सूचना विभाग के अडोटोरियम में विभाग द्वारा प्रकाशित मासिक पत्रिका उत्तर प्रदेश के महानकवि चिन्तक, उपन्यासकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्यायन ‘अज्ञेय’ की जन शताब्दि के अवसर पर विशेषांक का लोकार्पण सुप्रसिद्ध साहित्यकार महेश चन्द्र द्विवेदी की अध्यक्षता में आयोजित समारोह में निदेशक सूचना अजय कुमार उपाध्याय, अपर निदेशक रामदीन, आकश वाणी के केन्द्र निदेशक गुलाब चन्द के करकमलों द्वारा किया गया। इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुये साहित्यकारों ने सूचना विभाग द्वारा समकालीन साहित्य संस्कृति और कला के संरक्षण हेतु हिन्दी और उर्दू की पत्र पत्रिकाओं में निरन्तर विशेषांक प्रकाशित करने पर प्रशंसा व्यक्त करते हुये अनुरोध किया कि प्रदेश के साहित्यकारों को लेकर भी भविष्य मंे विशेषांक का प्रकाशन किया जाये। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश मासिक के सम्पादक डा0 सुरेश उजाला ने अज्ञेय विशोषांक हेतु देश भर के साहित्यकारों द्वारा अपनी अपनी रचनायें भेज कर विशेषांक को सफल बनाने के लिये साधुवाद देते हुये कहा कि सूचना विभाग योद्धा निदेशक के निर्देशन में शीघ्र ही दो विशेषांक प्रकाशित होगे। जिनमें एक विशेषांक जनकवि नागाजुर्न पर होगा तथा दूसरा विशेषांक संतकवि रविदास पर प्रकाशित होगा। कार्यक्रम में अपर निदेशक रामदीन ने अपनी रचना क्या कभी आपने सोचा है प्रस्तुत करके लोगांे के मन को झकझोर दिया और उन्हें सोचने को विवश कर दिया कि टियूनेशिया में एक रेहढ़ी चलाने वाले बाऊ जदीदी ने पूरे अरब क्षेत्र मंे अपनी कुर्बानी देकर क्रान्ति फैला दी। उससे सावधान करते हुये लोगों को आगाह किया। निदेशक अजय कुमार उपाध्याय ने बताया कि सूचना विभाग के उद्देश्यों में साहित्य कला और संस्कृति को भी समाज के सामने प्रस्तुत करने की जुम्मेदारी हैं। इस दिशा में साहित्यकारों द्वारा दिये गये सुझावों को ध्यान में रखकर भविष्य में और अच्छे विशेषांकों का प्रकाशन किया जायेगा। तथा साहित्य गतिविधियां जारी रहेंगी। श्रीउपाध्याय ने महान साहित्यकार सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ को याद करते हुये उनकी रचित कृति शेखर एक जीवनी के परिपेक्ष्य में अनेक अप्रतिम उदाहरण प्रस्तुत करते हुये कहा कि छात्र जीवन में अज्ञेय को मैने जब पड़ा था और आज की दृष्टि में पुनः अज्ञेय को हम पढ़ते है तो पता चलता है कि अज्ञेय कितनी गहरी सोच के साथ साहित्य रच रहे थे। उन्होंने सिर्फ नई कविता को ही दिशा ही नही दी अपितु एक पत्रकार के रूप में दिनमान नामक हिन्दी साप्ताहिक को जो दिशा प्रदान की वह हिन्दी पत्रकारिता में मील के पत्थर के रूप में स्थापित हो गया। कार्यक्रम में अध्यक्ष पूर्व पुलिस महानिदेशक महेश चन्द्र द्विवेदी ने अज्ञेय को समग्र रूप में उत्तर प्रदेश मासिक द्वारा विशेषांक के रूप में प्रस्तुत करने पर बधाई दी। कार्यक्रम का सफल संचालन उप निदेशक प्रदीप गुप्ता ने किया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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