Archive | April 23rd, 2011

माध्यमिक शिक्षा के 18 शिक्षक राज्य अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित

Posted on 23 April 2011 by admin

माध्यमिक शिक्षा मंत्री श्री रंगनाथ मिश्र ने किया सम्मानित

उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंत्री श्री रंगनाथ मिश्र ने आज माध्यमिक शिक्षा निदेशालय में आयोजित एक समारोह में प्रदेश के 18 शिक्षकों को जो राज्य आध्यापक पुरस्कार के लिए चयनित किये गये थे, को 10 हजार रूपये का चेक, अंगवस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि अभी मात्र 18 शिक्षक ही इसे प्राप्त कर रहे है परन्तु भविष्य में इस पुरस्कार हेतु अधिक से अधिक शिक्षक अथक परिश्रम एवं मेहनत करके यह पुरस्कार प्राप्त कर सकेगें। उन्होंने कहा कि विगत चार वर्ष के दौरान माध्यमिक शिक्षा में अनेक परिवर्तन करके शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रयास किये गये है।

श्री मिश्र ने कहा कि शिक्षा विभाग में राज्य कर्मचारियों  की भांति शिक्षकों को भी छठवें वेतनमान का लाभ सबके साथ देने का निर्णय मा0 मुख्यमंत्री जी ने लिया।

छठवें वेतनमान के समय से मिलने के बावजूद भी अध्यापक परीक्षा डियूटी/मूल्यांकन कार्य करने में रूचि नहीं ले रहे है यह ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे विद्यालयों में बच्चों की कमी हो रही है इसका चिन्तन अध्यापकों को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में पठन-पाठन का कार्य अध्यापक द्वारा किया जाता है तो मूल्यांकन के लिए किसे तैनात किया जाय यह एक प्रश्न है इस पर अध्यापकों को गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए।

इस अवसर पर बोलते हुए सचिव माध्यमिक शिक्षा श्री जितेन्द्र कुमार ने कहा कि विगत चार वर्ष के दौरान 254 हाईस्कूलों को उच्चीकृत करके इण्टर मीडिएट किया गया। 254 जूनिहर हाईस्कूलांे को भी उच्चीकृत करके हाई स्कूल किया गया है। अध्यापकों का यह दायित्व है कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाते हुए अच्छे परीक्षा परिणाम दंे, जिससे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से शिक्षा प्राप्त छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेकर अपना भविष्य सवांर सके।

सम्मान समारोह में वर्ष 2008 के जिन आध्यापकों को सम्मानित किया है वे क्रमशः डा0 जाकिर हुसैन प्रधानाचार्य मुस्लिम इण्टर कालेज असारा बागपत श्री रमेश चन्द्र सिंह प्रधानाचार्य अभयानंद शिक्षा संस्थान इण्टर कालेज शिवधरिया, भलुअनी, देवरिया, श्री शोभनाथ वर्मा, प्रधानाचार्य, द्वापर विद्यापीठ इण्टर कालेज, बरई पारा, मया, फैजाबाद, श्री जोखू लाल तिवारी, प्रधानाचार्य, श्री कृष्ण इण्टर कालेज, देवनहरी, सहसों, इलाहाबाद, श्री दिनेश यादव, शारीरिक शिक्षा शिक्षक, जवाहर लाल नेहरू स्मारक इण्टर कालेज, उन्नाव, डा0 (श्रीमती) अखिलेश गुप्ता, प्रधानाचार्या, श्री श्याम लाल अंगनेलाल बालिका इण्टर कालेज, शाहजहाॅपुर, श्री पारस राम मिश्र, प्रवक्ता-अर्थशास्त्र, कालिका धाम इण्टर काले, सेवापुरी, वाराणसी, श्री पदम् सैन मित्तल, प्रधानाचार्य, परीक्षितगढ़ इण्टर कालेज, परीक्षितगढ़ मेरठ, एवं श्री बाॅंदू राम गंगवार प्रवक्ता शारिरिक शिक्षा, राजकीय शारीरिक प्रशिक्षण महाविद्यालय रामपुर है।

इसी प्रकार वर्ष 2009 के लिए चयनित अध्यापक क्रमशः श्रीमती कैसर फात्मा, प्रधानाध्यपिका, रा0बा0इ0का, अमानीगंज, फैजाबाद, श्री परशुराम यादव प्रधानाचार्य, श्री गोस्वामी तुलसीदास विद्यापीठ इ0का0 एरच झाॅसी, श्री राजदेव राम, प्रवक्ता, इतिहास, रा0इ0का0 निशातागंज, लखनऊ, श्री न्याज अहमद, प्रधानाचार्य, तालीमुद्दीन इ0का0 बड़ी कम्हरिया मऊ, श्री कैलाश नाथ चैबे, सहा0 अध्यापक, किसान इ0का0 मिर्जामुराद, वाराणसी, श्री महेश चन्द्र शर्मा, सहायक अध्यापक, श्री गुलाब राय इ0का0 नैनीताल रोड़ बरेली, डा0 शशिप्रभा, प्रधानाचार्य, द्रोपदी कन्या इ0का0 बरेली, श्री महेन्द्र सिंह बावरा, सहायक अध्यापक, राम सहायक इ0का0 गढ़रोड़ मेरठ, एवं श्रीमती वीना चैहान प्रवक्ता रसायन विज्ञान शिक्षक जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान निशातगंज लखनऊ हंै।

समारोह में निदेशक माध्यमिक शिक्षा डा0 संजय मोहन, विशेष सचिव एवं माध्यमिक शिक्षा के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं को व्यवसायिक पाठ्यक्रमों की कोचिंग हेतु 7.50 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृत जारी

Posted on 23 April 2011 by admin

उत्तर प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र/छात्राओं के लिए मेडिकल/इंजीनियरिंग के व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में परीक्षा पूर्व कोचिंग की व्यवस्था हेतु चालू वित्तीय वर्ष 2011-12 हेतु प्राविधानित धनराशि 15 लाख रूपये के सापेक्ष छः माह की आवश्यकता हेतु प्रथम किस्त के रूप में 7.50 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृत जारी की है। यह धनराशि कुछ प्रतिबंधों एवं शर्तों के अधीन निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण के निवर्तन पर रखी गई है।

यह जानकारी अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा जारी शासनादेश में दी गई है। शासनादेश में दी गई शर्तो एवं प्रतिबंधों के अनुसार कोषागार से धनराशि का आहरण आवश्यकतानुसार किया जायेगा तथा धनराशि को आहरित कर बैंक या डाकघर में जमा नहीं किया जायेगा। स्वीकृत धनराशि के सापेक्ष उपयोगिता प्रमाण-पत्र प्राप्त हो जाने के उपरान्त ही द्वितीय किस्त की धनराशि स्वीकृत करने पर विचार किया जायेगा तथा धनराशि का उपयोग वित्त विभाग द्वारा जारी मितव्यता संबंधी आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए किया जायेगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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नेशनल साइन्स ओलम्पियाड में सी.एम.एस. छात्र चयनित

Posted on 23 April 2011 by admin

kartik-mittalसिटी मोन्टेसरी स्कूल, महानगर के मेधावी छात्र कार्तिक मित्तल ने नेशनल साइन्स ओलम्पियाड की प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में चयनित होकर विद्यालय का नाम सारे देश में गौरवान्वित किया है। यह प्रतियोगिता नेशनल साइन्स ओलम्पियाड फाउण्डेशन, नई दिल्ली के तत्वावधान में आयोजित हुई। उक्त जानकारी सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने दी है। श्री शर्मा ने बताया कि अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित इस प्रतियोगिता में देश के प्रतिष्ठित विद्यालयों के छात्रों ने प्रतिभाग किया जिसमें सी.एम.एस. महानगर कैम्पस के इस छात्र ने अपने ज्ञान-विज्ञान का परचम लहराकर यह सफलता अर्जित की तथापि आयोजकों द्वारा सी.एम.एस. छात्र को प्रशस्ति पत्र व अन्य आकर्षक उपहारों से पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया। श्री शर्मा ने बताया कि यह प्रतियोगिता भावी पीढ़ी में विज्ञान के प्रति गहन अभिरूचि विकसित करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है जिसमें प्रतिवर्ष सी.एम.एस. छात्र भारी संख्या में चुने जाने का कीर्तिमान बना रहे हैं।

श्री शर्मा ने बताया कि वैज्ञानिक युग के महत्व को स्वीकारते हुए सी.एम.एस. अपने छात्रों का दृष्टिकोण वैज्ञानिक एवं विश्वव्यापी बनाने के उद्देश्य से जोरदार प्रयास कर रहा है जिसकी बदौलत सी.एम.एस. छात्र विभिन्न राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में नये नये कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। सी.एम.एस. में पूरे वर्ष विज्ञान, गणित, अंग्रेजी, विज्ञान, कम्प्यूटर, रोबोटिक्स, एक्ट्रोनाॅमी, संगीत, खेलकूद आदि विषयों में छात्रों की विश्व-स्तरीय प्रतिभा निखारने के लिए सर्वाधिक 32 अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताएंे आयोजित की जाती हैं जिनमें देश-विदेश के छात्र एक मंच पर विभिन्न प्रतिस्पधाओं के माध्यम से अपने ज्ञान-विज्ञान का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। ऐसे आयोजनों से एक अन्तर्राष्ट्रीय मंच तो उपलब्ध होता ही है साथ ही उनमें आत्मविश्वास का संचार भी होता है। यही कारण है कि उत्कृष्ट ज्ञान व बुद्धिमत्ता से लबालब सी.एम.एस. छात्र शैक्षिक क्षेत्र में विद्यालय का परचम पूरे विश्व में लहरा रहे हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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दर्जनों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़

Posted on 23 April 2011 by admin

- बिना किसी विश्वविद्यालय की संबद्धता हासिल किये बीडीएस में लिये दाखिले
- छोत्रों से लाखों रूपये फीस वसूलने के बाद 2008 से अब तक नहीं करायी प्रथम वर्ष की परीक्षा
- विधान परिषद में भी उठा था डेंटल कालेज की धोखाधड़ी का सवाल
-   मुकदमा दर्ज करने के बजाय पूरा मामला ठण्डे बस्ते में डाल दिया

100_4398उत्तर प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के कई बड़े अफसर फर्जी मैनेजमेंट तथा डेन्टल कालेजों के गोरख धन्धे से जुड़े हैं इन बड़े अफसरों की राय पर इन कालेजों में छात्रों से धोखाधड़ी तथा लाखों की वसूली का खेल लम्बे समय से चल रहा है। ताजा मामला सीतापुर के अटरिया में स्थित विनायक मिशन डेन्टल कालेज का है। सुनियोजित षड़यन्त्र के तहत कालेज में छात्रों से फीस के रूप में लाखों रूपये तो वसूले लेकिन सत्र की परीक्षायें तक नहीं कराई। घोटाले का अन्दाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि डेन्टल कालेज की सम्बद्धता किसी भी विश्वविद्यालय से नहीं है। पूरे घोटाले की जांच एस.डी.एम सिधौली ने तहसीलदार को सौंपी है। 2008 में विनायक मिशन डेन्टल कालेज ने बीडीएस में 38 छात्रों का दाखिला लिया था, प्रति छात्र करीब डेढ़ से दो लाख रूपये फीस के रूप में वसूले गये थे लेकिन बीडीएस प्रथम वर्ष की जो परीक्षा 2009 में हो जानी चाहिए थी वो अभी तक नहीं हुई। बलरामपुर निवासी कालेज के छात्र सत्यापाल मौर्य सहित सभी छात्रों ने आज एसडी0एम0 सिधौली से कालेज प्रबन्धन के गोरख धंधे की शिकायत की। शिकायत में कहा गया है कि तीन साल बाद भी अभी तक बीडीएस 2008 प्रथम वर्ष की परीक्षायें नहीं कराई गई हैं, आलम यह है कि कालेज को विश्वविद्यालय से सम्बद्धता तक नहीं मिली है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कालेज प्रशासन से संबंद्धता के लिए 50 लाख रूपये बैंक गारंटी के लिए जमा करने को कहा था जो आज तक जमा नहीं किये गये।

100_4418थाना अटरिया जनपद सीतापुर के थानाध्यक्ष से गत वर्ष दो जून को बलरामपुर के ग्राम असईपुर निवासी कालेज के छात्र सत्यापाल मौर्या ने लिखित शिकायत की थी कि वर्ष 2008 में मेरे द्वारा बीडीएस प्रथम वर्ष की फीस के रूप में 145000 रूपये कालेज में नकद जमा किये गये। परीक्षा के विलय के संबंध में राजकुमार ओझा चेयरमैन विनायक मिशन डेन्टल कालेज से जब बात की गई तो वह अभद्रता पर उतर आये। श्री ओझा समेत उनके दोनों पुत्र प्रसून ओझा तथा प्रशान्त ओझा तथा कार्यालय अधीक्षक आर0के0 पाण्डेय ने मुंह बन्द रखने की धमकी दी। अतः उक्त लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया जाय। सिकके का दूसरा पहलू यह है कि पुलिस ने पीड़ित छात्र की तहरीर पर कालेज प्रबन्धतंत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के बजाय पूरा मामला ठण्डे बस्ते में डाल दिया है। इसी तरह कालेज के तमाम छात्रों ने प्रार्थना पत्र के जरिये कालेज प्रबन्ध तंत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की है लेकिन पुलिस तो जेसे विनायक मिशन डेन्टल कालेज के प्रबन्ध तंत्र के आगे बिक गई है तभी किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं की गई है। इस संबंध में जब सीओ सिधौली से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह जांच एस0डी0एम सिधौली करेंगे। उसके बाद पुलिस अपना काम करेगी। कालेज प्रबन्धन के खिलाफ सभी पीड़ित छात्र आज कालेज परिसर में ही धरने व भूख हड़ताल पर बैठ गये। छात्रों के हंगामें को देखते हुए प्रशासनिक अधिकारियों ने कालेज का दौरा भी किया। दर्जनों छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले विनायक मिशन प्रबन्ध तंत्र के खिलाफ कार्यवाही होना टेढ़ी खीर है क्योंकि प्रशासनिक अफसरों को रसूखदार प्रबन्ध तंत्र के आगे बिकते देर नहीं लगेगी।

धोखाधड़ी में उस्ताद डेन्टल कालेज पर मेहरबान चिकित्सा शिक्षा मंत्री
डेंटल कालेज के गोरखधन्धे को चिकित्सा शिक्षा मंत्री लाल जी वमा का पूरा संरक्षण प्राप्त हैं 2010 में विधान परिषद सदस्य डा0 यज्ञदत्त शर्मा ने सदन में चिकित्सा शिक्षा मंत्री से पूछ था कि उक्त डेन्टल कालेज में बीडीएस-प्रथम वर्ष (2008-09) की परीक्षा अब तक क्यों नहीं हुई चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने अपने जवाब में कहा कि विनायक मिशन डेन्टल कालेज को अब तक किसी विश्वविद्यालय से संबद्धता प्राप्त नहीं है। माननीय विधान परिषद सदस्य ने जब यह सवाल पूछा कि उक्त कालेज में जो छात्र पढ़ रहे हैं उनके भविष्य को देखते हुए क्या शीघ्र परीक्षा कराई जायेगी तो जवाब में मंत्री ने विश्वविद्यालय से सम्बद्धता कराये जाने के बाद परीक्षा कराये जाने का आश्वासन दिया। सवाल लाख टके का है कि जब विनायक मिशन डेंटल कालेज का प्रबन्धतंत्र दर्जनों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है तो बजाय कार्यवाही करने के चिकित्सा शिक्षा मंत्री केवल खोखले आश्वासन क्यों दे रहे हैं।

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सीवर लाइन/पेयजल पाइप लाइन डालने हेतु काटी गयी सड़को की पुर्नस्थापना/मरम्मत का कार्य वही कार्यदायी संस्था करेगी जो उसे काटेगीः मुख्य सचिव

Posted on 23 April 2011 by admin

निर्माण कार्यो की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु नगर निगम  क्षेत्रों में मण्डलायुक्त तथा अन्य निकायों में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति गठित

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री अनूप मिश्र ने निर्देश दिये है कि नगरों में सीवर लाइन तथा पेयजल पाइप लाइन डालने हेतु की गयी रोड़ कटिंग तथा सड़क को पुर्नस्थापित कर सड़क को पुरानी स्थित में लाने हेतु मरम्मत का कार्य उसी संस्था द्वारा कराया जायेगा जो सीवर लाइन अथवा पेयजल पाइप लाइन डालनें का कार्य करेगी।

प्रदेश के नगर आयुक्तो, स्थानीय निकाय निदेशक, जल निगम के प्रबन्ध निदेशक तथा लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता को भेजे गये परिपत्र में यह कहा गया है कि शासन के संज्ञान यह तथ्य आया है कि जेएनएनयूआरएम कार्यक्रम (यूआईजी/यूआईडीएसएसएमटी), एनजीआरबीए एवं राज्य सेक्टर की योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु नगरों में सीवर लाइन अथवा पेयजल पाइप लाइनें डालने हेतु कार्यदायी संस्थाओं द्वारा जो रोड कटिंग की जा रही है, उसके बाद सड़क को सममतल (रि-स्टोर) कर उसे पूर्व की स्थिति में लाने हेतु मरम्मत करने का कार्य करने में विलम्ब हो रहा है जिससे नागरिकों को आवागमन में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिये है कि सीवर लाइन तथा पेयजल पाइप लाइन डालनें हेतु काटी गयी सड़क की पुर्नस्थापना/मरम्मत का कार्य लोक निर्माण विभाग के मानकों के अनुसार कराया जायेगा। उन्होंने निर्देश दिये कि काटी गयी सड़क की मरम्मत एवं उसकी पुर्नस्थापना के बाद आगामी दो बरसात तक सड़क में होने वलाी किसी भी प्रकार की टूट-फूट के लिए सड़क काटने वाली संस्था ही उत्तरदायी होगी और वही सड़क की उस स्थल पर पुनः मरम्मत करायेगी।

श्री अनूप मिश्र ने यह भी निर्देश दिये कि काटी गयी सड़क की मरम्मर के कार्य की गुणवत्ता का निरीक्षण नगर निगम क्षेत्रों में मण्डलायुक्त की अध्यक्षता एवं अन्य निकायों के संबंध में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति जिसमें लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियन्ता/अधीक्षण अभियन्ता, जल निगम के मुख्य अभियन्ता/अधीक्षण अभियन्ता एवं संबंधित स्थानीय निकास के मुख्य अभियन्ता/अभियन्ता सदस्य के रुप में हांेगे, द्वारा किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पुर्नस्थापना के कार्य का समय-समय पर स्थलीय निरीक्षण करते हुए काटे गये सड़क की मरम्मत समुचित गुणवत्ता के साथ शीघ्रातिशीघ्र सुनिश्चित की जायेगी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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उ0प्र0 में पूर्व की सरकारों में हर स्तर पर फैला भ्रष्टाचार व राजनीति में पनपा अपराधीकरण बी0एस0पी0 की सरकार को विरासत में मिला

Posted on 23 April 2011 by admin

cm-photo-22-04-2011बी0एस0पी0 की राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी का मानना है कि देश को आजादी मिलने के बाद  देश जिस लोकतन्त्र व धर्म-निरपेक्षता के आधार पर बने हुये भारतीय संविधान के तहत चल रहा है, उसके मुख्य स्तम्भ अनुसूचित जाति वर्ग में जन्में परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर थे। जो पूरे देश में किसी भी समाज व किसी भी धर्म के मानने वाले लोगों से छिपा हुआ नहीं है। उन्होंने कहा कि लेकिन फिर भी यहाँ गम्भीरता से सोचने व ध्यान देने की बात यह है कि अभी कुछ दिन पहले देश में विभिन्न स्तर पर फैले हुये भ्रष्टाचार को खत्म करने के उद्देश्य से जब जन-लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने के लिए सिविल सोसाईटी व केन्द्र सरकार की ओर से संयुक्त समिति का गठन किया गया। तो इस संयुक्त समिति ने इसके लिए पूरे देश में एक भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति को इसका सदस्य बनने लायक नहीं समझा। उन्होंने कहा कि इसमें एक भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति को नहीं रखा गया। जिसके लिए सिविल सोसाईटी के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार भी बराबर की जिम्मेदार है।

माननीया मुख्यमंत्री जी आज अपने 5-कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर पत्र प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की जन लोकपाल बिल के मामले में सलाह है कि इस जन-लोकपाल बिल के लिए गठित की गई मसौदा समिति का पुर्नगठन करके इसमें अनुसूचित जाति के किसी भी एक योग्य व्यक्ति को जरूर प्रतिनिधित्व दिया जाये। इसके साथ ही उनका यह भी मानना है कि देश के ज्यादातर मुश्किल कार्यों में वैसे इन लोगों को अनुसूचित जाति के लोगों की याद आती है, किन्तु महत्वपूर्ण मौको पर अक्सर इनको दर-किनार कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत को चलाने के लिए जब देशवासियों के सामने भारतीय संविधान को तैयार करने की बात आयी, तो तब उस समय सभी वर्गों व धर्मों के लोगों ने इस कार्य में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को पूरे देश में सबसे ज्यादा योग्य मानकर, इनके कन्धे पर ही इसकी अधिकतर जिम्मेदारी सौंप दी थी। डाॅ0 अम्बेडकर ने अपनी दूर-दृष्टि से हर मामले में देश को एक बेहतरीन संविधान दिया।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि भारतीय संविधान में समाज के सभी वर्गों को और उसमें भी खासतौर से यहाँ सदियों से इस देश में गैर-बराबरी वाली सामाजिक व्यवस्था के शिकार रहे दलितों, पिछड़ों एवं अन्य उपेक्षित वर्गांे के साथ-साथ धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। लेकिन इन सब के बावजूद भी यहाँ ध्यान देने की बात यह है कि देश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से अभी कुछ दिन पहले जिस जन- लोकपाल बिल का मसौदा तैयार किया गया है। उसमें सिविल सोसाईटी के श्री अन्ना हजारे, श्री सन्तोष हेगड़े, श्री अरविन्द केजरीवाल, श्री प्रशान्त भूषण तथा श्री शान्ति भूषण शामिल किये गये, जबकि केन्द्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ मंत्रीगण श्री प्रणव मुखर्जी जो इस समिति के अध्यक्ष भी हैं, श्री पी. चिदम्बरम, श्री कपिल सिब्बल, श्री वीरप्पा मोईली तथा श्री सलमान खुर्शीद शामिल किये गये हैं और इन सभी दस सदस्यों में से एक भी सदस्य अनुसूचित जाति का नहीं है।

राष्ट्रीय अध्यक्षा ने सवालिया लहजे में कहा कि आजादी के लगभग 63 वर्षों के बाद भी अपने देश में एक भी अनुसूचित जाति का व्यक्ति संविधान की जानकारी रखने वाला नहीं है, जो सम्बन्धित बिल के मसौदा समिति का सदस्य बन सके। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने खासतौर से श्री अन्ना हजारे से जानना चाहा है कि श्री अन्ना हजारे शायद यह भूल गये कि जिस महाराष्ट्र के वे रहने वाले हैं। वहीं से समाज में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों को सामाजिक व आर्थिक अधिकार दिलाने के लिये कई आन्दोलन किये गये हैं। यहाँ तक कि आजादी मिलने पर, देश को चलाने के लिए भारतीय संविधान सभा हेतु गठित की गई समिति के सबसे योग्य सदस्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर भी इसी ही महाराष्ट्र स्टेट के रहने वाले थे। उन्होंने कहा कि श्री अन्ना हजारे को जन-लोकपाल बिल हेतु गठित की गई समिति के सदस्यों का नाम देने के पूर्व इस तथ्य पर भी अवश्य ध्यान व विचार करना चाहिये था।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि देश में कांग्रेस पार्टी गरीबों, दलितों एवं अनुसूचित जाति की हितैषी बनने का ढोंग तो बहुत करती है। लेकिन जब उनके सम्मान की बात आती है तो तब कांग्रेस पार्टी द्वारा इनकी घोर उपेक्षा कर दी जाती है। इसलिए उन्होंने इन सभी को, बी0एस0पी0 पार्टी की ओर से सलाह देते हुए कहा कि जन-लोकपाल बिल के लिए गठित की गई मसौदा समिति में अनुसूचित जाति के किसी भी एक व्यक्ति को प्रतिनिधित्व ना देकर केन्द्र सरकार व सिविल सोसाईटी द्वारा जो गलती की गई है उसे जरूर दूर किया जाये। अर्थात् अनुसूचित जाति के किसी भी एक योग्य व्यक्ति को, जो गैर- राजनीतिक हो, उसे समिति में जरूर रखा जाय। क्योंकि ऐसा करके ही इस देश के करोड़ों अनुसूचित जाति के लोगों के मन में, इसको लेकर किस्म-किस्म की उठ रही आशंकाओं का समाधान किया जा सकता है।

राष्ट्रीय अध्यक्षा ने कहा कि इस जन-लोकपाल बिल के लिये गठित की गई मसौदा समिति में केन्द्र सरकार एवं सिविल सोसाईटी को अपने लोगों के बारे में भी इस बात को लेकर जरूर गम्भीरता से चिन्तन करना चाहिये कि यदि उनके बीच के किसी सदस्य या सदस्यों की निष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लग रहा हो, तो इनको उनसे तत्काल दूरी बना लेनी चाहिये। उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी बात को पुनः दोहराते हुए कहा कि उनकी पार्टी श्री अन्ना हजारे व देश के उन सभी संगठनों के इस कदम की सराहना करती है। जो अपने देश में किसी ना किसी रूप में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। जबकि इस मामले में बी.एस.पी. इनसे पहले ही अर्थात अपनी पार्टी की स्थापना से ही भ्रष्टाचार के साथ-साथ राजनीति में अपराधीकरण के खिलाफ भी काफी जोर-शोर से लगातार आवाज उठा रही है।

सुश्री मायावती जी ने कहा कि यदि पूर्ववर्ती सरकारों ने देश में यहाँ हर स्तर पर फैले हुये भ्रष्टाचार व राजनीति में अपराधीकरण पर रोक लगायी होती, और साथ ही हर मामले में सर्वसमाज के हितों का पूरा-पूरा ध्यान रखा होता तो फिर उन्हें बी.एस.पी. के गठन करने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि जहाँ तक आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में, वर्षों से हर स्तर पर फैले हुये भ्रष्टाचार व राजनीति में अपराधीकरण के पनपने का सवाल है, तो ये दोनों बीमारी जो बहुत ज्यादा पुरानी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों की यह दोनों बीमारियाँ उनकी पार्टी की सरकार को विरासत में मिली हैं। उन्होंने कहा कि जिसे दूर करने में, उनकी सरकार पूरी ताकत से लगी हुई है। उन्होंने भरोसा जताया कि उनकी पार्टी व सरकार इन दोनों बीमारियों को जरूर खत्म करेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि इन दोनों बीमारियों को दूर करने में, हमारी सरकार को कुछ समय जरूर ज्यादा लग सकता है। क्योंकि ये दोनों बीमारियाँ उ.प्र. में काफी ज्यादा पुरानी हो चुकी है।

माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में कुछ विभागों के कर्मचारियों को यहाँ अपनी जान भी गवांनी पड़ी है, जिसका उनकी पार्टी व सरकार को बेहद दुःख है और इनके असली दोषियों को पकड़ने के लिए उनकी सरकार काफी मेहनत से लगी हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार इस अभियान को प्रदेश में किसी भी कीमत पर ठंडा नहीं पड़ने देगी। अर्थात् प्रदेश से भ्रष्टाचार व राजनीति में अपराधीकरण को खत्म करके ही दम लेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उनकी पार्टी जनहित के इन सब जरूरी मुद्दों को लेकर पूरे देश में यह अभियान लगातार तब तक जारी रखेगी, जब तक इन सभी समस्याओं का जड़ से खात्मा नहीं हो जाता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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