Archive | April 3rd, 2011

केईसी इन्टरनेशनल को रु0 801 करोड़ का ऑर्डर मिला है।

Posted on 03 April 2011 by admin

रु0 224 करोड़ के पावर ग्रिड, इन्डिया से 3 टर्नकी ट्रान्समीशन लाइन के ऑर्डर मिले हैं
अपट्रान्स्को (इन्डिया), सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका तथा वेरिएशन सहित टर्नकी ट्रान्समीशन लाइन के कुल मिलाकर रु0 320 करोड़ के ऑर्डर मिले
यूनाइटेड स्टेट्स और ब्राजील से रु0 150 करोड़ के एसएई टावर्स को टावर सप्लाई करने के ऑर्डर मिले
रु0 107 करोड़ के पावर तथा टेलीकॉल केबल सप्लाई के ऑर्डर मिले

अप्रैल 03, 2011ः केईसी इन्टरनेशनल लि. (केईसी) पावर ट्रान्समीशन ईपीसी तथा डाइवर्सीफाइड ग्लोबल इन्फ्रास्ट्रक्चर में दुनिया का एक बड़ा नाम है, जिसने ट्रान्समीशन (देशी तथा विदेशी) तथा केबल के क्षेत्र में रु0 801 करोड़ के ऑर्डर प्राप्त किए हैं.

ट्रान्समीशन - अन्तर्देशीय

भारत में, कंपनी ने तीन ऑर्डर कुल रु0 224 करोड़ के पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इन्डिया (पीजीसीआईएल) से हासिल किए हैं तथा एक स्टेट यूटिलिटी अप्ट्रान्स्को से टर्नकी आधार पर रु0 84 करोड़ का ऑर्डर प्राप्त किया है.

पीजीसीआईएल का पहला ऑर्डर चमराडोल - सतना के बीच 765 केवी सिंगल सर्किट ट्रान्समीशन लाइन की आपूर्ति तथा निर्माण के लिए है. यह ट्रान्समीशन लाइन रिहंद - तृतीय ।।। से तथा मध्यप्रदेश के विंध्याचल - चतुर्थ से जुड़ी है. यह परियोजना पीजीसीआईएल की योजना का हिस्सा है ताकि अन्तर्क्षेत्रीय प्रणाली को बल मिल सके तथा क्षेत्र में आने वाले विभिन्न समेकित पावर प्लान्टों से पावर को निकाला जा सके. ऑर्डर का मूल्य रु0 109 करोड़ का है तथा इसे 21 मास की अवधि में पूरा किया जाना है.

पीजीसीआईएल का दूसरा ऑर्डर रूड़की - सहारनपुर के बीच 400 केवी डबल सर्किट ट्रान्समीशन लाइन तथा बरेली में ट्रान्समीशन लाइन की आपूर्ति तथा निर्माण के लिए मिला है. लाइनें उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश में निर्मित की जाएंगी तथा ये उत्तरी क्षेत्र को बल प्रदान करने की स्कीम-इक्किस से जुड़ी हैं. ऑर्डर रु0 93 करोड़ का है तथा इसे लगभग 18 मास की अवधि में पूरा किया जाएगा.

पीजीसीआईएल का तिसरा ऑर्डर पटना, बिहार में बढ - बलिया के बीच 400 केवी डबल सर्किट ट्रान्समीशन लाइन हेतु आपूर्ति एवं निर्माण के लिए मिला है जो कि पश्चिमी क्षेत्र के लिए नेटवर्क हेतु आम स्कीम तथा बिहार में दामोदर वैली कारपोरेशन एन्ड मैथॅन राइट बैंक परियोजना के लिए अनुपूरक ट्रान्समीशन प्रणाली के साथ जुड़े गया के 220 केवी डबल सर्कि ट देहरी बोधगया ट्रान्समीशन लाइन से जुड़ा है. ऑर्डर रु0 22 करोड़ का है तथा इसे लगभग 12 मास की अवधि में पूरा किया जाएगा.

अप्ट्रान्स्को का ऑर्डर कृष्णपट्टणम से पावर को निकालने से जुड़ी ट्रान्समीशन लाइन की आपूर्ति तथा निर्माण का है. अप्ट्रान्स्को द्वारा बनाई जा रही यह पहली 400 केवी क्वाड लाइन है तथा इस वोल्टेज और लाइन कन्फीगरेशन पर  ट्रान्समीशन लाइन का निर्माण करने के लिए भारतीय सुविधाएं बहुत ही कम हैं उनमें से यह एक होगी. ऑर्डर रु0 84 करोड़ का होगा तथा इसे 12 मास की अवधि में पूरा किया जाएगा.

ट्रान्समीशन - अन्तरराष्ट्रीय
अन्तरराष्ट्रीय बाजारों में, कंपनी ने सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, यूनाइटेड स्टेट्स तथा ब्राजील से ऑर्डर हासिल किए हैं.

टर्नकी आधार पर 132 केवी ट्रान्समीशन लाइनों की आपूर्ति तथा निर्माण के लिए सउदी इलेक्ट्रिसिटी कंपनी से कंपनी को ऑर्डर मिला है. ऑर्डर रु0 78 करोड़ का है तथा इसे 20 मास की अवधि में पूरा किया जाएगा.

एस्कॉम दक्षिण अफ्रीका से एक और ऑर्डर मिला है जो दक्षिण अफ्र ीका में टर्नकी आधार पर गम्मा - कप्पा (खंड - बी) के बीच 765 केवी ट्रान्समीशन लाइन की आपूर्ति तथा निर्माण के लिए है. ऑर्डर कुल रु0 98 करोड़ का है. इस वित्तीय वर्ष में दक्षिण अफ्रीका से यह चैथा ऑर्डर है. संविदा पूरा होने की अवधि 18 मास की है.

एसएई टावर्स, पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है जिसने अमेरिका में रु0 150 करोड़ के सप्लाई ऑर्डर हासिल किए हैं. यह मुख्य रूप से यूनाइटेड स्टेट्स तथा ब्राजील के ट्रान्समीशन टावर ऑर्डर दर्शाता है.

उपर्युक्त के अलावा, केईसी ने रु0 60 करोड़ के वेरिएशन ऑर्डर अपनी वर्तमान अन्तरराष्ट्रीय परियोजनाओं से भी प्राप्त किए हैं.
केबल कारोबार कंपनी ने एक्स्ट्रा हाई वोल्टेज पावर केबल, हाई टेन्शन, लो टेन्शन तथा टेलीकॉम केबलों के रु0 107 करोड़ के सप्लाई ऑर्डर अलग-अलग ग्राहकों से प्राप्त किए।

’’केईसी इन्टरनेशनल लि. के एमडी तथा सीईओ, श्री रमेश चांडक ने कहा कि, भौगोलिक तथा कारोबारी विभिन्नता के कारण केईसी को ऑर्डर प्राप्त करने में लगातार सहायता मिलती है. ऑर्डर मिलने की दिशा में यह साल बहुत ही अच्छा रहा इससे आगे बढने के  लिए मार्ग प्रशस्त होता है’’

केईसी इन्टरनेशनल लिमिटेड के बारे में
केईसी इन्टरनेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर इंजीनियरिंग, प्रापण यानी प्रोक्योरमेन्ट तथा निर्माण (ईपीसी) जगत में एक अग्रणी नाम है. पावर े ट्रान्समिशन, पावर वितरण, रेलवे, टेलीकॉम तथा केबल तथा टॉवर निर्माण के क्षेत्रों में कंपनी ने अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज की है. दक्षिण एशिया, मध्यपूर्व, अफ्रीका तथा केन्द्रीय एशिया तथा अमरीकी देशों के 45 से अधिक देशों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास को बल प्रदान कर विश्व के नक्शे पर कंपनी ने अविस्मरणीय छाप छोडी है. कंपनी आरपीजी समूह के  ध्वज तले कार्य करती है तथा इसका वार्षिक कारोबार तकरीबन रू0 4000 करोड का है.

आरपीजी एन्टरप्राइजेज के बारे में

आरपीजी एन्टरप्राइजेज की स्थापना 1979 में हुई, यह भारत के  सबसे तेजी से बढने वाले बिजनेस समूहों में से एक है जिसका कारोबार रू0 17000 करोड को छू रहा है. इस समूह में सोलह से अधिक कंपनियां हैं जो पावर, टायर, इन्फ्रास्ट्रक्चर, आईटी, रिटेल, मनोरंजन, कार्बन ब्लैक तथा विशेषज्ञता के क्षेत्रों में विभिन्न कारोबारी हितों का प्रबंधन करती हैं.

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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India-Pakistan cricket diplomacy being witnessed at United States “Saharasri”

Posted on 03 April 2011 by admin

final-1Subrata Roy Sahara, Managing Worker & Chairman, Sahara India Pariwar (second from right in the picture) along with (from left to right) Dr. Palitha T.B Kohona, Ambassador of Sri Lanka to United Nations, Mr. Hardeep Singh Puri, Ambassador of India to the United Nations, Major General Shavendra Silva of Sri Lanka & Mr. Abdullah Hussain Haroon, Ambassador of Pakistan to the United Nations (extreme right)* enjoying India-Pakistan world cup semi-final match* *at the Permanent Mission of India to the United Nation’s office in New York, United States of America  *

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सी0एम0ओ0 डा0 बी0पी0सिंह की हत्या पर गहरा रोष

Posted on 03 April 2011 by admin

img_5221भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही ने आज लखनऊ में परिवार कल्याण के सी0एम0ओ0 डा0 बी0पी0सिंह की हत्या पर गहरा रोष व्यक्त किया है। श्री शाही ने कहा कि दिन दहाड़े हुई हत्या बसपा सरकार की कानून व्यवस्था के मुंह पर जबरदस्त तमाचा है। प्रदेश की राजधानी में हुई हत्या यह बताती है कि जब लखनऊ में दिन दहाड़े सी0एम0ओ0 की हत्या हो सकती हे तो आम जनता तथा दुरस्थ क्षेत्रों में कानून व्यवस्था की बदहाल व्यवस्था का भगवान ही मालिक है। श्री शाही ने जानना चाहा कि ऐसा क्या मामला है कि एक वर्ष के भीतर ही इसी पद पर तैनात 2 स्वास्थ्य अधिकारियों की दिन दहाड़े हत्या हो चुकी है। प्रदेश अध्यक्ष श्री शाही ने इस मामले में सी0बी0आई0 जांच की मांग की है।

प्रदेश अध्यक्ष श्री शाही ने कहा कि पूरे प्रदेश में जंगलराज कायम हो चुका है तथा माफियाओं, पुलिस और बसपा के गठजोड़ से प्रदेश की जनता भयग्रस्त एवं त्र्रस्त है। ध्वस्त कानून व्यवस्था के कारण अपराधियों के हौसले बुलन्द हैं। एटा के कुरावली थाना क्षेत्र में माॅ-बेटी की गोली मारकर हत्या कर दी गई, मुरादाबाद में 2 बहिनों की हत्या तथा सिद्धार्थनगर में प्रधान की बहिन को जिन्दा जला दिया गया। श्री शाही ने कहा कि अभी तक अपराध रात के अंधेरे में होते थे परन्तु अब सरकार के सरंक्षण के कारण अपराधी  दिन-दहाड़े हत्या कर फरार हो रहे हैं तथा पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। प्रदेश भर में हत्या, बलात्कार तथा  जबरन वसूली के कारण आम जन असुरक्षित तथा भयग्रस्त है। श्री शाही ने भ्रष्टाचार और ध्वस्त कानून व्यवस्था के कारण प्रदेश की बसपा सरकार की बर्खास्तगी की मांग की है।

प्रदेश अध्यक्ष श्री शाही ने शोक संतृप्त परिवार को सांत्वना देने उनके आवास पर गये। श्री शाही के साथ प्रदेश मंत्री संतोष सिंह, हीरो बाजपेई, नगर अध्यक्ष प्रदीप भार्गव, राजीव मिश्रा, संजय तिवारी, सुनील मिश्रा तथा पार्षद रामकृष्ण यादव आदि प्रमुख नेता थे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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राजधानी में दहशत का माहौल

Posted on 03 April 2011 by admin

मुख्य चिकित्सा अधिकारी (परिवार कल्याण) वी0पी0 सिंह की हत्या से राजधानी में दहशत का माहौल है। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं आई.एम.ए. डाक्टर्स वेलफेयर सेल के चेयरमैन डा0 नीरज बोरा ने घटना की निन्दा करते हुए पुलिसिया कार्यप्रणाली पर आक्रोश प्रकट किया। उन्होंने हमलावरों को अविलम्ब गिरफ्तार करने तथा राजधानीवासियों की सुरक्षा हेतु कड़े प्रबन्ध करने की मांग की है।

डा0 बोरा ने कहा कि कुछ दिन पूर्व भी एक सी.एम.ओ. को दिनदहाड़े गोली मार दी गयी थी। उन्होंने कहा कि सरकार की नाक के नीचे एक पर एक हत्या कर अपराधी खुली चुनौती दे रहे हैं परन्तु प्रशासन राजधानीवासियों की सुरक्षा के प्रति लापरवाह बना हुआ है। सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी सुरक्षित नहीं हैं तो आम आदमी के सुरक्षा की क्या गारण्टी है। उन्होंने कहा कि बढ़ते अपराध रोकने में विफल सरकार को स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए अथवा महामहिम राज्यपाल द्वारा ऐसी सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की जानी चाहिए।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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हत्याकाण्ड की सी0बी0आई0 जांच कराये जाने की मांग

Posted on 03 April 2011 by admin

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में छः माह के अंदर ही परिवार कल्याण विभाग के मुख्य चिकित्सा अधिकारी स्व0 डा0 विनोद आर्या की दिनदहाड़े हत्या के उपरान्त उसी पद पर तैनात डा0 वी.पी. सिंह की आज प्रातः उनके आवास के सामने ही गोलियां बरसाकर हुई नृसंश हत्या रहस्यास्पद घटना है, उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष डाॅ0 रीता बहुगुणा जोशी ने इस हत्याकाण्ड की सी0बी0आई0 जांच कराये जाने की मांग की है।

डाॅ0 जोशी ने कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था पूरी तरह तार-तार हो चुकी है। हत्या, बलात्कार, लूट की घटनाओं में जिस प्रकार बेतहाशा वृद्धि हो रही है उसके कारण आम जनता पुलिस से संघर्ष करने से भी नहीं चूक रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रदेश सरकार का शासन एवं पुलिस से नियंत्रण समाप्त हो चुका है। मुख्यमंत्री सुश्री मायावती कानून का राज बहाल करने में बुरी तरह विफल रही हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री को नैतिकता के नाते इस्तीफा दे देना चाहिए।

डाॅ0 जोशी ने कहा कि डा0 विनोद आर्या की हत्या के बाद ही सरकार को सतर्क हो जाना चाहिए था और उनके स्थान पर लाए गए डा0 वी0पी0 सिंह को पूरी सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए थी। परन्तु खतरों की जगह तैनात वरिष्ठ चिकित्सक को उसके हाल पर छोड़ दिया गया। इस घटना के बाद यह भी साबित हो गया कि अपराधी तत्व और माफिया के हौसले बुलंद हो चुके हैं और ऐसा केवल इसलिए है क्योंकि इन तत्वों को बसपा नेताओं का खुला समर्थन मिला हुआ है।

प्रदेाश् कंाग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की मुख्यमंत्री ने सदैव अपराधियों, माफिया और बाहुबलियों को प्रश्रय दिया है और उन्हें बचाने का कार्य किया है। चाहे वह सुलतानपुर में हुई कानूनगो की हत्या हो, शीलू बलात्कार काण्ड हो, लखनऊ में उनके स्वयं के घर में आगजनी का मामला हो, बदायूं में छात्रा के साथ हुआ बलात्कार काण्ड हों, ऐसी तमाम घटनाएं प्रदेश में बसपा शासनकाल के दौरान घटित हुई हैं जिसमें सीधे तौर पर बसपा के मंत्री, विधायक और इनके नेताआंे की संलिप्तता रही है। जिसकी परिणति आज पूरा प्रदेश देख रहा है और उसका खामियाजा भुगत रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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जनसुनवाई - अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वननिवासी(वनाधिकारों की मान्यता)कानून-2006

Posted on 03 April 2011 by admin

100_2690राजधानी में आदिवासियों के हितों के प्रति सरकार का ध्यान आक्रसित करने हेतु सहकारिता भवन में आयोजित जन सुनवाई कार्यक्रम वनाधिकार से वंचित उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के वन गूजरों से लेकर बुन्देलखण्ड के चित्रकूट, ललितपुर के शहरिया तथा कोल आदिवासियों के साथ साथ वनटंगिया तथा थारू आदिवासियों के साथ सरकारी मशीनरी द्वारा लगातार किये जा रहे उत्पीड़न के दर्दनाक किस्से जब महिलाओं ने मंच पर आकर सुनाये तो सारा वातावरण करूणा मय बन गया। वनों पर आश्रित समुदायों के वनाधिकारों को मान्यता देने वाला कानून ‘‘अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वननिवासी(वनाधिकारों की मान्यता)कानून-2006‘‘ को 1 जनवरी 2008 से देशभर में लागू  किया जा चुका है। उŸार प्रदेश में भी सरकार द्वारा इसे लागू कराने के लिये हमारे संगठन राष्ट्रीय वन-जन श्रमजीवी मंच के साथ लगातार वार्तारत रहते हुये सकारात्मक दिशा में कई तरह के प्रयास व जिलास्तर पर प्रशासन तथा वनविभाग के लिये कई तरह के आदेश व निर्देश जारी किये हैं। लेकिन स्थानीय स्तर पर वनविभाग व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा राज्य सरकार के निर्देशों का अनुसरण न करके लगातार इस केन्द्रीय विशिष्ट कानून के क्रियान्वयन की प्रक्रिया को बाधित करने का काम किया जा रहा है। वनाधिकार कानून के तहत वनसमुदायों को मान्यता प्राप्त अधिकार सौंपने की बजाय लोगों को जंगलक्षेत्रों से बेदख़ली के आदेश जारी किये जा रहे हैं, समुदायों द्वारा प्रस्तुत किये गये दावों को निरस्त करने का अधिकार न होने के बावज़ूद बड़ी संख्या में निरस्त किया जा रहा है, सामुदायिक अधिकारों की बात पर एकदम चुप्पी है, लोगों को लघुवनोपज के अधिकार से वंचित किया जा रहा है और जंगल में अपनी ज़रूरतों का सामान लेने गये लोगों को लकड़ी काटने व शिकार आदि के मुकदमों में अंग्रेजी काल के कानूनों का सहारा लेकर झूठे मुकदमों में फंसाया जा रहा है। वनविभाग व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा ऐसा करके वन समुदायों को एक बार फिर उन्हीं ऐतिहासिक अन्यायों की भट्ठी में झोंकने का काम खुले आम किया जा रहा है, जिन्हें स्वीकार करते हुये देश कीे संसद ने यह कानून पारित किया है। सरकार भी इन सब कारनामों को देखते जानते हुये सिर्फ अधिकारियों को चेतावनी देने के अलावा इनके खिलाफ कोई बहुत ठोस कदम नहीं उठा रही है।

100_2701इस कार्यक्रम में वनाधिकार कानून के सफल क्रियान्वयन के रास्ते में आने वाली रुकावटों व वनाश्रित समुदायों के विभिन्न तरह से किये जाने वाले उत्पीड़न से सम्बंधित मामलों का व वनाश्रित समुदायों के ऊपर ब्रिटिश काल में बनाये गये भारतीय वन अधिनियम-1927 के तहत लगाये गये झूटे मुकदमों का प्रस्तुतिकरण किया जा रहा है। चूंकि वनविभाग द्वारा वनाधिकार कानून के आ जाने के बाद भी लोगों पर इन मुकदमों को लादा जाना बन्द नहीं किया गया है, जो कि वनाधिकार कानून का सीधा उलंघन है व जिससे देश के तमाम वनक्षेत्रों में एक संवैधानिक संकट पैदा हो रहा है। प्रदेश की बसपा सरकार ने अक्टूबर 2010 में जनपद सोनभद्र में 7000 मुकदमों को वापिस लेने की घोषणा की थी। लेकिन स्थानीय स्तर पर वनविभाग व प्रशासन द्वारा इन सब मामलों में लोकअदालत लगा कर आदिवासियों व अन्य परम्परागत समुदाय पैसा लेकर अपराध स्वीकार कराया जा रहा है व उनका आपराधिक इतिहास बनाया जा रहा है जिससे कि वनाधिकार कानून की प्रस्तावना में दिये गये ऐतिहासिक अन्याय की पुर्नावृति की जा रही है।

इस जनसुनवाई में ऐसे कई गंभीर मामले जूरी सदस्यों के समक्ष प्रस्तुत किये गये हैं, जिसमेंः-
उ0प्र0 के जनपद सोनभद्र, चंदौली व मिर्जापुर पर वनविभाग व पुलिस विभाग द्वारा आदिवासीयों को माओवादी बना कर झूठी कार्यवाही करने के केस शामिल है।ं।
इन्हीं जनपदों से वनाश्रित समुदाय के ऊपर लदे करीब 10000 फर्जी केसों की सूची भी जूरी सदस्यों के समक्ष रखी जायेगी। इन मुकदमों में 80 फीसदी संख्या महिलाओं की है।
प्रदेश के सात जनपदों के टांगिया गांवों की समस्या के भी केस शामिल हैं। यह गांव आज भी वनविभाग के अधीन है जिन्हें अंग्रेजी शासन काल में वनों को लगाने के लिये बंधुआ मज़दूरों की तरह इस्तेमाल किया गया था। यह गांव अभी तक अपने संवैधानिक अधिकारों से वंचित है व देश के नागरिक तक कहलाने के लिये मोहताज हैं। इन्हें अभी तक वोट देने का भी अधिकार नहीं है। इन गांवों को राजस्व ग्रामों का दर्जा देने के लिये मुख्य सचिव के आदेश के बाद भी वनविभाग द्वारा अड़ंगा लगाया जा रहा है।
वनाधिकार कानून के तहत सामुदायिक अधिकारों को बहाल न कियेे जाने के सम्बन्ध में केस प्रस्तुत किया गया।
प्रदेश में शिवालिक की पहाड़ियों पर रहने वाले घुमन्तु जनजातीय समुदाय के वनगुजर के गंभीर मामले शामिल होगें जिन्हें कानून के लागू होने के चार साल बाद भी कानून के दायरे से बाहर रखा गया है। अभी तक इनके अधिकारों को मान्यता नहीं दी जा रही बल्कि इन परिवारों को वनविभाग द्वारा बेदख़ल करने की पूरी योजना बनाई जा रही है। राजा जी नेशनल पार्क के निदेशक द्वारा वनगुजरों के साथ साम्प्रदायिक व्यवहार किया जा रहा है जिसके बारे में कुछ खास केसों को इस जनसुनवाई में प्रस्तुत किया गया।
जनपद खीरी में जंगलों में रहने वाले कई थारू आदिवासीयों पर वन्य जन्तुओं के शिकार के अनेकों झूठे मामले दर्ज किये गये है जिसमें आदिवासीयों को झूठी कार्यवाही कर जेल तक भेजा जा चुका है, लेकिन असली शिकारियों की जो कि वनविभाग की मिली भगत से शिकार कर रहे हैं उनके उपर कोई भी जांच नहीं की गयी है।
इसी तरह खीरी जनपद के ही मोहम्मदी तहसील के दिलावर नगर में सरकार द्वारा ही बसाये गये बाढ़ से उजड़े परिवारों को वनाधिकार कानून लागू होने के बाद वनविभाग ने बड़ी बर्बरता के साथ उनके घरों को आग लगा दी, लोगों की पिटाई की व महिलाओं के साथ बदतमीज़ी की। यह तब किया गया जब इन परिवारों के पास हाई कोर्ट का आदेश था कि इन परिवारों को उजाड़ा न जाये।
इसी तरह पलिया तहसील, खीरी के नेपाल सीमा से जुड़े फिक्सड डिमांड होल्डिंग गांव गौरी फंटा को उजाड़ने के लिये वनविभाग द्वारा पूरा माहौल बनाया जा रहा है जबकि यह गांव वनाधिकार कानून के तहत बसाये जाने चाहिये।
मिर्जापुर, चित्रकूट, बांदा में भी वनाधिकार कानून को लागू करने की प्रक्रिया न के बराबर है। सबसे बड़ी समस्या इन क्षेत्रों में बसे आदिवासी कोल समुदाय के अनुसूचित जनजाति का दर्जा न मिलना है। जिसकी वजह से वनाधिकार कानून के अनुरूप उन्हें 75 वर्ष का प्रमाण देने के लिये बाध्य किया जा रहा है। हांलाकि प्रदेश सरकार ने 50 साल तक के साक्ष्य को आधार मानते हुये मालिकाना हक़  देने की बात कही है लेकिन वनविभाग व जिलाधिकारी स्तर पर इस कानून को लागू करने की कोई भी राजनैतिक इच्छा नहीं है।
यह जनसुनवाई केवल उ0प्र0 तक सीमित नहीं है इस जनसुनवाई में उत्तराखंड, बिहार, मध्यप्रदेश, झाड़खंड़ के भी वनाधिकार से सम्बन्धित कई मामलों की प्रस्तुति।

ban-gujar-jan-sunyai-me-apni-samasyai-batate-huyeजनसुनवाई में प्रस्तुत किये जाने वाले केसों की सूची
1.    दिलावर नगर, मोहम्मदी तहसील, खीरी में वनविभाग द्वारा सन् 2007 में घरों को जलाने व फसलों को जलाने के सम्बन्ध में
2.    पल्हनापुर टांगीयां ग्राम, खीरी में वनाधिकार कानून की कार्यवाही को  लम्बित करना
3.    खीरी के थाना पलिया, ग्रा0 बसही व थाना चन्दन चैकी सीमा क्षेत्र में वन्य जीव-जन्तु संरक्षण अधि0 की आड़ लेकर आदिवासियों का उत्पीड़न का मामला
4.    गौरी फंटा, फीक्सड डीमांड होल्डिंग ग्राम को वनविभाग द्वारा बेदखली के नोटिस ज़ारी करना
5.    ग्राम ढकिया, जनपद पीलीभीत में वनविभाग द्वारा बेदखली का मामला
6.    जनपद सहारनपुर,गोरखपुर,महराजगंज,खीरी के टांगीयां गांव को वनाधिकार कानून के तहत राजस्व ग्राम का दर्जा न देने का मामला
7.    गोंडा जनपद में पांच टांगीयां ग्रामों में वनविभाग द्वारा वनाधिकार कानून लागू होने के बाद भी ग्रामीणों के खेतों में गडडे खोदे जाने व बंधुआ मज़दूरी प्रथा को ज़ारी रखने का मामला
8.    उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड़ के शिवालिक पहाड़ीयों में घुमन्तु जनजाति समुदाय वनगुजरों के वनाधिकार कानून के दायरे से बाहर रखने का मामला
9.    जनपद चन्दौली में गोंड़ व अन्य आदिवासीयों को अनुसूचित जनजाति के दर्जे में शामिल न करने का मामला
10.    मगरदह टोला, ग्राम सत्तद्वारी जनपद सोनभद्र में वनविभाग व सांमतों द्वारा आदिवासीयों के घरों व फसलों को जलाने व महिलाओं के साथ बदसलूकी का मामला
11.    राष्ट्रीय वन-जन श्रमजीवी मंच के कार्यकर्ता रामशकल गोंड़ को माओवादी बना कर जेल में ठूसने का मामला
12.    भैसइया नाला, ग्राम पनिकप, सोनभद्र में वनविभाग व सांमती तत्वों द्वारा ग्रामीणों के घर व फसल जलाने का मामला
13.    जनपद चित्रकूट में डबल एंट्री का मामला
14.    जनपद सोनभद्र में वनविभाग व पुलिस विभाग द्वारा आदिवासी, अन्य परम्परागत समुदाय व सामाजिक कार्यकर्ताओं पर करीब 10000 फर्जी मुकदमें लादने का मामला

उक्त के अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, तथा मध्य प्रदेश से अन्य वनविभाग द्वारा वनाधिकार अधिनियम के उल्लघंन के मामले जूरी के सामने रखने के लिये तकरीबन हजारों लोग अपने-अपने दमन, शोषण व अत्याचारों के मामलों को जूरी के सामने रखा।

इस जनसुनवाई में ज़ूरी मैम्बर हैंः- श्री मन्नूलाल मरकाम (रिटायर्ड न्यायाधीश जबलपुर, सदस्य राष्ट्रीय वनाधिकार संयुक्त समीक्षा समिति), श्री रवि किरण जैन (वरिष्ठ अधिवक्ता इलाहाबाद उच्च न्यायालय), सुश्री स्मिता गुप्ता (सदस्य वनाधिकार कानून ड्राफ्टिंग कमेटी) एवं सुश्री मणिमाला (निदेशक गाॅधी स्मृति दर्शन-नई दिल्ली)

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, स्टेशन रोड द्वारा ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ का भव्य आयोजन

Posted on 03 April 2011 by admin

divine_st-rd2बच्चों में चारित्रिक गुणों को विकसित करने की सर्वश्रेष्ठ अवस्था बचपन है- श्री डी.एस. मिश्रा, आई.ए.एस.

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, स्टेशन रोड कैम्पस द्वारा ‘‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’’ का भव्य आयोजन आज सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में सम्पन्न हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे श्री डी.एस. मिश्रा, आई.ए.एस., प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री, उ.प्र. ने ज्ञान का दीप प्रज्जवलित कर समारोह का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर जहाँ एक ओर विद्यालय के छात्रों ने रंगारंग शिक्षात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रमों की इन्द्रधनुषी छटा बिखेरकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया तो वहीं दूसरी ओर ईमानदारी, चरित्र निर्माण एवं आध्यात्मिकता का अनूठा संदेश दिया। भारी संख्या में उपस्थित अभिभावकों ने तालियाँ बजाकर छात्रों की अनूठी प्रस्तुतियों को सराहा। इस अवसर पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं एवं वार्षिक परीक्षाओं में पुरस्कार अर्जित करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण एवं रजत पदक प्रदान किये गये।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री डी.एस. मिश्रा, आई.ए.एस., प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री, उ.प्र. ने अपने सम्बोधन में कहा कि बच्चों में चारित्रिक गुणों को विकसित करने की सर्वश्रेष्ठ अवस्था बचपन ही है। बाल्यावस्था बीत जाने के बाद व्यक्ति को शिक्षा देना अत्यन्त कठिन होता है, अतः बचपन में ही सुदृढ़ नींव रखी जानी चाहिए। उन्होंने ‘डिवाइन एजुकेशन कान्फ्रेन्स’ के माध्यम से परिवार, स्कूल तथा समाज के सहयोग से बच्चों में बाल्यावस्था से ईमानदारी, चारित्रिक, नैतिक तथा आध्यात्मिक गुणों को विकसित करने की दिशा में किए जा रहे प्रभावशाली प्रयासों के लिए सी.एम.एस. की भूरि-भूरि प्रशंसा की। सी.एम.एस. स्टेशन रोड की प्रधानाचार्या श्रीमती अरूणा गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि बच्चों में ईमानदारी व चारित्रिक गुणों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इण्टिग्रिटी क्लब की स्थापना की गयी है जिसके अन्तर्गत छात्रों को प्रेरित किया जायेगा कि वे उत्कृष्टता के लिए पूरा प्रयास करें व भौतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विकास करें। उन्होंने सुझाव दिया कि अभिभावक और शिक्षक स्वयं अच्छा बनकर बालकों को अच्छा बनने का वातावरण प्रदान करें।

सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस अवसर पर कहा कि शिक्षा एक सतत् और रचनात्मक प्रक्रिया है। मानव प्रकृति में निहित क्षमताओं को विकसित करना और समाज की समृद्वि एवं प्रगति हेतु उनकी अभिव्यक्ति का संयोजन करना ही उसका लक्ष्य है जो कि बच्चों को भौतिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक ज्ञान से सुसज्जित करके ही संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि बालक को आगे चलकर क्या बनेगा, किस रूप में समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होगा, यह इस बात पर निर्भर है कि बाल्यावस्था में उसको परिवार, स्कूल तथा समाज में किस तरह के चरित्र के लोगों का साथ मिला है। उन्होंने कहा कि ईश्वरीय प्रकाश से प्रकाशित स्कूल से शिक्षा ग्रहण करके बालक परिवार, समाज और विश्व के लिए एक आदर्श नागरिक बन सकता है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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डाॅ. रामदास एम. पई को भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण 2011 से अलंकृत किया गया

Posted on 03 April 2011 by admin

dr- डाॅ. रामदास पई को शिक्षा, स्वास्थ्यसेवा एवं साहित्य के क्षेत्र में उनके योगदान हेतु पद्मभूषण से अलंकृत किया गया।
- इसके पूर्व डाॅ. रामदास पई को, भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा नव पुनर्गठित राष्ट्रीय एकीकरण परिषद (एनआइसी) में भारत सरकार द्वारा सदस्य के रूप में नामित किया गया था।
- डाॅ. रामदास पई मणिपाल में मणिपाल विश्वविद्यालय के कुलपति हैं और गंगटोक में सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय के पूर्वकुलपति भी हैं।
- मणिपाल फाउंडेशन के माध्यम से डाॅ. रामदास पई ने अपने सामाजिक उद्यमशीलता के प्रयासों को साकार किया है।

डाॅ. रामदास पई, चेयमैन, मणिपाल एजूकेशन एंड मेडिकल ग्रुप, ने शिक्षा, स्वास्थ्यसेवा एवं साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिये भारत की राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल द्वारा राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली में आज पद्मभूषण का अलंकरण प्राप्त किया।

डाॅ. रामदास पई ने तीन दशकों से भी अधिक समय से मणिपाल एजूकेशन एंड मेडिकल ग्रुप को अपना कुशल नेतृत्व प्रदान किया है। डाॅ. रामदास पई, जो कि मणिपाल विश्वविद्यालय के संस्थापक विख्यात महापुरूष डाॅ. टीएमए पई के पुत्र हैं, ने स्वास्थ्यसेवा एवं शिक्षा के क्षेत्र में मणिपाल एजूकेशन एंड मेडिकल ग्रुप को अग्रणी संस्था के रूप में रूपांतरित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है।

डाॅ. रामदास पई, मणिपाल विश्वविद्यालय के कुलपति एवं गंगटोक में सिक्किम मणिपाल विश्वविद्यालय के प्रो कुलपति भी हैं। वे, असम विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद के सदस्य भी हैं।

उपलब्धियां
डाॅ. पई ने अपने प्रतिष्ठापूर्ण कॅरियर के दौरान अनेक कारोबारी पुरस्कार प्राप्त किए हैं और अपनी सामुदायिक सेवाओं के लिए भी उन्हें सम्मानित किया गया है। हाल ही में अर्नेस्ट एंड यंग द्वारा उन्हें सर्विसेज श्रेणी में ‘एंटरप्रेन्योर आॅफ द ईयर’ के रूप में भी चुना गया है।

डाॅ. पई ने मणिपाल ग्रुप की विस्तार योजनाओं को अपना नेतृत्व प्रदान किया है। उनके कुशल नेतृत्व में ही मणिपाल ने नेपाल, मलेशिया और यूएई सहित विश्व के अनेक भागों में विभिन्न परिसरों की स्थापना की। मणिपाल में शिक्षा के वैश्विक आपूर्ति माॅडल की अवधारणा, रचना और क्रियान्वयन के स्तरों पर डाॅ. पई ने प्रमुख भूमिका निभाई।

गुणवत्तापरक स्वास्थ्यसेवा प्रदान करने के संदर्भ में, डाॅ. पई के नेतृत्व ने ग्रुप के भविष्य को 1991 मंे बैंगलौर में एकमात्र मणिपाल अस्पताल से लेकर दक्षिण भारत के सात शहरों में ग्यारह अस्पतालों की विविध-स्थलीय श्रृंखला में परिवर्तित कर दिया और इसे देश में सर्वश्रेष्ठ के रूप में श्रेणी प्रदान की गई। डाॅ. पई के कुशल मार्गदर्शन में, देश में आज मणिपाल के मेडिकल स्कूलों की संख्या सर्वाधिक है।

उद्योगजगत में सम्मान
कर्नाटक विश्वविद्यालय से चिकित्सा स्नातक एवं टेम्पल विश्वविद्यालय, फिलाडेल्फिया, अमेरिका से अस्पताल प्रशासन (हाॅस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन) में परास्नातक डाॅ. रामदास पई ने राष्ट्रीय स्तर पर अनेक प्रतिष्ठित पदों को सुशोभित किया है। वे, उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में नए कार्यक्रमों पर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के लिए भारत सरकार द्वारा गठित कोर ग्रुप के भूतपूर्व सदस्य भी रहे हैं।

हाल ही में डाॅ. रामदास पई को, भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा नव पुनर्गठित राष्ट्रीय एकीकरण परिषद (एनआइसी) में भारत सरकार द्वारा सदस्य के रूप में नामित किया गया था। डाॅ. पई का नामांकन, उनकी प्रखर क्षमता और ऐसे महत्त्वपूर्ण मसलों को लेकर उनके व्यक्तिगत दृष्टिकोण के महत्त्व का द्योतक है। एंटीगुआ और बारबूडा के प्रधानमंत्री द्वारा भारत में उनके देश के प्रथम आनरेरी (मानद) कांसुल जनरल(वाणिज्य महासचिव) के रूप में भी डाॅ. पई का नाम प्रस्तावित किया गया है।

सीएसआर क्रियाकलाप
डाॅ. रामदास पई के सामाजिक उद्यमशीलता के प्रयास अब मणिपाल फाउंडेशन के माध्यम से साकार होते हैं। उनके द्वारा स्थापित यह फाउंडेशन, उत्कृष्ट छात्रों के लिए 15 करोड़ रूपए तक की अध्येतावृत्ति और वजीफे की पेशकश से लेकर, क्षेत्र में ग्रामीण जनसंख्या के लिए अनूठे मातृत्व एवं बाल कल्याण गृह संचालित करने, और निम्न सामाजिक-आर्थिक स्तरों से संबंधित बच्चों के लिए मुफ्त हृदय चिकित्सा (सर्जरी) प्रायोजित करने तक अनेक विेकासात्मक कार्यक्रमों को तत्परतापूर्वक आगे बढ़ाता है। मणिपाल फाउंडेशन की अनूठी स्वास्थ्य बीमा योजना ‘मणिपाल आरोग्य कार्ड’, निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले 1,00,000 से अधिक लोगों को कवर करती है।

मणिपाल एजूकेशन के विषय में

मणिपाल एजूकेशन एमईएमजी (मणिपाल एजूकेशन एण्ड मेडिकल ग्रुप) का सदस्य और विश्व स्तर का एक अग्रणी शिक्षा संस्थान तथा भारत का शैक्षणिक, प्रशिक्षण एवं शिक्षा सेवा प्रदाता है। लगभग 50 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र पर केन्द्रित यह समूह सभी विषयों में शैक्षणिक सेवाएं प्रदान करता है। इस समूह के तीन विश्वविद्यालय हैं- मणिपाल यूनिवर्सिटी, सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी और अमेरिकन यूनिवर्सिटी आॅफ एंटीगुआ और एंटीगुआ, दुबई, मलेशिया तथा नेपाल में काॅलेजों के साथ-साथ भारत में इसके 30 शिक्षा संस्थान हैं।

भारत और विदेशों में स्थित अपने शिक्षा संस्थानों द्वारा औपचारिक पाठ्क्रमों की पेशकश के अतिरिक्त मणिपाल एजूकेशन काॅर्पोरेट शिक्षा, दूरस्थ शिक्षा और अवकाशकालीन कुशलता प्रशिक्षण की पेशकश भी करता है। यह औद्योगिक भागीदारियों में भी शामिल है, जैसे आईसीआईसीआई मणिपाल अकेडमी फाॅर बैंकिंग (आईसीआईसीआई बैंक के साथ गठबंधन के फलस्वरूप)। मणिपाल एजूकेशन ने उभरती कंपनियों में रणनीतिक निवेश किया है, जैसे यू21 ग्लोबल, जो कि एक प्रमुख आॅनलाइन गे्रजुएट स्कूल है, और मेरिट टैªक, जो कि एशिया की सबसे बड़ी कुशलता मूल्यांकन एवं परीक्षण कंपनियों में से एक है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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रिलायंस पूरे भारत में ग्रामीण सेगमेंट को सषक्त बनाएगी

Posted on 03 April 2011 by admin

हैंडिगो और रिलायंस ने ‘बेहतर जिंदगी’ के लिए समझौता किया है जिसमें ग्राहकों को मौसम, पषुधन, मंडी भाव, वित्त और स्वास्थ्य स्कीमों के बारे में महज 30 रुपये प्रति महीने पर सूचनाएं हासिल हो सकेंगी

भारत की प्रमुख वीएएस सॉल्युशन प्रदाता और देश की सबसे बड़ी एवं राष्ट्रव्यापी तौर पर सीडीएमए और जीएसएम मोबाइल सेवाओं की पेशकश करने वाली एकमात्र कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (बीएसईः आरकॉम) ने ग्रामीण इलाकों में ग्राहकों के लिए वीएएस की ताजा पेशकश के तहत श्बेहतर जिंदगी्य को लॉन्च किए जाने की घोषणा की है। यह अभिनव उत्पाद आरकॉम के ग्रामीण उपभोक्ताओं के लिए रोजाना की सूचनाएं मुहैया कराए जाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इस सेवा के तहत ग्राहक स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्त, मौसम की जानकारी, मंडी दरें, पशुधन, कृषि और मत्स्य आदि के बारे में नई एवं संपूर्ण जानकारी हासिल कर सकेंगे।

इस सेवा के लिए आरकॉम के ग्राहक 556780 (टोल फ्री) डायल कर 30/20/10/4 दिनों के लिए क्रमशः 30/20/10/3 रुपये के न्यूनतम शुल्क पर सब्सक्रिप्शन पैक हासिल कर सकते हैं। अगर ग्राहक सब्सक्रिप्शन पैक लेना नहीं चाहते हैं तो उनके लिए 1 रुपया प्रति मिनट पर 55678 डायल कर इस सेवा के इस्तेमाल का विकल्प उपलब्ध है।

हैंडिगो का आईवीआर आधारित यह विशिष्ट सॉल्युशन ग्रामीण उपभोक्ताओं को विष्वसनीय एवं प्रामाणिक सूचनाएं मुहैया कराता है। नई एवं विष्वसनीय सूचनाओं के लिए हैंडिगो  केयर इंडिया, अवीवा लाइफ इंश्योरेंस, भारतीय मौसम विभाग, आईएनसीओआईएस, हरियाली किसान बाजार, नेटवर्क फॉर फिश क्वालिटी मैनेजमेंट एंड सस्टेनेबल फिशिंग, ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल इंडिया, सोनालिका, इको इंडिया फाइनैंशियल सर्विसेज समेत कई संगठनों के साथ भागीदारी कर चुकी है।

हैंडिगो टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रवीण राजपाल ने इस भागीदारी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘हम भारत की प्रमुख सीएसपी- रिलायंस कम्युनिकेशंस के साथ भागीदार कर बेहद उत्साहित हैं। हम नए ग्रामीण बाजार में असीम संभावनाएं देख रहे हैं और ग्राहकों से शानदार प्रतिक्रिया को लेकर सकारात्मक हैं। हमने अपने सीएसपी के ग्राहकों के लिए ताजा एवं प्रामाणिक सूचनाएं सुनिश्चित किए जाने के लिए विभिन्न बड़े संगठनों के साथ भागीदारी की है। हमारा आईवीआर-आधारित ग्रामीण उत्पाद हिन्दी और अंग्रेजी के अलावा सभी क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है।’

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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‘किड्स फेयर’ में सी.एम.एस. छात्रों ने दिखायी बहुमुखी प्रतिभा

Posted on 03 April 2011 by admin

kids-fair1सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम द्वारा विद्यालय के सजे-धजे प्रांगण में दो दिवसीय ‘किड्स फेयर’ में नन्हें-मुन्हें छात्रों ने अपनी कलात्मक प्रतिभा का जोरदार प्रदर्शन कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। इस मेले में विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा बहुत ही आकर्षक स्वनिर्मित माॅडल एवं विभिन्न प्रकार की हस्तनिर्मित वस्तुओं का सजीव प्रदर्शन देखकर अभिभावक गद्गद हो गये। समारोह की खास बात यह रही कि सी.एम.एस. के साथ-साथ अन्य विद्यालयों के छात्रों ने भी बढ़चढ़ कर अपनी भागीदारी की और पेन्टिंग, गायन व भाषण प्रतियोगिताओं द्वारा अपनी बहुुमुखी प्रतिभा का जोरदार प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ सर्व-धर्म व विश्व शांति प्रार्थना से हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत हस्तनिर्मित अनेक कलाकृतियों ने दर्शकों को दातों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया, साथ ही इस अवसर पर छात्रों ने रंगारंग शिक्षात्मक-सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समारोह में चार-चांद लगा दिये। प्रतियोगिताओं में प्रतिभागी नन्हें-मुन्हें छात्रों का उत्साह देखते ही बनता था जिसके माध्यम से इन छोटे-छोटे बच्चों की बहुमुखी प्रतिभा निखर कर सामने आयी। इसके अलावा भी छात्रों के मनोरंजन के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर सी.एम.एस. राजाजीपुरम की प्रधानाचार्या श्रीमती डी. वातल ने कहा कि सी.एम.एस. बालकों को भौतिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक तीनों प्रकार की शिक्षा देकर उन्हें चुस्त एवं संतुलित व्यक्तित्व का धनी, मानव जाति के लिए ईश्वर का उपहार एवं टोटल क्वालिटी पर्सन बनाने के लिए प्रयत्नशील है। हमारा का प्रयास है कि प्रत्येक बालक की मनःस्थिति एवं आदत इस प्रकार की बन जाये कि वे पूर्ण मनोयोग एवं पूर्ण समर्पण की भावना से अपने कार्य में निरन्तर चिन्तन, मनन और अविरल प्रयास कर चरम सीमा तक पहुँचे बिना चैन की सांस न लें। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस अवसर पर अभिभावकों को स्कूल की गतिविधियों में रूचि लेने के लिए धन्यवाद दिया व सभी छात्रों को भविष्य में तरक्की करने के लिए अपना आशीर्वाद दिया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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