बी0एस0पी0 की राष्ट्रीय अध्यक्षा एवं उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमंत्री सुश्री मायावती जी का मानना है कि देश को आजादी मिलने के बाद देश जिस लोकतन्त्र व धर्म-निरपेक्षता के आधार पर बने हुये भारतीय संविधान के तहत चल रहा है, उसके मुख्य स्तम्भ अनुसूचित जाति वर्ग में जन्में परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर थे। जो पूरे देश में किसी भी समाज व किसी भी धर्म के मानने वाले लोगों से छिपा हुआ नहीं है। उन्होंने कहा कि लेकिन फिर भी यहाँ गम्भीरता से सोचने व ध्यान देने की बात यह है कि अभी कुछ दिन पहले देश में विभिन्न स्तर पर फैले हुये भ्रष्टाचार को खत्म करने के उद्देश्य से जब जन-लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने के लिए सिविल सोसाईटी व केन्द्र सरकार की ओर से संयुक्त समिति का गठन किया गया। तो इस संयुक्त समिति ने इसके लिए पूरे देश में एक भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति को इसका सदस्य बनने लायक नहीं समझा। उन्होंने कहा कि इसमें एक भी अनुसूचित जाति के व्यक्ति को नहीं रखा गया। जिसके लिए सिविल सोसाईटी के साथ-साथ कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र की यू.पी.ए. सरकार भी बराबर की जिम्मेदार है।
माननीया मुख्यमंत्री जी आज अपने 5-कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर पत्र प्रतिनिधियों को सम्बोधित कर रहीं थीं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की जन लोकपाल बिल के मामले में सलाह है कि इस जन-लोकपाल बिल के लिए गठित की गई मसौदा समिति का पुर्नगठन करके इसमें अनुसूचित जाति के किसी भी एक योग्य व्यक्ति को जरूर प्रतिनिधित्व दिया जाये। इसके साथ ही उनका यह भी मानना है कि देश के ज्यादातर मुश्किल कार्यों में वैसे इन लोगों को अनुसूचित जाति के लोगों की याद आती है, किन्तु महत्वपूर्ण मौको पर अक्सर इनको दर-किनार कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत को चलाने के लिए जब देशवासियों के सामने भारतीय संविधान को तैयार करने की बात आयी, तो तब उस समय सभी वर्गों व धर्मों के लोगों ने इस कार्य में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को पूरे देश में सबसे ज्यादा योग्य मानकर, इनके कन्धे पर ही इसकी अधिकतर जिम्मेदारी सौंप दी थी। डाॅ0 अम्बेडकर ने अपनी दूर-दृष्टि से हर मामले में देश को एक बेहतरीन संविधान दिया।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि भारतीय संविधान में समाज के सभी वर्गों को और उसमें भी खासतौर से यहाँ सदियों से इस देश में गैर-बराबरी वाली सामाजिक व्यवस्था के शिकार रहे दलितों, पिछड़ों एवं अन्य उपेक्षित वर्गांे के साथ-साथ धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए भी विशेष व्यवस्था की गई है। लेकिन इन सब के बावजूद भी यहाँ ध्यान देने की बात यह है कि देश में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से अभी कुछ दिन पहले जिस जन- लोकपाल बिल का मसौदा तैयार किया गया है। उसमें सिविल सोसाईटी के श्री अन्ना हजारे, श्री सन्तोष हेगड़े, श्री अरविन्द केजरीवाल, श्री प्रशान्त भूषण तथा श्री शान्ति भूषण शामिल किये गये, जबकि केन्द्र सरकार की तरफ से वरिष्ठ मंत्रीगण श्री प्रणव मुखर्जी जो इस समिति के अध्यक्ष भी हैं, श्री पी. चिदम्बरम, श्री कपिल सिब्बल, श्री वीरप्पा मोईली तथा श्री सलमान खुर्शीद शामिल किये गये हैं और इन सभी दस सदस्यों में से एक भी सदस्य अनुसूचित जाति का नहीं है।
राष्ट्रीय अध्यक्षा ने सवालिया लहजे में कहा कि आजादी के लगभग 63 वर्षों के बाद भी अपने देश में एक भी अनुसूचित जाति का व्यक्ति संविधान की जानकारी रखने वाला नहीं है, जो सम्बन्धित बिल के मसौदा समिति का सदस्य बन सके। इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने खासतौर से श्री अन्ना हजारे से जानना चाहा है कि श्री अन्ना हजारे शायद यह भूल गये कि जिस महाराष्ट्र के वे रहने वाले हैं। वहीं से समाज में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्गों के लोगों को सामाजिक व आर्थिक अधिकार दिलाने के लिये कई आन्दोलन किये गये हैं। यहाँ तक कि आजादी मिलने पर, देश को चलाने के लिए भारतीय संविधान सभा हेतु गठित की गई समिति के सबसे योग्य सदस्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर भी इसी ही महाराष्ट्र स्टेट के रहने वाले थे। उन्होंने कहा कि श्री अन्ना हजारे को जन-लोकपाल बिल हेतु गठित की गई समिति के सदस्यों का नाम देने के पूर्व इस तथ्य पर भी अवश्य ध्यान व विचार करना चाहिये था।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि देश में कांग्रेस पार्टी गरीबों, दलितों एवं अनुसूचित जाति की हितैषी बनने का ढोंग तो बहुत करती है। लेकिन जब उनके सम्मान की बात आती है तो तब कांग्रेस पार्टी द्वारा इनकी घोर उपेक्षा कर दी जाती है। इसलिए उन्होंने इन सभी को, बी0एस0पी0 पार्टी की ओर से सलाह देते हुए कहा कि जन-लोकपाल बिल के लिए गठित की गई मसौदा समिति में अनुसूचित जाति के किसी भी एक व्यक्ति को प्रतिनिधित्व ना देकर केन्द्र सरकार व सिविल सोसाईटी द्वारा जो गलती की गई है उसे जरूर दूर किया जाये। अर्थात् अनुसूचित जाति के किसी भी एक योग्य व्यक्ति को, जो गैर- राजनीतिक हो, उसे समिति में जरूर रखा जाय। क्योंकि ऐसा करके ही इस देश के करोड़ों अनुसूचित जाति के लोगों के मन में, इसको लेकर किस्म-किस्म की उठ रही आशंकाओं का समाधान किया जा सकता है।
राष्ट्रीय अध्यक्षा ने कहा कि इस जन-लोकपाल बिल के लिये गठित की गई मसौदा समिति में केन्द्र सरकार एवं सिविल सोसाईटी को अपने लोगों के बारे में भी इस बात को लेकर जरूर गम्भीरता से चिन्तन करना चाहिये कि यदि उनके बीच के किसी सदस्य या सदस्यों की निष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लग रहा हो, तो इनको उनसे तत्काल दूरी बना लेनी चाहिये। उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी बात को पुनः दोहराते हुए कहा कि उनकी पार्टी श्री अन्ना हजारे व देश के उन सभी संगठनों के इस कदम की सराहना करती है। जो अपने देश में किसी ना किसी रूप में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। जबकि इस मामले में बी.एस.पी. इनसे पहले ही अर्थात अपनी पार्टी की स्थापना से ही भ्रष्टाचार के साथ-साथ राजनीति में अपराधीकरण के खिलाफ भी काफी जोर-शोर से लगातार आवाज उठा रही है।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि यदि पूर्ववर्ती सरकारों ने देश में यहाँ हर स्तर पर फैले हुये भ्रष्टाचार व राजनीति में अपराधीकरण पर रोक लगायी होती, और साथ ही हर मामले में सर्वसमाज के हितों का पूरा-पूरा ध्यान रखा होता तो फिर उन्हें बी.एस.पी. के गठन करने की जरूरत नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि जहाँ तक आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में, वर्षों से हर स्तर पर फैले हुये भ्रष्टाचार व राजनीति में अपराधीकरण के पनपने का सवाल है, तो ये दोनों बीमारी जो बहुत ज्यादा पुरानी हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकारों की यह दोनों बीमारियाँ उनकी पार्टी की सरकार को विरासत में मिली हैं। उन्होंने कहा कि जिसे दूर करने में, उनकी सरकार पूरी ताकत से लगी हुई है। उन्होंने भरोसा जताया कि उनकी पार्टी व सरकार इन दोनों बीमारियों को जरूर खत्म करेगी। उन्होंने कहा कि हालांकि इन दोनों बीमारियों को दूर करने में, हमारी सरकार को कुछ समय जरूर ज्यादा लग सकता है। क्योंकि ये दोनों बीमारियाँ उ.प्र. में काफी ज्यादा पुरानी हो चुकी है।
माननीया मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में कुछ विभागों के कर्मचारियों को यहाँ अपनी जान भी गवांनी पड़ी है, जिसका उनकी पार्टी व सरकार को बेहद दुःख है और इनके असली दोषियों को पकड़ने के लिए उनकी सरकार काफी मेहनत से लगी हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी की सरकार इस अभियान को प्रदेश में किसी भी कीमत पर ठंडा नहीं पड़ने देगी। अर्थात् प्रदेश से भ्रष्टाचार व राजनीति में अपराधीकरण को खत्म करके ही दम लेगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा उनकी पार्टी जनहित के इन सब जरूरी मुद्दों को लेकर पूरे देश में यह अभियान लगातार तब तक जारी रखेगी, जब तक इन सभी समस्याओं का जड़ से खात्मा नहीं हो जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com