत्री जी ने अपने जन्मदिन 15 जनवरी, 2011 को प्रदेश में उ0प्र0 जनहित गारण्टी कानून लागू करने की घोषणा की थी।

मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि राज्य सरकार आम जनता को साफ सुथरा एवं पारदर्शी प्रशासन देने के साथ ही राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में पुलिस कर्मियों की भर्ती की, जिसमें हर स्तर पर पूरी-पूरी पारदर्शिता बरती गयी। इसकी सराहना पूरे देश में हुई, यहां तक कि केन्द्रीय गृह मंत्री श्री पी0सी0 चिदम्बरम ने भी इस भर्ती प्रक्रिया की सराहना करते हुए अन्य राज्यों से इसी तरह की प्रक्रिया को अपनाने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारें भ्रष्टाचार तथा राजनीति में अपराधीकरण पर  अंकुश लगाने में नाकाम रहीं, जिसकी वजह से गुण्डे, माफियाओं तथा असामाजिक तत्वों का राजनीति में बड़ी संख्या में प्रवेश हुआ। जिसके चलते अपराधियों एवं माफियाओं ने सरकारी विभागों में भी दखल देकर अकूत कमाई की।

श्री सिंह ने कहा कि इन सब बातों को गम्भीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने गुण्डों एवं भ्रष्टाचारियों की कमर तोड़ने के लिए सख्त कदम उठाये। इस प्रक्रिया में कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपनी जान तक भी गवंानी पड़ी। साथ ही दो मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की हत्या की पृष्ठभूमि में जाने पर यह भी तथ्य प्रकाश में आया कि इन दोनों मामलों में कुछ विभागीय अधिकारियों की भूमिका भी रही है। इन घटनाओं के मामले में राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाये और भ्रष्टाचार एवं राजनीतिक गठजोड़ का पर्दाफाश करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी कानून-व्यवस्था के मुददे पर काफी संवेदनशील हैं। उन्होंने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने कानून-व्यवस्था एवं विकास की जमीनी सच्चाई जानने के लिए फरवरी, 2011 में अपने प्रदेशव्यापी आकस्मिक निरीक्षण के दौरान लापरवाह पुलिस एवं विकास से जुड़े अधिकारियों को मौके पर ही दण्डित करने के निर्देश दिये।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री जी ने प्रमुख सचिव गृह तथा पुलिस महानिदेशक को हर महीने गिरफ्तार किये गये माफियाओं तथा अपराधी तत्वों की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं। उनका मानना है कि हाल में घटित घटनायें किसी राजनीतिक षडयंत्र का हिस्सा भी हो सकती हैं। उनका यह भी मानना है कि कुछ विरोधी पार्टियों के माफिया तत्व सरकार की छवि धूमिल करने के लिए इस तरह की घटनाओं को अन्जाम दे सकतेे हैं।

श्री सिंह ने कहा कि राज्य सरकार डाॅ0 बी0पी0 सिंह की हत्या की घटना में शामिल अपराधियों को सामने लाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का शुरू से ही मन्तव्य रहा है कि इसकी जांच पूरी निष्पक्षता से हो। इस मामले में दो मंत्रियों ने स्वेच्छा से नैतिकता के आधार पर त्यागपत्र दे दिया था। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद प्रमुख सचिव, परिवार कल्याण को भी हटा दिया गया था। माननीया मुख्यमंत्री जी ने इस घटना पर गम्भीर रूख अपनाया और दोषियों को जल्दी से जल्दी गिरफ्तार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने भ्रष्टाचार व राजनीति में अपराधीकरण को खत्म करने का संकल्प लिया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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2.50 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वितरण की स्वीकृृति जारी

Posted on 27 April 2011 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के दशमोत्तर कक्षाओं में अध्ययनरत छात्र एवं छात्राओं को छात्रवृत्ति वितरण हेतु चालू वित्तीय वर्ष 2011-12 में प्राविधानित 2.50 करोड़ रुपये की धनराशि सम्पूर्ण वर्ष की आवश्यकता हेतु स्वीकृत करते हुए निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण के निवर्तन पर रखे जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।

यह जानकारी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा जारी शासनादेश में दी गई है। शासनादेश के अनुसार जिन विद्यालयों या मदरसों के विरूद्ध छात्रवृत्ति के भुगतान में अनियमितताओं की शिकायत मिली है उन विद्यालयों और मदरसों के छात्र व छात्राओं को छात्रवृत्ति का भुगतान छात्र/छात्राओं की वास्तविक संख्या का पूर्ण सत्यापन कराकर ही किया जायगा। यदि फिर भी धनराशि के वितरण में किसी प्रकार की अनियमितता सामने आती है तो इसके लिये निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण पूर्ण रूप से उत्तरदायी होंगे।

दी गई शर्तों एवं प्रबन्धों में यह भी बताया गया है कि धनराशि का आवंटन किसी प्रकार के व्यय का प्राधिकार नहीं देता है, जिन मामलों में उ0प्र0 बजट मैनुअल और वित्तीय संग्रहों तथा स्थाई आदेशों के अन्तर्गत राज्य सरकार अथवा अन्य सक्षम प्राधिकारी की स्वीकृति प्राप्त की जानी आवश्यक हो, उन मामलों में व्यय करने से पूर्व ऐसी स्वीकृति अवश्य प्राप्त कर ली जाय। इसके साथ ही कोषागार से धनराशि का आहरण मासिक आवश्यकतानुसार किया जायेगा तथा धनराशि को आहरित कर बैंक या डाकघर में जमा नहीं किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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रोजगार न मिलने से लाखों युवा कंुठाग्रस्त हो रहे हैं

Posted on 27 April 2011 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चैधरी ने  कहा है कि बसपा राज में उत्तर प्रदेश में रोजगार न मिलने से लाखों युवा कंुठाग्रस्त हो रहे हैं। सरकार का सारा ध्यान केवल वसूली पर होने से नौकरियां भी बिकने लगी हैं। रोजगार के अवसर सिकुड़ते जा रहे हैं। बेरेाजगार नवजवान अवसाद ग्रस्त होकर मौत को गले लगा रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री की संवेदना जागने का नाम नहीं ले रही है। बसपा सरकार बेरोजगारों की फौज खड़ी करने और प्रशासनिक व्यवस्था को  पंगु और शिथिल बनाने के लिए ही याद रखी जाएगी।

प्रदेश के 13 लाख अभ्यर्थी बेसिक हेल्थवर्कर की नौकरी पाने के लिए परीक्षा में बैठे थे जिनमें चार लाख महिला और 9 लाख पुरूष अभ्यर्थी थे। परीक्षाएं गत वर्ष 30 मई और 12 जून,2010 को हुई थीं जिसका नतीजा जुलाई 2010 में आना था। लेकिन विवाद और जांच की आड़ में फॅसाकर यह परीक्षा ही अब रद्द कर दी गई है। लाखों उर्दू के मोअल्लिम छात्र नौकरी पाने के लिए कई बार राजधानी में धरना प्रदर्शन के दौरान पुलिस की लाठियां खा चुके हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में संविदा पर डाक्टर रखे जाने थे उनका भी मामला लटक गया है। संविदा पर नियुक्ति के एक मामले में तो ऐसी धांधली हुई कि नियुक्ति पत्र मिलने के साथ ही नौकरी से छुट्टी की भी नोटिस मिल गई।

होम्योपैथिक अस्पतालों के लिए फार्मासिस्टों की परीक्षा और चयन के पश्चात जब उनके प्रशिक्षण एवं नियुक्ति का मामला आया तो हाथ खड़े कर लिए गए। उनको भी बेकारों की फौज में भर्ती किया जा रहा है। हजारों डिग्रीधारी दांतों के डाक्टर भी सड़क की खाक छानने को बाध्य हैं। प्रदेश में 30 डेन्टल कालेज हैं जिनसे 3 हजार छात्र पढ़ाई करके निकलते हैं। सरकारी अस्पतालों में डेंटिस्ट के 272 पद सृजित हैं फिर भी तमाम जगहें खाली है। सरकारी अस्पतालों में हृदय रोग तथा अन्य विषेशज्ञता वाले विभागों में डाक्टरों का सत्त अकाल चल रहा है। गरीब मरीज बेहाल हैं। उन्हें चिकित्सा सुविधा के नाम पर सिर्फ इधर से उधर दौड़ाया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को प्रसव की सुविधा न के बराबर है। इसमें उनकी जाने तक चली जाती है।

दरअसल, बसपा सरकार ने पहले दिन से ही अपना रोजगार विरोधी चरित्र दिखा दिया था जब समाजवादी पार्टी की सरकार में 24000 पुलिस पीएसी सिपाहियों की भर्ती पर विवाद उठाते हुए 18 हजार जवानों को, जिनमें अधिकांश पिछड़े वर्ग और मुस्लिम समाज के थे, बर्खास्त कर दिया गया था। उन्हें कोर्ट की शरण लेनी पड़ी । उर्दू को रोजी रोटी से जोड़कर श्री मुलायम सिंह यादव ने मुस्लिमों के लिए रोजगार के नए अवसर खोले थे, इस सरकार ने उस पर भी रोक लगा दी। मुख्यंमंत्री ने नौकरी तो दी ही नहीं, श्री मुलायम सिंह यादव की सरकार ने बेरोजगार नौजवानों को बेकारी भत्ता देने की जो व्यवस्था की थी उसे भी समाप्त कर दिया। अब यही बेरोजगार, मुस्लिम, पिछड़े और गरीब इस सरकार के किए का बदला बसपा को सत्ताच्युत करके देगें।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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नियुक्ति को लेकर प्रशिक्षित शिक्षकों ने किया हंगामा

Posted on 27 April 2011 by admin

photo-n-1बी.टी.सी. 2004 के प्रशिक्षित शिक्षक परिषदीय विद्यालयों में नियुक्ति हेतु जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय पर जमकर हंगामा किया। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के कार्यालय पर प्रातः 10 बजे से 2004 के बी.टी.सी. प्रशिक्षित अपनी विद्यालयों में तैनाती को लेकर एकत्र होने लगे। दो घण्टे लम्बे इन्तजार के बाद  जब जिला बेसिक शिक्षाधिकारी कार्यालय नहीं पहुॅचे तो प्रशिक्षित अध्यापकों के धैर्य का बाॅघ टूट गया और वे अपनी नियुक्ति को लेकर  हंगामा करने लगे। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी के कहीं बाहर होने के कारण उनसे न मुलाकात होने पर तथा किसी और अधिकारी के न मिलने पर वे आक्रोशित हो गये। ज्ञात हो कि सचिव, बेसिक शिक्षा इलाहाबाद द्वारा निर्गत आदेश के अनुसार विशेष आदेश विशिष्ट बी.टी.सी. एवं उर्दू बी.टी.सी के लिए जो पारित हुआ है परन्तु उससे सामान्य बी.टी.सी के लिए भ्रामक स्थित पैदा हो गयी है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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BJP Chief spokesmen Ravi shankar parsad

Posted on 26 April 2011 by admin

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माननीया मुख्यमंत्री जी ने वरिष्ठ पत्रकार प्रणय मोहन के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया

Posted on 26 April 2011 by admin

उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी ने ई0टी0वी0 के वरिष्ठ पत्रकार प्रणय मोहन के निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।    उन्होने स्व0 मोहन के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति अपनी गहरी सहानुभूति एवं संवेदना व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना की है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि प्रणय मोहन पत्रकारिता के स्थापित मानदण्डों के प्रति समर्पित रहे और उन्होंने मीडिया को मानव सेवा का एक सशक्त माध्यम बनाया।

उल्लेखनीय है कि लगभग 41 वर्षीय प्रणय मोहन का रविवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से देहान्त हो गया था। वह अपने पीछे पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गये हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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भाजपा नेता द्वारा प्रदेश सरकार पर लगाये गये आरोपों को निराधार, भ्रामक एवं गलत बताया

Posted on 26 April 2011 by admin

बी0एस0पी0 के प्रवक्ता ने हमेशा दलितों की उपेक्षा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेता श्री रवि शंकर प्रसाद को बी0एस0पी0 की सरकार से प्रेरणा लेकर उनके हितों को ध्यान में रखने व कार्य करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता द्वारा प्रदेश सरकार पर लगाये गये आरोपों को निराधार, भ्रामक एवं गलत बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नेता को बी0एस0पी0 सरकार पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने से पहले भाजपा शासित राज्यों एवं तत्कालीन एन0डी0ए0 सरकार के दौरान हुए घोटालों को याद कर लेना चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि सभी को पता है कि तत्कालीन भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र की एन0डी0ए0 सरकार के शासनकाल में अनेक घोटालों के फलस्वरूप देश को 50 हजार करोड़ रूपये का घाटा उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि एन0डी0ए0 सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते सैकड़ों किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। उन्होंने कहा कि एन0डी0ए0 के शासन में हुए घोटालों तथा गम्भीर अपराधों को देश की जनता अभी भी भूल नहीं पायी है। उन्होंने कहा कि एन0डी0ए0 के समय में ही भाजपा द्वारा शासित गुजरात में श्री नरेन्द्र मोदी की शह पर दंगा हुआ, जिसमें अल्पसंख्यकों के विरूद्ध राज्य सरकार की शह पर खुल कर अत्याचार किया गया और केन्द्र की सरकार राज धर्म का निर्वहन नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि एन0डी0ए0 के शासन काल में इण्डिया शाइनिंग का झूठा प्रचार भी अभी भी लोगों के दिमाग में ताजा है।

बी0एस0पी0 प्रवक्ता ने कहा कि एन0डी0ए0 के शासन काल में तहलका, यू0टी0आई0, बाल्को, हुडको और ताबूत जैसे घोटाले प्रकाश में आए। इतना ही नहीं, भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बंगारू लक्ष्मण लाखों रूपये लेते हुए टी0वी0 पर दिखाये गये, लेकिन भाजपा के नेताओं को उस समय अपने अध्यक्ष की इस कार्यवाही पर शर्म नहीं आई।

प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के मामलों को लेकर भाजपा नेता देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 पार्टी ही देश की इकलौती ऐसी पार्टी है, जो कानून व्यवस्था के मामले में कोई समझौता नहीं करती। यहां तक कि कानून तोड़ने पर राज्य सरकार ने अपने सांसदों, मंत्रियों एवं विधायकों तक को नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि कानून को अपने हाथों में लेने वाले व्यक्तियों, चाहे वह सत्ता पक्ष से जुड़ा हो अथवा विपक्ष से, हर मामले में विधि सम्मत कठोर कार्यवाही की गयी। बी0एस0पी0 सरकार के शासन में जिसने भी महिलाओं एवं दलितों का उत्पीड़न किया, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की गयी है। प्रदेश सरकार ने गुण्डा एक्ट, गैंगेस्टर एक्ट, एन0एस0ए0 के तहत कड़ी कार्यवाही की है।

बी0एस0पी0 प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नेता यदि बयान देने से पहले राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एन0सी0आर0बी0) द्वारा जारी आंकड़ों पर ध्यान देते तो बेहतर था। उन्होंने कहा कि एन0सी0आर0बी0 द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रति लाख जनसंख्या पर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध हुए अपराध की दर 11.9 प्रतिशत रही है, जबकि भाजपा शासित राज्य गुजरात में 13.9 तथा मध्य प्रदेश मंे 22.3 प्रतिशत रही है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या में बलात्कार के अपराध की दर 0.9 प्रतिशत रही है, जबकि भाजपा शासित छत्तीसगढ़ में 4.3 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 4.2 प्रतिशत रही है। राष्ट्रीय अभिलेख ब्यूरो के आंकड़े प्रमाणित करते हैं कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कठोर कदम उठाये गये हैं तथा पुलिस प्रशासन द्वारा इस दिशा में सतत् सजगता बरतते हुए जो कार्यवाही की गयी है, उसके फलस्वरूप महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों में काफी कमी आयी है। प्रदेश में भी भाजपा के शासन काल में कानून व्यवस्था का रिकार्ड दूसरों पर उंगली उठाने लायक नहीं रहा है। उनके शासन काल में अनेक विधायक और स्वयं भाजपा के नेताओं की हत्या की घटनाएं घटित हुई थीं।

प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सहित सभी पूर्ववर्ती राज्य सरकारों द्वारा अपने कार्यकाल में नौकरियों में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था मौजूद रहने के बावजूद भी आरक्षित पदों को भरने का कोई भी ठोस प्रयास ईमानदारी से नहीं किया गया। राज्य सरकार ने वर्ष 2007 में जब आरक्षित पदों की रिक्तियों की जानकारी की, तो यह तथ्य प्रकाश में आया कि आरक्षित कोटे के 33066 आरक्षित पद रिक्त थे। इन पदों में से 27338 पद अनुसूचित जाति तथा 5678 पद अनुसूचति जनजाति के थे। बैकलाॅग के पदों पर अभियान चलाकर भर्तियां की गयी हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश में भर्ती किए गए बी0टी0सी0 शिक्षकों में 20 हजार से अधिक अध्यापक अनुसूचति जाति/जनजाति वर्ग से हैं। बी0एस0पी0 के चैथे शासन काल के दौरान प्रदेश के करीब 1,08,848 सफाई कर्मियों के नए पदों का सृजन कर एकमुश्त सफाई कर्मियों की भर्ती की गयी है। जिसमें समाज के इन्हीं वर्गाें के लोगों की बहुलता है। इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोगों को आरक्षण देने की व्यवस्था की है। पिछले चार वर्षाें में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को 5945 लाख मानव दिवस सृजित कर रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि श्री प्रसाद का बयान जिसमें दलित वर्ग की माताओं और नवजात शिशुओं की कुपोषण से हुई मृत्यु दर का प्रश्न उठाया गया है, के सम्बन्ध में स्पष्ट करना है कि उत्तर प्रदेश में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में प्रति हजार, 4 की दर से घटोत्तरी हो रही है। इसके विपरीत भाजपा शासित मध्य प्रदेश में लेवेल 4 के कुपोषण से मृत्यु की दर पूरे देश में सर्वाधिक है, जिसके लिए भारत सरकार और मानवाधिकार आयोग द्वारा उनसे जवाब तलब किया गया है। यहां प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इसके विपरीत उत्तर प्रदेश में कुपोषण से कोई मृत्यु नहीं हुई है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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पीट पार्टी की उम्मीदवार सुनीता मित्रा गिरफ्तार

Posted on 26 April 2011 by admin

प्रदेश में नवजननी अपनी धाक से आकर्षित करने वाली पीस पार्टी की उम्मीदवारी का सपना सजांेए सुनीता मित्रा पार्टी की तरफ से गोपामऊ पिहानी विधानसभा क्षेत्र की चर्चित प्रत्याशी थी। पसिगवां पुलिस ने पति पत्नी दोनों अवैध हथियार और उनका प्रयोग करने के जुर्म में गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। ज्ञातव्य है कि प्रत्याशी सुनीता मित्रा और उनके पति आनंद मित्रा का आपसी झगडा हो रहा था जंगबहादुर गंज में अपने आवास सर्वप्रथम प्रत्याशी सुनीता ने गुस्से में रखा हुआ अवैध पिस्तौल अपने पति पर तान दिया। उनके पति ने आनंद मित्रा ने भी अपना अवैध असलहा निकाल लिया। झगडा काफी तेज स्वर में हो रहा था स्थानीय पुलिस का जानकारी होने पर पसिंवगां थानाध्यक्ष रवि श्रीवास्तव ने दोनों पति पत्नी को अवैध हथियार रखने के जुर्म में गिरफ्तार करके दोनों को जेल भेज दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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सत्य साई बाबा हुए दिवंगत, शोक में पूरा जनपद

Posted on 26 April 2011 by admin

सत्य साई बाबा के समाचार को जैसे ही अनुयायी श्रद्धालु लोगों ने सुना वे किंकर्तव्यमूढ़ बनकर सच्चाई की खोज में इलेक्ट्रानिक मीडिया का सहारा लिया। पूरी सच्चाई के बाद शोक मग्न हो गए उनके चित्र पर अनुयायियों ने दिपक जलाकर भजन किर्तन करने लगें। संगठन के मुख्य कार्यकर्ता नरेश चंद्र शुक्ला ने जीवनी कें अंश कहकर उपस्थित लोगों को राहत दिलाई। उन्होंने कहा कि सत्यसाई बाबा का जन्म 23 नवंबर को प्रदेश के अनंनतपुर जिले में हुआ था जीवन के 14वें वर्ष में सन 1940 में स्वयं को शिरडी के साईबाबा का अवतार बताया। पुट्टावर्ती को अपना आश्रम बनाया। बाबा ने सत्यसाई विश्वविद्यालय, साई चिकित्सालय, और दर्जनों संस्थाओं का जन्मदाता कहलाएं। पेयजल योजना चलाई। देश और देश के बाहर शीर्ष पदों पर बैठे लोग उनके अनुयायी थे। जिनमें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई,क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज उनके विचारों को अपने जीवन में उतारने की तमन्ना रखते थे। हरदोई जनपदे वरिश्ठ श्रद्धालु अनुयायी कीर्तन करके अपने आप का तसल्ली दे रहे है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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CMS students enthusiastically come forward to participate in ‘Global Vote-2011′ organized to safeguard rights of the children

Posted on 24 April 2011 by admin

Students of City Montessori School aged between 10 to 17, enthusiastically participated in the ‘Global Vote - 2011′ held to safeguard the future and rights of more than 2 billion children of the world. Under this voting process students voted to select candidate for ‘World’s Children’s Prize for the Rights of the Child’ from amongst 3 candidates. Mr Hari Om Sharma, Chief Public Relations Officer of CMS informed. Mr Sharma informed that the CMS students have been participating in Global Vote for the past many years.

global_voteThis year’s three finalists for the World’s Children’s Prize for the Rights of the Child (WCPRC), are : (1) Cecilia Flores-Oebanda, Philippines, for her struggle against child labour and trafficking, and her support for girls who have been sex slaves  (2) Monira Rahman, Bangladesh, for her fight for those – mainly girls – who have been attacked with acid or petrol and had their appearances ruined. (3) Murhabazi Namegabe, Congo, for his work to free children who have been forced to become child soldiers and sex slaves. The patrons of the WCPRC include World renowned personalities viz Queen Silvia of Sweden and Nelson Mandela etc. are the patrons of the WCPRC

Students of 53,500 schools of 101 countries are participating in the global voting. This year’s prize ceremony will be held on 28 April 2011 at Gripsholm Castle in Mariefield, where the Queen of Sweden, Her Majesty Queen Silvia will give away the prizes before the chidren arrived from different parts of the world.

The WCPRC empowers children and young people all over the world so that they can make their voices heard and demand respect for their rights in accordance with the UN Child Convention. The WCPRC has quickly grown into the world’s largest annual educational initiative for children on rights and democracy. As part of this process, the children award the world’s most respected prizes for outstanding contributions to the rights of the child.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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