Û मुख्यमन्त्री ने पुलिस को पूरी तरह बसपा के अधीन कर दिया है। इसके अधिकारियों का काम बसपा के बलात्कारी और दबंग विधायकों/नेताओं को बचाना हो गया है।
Û पुलिस अब स्वतन्त्र रूप से जांच नहीं कर पा रही है। निर्दोशों को जेल भेजकर वह केस सुलझाने के झूठे दावे करती है। सरकार की ‘ाुरू से कानपुर और बान्दा काण्ड में बदनीयती झलकती रही है।
Û कानपुर के दिव्या काण्ड में कल्याणपुर क्षेत्र के रावतपुर स्थित भारतीय ज्ञान स्थली स्कूल की नाबालिग छात्रा दिव्या के साथ दुश्कर्म के बाद हत्या मामले में अभियुक्तों को बचाने में पुलिस अफसर लगे रहे। Þहिन्दुस्तान प्रेसÞ के स्थानीय दफ्तर में जाकर पुलिस ने गुण्डई की। इंस्पेक्टर कल्याणपुर और सीओ के अलावा एक आईपीएस अफसर ने भी इस मामले में लीपापोती की। उनपर अभी कार्यवाही नहीं की गई है। सीबीसीआईडी रिपोर्ट में बड़ों को बचाने की तिकड़म हो रही है। सीबीसीआईडी इंस्पेक्टर का बयान हैं कि अभी और सुबूत जुटाए जाने हैं।
Û बान्दा की ‘ाीलू निशाद के साथ दुश्कर्म के आरोपी बसपा विधायक पुरूशोत्तम नरेश द्विवेदी के खिलाफ सबसे पहले समाजवादी पार्टी ने आवाज उठाई। विधायक के खिलाफ मुकदमा दबाव में दर्ज तो हुआ पर उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। वह यहां पीजीआई में भर्ती रहे। लखनऊ में उनके आने की खबर ‘ाासन को थी किन्तु उन्हें बच निकलने की छूट दी गई। मुख्यमन्त्री के इशारे पर 21 दिनों तक उन्हें बचाया गया है।
Û बान्दा के एसपी श्री अनिल दास पर जेल में जाकर ‘ाीलू को धमकाने, आरोपियों की मदद करने के आरोप है। उन्होने कोर्ट के कई आदेशों के बाद भी विधायक पर मुकदमा दर्ज नहीं कराया। जेल बुक में दर्ज है कि 29 दिसम्बर को वह जेल में ‘ाीलू से मिले थे। उन्होने ‘ाीलू को बयान बदलने के लिए डराया धमकाया था। उनके खिलाफ कार्यवाही के मामले में कैबिनेट सचिव श्री ‘ांशाक ‘ोखर कल 12 जनवरी,2011 को अपनी प्रेस कांफ्रेन्स में टालमटोल कर गए। डीजीपी, गृह सचिव भी इस सवाल पर चुप रहे।
Û पीड़िता ‘ाीलू को न्याय देने के बजाए उसे चोरी के जुर्म में अभी भी जेल में रखने की साजिश हो रही है। उसके पास विधायक का दिया मोबाइल बरामद दिखाया गया है जबकि उसे यह विधायक ने ही दिया था।
Û ‘ाीलू काण्ड में सी0आई0डी0 ने विधायक पुरूशोत्तम नरेश द्विवेदी को दुराचार का दोशी पाया किन्तु 12 जनवरी,2011 को उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो या न हो इस पर 11Û00 बजे दिन से ‘ााम 5Û00 बजे तक डीजीपी आफिस से लेकर पंचम तल तक पर अफसर बैठकें करते रहे। अन्त में विधायक की गिरफ्तारी का निर्देश जनान्दोलन और प्रेस के दबाव में बड़ी मुिश्कल से जारी हुआ।
Û 12 जनवरी,2011 को इलाहाबाद में सिविल लाइन में डी दमास हीरे के ‘ोारूम कें मालिक श्री ध्रुव अग्रवाल को गोली मार दी गई, गार्ड सेल्सगर्ल को बंधक बना लिया। कई करोड़ की डकैती पड़ गई। पुलिस सोती रही। पहले भी वहां लूट की कई घटनाएं हो चुकी हैं।
Û पुलिस की नििश्क्रयता और पक्षपाती रवैये से ही जनाक्रोश भड़कने की वजह से प्रदेश में कई जगह थाना चौकियों पर हमले की वारदातें हुई है।
Û बसपा अपराधियों की ‘ारणगाह है। तमाम अपराधी उसमे भरे पड़ें है। मन्त्रियों में कई दागदार हैं। श्री नसीमुद्दीन, श्री स्वामी प्रसाद मौर्य, श्री सुभाश पाण्डेय के परिवारीजनों पर दूसरों की जमीनें हड़पने के आरोप हैं।
Û लोकायुक्त ने श्री राजेश त्रिपाठी को ‘मशानघाट में जबरन वसूली का दोशी पाया था। श्री रंगनाथ मिश्र, श्री अनन्त मिश्र और श्री राकेशधर त्रिपाठी पर भी गम्भीर आरोप लगे हैं। लोकायुक्त की सिफारिशें ठण्डे बस्ते में डाल दी गई हैं।
Û औरैया में अवैध बालू खनन से रोकने पर एमएलसी श्री विनय ‘ााक्य (राज्यमन्त्री दर्जा प्राप्त) के भाई श्री संजीव ‘ााक्य ने अपने 4 अन्य साथियों के साथ सिंचाई विभाग के रेंजर श्री मान सिंह को बुरी तरह पीटा और जान से मारने की कोशिश की। एसपी पर विधायक जी ने मामला दर्ज न करने का दबाव डाला फिर भी मुकदमा दर्ज हो गया है।
Û मुख्यमन्त्री के जन्मदिन का जश्न मनाने की तैयारियां है जबकि भयंकर ‘ाीतलहर से सौ से ज्यादा मौते हो चुकी हैं। गरीबों, बेसहारा, बृद्धों को न तो कंबल बांटे गए हैं और नहीं अलाव जल रहे हैं। मंहगाई से जनता पिस रही है। किसान को खाद नहीं मिल पा रही है। मुख्यमन्त्री को इसकी फिक्र नहीं।
Û अपने जन्मदिन पर तमाम झूठी घोशणाएं करने जा रही हैं। पिछले जन्मदिन पर एलडीए ने बिना जमीन की उपलब्धता के ही पवन बिहार गहरू व पारा योजना ‘ाुरू करने का एलान किया गया था। एलडीए ने Þअपना घर योजनाÞ भी, गरीबों के लिए ‘ाुरू करने की घोशणा की पर ये योजनाएं बाद में निरस्त हो गई। आवंटियों के करोड़ों रूपए फंसे हैं। अब फिर नई योजनाएं आ रही है।
Û मुख्यमन्त्री के जन्मदिन पर चौराहे, पार्क, स्मारक बिजली से सजाए जा रहे हैं। रोशनी की जा रही है। प्रदेश की जनता बिजली संकट से ग्रस्त है। बिजली अभियन्ताओं में सरकारी रीति नीति से नाराजगी है। बिजलीघर बेचे जा रहे हैं। बिजली के 100 सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर हुए हैं। बिजली कब बनेगी पता नहीं। आगरा में फ्रेचांइजी दी गई है जिससे हालत सुधारने के बजाए बिगड़ें हैं। बिजली अभियन्ता 15 जनवरी से ही पूर्ण हड़ताल पर जा रहे हैं।
Û प्रदेश में किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल रही है। गेहूं की फसल को न तो सिंचाई की सुविधा मिल रही है और न अब खाद मिल रही है। सहकारी समितियों में ताले लगे हैं। किसान 150 रू0 ज्यादा देकर ब्लैक में खाद खरीद रहे हैं।
Û मुख्यमन्त्री 15 जनवरी को गंजिग भी कर सकती है। लेकिन हजरतगंज और लालबाग को सुन्दर बनाने में घटिया निर्माण होने से अभी से उसका रंग बदंरग होने लगा है। विक्टोरियन लैम्प गिरने से एक युवक मर चुका है। मुख्यमन्त्री की सनक में लाखों हरे भरे पेड़े काट डाले गए है। हर तरफ पत्थरों की भरमार से पर्यावरण भी प्रदूिशत हो रहा है।
Û जनता मंहगाई से त्रस्त है। मुख्यमन्त्री के जन्मदिन पर तमाम सरकारी विभाग करोड़ों रूपए ‘ााहखर्ची में फूंक रहे है। बड़ी-बड़ी अवैध होर्डिग लग रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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