उत्तर प्रदेश की माननीया मुख्यमन्त्री सुश्री माायावती जी ने कानपुर की कक्षा 6 की छात्रा दिव्या के दुराचार तथा हत्या के मामले में सीबीसीआईडी जांच में पुलिस कर्मियों की लापरवाही व उदासीनता पाये जाने पर गम्भीर रूख अपनाते हुए प्रभारी निरीक्षक कल्याणपुर, क्षेत्राधिकारी तथा अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण को तत्काल प्रभाव से निलिम्बत करके उनके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कानपुर नगर के तत्कालीन डी0आई0जी0/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा इस संवेदनशील प्रकरण में शिथिलता बरते जाने के मामले की जांच अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) को करने के निर्देश दिये हैं।
मन्त्रिमण्डलीय सचिव श्री शशांक शेखर सिंह ने आज लाल बहादुर शास्त्री भवन स्थित मीडिया सेन्टर में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में माननीया मुख्यमन्त्री जी के निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 27 सितम्बर, 2010 को कानपुर के ज्ञान भारती स्थली स्कूल की छात्रा दिव्या की मृत्यु हो गई थी। इस प्रकरण में परिजनों द्वारा यह आरोप लगाया गया था कि दिव्या के साथ दुराचार किया गया। इस मामले में 27 सितम्बर, 2010 को कानपुर के कल्याणपुर थाने में मु0अ0सं0 1029/10 धारा-376/302 आई0पी0सी0 बनाम अज्ञात का मुकदमा पंजीकृत किया गया। इसके पश्चात इस प्रकरण को धारा-377/302/109 आई0पी0सी0 में परिवर्तित किया गया। विवेचना के दौरान विद्यालय के प्रबन्धक (1) सुधीर कुमार उर्फ मुकेश वर्मा पुत्र चन्द्रपाल वर्मा, (2) चन्द्रपाल वर्मा तथा (3) पीयूष वर्मा को गिरफ्तार किया गया।
श्री सिंह ने बताया कि माननीया मुख्यमन्त्री जी ने इस घटना की जघन्यता और विवेचना के दौरान पुलिस की भूमिका को लेकर शासन को प्राप्त शिकायतों पर अत्यन्त गम्भीर रूख अपनाते हुए सम्पूर्ण घटना क्रम की जांच सीबीसीआईडी से कराये जाने के आदेश दिए थे। माननीया मुख्यमन्त्री जी ने यह भी कहा था कि इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करायी जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये थे कि जांच में दोषी पाए जाने पर पुलिस कर्मियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये।
कैबिनेट सचिव ने बताया कि सीबीसीआईडी की जांच रिपोर्ट आज प्राप्त हो गई है। सीबीसीआईडी की जांच में मुन्ना को दोषी नहीं पाया गया। सीबीसीआईडी ने स्कूल प्रबन्धक तथा उसके दोनों पुत्रों को दोषी पाया। डी0एन0ए0 मिलान से यह बात भी स्पष्ट हुई कि मृतका दिव्या के साथ दुराचार पीयूष वर्मा द्वारा किया गया, जिसकी गिरफ्तारी पहले हो चुकी है। इसी के साथ सीबीसीआईडी द्वारा प्रकरण की विवेचना से जुड़े पुलिस कर्मियों की भूमिका के सम्बन्ध में भी कतिपय कमियां उजागर की गईं।
मन्त्रिमण्डलीय सचिव ने बताया कि सीबीसीआईडी द्वारा तत्कालीन विवेचक श्री अनिल कुमार एस0एच0ओ0 थाना-कल्याणपुर आई0पी0सी0 के विरूद्ध धारा-344 तथा 218 के तहत मुकदमा दर्ज कराने की संस्तुति की गई है। इसी प्रकार अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्री लाल बहादुर तथा क्षेत्राधिकारी, कल्याणपुर श्री लक्ष्मी निवास मिश्रा, लोक सेवक आचरण नियमावली के उल्लंघन के दोषी पाए गए, जिसके परिणाम स्वरूप इन अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्यवाही करने की संस्तुति सीबीसीआईडी द्वारा की गई है। इसी तरह कानपुर के तत्कालीन डी0आई0जी0/एस0एस0पी0 को भी इस संवेदनशील घटना में शिथिल पर्यवेक्षण के लिए दोषी पाया गया।
श्री सिंह ने बताया कि सीबीसीआईडी की जांच रिपोर्ट के निष्कषाZें से आज माननीया मुख्यमन्त्री जी को अवगत कराया गया। इस सम्बन्ध में उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के मामले में उनकी सरकार कभी भी कोई समझौता नहीं करती है। माननीया मुख्यमन्त्री जी ने समय-समय पर आयोजित समीक्षा बैठकों में वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि अपने कर्तव्यों के पालन में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाये। खासतौर से कानून-व्यवस्था से जुड़े मामलों में दोषियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाना चाहिए।
माननीया मुख्यमन्त्री जी के निर्देशों के अनुपालन में आज राज्य सरकार द्वारा प्रभारी निरीक्षक, कल्याणपुर श्री अनिल कुमार को तत्काल प्रभाव से निलिम्बत करके उनके विरूद्ध धारा-344 तथा 218 आई0पी0सी0 के तहत अभियोग भी पंजीकृत करते हुए, सी0बी0सी0आई0डी0 से जांच कराने के निर्देश दिये गये हैं। सीबीसीआईडी को यह भी निर्देश दिये गये हैं कि वह अपनी रिपोर्ट यथाशीघ्र उपलब्ध कराये। इसी के साथ अपर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्री लाल बहादुर तथा क्षेत्राधिकारी श्री लक्ष्मी निवास मिश्रा को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही व उदासीनता बरतने तथा इस प्रकरण में एक गैर सरकारी डाक्टर से भ्रामक एवं असत्य बयान दिलाने के मामले में इन अधिकारियों को भी तत्काल प्रभाव से निलिम्बत कर दिया गया है। इनके प्रकरण में भी जांच कराने के निर्देश दिये गये हैं।
श्री सिंह ने बताया कि इस प्रकरण में कानपुर के तत्कालीन डी0आई0जी0/ एस0एस0पी0 की भूमिका की जांच करने के लिए अपर पुलिस महानिदेशक, कानून-व्यवस्था श्री बृजलाल को जिम्मेदारी सौपी गई है, जो अपनी रिपोर्ट दो सप्ताह में शासन को उपलब्ध करायेंगे। इसी के साथ असत्य एवं भ्रामक बयान देने वाली प्राईवेट डाक्टर सुश्री आभा मिश्रा के खिलाफ भी आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु मेडिकल काउिन्सल ऑफ इण्डिया को प्रकरण सन्दभिZत कर दिया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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