बी0एस0पी0 के प्रवक्ता ने हमेशा दलितों की उपेक्षा करने वाली भारतीय जनता पार्टी के नेता श्री रवि शंकर प्रसाद को बी0एस0पी0 की सरकार से प्रेरणा लेकर उनके हितों को ध्यान में रखने व कार्य करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता द्वारा प्रदेश सरकार पर लगाये गये आरोपों को निराधार, भ्रामक एवं गलत बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा नेता को बी0एस0पी0 सरकार पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने से पहले भाजपा शासित राज्यों एवं तत्कालीन एन0डी0ए0 सरकार के दौरान हुए घोटालों को याद कर लेना चाहिए।
प्रवक्ता ने कहा कि सभी को पता है कि तत्कालीन भाजपा के नेतृत्व वाली केन्द्र की एन0डी0ए0 सरकार के शासनकाल में अनेक घोटालों के फलस्वरूप देश को 50 हजार करोड़ रूपये का घाटा उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि एन0डी0ए0 सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते सैकड़ों किसानों को आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। उन्होंने कहा कि एन0डी0ए0 के शासन में हुए घोटालों तथा गम्भीर अपराधों को देश की जनता अभी भी भूल नहीं पायी है। उन्होंने कहा कि एन0डी0ए0 के समय में ही भाजपा द्वारा शासित गुजरात में श्री नरेन्द्र मोदी की शह पर दंगा हुआ, जिसमें अल्पसंख्यकों के विरूद्ध राज्य सरकार की शह पर खुल कर अत्याचार किया गया और केन्द्र की सरकार राज धर्म का निर्वहन नहीं कर सकी। उन्होंने कहा कि एन0डी0ए0 के शासन काल में इण्डिया शाइनिंग का झूठा प्रचार भी अभी भी लोगों के दिमाग में ताजा है।
बी0एस0पी0 प्रवक्ता ने कहा कि एन0डी0ए0 के शासन काल में तहलका, यू0टी0आई0, बाल्को, हुडको और ताबूत जैसे घोटाले प्रकाश में आए। इतना ही नहीं, भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बंगारू लक्ष्मण लाखों रूपये लेते हुए टी0वी0 पर दिखाये गये, लेकिन भाजपा के नेताओं को उस समय अपने अध्यक्ष की इस कार्यवाही पर शर्म नहीं आई।
प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के मामलों को लेकर भाजपा नेता देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 पार्टी ही देश की इकलौती ऐसी पार्टी है, जो कानून व्यवस्था के मामले में कोई समझौता नहीं करती। यहां तक कि कानून तोड़ने पर राज्य सरकार ने अपने सांसदों, मंत्रियों एवं विधायकों तक को नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि कानून को अपने हाथों में लेने वाले व्यक्तियों, चाहे वह सत्ता पक्ष से जुड़ा हो अथवा विपक्ष से, हर मामले में विधि सम्मत कठोर कार्यवाही की गयी। बी0एस0पी0 सरकार के शासन में जिसने भी महिलाओं एवं दलितों का उत्पीड़न किया, उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की गयी है। प्रदेश सरकार ने गुण्डा एक्ट, गैंगेस्टर एक्ट, एन0एस0ए0 के तहत कड़ी कार्यवाही की है।
बी0एस0पी0 प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा नेता यदि बयान देने से पहले राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो (एन0सी0आर0बी0) द्वारा जारी आंकड़ों पर ध्यान देते तो बेहतर था। उन्होंने कहा कि एन0सी0आर0बी0 द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार प्रति लाख जनसंख्या पर उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध हुए अपराध की दर 11.9 प्रतिशत रही है, जबकि भाजपा शासित राज्य गुजरात में 13.9 तथा मध्य प्रदेश मंे 22.3 प्रतिशत रही है। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या में बलात्कार के अपराध की दर 0.9 प्रतिशत रही है, जबकि भाजपा शासित छत्तीसगढ़ में 4.3 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 4.2 प्रतिशत रही है। राष्ट्रीय अभिलेख ब्यूरो के आंकड़े प्रमाणित करते हैं कि राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कठोर कदम उठाये गये हैं तथा पुलिस प्रशासन द्वारा इस दिशा में सतत् सजगता बरतते हुए जो कार्यवाही की गयी है, उसके फलस्वरूप महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों में काफी कमी आयी है। प्रदेश में भी भाजपा के शासन काल में कानून व्यवस्था का रिकार्ड दूसरों पर उंगली उठाने लायक नहीं रहा है। उनके शासन काल में अनेक विधायक और स्वयं भाजपा के नेताओं की हत्या की घटनाएं घटित हुई थीं।
प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा सहित सभी पूर्ववर्ती राज्य सरकारों द्वारा अपने कार्यकाल में नौकरियों में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था मौजूद रहने के बावजूद भी आरक्षित पदों को भरने का कोई भी ठोस प्रयास ईमानदारी से नहीं किया गया। राज्य सरकार ने वर्ष 2007 में जब आरक्षित पदों की रिक्तियों की जानकारी की, तो यह तथ्य प्रकाश में आया कि आरक्षित कोटे के 33066 आरक्षित पद रिक्त थे। इन पदों में से 27338 पद अनुसूचित जाति तथा 5678 पद अनुसूचति जनजाति के थे। बैकलाॅग के पदों पर अभियान चलाकर भर्तियां की गयी हैं। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश में भर्ती किए गए बी0टी0सी0 शिक्षकों में 20 हजार से अधिक अध्यापक अनुसूचति जाति/जनजाति वर्ग से हैं। बी0एस0पी0 के चैथे शासन काल के दौरान प्रदेश के करीब 1,08,848 सफाई कर्मियों के नए पदों का सृजन कर एकमुश्त सफाई कर्मियों की भर्ती की गयी है। जिसमें समाज के इन्हीं वर्गाें के लोगों की बहुलता है। इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने निजी क्षेत्र में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के लोगों को आरक्षण देने की व्यवस्था की है। पिछले चार वर्षाें में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों को 5945 लाख मानव दिवस सृजित कर रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि श्री प्रसाद का बयान जिसमें दलित वर्ग की माताओं और नवजात शिशुओं की कुपोषण से हुई मृत्यु दर का प्रश्न उठाया गया है, के सम्बन्ध में स्पष्ट करना है कि उत्तर प्रदेश में नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में प्रति हजार, 4 की दर से घटोत्तरी हो रही है। इसके विपरीत भाजपा शासित मध्य प्रदेश में लेवेल 4 के कुपोषण से मृत्यु की दर पूरे देश में सर्वाधिक है, जिसके लिए भारत सरकार और मानवाधिकार आयोग द्वारा उनसे जवाब तलब किया गया है। यहां प्रवक्ता ने यह भी बताया कि इसके विपरीत उत्तर प्रदेश में कुपोषण से कोई मृत्यु नहीं हुई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com