उत्तर प्रदेश की मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने सम्भावित बाढ़ को दृिश्टगत रखते हुए सभी आवष्यक व्यवस्थाएं तत्काल सुनििष्चत करने के निर्देष देते हुए कहा है कि इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सम्भावित बाढ़ के दौरान बचाव एवं राहत कार्याें को युद्ध स्तर पर संचालित करने के साथ ही बाढ़ से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाकर आवष्यक खाद्य सामग्री तथा चिकित्सकीय सुविधा सुचारू रूप से मुहैया करायी जाए। उन्होंने बाढ़ नियन्त्रण कक्षों को प्रभावी बनाने के साथ ही अतिसंवेदनषील तटबन्धों का चिन्हीकरण करने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ के दौरान सभी अधिकारी अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन बेहतर ढंग से सुनििष्चत करें, ताकि बाढ़ प्रभावितों को राहत सामग्री प्राप्त करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो सके।
मुख्यमन्त्री आज अपने सरकारी आवास पर सम्भावित बाढ़ से निपटने के लिए तैयारियों को लेकर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में बाढ़ नियन्त्रण कार्य योजना की विस्तार से समीक्षा कर रहीं थीं। उन्होंने इस मौके पर वरिश्ठ अधिकारियों को बाढ़ से होने वाली तबाही को रोकने के लिए सभी आवष्यक प्रबंध करने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ नियन्त्रण कार्याें को सुचारू रूप से संचालित करने हेतु जिला स्तर पर स्टेयरिंग ग्रुप की नियमित रूप से बैठकें की जाए और इसमें सभी आवष्यक विभागों की तैयारियों की समीक्षा भी सुनििष्चत की जाए। उन्होंने बाढ़ प्रभावित जिलों में नावों की पर्याप्त व्यवस्था समय से सुनििष्चत करने के निर्देष दिए।
सुश्री मायावती ने कहा कि बाढ़ आने की दषा मेें प्राय: जल स्रोत दूशित हो जाते हें, जिसके कारण जल-जनित बीमारियां फैलने की सम्भावनाएं बढ़ जाती है, इनकी रोकथाम के लिए अस्पतालों में चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति के साथ ही दवाइयों की पर्याप्त व्यवस्था सुनििष्चत की जाये। उन्होंने पषुओं के लिए चारे तथा वैक्सीन आदि की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखने के भी निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि खाद्य एवं रसद विभाग द्वारा सम्भावित बाढ़ ग्रस्त जनपदों में आवष्यक खाद्य सामग्री की व्यवस्था पहले से ही सुनििष्चत की जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों के लिए स्पेषल आवंटन के तहत पर्याप्त मात्रा में गेहूं, चावल व मिट्टी के तेल आदि की उपलब्धता बनाए रखी जाए।
मुख्यमन्त्री ने बाढ़ की स्थिति में अनुश्रवण हेतु केन्द्रीय बाढ़ नियन्त्रण कक्ष के साथ ही जनपद स्तर पर बाढ़ नियन्त्रण कक्ष तथा बाढ़ चौकियां स्थापित करने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि इनमें आवष्यक संचार की व्यवस्था भी सुनििष्चत की जाए, ताकि लोगों को बाढ़ की स्थिति की समय से सूचना दी जा सके। उन्होंने सम्भावित बाढ़ की समस्याओं के दृिश्टगत सिंचाई विभाग के सम्बन्धित अधिकारी/कर्मचारियों को सतर्क रहने तथा त्वरित कार्यवाही सुनििष्चत करने के निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ राहत कार्याें में किसी भी प्रकार की लापरवाही अथवा उदासीनता क्षम्य नहीं होगी। उन्होंने प्रदेष की बाढ़़ की समस्याओं के दृिश्टगत अतिसंवेदनषील तटबन्धों के चिन्हीकरण करने के निर्देष देते हुए कहा कि इन तटबन्धों की निगरानी एवं सुरक्षा की व्यवस्था सुनििष्चत करने के लिए क्षेत्रीय अधिकारियों की तैनाती की जाए।
सुश्री मायावती ने कहा कि प्रदेष में बहने वाली अधिकांष नदियां नेपाल व उत्तराखण्ड से निकलती हैंं। बरसात के दिनों में नेपाल व उत्तराखण्ड से अचानक पानी छोड़ देने के कारण यहां जन-धन की काफी हानि होती है। इसके लिए उन्होंने नेपाल व उत्तराखण्ड से निरन्तर समन्वय स्थापित करने के निर्देष दिए। उन्होंने अन्तर्राज्ययीय बाढ़ समस्याओं के सम्बन्ध में नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देष भी दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेष की सीमाओं पर स्थित हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, बिहार एवं मध्यप्रदेष राज्यों से होकर गुजरने वाली नदियों का भी पानी प्रदेष में प्रवेष करता है। इससे भी बाढ़ की गम्भीर समस्या उत्पन्न होने के साथ ही धन-जन की हानि बड़े पैमाने पर होती है। उन्होंने कहा कि इन राज्यों से आने वाले पानी के कारण उत्पन्न होने वाली बाढ़ की समस्याओं के निराकरण हेतु सिंचाई विभाग द्वारा आवष्यक व्यवस्था सुनििष्चत की जाए।
बैठक में अवगत कराया गया कि बाढ़ की सम्भावनाओं को देखते हुए प्रदेष में 32 जनपदों में बाढ़ नियन्त्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। आवष्यक सुरक्षा के प्रबन्ध भी कर लिए गए हैं। अस्पतालों में चिकित्सकों की उपस्थिति तथा दवाई की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखने की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा रही है। इस व्यवस्था के तहत विषेश कर पूर्वांचल के जिलों में सभी आवष्यक दवाएं स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध करायी जा रही हैं, ताकि बाढ़ प्रभावित लोग अपने समीपस्थ स्वास्थ्य केन्द्र में अपना उपचार करा सकें। बैठक में यह भी बताया गया कि आई0एम0ए0 के चिकित्सकों तथा स्वयं सेवी संस्थाओं का भी सहयोग प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है।
बैठक में यह भी अवगत कराया गया कि बाढ़ की दषा में जिलों में बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न, मिट्टी का तेल तथा दैनिक उपयोग की आवष्यक वस्तुएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त चावल का विषेश आवंटन 2.66 लाख मी0टन किया गया है। यह चावल लोगों को 12.35 रूपये प्रति किलोग्राम की दर से उपलब्ध होगा। यदि किसी जनपद में चावल की अतिरिक्त आवष्यकता होती है, तो इसके आवंटन में संषोधन कर उसकी पूर्ति की जायेगी। इसके अलावा बाढ़ ग्रस्त जनपदों हेतु 1.77 लाख मी0टन गेहूं का विषेश आवंटन किया गया है। इसका उपभोक्ता मूल्य 8.95 रूपये प्रति किलोग्राम रखा गया है। इसके अतिरिक्त बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए 744 किलो लीटर मिट्टी का तेल का विषेश रूप से आवंटन किया गया है।
बैठक में अपर मन्त्रि-मण्डलीय सचिव श्री नेतराम, प्रमुख सचिव मुख्यमन्त्री श्री दुगाZषंकर मिश्र, प्रमुख सचिव राजस्व श्री के0के0 सिन्हा, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री के0एस0 अटोरिया, सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री पी0के0 सारंगी, सचिव गृह श्री दीपक कुमार सहित खाद्य एवं रसद, पषुधन तथा अन्य सम्बन्धित विभागों के वरिश्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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