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आम उत्पाद को उद्यान विभाग की सलाह आम की फसल को भुनगा व जाला कीट से बचायें

Posted on 14 January 2011 by admin

प्रदेश में आम के गुणवत्तायुक्त उत्पादन के लिए सम-सामयिक महत्व के कीट एवं रोगों का उचित प्रबन्धन समय से किया जाना नितान्त आवश्यक है, बौर निकलने से लेकर फल लगने तक की अवस्था अत्यनत ही संवेदनशीन होती है। वर्तमान में बागवानों को मुख्य रूप से भुनगा की एवं जाला कीट से पौधों को क्षति पहुंचने की सम्भावना रहती है।

यह जानकारी  उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक श्री एस0के-ओझा ने दी। उन्होंने बताया कि आम के बागों में  भुनगा कीट मैंगो हापर के शिशु एवं वयस्क दोनों ही मुलायम प्ररोहों, कोमल पत्तियों व फूलों का रस चूसकर नुकसान पहुंचाते हैं इसके प्रभाव से फूल सूखकर गिरने लगते हैं साथ ही यह कीट मधु की तरह चिपचिपा पदार्थ भी विर्सजित करता है जिससे पत्तियों पर काली फफूंदी सूटीमोल्ड उग आती है, फलस्वरूप पत्तियों द्वारा प्रकाश संश्लेषण की याि प्रभावित होती है तथा जाला बनाने वाला कीट लीफ वेब्बर की सूड़ियां अपने लार को धागे की तरह उपयोग करके पत्तियों को एक स्थान पर जोड़कर घोसला बना देती है इसके अन्दर ही अन्दर सूड़ियां डण्ठल को छोड़कर पत्तियों का सारा भाग खा जाती है। इसके प्रभाव से टहनियां सूखने लगती है।
श्री ओझा ने बताया कि भुनगा एवं जाला बनाने वाले कीट के बचाव हेतु घने बागों की कटाई-छंटाई व गहरी गुड़ाई जुताई  करके साफ-सुथरा रखना चाहिए, साथ ही कीटों के अधिक प्रकोप की स्थिति में क्यूनॉलफास 2-0 मिली0/लीटर या क्लोरपाइरीफॉस 2-0 मिली0/लीटर अथवा कार्बेरिल 3-0 ग्राम प्रति लीटर की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें ताकि आम की फसल को सुरक्षित किया जा सके।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
upnewslive.com

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