Archive | April 2nd, 2011

Poor implementation of Forest Rights Act

Posted on 02 April 2011 by admin

Public Hearing  on Poor implementation of Forest Rights Act and atrocities on forest people by Forest Department  Sahkarita Bhavan, Lucknow  2nd April 2011

National Forum of Forest People and Forest workers (NFFPFW), an alliance of various people’s  movements and organisations struggling for the rights of forest dwellers for nearly a decade now  all across the country.

we are all aware of the problems with the implementation of the Forest Rights Act all across the  country. In UP, we have been engaged in implementation of the Act but have faced problems  not only from the bureaucracy but also from the feudal forces in the society. To bring out some  of these issues NFFPFW are organizing a Citizen’s Tribunal on 2nd April 2011 in Lucknow, UP on the  atrocities inflicted on forest people, tribal, dalits and other poor classes in the past decades. The  public hearing will also look into matter of implementation of Forest Rights Act in UP.

Over the past few decades Forest Department has lodged thousands of illegal cases u/s of  Indian  Forest  Act  1927  on  forest  people  and  the  activists    implicating  in  many  offenses  like  poaching, encroachment, clear felling of trees etc. The cases have  not only been lodged u/s of  above mentioned Act but also u/s of Wild Life Protection Act, IPC, 7 criminal Act and even NSA  across the State. In the light of Forest Rights Act now such cases should be withdrawn by the  State  Government  in  order  to  mitigate  the  “  historical  injustice”  inflicted  on  forest  people  as  mentioned in the preamble of the Act. The State Government has issued orders to withdraw  some  petty  offenses  few  months  ago  after  a  massive  protest    by  forest  dwellers  in  District  Sonbhadra. But instead of withdrawing the cases, the entire exercise has been left to Forest  Department  who  through  the  Lok  adalats  are  forcing  the  tribal  and  other  forest  dwellers  to  confess the offense and pay the money to dispose  off the cases. The FD is making criminal  history of the tribal who now according to the FRA should be owners of the forest.

Along with these  issues  there  are  many other  issues  relating to  implementation  of  the  Forest  Rights Act that needs to be looked into legally. Hence it is very important that such issues comes  in limelight through an independent Tribunal that will also alert the State Government to look into  these matters seriously.

Jury members who have confirmed till now are : Mannu Lal Markam ( Retd. Judge, Jabal HC),  Ad Ravi Kiran Jain ( HC, Allahabad), Smita Gupta(member drafting committee of Forest rights  Act),  Manimala  (  Director,  Gandhi  Smriti  Darshan,  New  Delhi)  and  Praful  Bidwai  (  Senior  Journalist)

We request you to join in this public hearing  Munnilal( Convenor), Ashok chowdhury ( Founder and ex convenor), Roma ( FRA campaign coordinator, UP & Uttarakhand), Shanta Bhattcharjee, Rajnish and Ramchander Rana( Member,  state level monitoring committee) Alok - 09415045873] email : alok.1857@gmail.com

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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उपन्यासकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्यायन ‘अज्ञेय’ की जन शताब्दि

Posted on 02 April 2011 by admin

1inforसूचना विभाग के अडोटोरियम में विभाग द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका उत्तर प्रदेश के महानकवि चिन्तक, उपन्यासकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्यायन ‘अज्ञेय’ की जन शताब्दि के अवसर पर विशेषांक का लोकार्पण सुप्रसिद्ध साहित्यकार महेश चन्द्र द्विवेदी की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में निदेशक सूचना अजय कुमार उपाध्याय, अपर निदेशक रामदीन, आकश वाणी के केन्द्र निदेशक गुलाब चन्द के करकमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुये साहित्यकारों ने सूचना विभाग द्वारा समकालीन साहित्य संस्कृति और कला के संरक्षण हेतु हिन्दी और उर्दू की पत्र पत्रिकाओं में निरन्तर विशेषांक प्रकाशित करने पर प्रशंसा व्यक्त करते हुये अनुरोध किया कि प्रदेश के साहित्यकारों को लेकर भी भविष्य मंे विशेषांक का प्रकाशन किया जाये। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश मासिक के सम्पादक डा0 सुरेश उजाला ने अज्ञेय विशोषांक हेतु देश भर के साहित्यकारों द्वारा अपनी अपनी रचनायें भेज कर विशेषांक को सफल बनाने के लिये साधुवाद देते हुये कहा कि सूचना विभाग योद्धा निदेशक के निर्देशन में शीघ्र ही दो विशेषांक प्रकाशित होगे। जिनमें एक विशेषांक जनकवि नागाजुर्न पर होगा  तथा दूसरा विशेषांक संतकवि रविदास पर प्रकाशित होगा। कार्यक्रम में अपर निदेशक रामदीन ने अपनी रचना क्या कभी आपने सोचा है  प्रस्तुत करके लोगांे के मन को झकझोर दिया और उन्हें सोचने को विवश कर दिया कि टियूनेशिया में एक रेहढ़ी चलाने वाले बाऊ जदीदी ने पूरे अरब क्षेत्र मंे अपनी कुर्बानी देकर क्रान्ति फैला दी। उससे सावधान करते हुये लोगों को आगाह किया। निदेशक अजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि सूचना विभाग के उद्देश्यों में साहित्य कला और संस्कृति को भी समाज के सामने प्रस्तुत करने की जुम्मेदारी हैं। इस दिशा में साहित्यकारों द्वारा दिये गये सुझावों को ध्यान में रखकर भविष्य में और अच्छे विशेषांकों का प्रकाशन किया जायेगा। तथा साहित्य गतिविधियां जारी रहेंगी। श्रीउपाध्याय ने महान साहित्यकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ को याद करते हुये उनकी रचित कृति शेखर एक जीवनी के परिपेक्ष्य में अनेक अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत करते हुये कहा कि छात्र जीवन में अज्ञेय को मैने जब पड़ा था और आज की दृष्टि में पुनः अज्ञेय को हम पढ़ते है तो पता चलता है कि अज्ञेय कितनी गहरी सोच के साथ साहित्य रच रहे थे। उन्होंने सिर्फ नई कविता को ही दिशा ही नही दी अपितु एक पत्रकार के रूप में दिनमान नामक हिन्दी साप्ताहिक को जो दिशा प्रदान की वह हिन्दी पत्रकारिता में मील के पत्थर के रूप में स्थापित हो गया। कार्यक्रम में अध्यक्ष पूर्व पुलिस महानिदेशक महेश चन्द्र द्विवेदी ने अज्ञेय को समग्र रूप में उत्तर प्रदेश मासिक द्वारा विशेषांक के रूप में प्रस्तुत करने पर बधाई दी। कार्यक्रम का सफल संचालन  उप निदेशक प्रदीप गुप्ता ने किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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भारतीय नव वर्ष मेला आयोजन

Posted on 02 April 2011 by admin

भारतीय नव वर्ष मेला आयोजन समिति तीन और चार अप्रैल को राजधानी के नेशनल इंटर कालेज के मैदान (राणा प्रताप मार्ग) में दो दिवसीय मेले का आयोजन कर रही है। मेला पूर्वान्ह 11.00 बजे से शुरू होकर रात्रि 10.00 तक रहेगा। उसकी शुरुआत तीन अप्रैल को पूर्वान्ह 11 बजे शंखनाद और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होगी। अपरान्ह चार बजे उसका उद्घाटन गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी सांसद योगी आदित्यनाथ और रामकथा मर्मज्ञ प्रेमभूषण महराज करेंगे। उक्त जानकारी मेला आयोजन समिति के संरक्षक पूर्व राज्यसभा सदस्य व वरिष्ठ पत्रकार राजनाथ सिंह सूर्य ने दी। यूपी प्रेस क्लब के सभागार में पत्रकारों से रू-ब-रू राजनाथ सिंह ने बताया कि कार्यक्रमों की श्रृंखला में दोपहर दो बजे बच्चों के लिए जादू का कार्यक्रम होगा। शाम छह अनीश सोनी (कुशीनगर) की भजन संध्या होगी। वह चैती-चैता जैसे कार्यक्रम भी प्रस्तुत करेंगे।

बातचीत के क्रम में उन्होंने बताया कि मेले के दूसरे दिन चार अप्रैल को पूर्वान्ह 11 बजे भारतीय नव वर्ष की प्रासंगिकता और उपादेयता विषयक एक परिचर्चा का आयोजन किया गया है। अपरान्ह दो बजे विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। शाम को पांच बजे विश्व प्रसिद्ध भारत माता की आरती होगी। मुम्बई से आ रहे कलाकार बाबा सत्य नारायण मौर्य आरती कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। भारती माता की आरती के बाद रात आठ बजे कवि सम्मेलन और मुशायरा होगा।

आयोजन समिति के संरक्षक ने आगे कहा कि मेला जन सामान्य को सामाजिक सरोकारो से भी जोड़ने का अभियान है। इसमें 50 से अधिक स्टाल लगाए जाएंगे। गाय़त्री परिवार, गीता प्रेस गोरखपुर, बाबा रामदेव योगपीठ, गुरुकुल कांगड़ी आदि संस्थाओं की जानकारीपरक पुस्तकें और साहित्य उपलब्ध रहेंगे। खादी के सामान, खाने-पाने के विविध स्टाल होगे। साथ ही इलेक्ट्रानिक गुड्स, जरी-जरदोजी आदि के भी स्टाल लगाए जाएंगे। बच्चों के लिए मनोरंजक कार्यक्रमों के साथ ही झूले का भी प्रबंध किया गया है। मेले में निःशल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जाएगा। जेबीएस फाउंडेशन की ओर से रक्तजांच शिविर, फेफड़े की कार्यक्षमता की जांच (पीएफटी) होगी। साथ ही मोटापा, नींद में खर्राटा और धूम्रपान से निजात के बारे में विशेषज्ञों द्वारा कारगर सलाह मिलेगी। हेल्प एण्ड केयर फाउंडेशन की ओर से आयुर्वेदिक इलाज के कई कारगर उपायों के बारे में बताया जाएगा। रिलैक्सेशनथिरैपी भी होगी।

उन्होंने बताया कि मेला आयोजन समिति ने समाज के विविध वर्गों को अपने से जोड़ा है। दलगत निष्ठा से ऊपर उठकर शहर के नामचीन लोग इससे जुड़े हैं। महापौर दिनेश शर्मा तो शुरू से ही जुड़ गए थे। सपा की प्रदेश सचिव जुही सिंह, बसपा नेता सुधीर हलवासिया, भाजपा के कौशलेंद्रनाथ योगी, पूर्व विधान परिषद सदस्य सिराज मेंहदी, नेशनल इंटर कालेज के प्रबंधक अनिल सिंह, अशोक सिंह रघुवंशी (कांग्रेस), नानक चंद लखमानी, जय प्रकाश नागपाल (सिंधी समाज), उमा नंद शर्मा (गायत्री परिवार), डाक्टर संदीप अग्रवाल, डाक्टर सूर्यकांत,  डाक्टर देवेश कुमार श्रीवास्तव, वीरेंद्र कुमार गुप्त, उमेश चंद्र गुप्ता (मानस परिवार सेवा समिति) व ओपी श्रीवास्तव (अखिल विश्व सनातन सेवा संस्थान, अयोध्या) आदि की मेले में सीधी भागीदारी है।

उन्होंने कहा कि चैत्र प्रतिपदा समाज को भारत के प्राचीन गौरवशाली अतीत से जोड़नेवाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, साथ ही भारतीय कालगणना के अनुसार सृष्टि का प्रथम दिवस होने के कारण भारतीय नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय नव वर्ष देश में सबसे ज्यादा उपेक्षित त्योहार है। होली, दीपावली, दशहरा, अंग्रेजी नव वर्ष तो बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। आर्थिक उदारीकरण के दौर में बाजार का दबाव भी इनके धूमधाम से मनाए जाने का कारण बना। बाजार के दबाव ने ही भारत में फादर्स डे, मदर्स डे, वेलेंटाइन डे आदि पाश्चात्य रीति-रिवाजों को त्योहार सी स्वीकृति दिला दिया। आज हालात यह है कि दिसंबर का अंतिम सप्ताह आते-आते लोगों विशेष रूप से नवजवान पीढ़ी पर उसकी खुमारी चढ़ने लगती है। 31 दिसंबर की रात 12 बजे के बाद तो रातभर धमाल की स्थिति रहती है। होली, दापीवली आदि भी धूमधाम से मनाए जाते हैं।  बहरहाल इन सबमें सबसे खराब हालत भारतीय नव वर्ष की है। जबकि सरकार से लेकर समाज तक भारतीय कालगणना पर आधारित कलेंडर के अनुसार सारे शुभ कार्य करते हैं। परिवार के शुभ कार्यों से लेकर समाज के सारे प्रमुख त्योहार इसी पर आधारित होते हैं। राष्ट्रीय महत्व के इस महत्वपूर्ण अवसर को लोकप्रिय एवं जन-जन तक पहुंचाने के लिए ही मेले का आयोजन किया जा रहा है।
अरविंद शुक्ल (सचिव और प्रवक्ता)
मो. 9935509633
भारतीय नव वर्ष मेला आयोजन समिति

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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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भारतीय जनता पार्टी सैनिक प्रकोष्ठ

Posted on 02 April 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक केैप्टन विकास गुप्ता ने अपनी प्रदेश टीम की घोषणा की है। प्रदेश मीडिया प्रभारी हरीशचन्द्र श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि सैनिक प्रकोष्ठ में 6 प्रदेश सहसंयोजकों एवं 4 क्षेत्रीय संयोजक बनाए गए हैं। मेजर पुष्कर भारती (देवरिया),  कैप्टन चंदन सिंह नेगी (लखनऊ), कैप्टन बी0बी0सिंह (रायबरेली), सूबेदार गणपति सिंह (गौतमबुद्धनगर), एमसीपीओ राम अवतार पाण्डेय (गाजीपुर), अनुप तिवारी (कानपुर) को प्रदेश सहसंयोजक नियुक्त किया है एवं पश्चिम क्षेत्र से जयपाल सिंह, बृज क्षेत्र से सूबेदार मेजर डीडी शर्मा, काशी क्षेत्र से सर्जेण्ट एस पी सिंह एवं कानपुर से सर्जेण्ट महेश मिश्रा को क्षेत्रीय संयोजक बनाया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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विकास योजनाओं की उपेक्षा

Posted on 02 April 2011 by admin

भारतीय जनता पार्टी श्री राजेन्द्र तिवारी ने आज पत्रकारों से वार्ता में प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विकास योजनाओं की उपेक्षा तथा प्रदेश में निवास कर रही जनजातियों के विकास और उन्नति के लिए केन्द्र सरकार से मिले 41 करोड़ का जनजातियों के लिए कल्याणकारी योजनाओं में व्यय न किए जाने को अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण बताया और उ0प्र0 सरकार की मुखिया सुश्री मायावती पर जनजातियों के प्रति उपेक्षा तथा भेदभाव पूर्ण नीति अपनाए जाने का आरोप लगाया।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि प्रदेश के 19 जिलों में निवास कर रहे जनजाति समुदाय के लोगों का न तो प्रदेश विधानसभा में कोई सदस्य है और न ही उन्हें सरकारी नौकरियों में प्रदत 2 प्रतिशत आरक्षण का लाभ ही मिल पा रहा है। समूचे प्रदेश में जनजातियों का हक अनुसूचित वर्ग के लोग ले रहे हैं। श्री तिवारी ने कहा कि दलितों के ठेकेदार बनने वाली सुश्री मायावती ने जनजातियों को उच्चन्यायालय के आदेश के बावजूद पंचायत चुनाव में आरक्षण नहीं दिया, इतना ही नहीं जनजातियों के हक मेंकिए गए उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में अपील दायर कर दिया। केन्द्र से जनजातीय कल्याण के लिए मिले 41 करोड़ रूपये में से केवल 8 करोड़ ही व्यय किए गए। सरकारी उपेक्षा के कारण योजनाओं का लाभ आर्थिक रूप से विपन्न और विकास से दूर जनजातीय लोग लाभ से वंचित हैं।

श्री तिवारी ने आरोप लगाया कि जनजातियों के प्रति सरकारी उपेक्षा का आलम यह है कि इस वर्ग के लोगों को जाति प्रमाणपत्र प्राप्त कर पाना कठिन है। सरकारी तंत्र हीलाहवाली के नाते इन्हें आरक्षण का भी लाभ नही मिल पाता। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि प्रदेश का समूचा सरकारी अमला पंचम तल के ही इशारे पर कार्य कर रहा है। उसे प्रदेश के विकास और लोगों की बेहतरी से कोई लेना देना नहीं है। जिसका परिणाम है विकास मद की 6 हजार करोड़ की धनराशि का उपयोग शासन तंत्र नहीं कर सका। यह प्रदेश सरकार की विफलता का नतीजा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राज्य सरकार पर लगाए गए सभी आरोपों को पूरी तरह असत्य, बेबुनियाद एवं मनगढ़न्त

Posted on 02 April 2011 by admin

बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा नेता श्री शिवपाल सिंह यादव द्वारा राज्य सरकार पर लगाए गए सभी आरोपों को पूरी तरह असत्य, बेबुनियाद एवं मनगढ़न्त बताया है। उन्हांेने कहा कि वर्तमान में विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तथा पूर्ववर्ती सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर रहे व्यक्ति को बी0एस0पी0 की सरकार पर झूठे आरोप लगाने से पहले अपने गिरेहबान में झांक कर जरूर देख लेना चाहिए था।
श्री मौर्य ने कहा कि सपा मुखिया श्री मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सपा सरकार में अरबो-खरबों रूपये की लूट करने वाले तथा उस दौर में अंजाम दिए गए अनेक घोटालों में शामिल श्री शिवपाल सिंह यादव जब भ्रष्टाचार के मामलों पर बोलते हैं, तो लोग हंसते हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद प्रदेश की मौजूदा सरकार के फैसलों की जांच कराने की बात करने वाले श्री यादव को पूरी ईमानदारी का परिचय देकर सबसे पहले अपनी पार्टी की सरकार के सभी घोटालों के तथ्यों को जनता के सामने रखना चाहिए।

श्री मौर्य ने कहा कि सन्तों, गुरूओं और महापुरूषों के आदर-सम्मान में बी0एस0पी0 सरकार द्वारा बनाये गये स्मारकों, संग्रहालयांे, पार्कों, प्रतिमाओं को लेकर सपा के लोगों के पेट में हमेशा दर्द बना रहता है और इसे सरकारी धन का दुरूपयोग बताने से पहले सपा के नेताओं को स्मरण करना चाहिए कि राज्य सरकार ने सरकारी खजाने का 99 प्रतिशत धन विकास कार्यों पर खर्च किया है और सिर्फ एक प्रतिशत धनराशि इन महापुरूषों के आदर-सम्मान में व्यय की गयी है। उन्होंने कहा कि सपा के नेता इस तरह के झूठे बयान देकर प्रदेश की जनता को गुमराह करने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं। प्रदेश की जनता सपा काल में रिश्वतखोरी और सरकारी खजाने की लूट को अब तक नहीं भूली है। उन्होंने कहा कि सपा के नेता हताश होकर राज्य सरकार पर अनर्गल आरोप लगाने लगे हैं। श्री शिवपाल सिंह यादव का ताजा बयान सपा नेताओं की इसी मनोदशा का उदाहरण हैं।

श्री मौर्य ने कहा कि बी0एस0पी0 की सरकार कानून के द्वारा कानून के राज में पूरी तरह विश्वास करती है और अपना हर फैसला कानून के दायरे में रहकर ही लेती है। इसके बावजूद राज्य सरकार के विरूद्ध अपना मुंह खोलने से पहले श्री शिवपाल सिंह यादव को सपा शासनकाल के खाद्यान्न घोटाला, पुलिस भर्ती घोटाला, दवा खरीद घोटाला, नोएडा भूमि घोटाला, एल0डी0ए0 घोटाला जैसे तमाम घोटालों को याद कर लेना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सपा के शासनकाल में खरबों रूपये कमाकर विदेशी बैंकों में जमा करने वाले श्री शिवपाल सिंह यादव को वर्तमान सरकार पर आरोप लगाने का कोई हक नहीं है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पूर्ववर्ती सपा सरकार के दौरान राज्य के किसानों की खरबों रूपये की कीमती जमीन को कौड़ियों के दाम अपने पूंजीपति और धन्नासेठ आकाओं को सौप देने वाले श्री शिवपाल सिंह यादव को राज्य सरकार पर टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपराधीकरण के सूत्रधार सपा नेताओं पर हमेशा अपराधियों एवं भ्रष्टाचारियों से साठ-गांठ के आरोप लगते रहे हैं।

श्री मौर्य ने कहा कि प्रदेश की जनता को अब भी अच्छी तरह से याद है कि पूर्ववर्ती सपा सरकार के दौरान भ्रष्टाचार, लूट-खसोट एवं धन उगाही चरम सीमा पर थी, जिसके चलते प्रदेश की जनता ने उसे सत्ता से बेदखल कर दिया था। उन्होंने कहा कि श्री यादव द्वारा राज्य सरकार के विरूद्ध लगाये गये आरोप वस्तुतः उनकी दलित विरोधी एवं जातिवादी मानसिकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के बयान से साफ जाहिर है कि पिछले दिनों प्रदेश में सपा द्वारा किये गये आन्दोलनों के दौरान जनता ने उनकी पार्टी को पूरी तरह से नकार दिया है इसलिए हताशा में अनाप-शनाप बयानबाजी पर उतर आये हैं।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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राजनीतिक घरानों ने घोंटा छात्र राजनीति का गला

Posted on 02 April 2011 by admin

ब्ंाधक तरूणाई ने घोंटा वैकल्पिक राजनीति का दम
देष बचेगा पर पुस्तैनी नेताओं नहीं असली तरूणों के दम पर

photoपूंजी के गिरफ्त में मौजूदा युवा भारत इतना उलझ गया जो भौतिकता की चकाचैंध और वर्तमान में जीने की तालीम से प्रेरित हो अंतहीन हर्डलरेस का महज भागीदार बन कर रह गया है।देष की तरूणाई पहले मोबाइल,फिर रेस्तरां,डिस्कोथेक और अब फेसबुक ट्वीटर के हाथ का खिलौना भर बन कर रह गयी लगती है। भ्रष्टाचार, कालाबाजारी, महंगाई, अपराध के रावण राज में अब डर सताने लगा है कि अब न रावण मरेगा, न तो कंुभकरण, न ही धर्म - अधर्म का भेद समझाया पढाया जायेगा क्योंकि अब तरूणाई के माथे पर जवानी के चरमोत्कर्ष में प्रोफेषनैलिज्म का ठप्पा होना सबसे अहम् है क्योकि यह मौजूदा भारत का तथाकथित स्टेटस सिंबल है। स्टेटस सिंबल बांटने की दुकाने भी खूब हैं जाहिर है खरीददारों की संख्या ने इस बाजार को भी बल दिया है।

हालात कुछ ऐसे हैं कि इुजिनियरिंग,प्रबंधन,व अन्य कमाउ कहे जाने वाले डिग्री डिप्लोमा जैसे ठप्पों को सरलता से पाने की असीम संभावनाये हैं। यह इस क्षेत्र का विकास ही है जिससे केवल उत्तर प्रदेष में हर साल अब 1 लाख के आस पास तो इंजीनियर, डिप्लोमाधारी, आई टी आई,प्रषिक्षित स्नातक व प्रबंधक निकलेंगे ही, बाकी देष की हालत तो आसानी से समझी जा सकती है। ऐसा होना भी चाहिए था क्योंकि तरूणाई को इस तथाकथित कैरियर ओरियेन्टेड (कैरियर उन्मुख) माया जाल में फांसने के भारतीय नीति निर्माताओं के अपने मायने और फायदे हैं। तभी तो कैंपसों में खुले मन से समाज और देष के प्रति जुझारू तेवर के साथ सार्थक सोच को प्रतिबद्ध छात्र राजनीति का गला नीति निर्माताओं ने घोंट दिया।

यूं ही नहीं कैंपस से राजनीति को उखाड फेंकने की पहल करते हुए मौजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वर्ष 2000 में विकासषील देषों में उच्च षिक्षा नाम से विष्वबैंक की टास्क फोर्स द्वारा जारी रिपोर्ट तैयार कराने में अपनी सक्रिय सहभागिता दर्ज कराई थी। कैंपस की राजनीति की सक्रियता होने से जो अघोषित भय इन नियंताओं के मन में था वह आज चरम पर पहुची महंगाई आईपीएल से काॅमनवेल्थ तक के घोटालों,टू जी स्पेक्ट्म् से आदर्ष सोसाईटी जैसे बंदरबांट और देष की संपत्ति को गटक जाने की घटनाओं से ज्यादा साफ पता चलता है।

कितना दुःखद है संसद में गुंडो को ले जाने से लेकर विधानसभाओं, परिषदों में माफियाओं की दखल को यह देष कैंपस में भविष्य के नता पैदा करने से ज्यादा बेहतर समझता है,दुःख तो सबको होता है जब अपने देष में कांगेस के राज में केवल अलगाववादियों को पुष्ट रखने के लिए कष्मीर के लाल चैक पर गणतंत्र दिवस पर भारत का तिरंगा नहीं लहराया जा सकता है। 90 के दषक में षिक्षा को बेचने की शुरूआत करने से पूर्व ही इन नीति निर्माताओं ने इसलिए भी छात्रसंघों व छात्र राजनीति का विरोध किया होगा क्योंकि मान्यता देने से लेकर, कालेज खुलवाने, डीम्ड - प्राइवेट वि0 वि0 बनाने में इनकी मोटी कमाई नहीं हो पाती क्योंकि तरूणाई खुलकर आज राजनीतिक हस्तक्षेप के ताकत में होती।

कैंपसों में चल रहे मुनाफाखोरी के धंधें से शायद इस देष को छात्रसंघों की मौजूदगी से कम क्षति हो रही है। युवा राजनीति का दम घोंटने वाले यह बखूबी जानते हैं कि विभेद,शोषण, विरोध सहित तमाम सामाजिक-आर्थिक-राजनैतिक परिवर्तनों का एकमात्र सूत्रधार तरूणाई होती है तभी तो इन्होंने छात्र राजनीति को लेकर पूर्व नियोजित तरीके से राजनीति की नर्सरी की ऐसी पटकथा लिखी जिससे छात्र राजनीति का चेहरा ही विद्रूप हो गया और लिंगदोह जैसे साहबों ने देष के अंदर एक पवित्र संस्था पर जमकर थू-थू कराया।

नीति निर्माताओं ने देष को समझाया कि षिक्षा परिसर नेता पैदा करने के कारखाने नहीं है। ऐसा उनके लिए इसलिए भी करना जरूरी था क्योकि नेता पैदा करने का केन्द्र तो अरबों हिन्दुस्तानियों के घर के बजाय इंदिरा-नेहरू खानदान को ही बने रहना था। ये कुछ ऐसा ही है जैसा पुरानी सल्तनतों के वारिसों के साथ होता रहा। युवा कहलाने का हक केवल नेहरू परिवार के नौजवानों के पास हो और बाकी मुल्क युवा नेता के प्रषंसक और पिछलग्गू रहें तो सब ठीक है।

नोट के बदले संसद में सवाल पूछने वाले, पैसा देकर बहुमत जुटाने वाले , लाखों करोडों रूपये का घोटाला कर खुद को बारंबार अच्छा साबित का कोषिष करने वाले वस्तुतः इस बात से सदैव डरते रहे हैं कि उनके राजनैतिक व्यापार का अगर कोई सबल,समर्थ और सही प्रतिद्वंदी रहा है तो वह है हिन्दुस्तान की तरूणषक्ति।

विसंगति है कांगे्रसी घरानों के राजकुमार राहुल,सचिन पायलट सरीख्ेा नेता देष के युवा प्रतिनिधि हैं जिन्होने अपने दम पर सिर्फ विरासत मेें मिली नाव की सवारी की है। इनकी नजर में देष की आबादी के 70 फीसदी युवा महज पिछलग्गू बनकर इनकी नुमाइंदगी को सलाम करते रहें तो ही प्रगति होगी। इनको कैसे नहीं डर लगेगा जब ये ही नहीं पूरा देष जानता है कि महज 50-60 करोड के बोफोर्स घोटाले पर राजीव गांधी की सरकार गिरी,इंदिरा की तानाषाही को देष की तरूणाई ने गजब की पटखनी दी,वैसे ये अब छात्र युवा राजनीति का पर कुतर आराम से 176000 के स्पेक्ट्म घोटाले सहित कलमाडी सरीखे लोगों के कंधे पर बंदूक रख अपनी जेबें भर रहे हैं, इन्हें पता है दो चार  हफतो बाद चाहे शुृगलू कमीषन रिपोर्ट हो या कोई अन्य आयोग की जांच सब कुछ देष का आम मतदाता भूल जायेगा क्योंकि उसे तो दाल भात के पीछे लगना है,अपनी रोजी रोटी देखनी है,इन्हें बखूबी पता है कि कैरियर ओरियेन्टेड युवा इन लफडों में नही आने वाले। इनकी सोच यही लगती है कियही परिवर्तन लाना इन लोकतांत्रिक डमरूओं का लक्ष्य था जिसे ये छात्र संघों की तालाबंदी से ला चुके हैं।

अब देष बाबा रामदेव तो कभी सुब्रहमण्यम् स्वामी तो कभी टी0एन0षेषन तो कभी किरन बेदी की ओर टुकुर टुकुर ताक रहा है फिर भी उसे ये संतोष नहीं कि आसिर क्या होगा इस देष का । सच तो ये है कि अब राषन कार्ड बनवाने से लेकर विधवा पेंषन पाने तक में कुछ ले दे के तेज काम कराने के खेल,सत्ता के दम पर किसी को कभी भी आबाद या बर्बाद करने के खेल,विधायको के बलात्कार जैसे मामलों से देष उकता सा गया है। समूचे भारत में अब सरकारी बाबुओं से लेकर भ्रष्ट नेताओं के बारे में एक ही राय है जिसे हम आप कोई अच्छा नहीं साबित कर सकते।कहीं न कहीं समूचा भारत निगाह गडाये बैठा है उस चमत्कार की ओर जो अबाध गति से तूफान की तरह आये और पूरी व्यवस्था को एकबारगी गंगा स्नान करा दे।

यही सही वक्त है देष की तरूणाई को उस अहम् जिम्मेदारी के बारे में सोचने का जो पूरे देष में उस विद्युत का संचार करे जो फरेबी यूथ आइकाॅनों,मायावी बुद्धिजीवियों, तथाकथित जनवादियों की पहचान कर लोगों के बीच ला सके। हमको इन फरेबियों के मकडजाल से निकल कर उस आबादी के बारे में सोचने की जरूरत है जो देष केे खेतों मेे,फुटपाथों पर,झोपडों में,मनरेगा में खटते हुए,एक अदद नौकरी के लिए कर्ज लेकर प्रोफेषनल कालेजों में पढते हुए अपनी आंखों मंे सीना तानकर चलने का सुनहरा सपना पाले हुए है।

आज की तरूणाई को अब सोचना ही होगा उन ढकोसलेबाज नेताओं के बारे में जिन्होंने असल नेताओं की फौज को टकराव के भय से पराजय की आषंका से पनपने से रोक दिया है। पूरे देष को यदि वास्तव में अपनी माटी पर लूट मचाकर जनता का धन हडपने वालों को दंडित करने की रंचमात्र भी कामना है तो जागकर सबसे पहले देष में छात्र-युवा राजनीति को पुर्नस्थापित कराने के लिए व्यापक देषव्यापी जनमत तैयार करना होगा क्योंकि खुद को दिलासा देने के लिए सपनों में भविष्य  और उज्जवल अतीत में खोने से बेहतर है,बंधी हुई बेडियों को काटकर अपनी चेतना हासिल कर देष को परम् वैभव पर ले जाया जाये।

आनन्द शाही ’’नौतन’’ (प्रदेष सह-म्ीडिया प्रभारी,,भाजपा-युवा मोर्चा,उ0प्र)
(लेखक भाजपा-युवा मोर्चा,उ0प्र0 के प्रदेष सह मीडिया प्रभारी व सामाजिक शोध एजेंसी डी-वोटर्स के वरिष्ठ शोध अधिषाषी हैं)
संपर्क-9454721176,9598939235
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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टीम इण्डिया की जीतः जुलूस निकालकर मना जश्न

Posted on 02 April 2011 by admin

05वल्र्ड कप के लिए कल रात हुए भारत-पाकिस्तान के बीच सेमीफाइनल में टीम इण्डिया की विजय के बाद शहर में जश्न का माह©ल का कायम ह¨ गया। चारेा तरप  आतिशबाजी जलाकर ल¨ग खुशियां मनाने लगे तथा सड़क¨ं पर उतर पड़े ,जुलूस निकालकर नाचते गाते  राष्ट्रगान कर मिठाइयां बांटी ।
रात में जैसे ही सेमीफाइनल में टीम इण्डियां की जीत की घ¨षणा हुई ल¨ग खुशिय¨ं से झूम पड़े अ©र घर¨ं से निकलकर सड़क¨ पर नाचने लगे। तरह तरह की आतिशबाजी से शहर जगमगा उठा। इसके बाद उत्साही युवकांे ने जुलूस निकाला अ©र अ¨लन्दगंज,चहारसू, क¨तवाली च©राहा ह¨ते हुए सöावना पुल से ज¨गयापुर पहुंचे तथा ग¨कुलघाट पर राष्ट्रगान किया गया तथा बसपा नेता अश्वनी कुमार निषाद ने ल¨ग¨ं के बीच मिठाई वितरित की गयी।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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आरटीआई के 25 आवेदन कार्यक्रम अधिकारी को दिया

Posted on 02 April 2011 by admin

सूचना का अधिकार अभियान द्वारा सूचना के अधिकारा एवं जनल¨कपाल बिल के समर्थन एवं कार्यवाही हेतु कार्यक्रम विकास भवन परिसर में आय¨जित किया गया। इस अवसर पर कुल 25 आवेदन जिला  कार्यक्रम क¨ अधिकारी क¨ दिया गया। जिसमें आंगनवाड़ी सहित इस विभाग की तमाम य¨जनाअ¨ं के बारे में जानकारी मांगी गयी। ताकि इसका भैतिक सत्यापन कर भ्रष्टाचार का पर्दाफाश किया जा सके।

01इस म©के पर वक्ताअ¨ं ने कहा कि बीते 24 फरवरी क¨ जिला पंचायत राजअधिकारी क¨ 25 आवेदन प्रेषित किया गया लेकिन आज तक उसकी सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी। जबकि कानून में 30 दिन के भीतर सूचना देने का प्रावधान है। इस बाबत जिला पंचायत राजअधिकारी से पूछे जाने पर पहले त¨ आनाकानी किया लेकिन पि र एक सप्ताह के अन्दर सूचना देने की बात स्वीकारी। आवेदन के पश्चात के ब्लाक¨ं के प्रमिनिधिय¨ं ने निर्णय किया कि आगामी 5 अप्रैल क¨ जनल¨कपाल विधेयक क¨ लागू कराने हेतु आमरण अनशन पर बैठने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे के समर्थन में अभियान कार्यक्रम आय¨जित करेगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता गांपाल सिंह एवं संचालन रेनू सिह तथा ब्लाक प्रतिनिधि मुन्नी बेगम,नीलम सिंह, अनिल च©हान, देवेन्द्र कुमार सिंह, जनार्दन मिश्रा, निसार अहमद खान, भारत अटल,अकरम, सन्त¨ष, बलिराम आदि म©जूद रहे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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गढ्ढ¨ में बदलती जा रही राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कें

Posted on 02 April 2011 by admin

सरकार की सारी य¨जनायें अफसर¨ं के मनमानेपन के कारण विप ल साबित ह¨ं रही हैं। जिले में सड़क¨ं की हाल ऐसी है कि उनपर राहगीर¨ं क¨ पैदल चलना मुश्किल है अ©र दुर्घटनाअ¨ं में ल¨ग म©त का शिकार बन रहे हैं। आम सड़क¨ं की बात दरकिनार राष्ट्रीय राजमार्ग भी गढ्ढ¨ं में बललता जा रहा है।

गांव क¨ मुख्यमार्ग से ज¨ड़ने वाली य¨जना जनपद में दम त¨ड़ती नजर आ रही है। सरकार ने सड़क निर्माण क¨ पूरा करने के लिए भले ही निर्देश दिये ह¨ं पर सम्बन्धित अधिकारी इन कार्यो क¨ लेकर जरा भी सचेत नहीं हैं। हालत यह है कि कमीशनख¨री के कारण बनने के बाद ही सड़के उखड़ना शुरू ह¨ जाती है। तारक¨ल की कमी तथा मानक¨ क¨ दरकिनार करने से सड़क¨ं की गुणवत्ता दिखाई ही नहीं देती। ल¨क निर्माण विभाग में भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है कहीं तारक¨ल ग¨लमाल किया जा रहा है त¨ कहीं मनमानी तरीके से काम कराया जा रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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