सत्य साई बाबा के समाचार को जैसे ही अनुयायी श्रद्धालु लोगों ने सुना वे किंकर्तव्यमूढ़ बनकर सच्चाई की खोज में इलेक्ट्रानिक मीडिया का सहारा लिया। पूरी सच्चाई के बाद शोक मग्न हो गए उनके चित्र पर अनुयायियों ने दिपक जलाकर भजन किर्तन करने लगें। संगठन के मुख्य कार्यकर्ता नरेश चंद्र शुक्ला ने जीवनी कें अंश कहकर उपस्थित लोगों को राहत दिलाई। उन्होंने कहा कि सत्यसाई बाबा का जन्म 23 नवंबर को प्रदेश के अनंनतपुर जिले में हुआ था जीवन के 14वें वर्ष में सन 1940 में स्वयं को शिरडी के साईबाबा का अवतार बताया। पुट्टावर्ती को अपना आश्रम बनाया। बाबा ने सत्यसाई विश्वविद्यालय, साई चिकित्सालय, और दर्जनों संस्थाओं का जन्मदाता कहलाएं। पेयजल योजना चलाई। देश और देश के बाहर शीर्ष पदों पर बैठे लोग उनके अनुयायी थे। जिनमें पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई,क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गज उनके विचारों को अपने जीवन में उतारने की तमन्ना रखते थे। हरदोई जनपदे वरिश्ठ श्रद्धालु अनुयायी कीर्तन करके अपने आप का तसल्ली दे रहे है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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