- राज्य सरकार अथवा मुख्यमंत्री सचिवालय से इसके संबंध की बात पूरी तरह से बेबुनियाद एवं गलत
- श्री विजय शंकर पाण्डेय को प्रमुख सचिव सूचना, सचिवालय प्रशासन तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन के दायित्वों से मुक्त किया गया
- मण्डलायुक्त लखनऊ को सचिव सूचना का अतिरिक्त प्रभार
उत्तर प्रदेश के मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशंाक शेखर सिंह ने आज कुछ समाचार पत्रों व इलेक्ट्रानिक मीडिया में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हसन अली मामले में प्रमुख सचिव सूचना से पूछताछ की नोटिस संबंधी खबरों के संबंध में कहा है कि यह खबर जिस तरह से प्रकाशित की गयी है, उससे यह भ्रम होता है कि इस पूरे प्रकरण में राज्य सरकार अथवा मुख्यमंत्री सचिवालय का भी सरोकार है, जबकि यह पूरी तरह से बेबुनियाद व गलत है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि श्री पाण्डेय मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव के पद पर नहीं तैनात थे, जबकि समाचार से ऐसा भ्रम उत्पन्न हुआ है।
उत्तर प्रदेश के मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह आज दिनांक 16 अप्रैल, 2011 को शास्त्री भवन स्थित मीडिया सेन्टर में पत्रकार वार्ता करते हुए। साथ में - नव नियुक्त सचिव सूचना श्री प्रशान्त त्रिवेदी।
उल्लेखनीय है कि समाचारों में प्रकाशित किया गया है कि श्री अमलेन्दु पाण्डेय नामक व्यक्ति ने अपने शपथ पत्र में यह कहा कि वह श्री विजय शंकर पाण्डेय से लगातार सम्पर्क में थे। कदाचित इसी शपथ पत्र के आधार पर हसन अली के मामले में श्री विजय शंकर पाण्डेय को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नोटिस दिया जाना सम्भावित है।
मंत्रिमण्डलीय सचिव श्री शशंाक शेखर सिंह आज यहां लाल बहादुर शास्त्री भवन में स्थित मीडिया सेंटर में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि राज्य सरकार की ओर से यह स्पष्ट किया जाना आवश्यक है कि प्रदेश सरकार का इस सम्पूर्ण प्रकरण से कोई संबंध नहीं है और न ही राज्य सरकार का इस मामले में किसी भी प्रकार का कोई लेना-देना है।
श्री सिंह ने कहा कि समाचार पत्रों में श्री विजय शंकर पाण्डेय को प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री के रूप में मुख्यमंत्री कार्यालय से जोड़ा गया है जो कि सर्वथा गलत है। उन्होंने कहा कि पूर्व में माननीया मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव एवं प्रमुख सचिव सूचना के पद से हटा कर श्री पाण्डेय को राजस्व परिषद इलाहाबाद में सदस्य बनाकर तैनात कर दिया गया था। श्री पाण्डेय ने सूचना के क्षेत्र में अपनी रूचि जाहिर की थी। तद्नुसार उन्हें प्रमुख सचिव सूचना के रूप में उनकी परिस्थितियों को देखते हुए बाद में फिर तैनात कर दिया गया था।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया में श्री पाण्डेय की हसन अली मामले में भूमिका के संबंध में उल्लेख किया गया है इसलिए समाचार पत्रों और इलेक्ट्रानिक मीडिया के इन तथ्यों को ध्यान में रखकर यह स्पष्ट किया जाता है कि यदि श्री विजय शंकर पाण्डेय व आई0पी0एस0 अधिकारी श्री जसवीर सिंह की उक्त प्रकरण में कोई भूमिका है तो वह इन दोनों का व्यक्तिगत मामला है। राज्य सरकार का उससे कोई मतलब या संबंध नहीं है और न ही राज्य सरकार को उसकी कोई जानकारी है।
श्री सिंह ने कहा कि इस प्रकरण को लेकर मा0 सर्वोच्च न्यायालय, भारत सरकार अथवा प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कोई पूछ-ताछ की जाती है तो वह इनकी व्यक्तिगत जवाबदेही होगी और राज्य सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं होगा।
मंत्रिमण्डलीय सचिव ने कहा कि सम्पूर्ण मामले की गम्भीरता को देखते हुए श्री पाण्डेय को प्रमुख सचिव सूचना, सचिवालय प्रशासन तथा खाद्य एवं औषधि प्रशासन के दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है और उनकी राजस्व परिषद के सदस्य के रूप में तैनाती कर दी गयी है। इसके साथ ही लखनऊ के मण्डलायुक्त श्री प्रशंात त्रिवेदी को सचिव सूचना का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com