भारतीय नव वर्ष मेला आयोजन समिति तीन और चार अप्रैल को राजधानी के नेशनल इंटर कालेज के मैदान (राणा प्रताप मार्ग) में दो दिवसीय मेले का आयोजन कर रही है। मेला पूर्वान्ह 11.00 बजे से शुरू होकर रात्रि 10.00 तक रहेगा। उसकी शुरुआत तीन अप्रैल को पूर्वान्ह 11 बजे शंखनाद और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ होगी। अपरान्ह चार बजे उसका उद्घाटन गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी सांसद योगी आदित्यनाथ और रामकथा मर्मज्ञ प्रेमभूषण महराज करेंगे। उक्त जानकारी मेला आयोजन समिति के संरक्षक पूर्व राज्यसभा सदस्य व वरिष्ठ पत्रकार राजनाथ सिंह सूर्य ने दी। यूपी प्रेस क्लब के सभागार में पत्रकारों से रू-ब-रू राजनाथ सिंह ने बताया कि कार्यक्रमों की श्रृंखला में दोपहर दो बजे बच्चों के लिए जादू का कार्यक्रम होगा। शाम छह अनीश सोनी (कुशीनगर) की भजन संध्या होगी। वह चैती-चैता जैसे कार्यक्रम भी प्रस्तुत करेंगे।
बातचीत के क्रम में उन्होंने बताया कि मेले के दूसरे दिन चार अप्रैल को पूर्वान्ह 11 बजे भारतीय नव वर्ष की प्रासंगिकता और उपादेयता विषयक एक परिचर्चा का आयोजन किया गया है। अपरान्ह दो बजे विविध सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। शाम को पांच बजे विश्व प्रसिद्ध भारत माता की आरती होगी। मुम्बई से आ रहे कलाकार बाबा सत्य नारायण मौर्य आरती कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। भारती माता की आरती के बाद रात आठ बजे कवि सम्मेलन और मुशायरा होगा।
आयोजन समिति के संरक्षक ने आगे कहा कि मेला जन सामान्य को सामाजिक सरोकारो से भी जोड़ने का अभियान है। इसमें 50 से अधिक स्टाल लगाए जाएंगे। गाय़त्री परिवार, गीता प्रेस गोरखपुर, बाबा रामदेव योगपीठ, गुरुकुल कांगड़ी आदि संस्थाओं की जानकारीपरक पुस्तकें और साहित्य उपलब्ध रहेंगे। खादी के सामान, खाने-पाने के विविध स्टाल होगे। साथ ही इलेक्ट्रानिक गुड्स, जरी-जरदोजी आदि के भी स्टाल लगाए जाएंगे। बच्चों के लिए मनोरंजक कार्यक्रमों के साथ ही झूले का भी प्रबंध किया गया है। मेले में निःशल्क स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जाएगा। जेबीएस फाउंडेशन की ओर से रक्तजांच शिविर, फेफड़े की कार्यक्षमता की जांच (पीएफटी) होगी। साथ ही मोटापा, नींद में खर्राटा और धूम्रपान से निजात के बारे में विशेषज्ञों द्वारा कारगर सलाह मिलेगी। हेल्प एण्ड केयर फाउंडेशन की ओर से आयुर्वेदिक इलाज के कई कारगर उपायों के बारे में बताया जाएगा। रिलैक्सेशनथिरैपी भी होगी।
उन्होंने बताया कि मेला आयोजन समिति ने समाज के विविध वर्गों को अपने से जोड़ा है। दलगत निष्ठा से ऊपर उठकर शहर के नामचीन लोग इससे जुड़े हैं। महापौर दिनेश शर्मा तो शुरू से ही जुड़ गए थे। सपा की प्रदेश सचिव जुही सिंह, बसपा नेता सुधीर हलवासिया, भाजपा के कौशलेंद्रनाथ योगी, पूर्व विधान परिषद सदस्य सिराज मेंहदी, नेशनल इंटर कालेज के प्रबंधक अनिल सिंह, अशोक सिंह रघुवंशी (कांग्रेस), नानक चंद लखमानी, जय प्रकाश नागपाल (सिंधी समाज), उमा नंद शर्मा (गायत्री परिवार), डाक्टर संदीप अग्रवाल, डाक्टर सूर्यकांत, डाक्टर देवेश कुमार श्रीवास्तव, वीरेंद्र कुमार गुप्त, उमेश चंद्र गुप्ता (मानस परिवार सेवा समिति) व ओपी श्रीवास्तव (अखिल विश्व सनातन सेवा संस्थान, अयोध्या) आदि की मेले में सीधी भागीदारी है।
उन्होंने कहा कि चैत्र प्रतिपदा समाज को भारत के प्राचीन गौरवशाली अतीत से जोड़नेवाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, साथ ही भारतीय कालगणना के अनुसार सृष्टि का प्रथम दिवस होने के कारण भारतीय नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है। भारतीय नव वर्ष देश में सबसे ज्यादा उपेक्षित त्योहार है। होली, दीपावली, दशहरा, अंग्रेजी नव वर्ष तो बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। आर्थिक उदारीकरण के दौर में बाजार का दबाव भी इनके धूमधाम से मनाए जाने का कारण बना। बाजार के दबाव ने ही भारत में फादर्स डे, मदर्स डे, वेलेंटाइन डे आदि पाश्चात्य रीति-रिवाजों को त्योहार सी स्वीकृति दिला दिया। आज हालात यह है कि दिसंबर का अंतिम सप्ताह आते-आते लोगों विशेष रूप से नवजवान पीढ़ी पर उसकी खुमारी चढ़ने लगती है। 31 दिसंबर की रात 12 बजे के बाद तो रातभर धमाल की स्थिति रहती है। होली, दापीवली आदि भी धूमधाम से मनाए जाते हैं। बहरहाल इन सबमें सबसे खराब हालत भारतीय नव वर्ष की है। जबकि सरकार से लेकर समाज तक भारतीय कालगणना पर आधारित कलेंडर के अनुसार सारे शुभ कार्य करते हैं। परिवार के शुभ कार्यों से लेकर समाज के सारे प्रमुख त्योहार इसी पर आधारित होते हैं। राष्ट्रीय महत्व के इस महत्वपूर्ण अवसर को लोकप्रिय एवं जन-जन तक पहुंचाने के लिए ही मेले का आयोजन किया जा रहा है।
अरविंद शुक्ल (सचिव और प्रवक्ता)
मो. 9935509633
भारतीय नव वर्ष मेला आयोजन समिति
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सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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