समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने एक बयान में कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह भंग हो चुकी है। राजनीतिक रागद्वेष की भावना से काम करने के कारण मुख्यमन्त्री ने प्रशासनिक तन्त्र को नाकारा और भ्रष्ट कर दिया हैं। अपराध और मानवाधिकार हनन में देश में प्रथम स्थान दिलानेवाली बसपा सरकार के रिकार्ड में काबीना स्तर के मन्त्री पर जानलेवा हमले से एक नया रिकार्ड बन गया है। प्रदेश के खुफिया तन्त्र की विफलता के साथ हर मोर्चे पर विफल इस सरकार से महामहिम ने तत्काल निजात नहीं दिलाई तो यह प्रदेश हिंसा और अपराध की आग में झुलस जाएगा।
श्री चौधरी ने कहा बसपा के सत्ता में आने के बाद से लगभग 2 हजार लोग मारे जा चुके हैं। 44 राजनीतिक हत्याएं हो चुकी हैं। समाजवादी पार्टी के 30 विधायक और पदाधिकारी मारे जा चुके हैं। इतनी गम्भीर स्थिति के बावजूद बसपा के मन्त्री और विधायक पूरी तरह मौजमस्ती और अपराधिक कृत्यों में लगे हुए हैं। प्राथमिक शिक्षामन्त्री भदोही में एक समारोह में सोमवार को नाच देखते पाए गए। मत्स्य विभाग के मन्त्री अपने एक रिश्तेदार के माध्यम से नौकरी देने के नाम पर उगाही के आरोप में फंसे हुए हैं। बदायूं के एक बसपा विधायक बलात्कार के मामले में अदालत द्वारा भगोड़ा घोषित किए गए है जिनकी गत दिनों बसपा के कार्यक्रम में सार्वजनिक उपस्थिति के बाद भी गिरफ्तारी नहीं हुई। इलाहाबाद से बसपा के ही एक और विधायक पर उनके स्कूल की शिक्षिका ने दुराचार के प्रयास का आरोप लगाया है।
श्री राजेन्द्र चौधरी ने कहा मुख्यमन्त्री मायावती ने चूंकि स्वयं अपराधियों को पार्टी संगठन और सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर बिठा रखा है और उनके सहयोग से ही उनका लूट, कमीशन, और प्लाट कोठी पर कब्जे का धंधा चल रहा है, इसलिए उनसे अपराध नियन्त्रण की आशा करना व्यर्थ है। वे हर बड़ी घटना के बाद दिखावे के लिए ही अपराधियों को सख्त सजा देने की बात करती हैं। 500 अपराधियों को पार्टी से निकालने के साथ उनकी सूची भी जारी करने की घोषणा उन्होने की थी, जिसका आज तक अतापता नहीं है। बड़े हत्याकाण्डों की तफतीश भी अब ठीक से नहीं होती है क्योंकि उसमें कही न कहीं बसपा मन्त्रियों, विधायकों और नेताओं के ही नाम आते है। इनके विरूद्ध कार्यवाही के बजाय मुख्यमन्त्री समाजवादी पार्टी से दुश्मनी निकालने के लिए समाजवादी पार्टी नेताओं -कार्यकर्ताओं को झूठे मुकदमों में फंसाने का काम करने लगती हैं। नन्द गोपाल नन्दी के मामले में भी वे कुछ ऐसी ही चाल चल रही है ताकि भदोही के समाजवादी पार्टी विधायक विजय मिश्र और उनके रिश्तेदारों पर वे और जुल्म ढाने का बहाना बना सकें। फर्जी मुकदमों में फंसाकर समाजवादी पार्टी के नेताओं के घर परिवार को तबाह करने का उनका शौक संक्रामक रूप लेता जा रहा है। श्री मिश्र निर्वाचित जन प्रतिनिधि हैं,उन्हें इसके बावजूद प्रताड़ित किया जा रहा है। समाजवादी पार्टी इसको बर्दाश्त नहीं करेगी। महामहिम राज्यपाल पर संविधान की रक्षा का दायित्व है। उन्हें द्वेषभावना से बसपा सरकार द्वारा प्रशासनिक आतंकवाद फैलाने पर रोक लगानी चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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