Archive | March 11th, 2010

जिला चिकित्सालय बना जिस्म फरोसी अड्डा…

Posted on 11 March 2010 by admin

सुलतानपुर - जिला चिकित्सालय प्रशासन जहॉं एक तरफ एड्स की रोकथाम के लिए सुरक्षा कवच (कण्डोम) प्रचार प्रसार के लिये लाखों-करोड़ों का वजट आम जनता में खर्च करता है और एच0आई0वी0 की जॉंच के लिए मुफ्त सेवायें मुहैया कराती है। जिससे आम जनता इस बिमारी का शिकार हो सके। वही जिला चिकित्सालय के प्रांगण में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के नांक के नीचे देह व्यापार का धंधा जोरो पर चल रहा है। जबकि जिला चिकित्सालय प्रशासन इस बात को जानते हुए भी, इस देह व्यापार के धंधे पर शिकंजा नही कस पा रहा है।

विश्वस्त सूत्रों द्वारा जानकारी मिली की इस धंधे में सलिप्त औरते सुबह से ही चिकित्सालय में जाती है और वही पर खड़ी होकर अपने धंधे को अंजाम देती है। आम जनता में यह भी चर्चा का वि है कि इस धंधे में चिकित्सालय प्रशासन के अधिकारी कर्मचारी भी संलिप्त है जो से घिनौने कार्य करने वाले औरतों का सहयोग करते है। इन सारे घिनौने कारतूतो को जानते हुए जिला चिकित्सालय के आला अफसर इस प्रकरण पर नकेल नही कस पा रहे है। अगर समय रहते इस प्रकरण पर कार्यवाही नही की गई तो वह दिन दूर नही कि यह जिला भी एड्स जैसे भयंकर रोग से ग्रसित हो जायेगा, और शासन द्वारा किये जा रहे एड्स प्रचार प्रसार में करोड़ों रूपये का कोई लाभ नही होगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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कायस्थ समाज का होली मिलन-13 मार्च को

Posted on 11 March 2010 by admin

सुलतानपुर - रूद्रनगर में सभासद षा श्रीवास्तव के आवास पर एक बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में यह निर्णय हुआ कि होली मिलन समारोह एवं काव्य संध्या का आयोजन दौलत भवन परिसर के निकट गायत्री शक्ति पीठ कुड़वार रोड़ सुलतानपुर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विनोद सिंह (पर्यटन मन्त्री 0प्र0 सरकार) एवं डा0डी0सी0 श्रीवास्तव (अध्यक्ष 0मा0 कायस्थ सभा), अजीत श्रीवास्तव (अध्यक्ष मिन्दर निर्माण कमेटी), विनोद श्रीवास्तव, षा श्रीवास्तव (सभासद), दिनेश गौड़, संजय, प्रभाकर सक्सेना, राम प्रसाद श्रीवास्तव, कमल श्रीवास्तव (पूर्व सभासद), वीर कुमार, मुकुन्द सक्सेना, ओमप्रकाश श्रीवास्तव, संजय कप्तान (पूर्वसभासद), विशाल श्रीवास्तव, आर0एन0श्रीवास्तव, दीपक श्रीवातव, प्रेम श्रीवास्तव, सन्तोश श्रीवास्तव, आर0के0 माथुर, शरद श्रीवास्तव आदि लोगों ने 13 मार्च 2010 को होली मिलन समारोह का आयोजन किया है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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अपात्रों की नियुक्ति में दोशी चयन समिति की खुली पोल

Posted on 11 March 2010 by admin

शासन द्वारा दोशी पाये जाने के बावजूद भी तैनात है लघु सिचाई अभियन्ता

दिनेश श्रीवास्तव/महेश नारायण द्विवेदी

सुलतानपुर - लघु सिचाई विभाग में वर्ष 2003 में सृजित कनिष् सहायक/टंकण के अधिसंख्य पदों पर की गई भर्ती में गम्भीर अनियमितताओं की शिकायत प्राप्त होने पर शासन द्वारा करायी गई प्रारिम्भक जॉंच में चयन हेतु राजेन्द्र सिंह तत्कालीन अधीक्षण अभियन्ता की अध्यक्षता में गठित चयन समिति जिसमें आर0एस0चौधरी अधिशासी अभियन्ता/वयक्तिक सहायक लघु सिचाई मुख्यालय लखनऊ, जेड00 खान अधिशासी अभियन्ता लघु सिचाई विभाग खण्ड सीतापुर, भोला राय क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी लखनऊ की सद्स्यता वाली टीम की पोल खोल दी। जबकि कार्मिक अनुभाग-2 की अधिसूचना संख्या-20/4/का-2-2002 के क्रम में 21 जून 2003 द्वारा कनिष् सहायक/टंकण पन्द पर नियुक्ति चयन के लिये सीधी भर्ती प्रक्रिया में यह प्राविधान किया गया है कि जिनका व्यापक परिचालन हो उस दैनिक समाचार पत्र में रिक्तियों का विज्ञापन प्रकाशि किया जाय। इसी तरह कार्यालय सूचना पट पर सूचना चस्पा किया जाय चयन के लिए कुल 100 अंकों का विभाजन किया जाय जिसमें वरीयता प्राप्त आवेदन पत्र पर शैक्षिक योग्यता के आधार पर छटनीशुदा कर्मचारी होने तथा खेलकूद से सम्बंधित अम्यर्थी होने के सम्बन्ध में देय कुल अंकों का अलग-अलग विवरण देते हुए श्रेश्ठता सूची के 50 अंकों के तहत बनायी जानी चाहिए। जिनका टंकण परीक्षण लेकर उनमें सफल अभ्यर्थियों के साक्षात्कार के लिये बुलाये जाने तथा साक्षात्कार के लिए 50 अंक रखे जाने का प्राविधान है, परन्तु इस प्रकरण में गठित उक्त चयन समिति द्वारा चयन प्रक्रिया में नियमों का उल्लंघन करते हुए 44 व्यक्तियों की नियुक्ति राजेन्द्र सिंह अध्यक्ष चयन समिति द्वारा व्यापक पैमाने पर शासनादेश की धज्जियॉं उड़ाते हुए मनमानी की गई। जिसमें 44 कनिष् सहायकों के पदों पर भर्ती हेतु अध्यक्ष चयन समिति द्वारा 07 जून 2003 को विज्ञापन प्रसारित कराकर आवेदन पत्र मांगा गया था।

आवेदन पत्र स्वीकार किये जाने की अन्तिम तिथि 20 जून 2003 थी, आवेदनकर्ताओं की कुल 2555 थी। जिसमें चयन समिति के द्वारा 28 जून से 30 जून 2003 तक 441 अभ्यर्थियों का टंकण परीक्षण ली गई। जबकि चयन समिति द्वारा जारी विज्ञापन सम्बन्धी सूचना में उिल्लखित था कि 4 जुलाई 2003 को टंकण परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की सूची मुख्य अभियन्ता लघु सिचाई 0प्र0 लखनऊ की कार्यालय में एवं अधीक्षण अभियन्ता लघु सिचाई विशाल खण्ड-2 गोमती नगर लखनऊ के कार्यालय में चस्पा कर दी जायेगी, और सफल अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हेतु 5 जुलाई 2004 को प्रात: 11.00 बजे सम्पन्न कराया जायेगा, परन्तु उक्त सूचना 21 जून 2004 को चयन समिति द्वारा निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग लखनऊ को भेजी गई, लेकिन उक्त सूचना किसी दैनिक समाचार पत्र में प्रकािशत नही की गई। चयन समिति अध्यक्ष समिति द्वारा प्रत्येक अभ्यर्थी से डाक टिकट लगे दो लिफाफे लिये गये थे। किन्तु किसी भी अभ्यर्थी को डाक द्वारा सूचना नही भेजी गई, जिससे भर्ती प्रक्रिया से बहुत सारे अभ्यर्थी वंचित रह गये लिहाजा 441 अभ्यर्थियों में 277 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार हुआ। 164 अभ्यर्थी सूचना के आभाव की वजह से शामिल नही हो सके। इसी क्रम में राजेन्द्र सिंह द्वारा शैक्षिक योग्यता एवं साक्षात्कार के आधार पर तैयार की गई वरीयता सूची में इण्टरमीडिएट तृतीय श्रेणी उत्तीर्ण 12 अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में 50 अंको में से 40 अंक दिये गये, जबकि प्रथम श्रेणी के इण्टरमीडिएट एवं स्नातक डिग्री प्राप्त अभ्यर्थियों को 10 से 25 अंक तक दिये गये। इसी तरह चयन समिति द्वारा अनुसूचित जनजाति के 8 रिक्त पदो के सापेक्ष मात्र एक अनुसूचिज जाति के अभ्यर्थी का चयन किया गया, जबकि अनुसूचित जाति के आवेदनकर्ता पर्याप्त संख्या में उपलब्ध थे। ज्ञात हो कि माननीय उच्च न्यायालय के रिट पीटीशन संख्या-31300/2002 में दिये गये अपने आदेश 28 जनवरी 2003 द्वारा राजेन्द्र सिंह का अधीक्षण अभियन्ता लघु सिचाई पर किया गया प्रोन्नत आदेश 19 जुलाई 2002 को ही निरस्त कर दिया गया था, परन्तु रसूख के चलते राजेन्द्र सिंह प्रभारी अधीक्षण अभियन्ता के रूप में लिपिकों के चयन का समस्त उत्तरदायित्व सौपना भ्रश्टाचार के लिये रची गई सोची समझी साजिश का हिस्सा होने से इनकार नही किया जा सकता। इस नियुक्ति प्रक्रिया में अध्यक्ष के साथ समिति के सद्स्यों ने लाखों रूपयें की बन्दरबांट करते हुए पूरे मामले में शासन को अंधेरे में रखा, जिसका खामियाजा पात्र अभ्यर्थियों को भुगतना पड़ा।


(इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी शंकर लाल पाण्डेय ने दूरभाश पर बताया कि सम्बन्धित प्रकरण में मुझे कोई जानकारी नही है। संज्ञान में आने पर कार्यवाही की जायेगी )

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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पालिका सदन की बैठक में हुआ हंगामा, सभासदों ने कुर्सीयां पटकी

Posted on 11 March 2010 by admin

सुलतानपुरनगर पालिका परि में बोर्ड की बैठक होनी थी, जिसमें पालिका के 2009-10 के आय व्यय की चर्चा की जानी थी। परन्तु इसी एजेडें को देखकर सभासदों में कोहराम मच गया। क्योंकि पालिका प्रशासन द्वारा 13, 25, 28, 200 की आय और व्यय 13, 31, 84, 600 रूपये एजेड़ें में दिखाये गये थे। परन्तु विपक्षी सभासदों का यह कहना था कि हम इस बजट को कैसे पास कर दें। जब तक इस बजट में दर्शाये गये कार्यों का भौतिक सत्यापन नही कर लेते तब तक हम इस बजट के एजेडें की स्वीकृति प्रदान नही करेगें। इस एजेडें को बहिष्कार करने में रहे सभासद सज्जाद खॉंन, इसरारूल हक चुन्ना, सोहरत अली, ऊशा श्रीवास्तव, धर्मेन्द्र बब्लू, श्री राम पोपटानी आदि सभासदों ने विरोध किया।

नगर पालिका की बैठक में छाये रहे तीन सभासद ने एक तरफ विपक्ष में रहे सभासद सज्जाद खान, सोहरत अली, इसरारूल हक चुन्ना ने बैठक के एजेडों को गलत शासन के नियमों कानून की धज्जियॉं अध्यक्ष नगर पालिका द्वारा उठायी गई, वही दूसरी तरफ अध्यक्ष नगर पालिका विपक्ष में सभासद अब्दुल हमीद घोसी ने अध्यक्ष के एजेडों को पास करने की बात कही परन्तु अध्यक्ष नगर पालिका ने कहा कि इस बैठक को सांसद से बात करके करायी जा रही है। लेकिन जब विपक्षियों ने इसका प्रमाण मांगा तो नगर पालिका अध्यक्ष के पास कोई प्रमाण नही था। आखिर यह मामला क्यों इतना तूल पकड़ा। विदित हो कि यह एजेडां जो आय बोर्ड की बैठक में पास होना था वह 2009-10 के आय और व्यय का था। जिसमें नगर पालिका की कितनी आय थी पालिका द्वारा कितना व्यय किया गया यही एजेडां पालिका सभासदों को दिया गया था। परन्तु विपक्षियों का कहना था कि यह एजेण्डा विशे प्रस्ताव साधारण प्रस्ताव का एजेण्डा अलग-अलग बैठक बुलाकर करनी चाहिये थी। जो कि मुनिशपल

एक्ट शासन के नियमों के विरूद्व करायी जा रही है और यह जो एजेण्डा हम लोगों को दिया गया है। हम बिना इसका साक्ष्य देखे इस एजेण्डें पर अपनी मुहर नही लगा सकते है। यह एजेण्डा टैक्स इंस्पेक्टर रियाज मोहम्मद श्यामलाल अवर अभियन्ता से सम्बन्धित है जो कि नगर पालिका की इस बैठक में मौजूद नही है और विपक्ष के सभासदों ने यह भी आरोप लगाया कि अध्यक्ष पालिका की साजिश है। इन दोनों महारथियों की मौजूदगी होना। इस प्रकरण को लेकर तीनों सभासदों ने इस बैठक में जोरदार विरोध किया और यहॉं तक की अपने दायित्व को भूलते हुए कुर्सी भी उठाकर एक दूसरे के ऊपर फेंकी। जब इस प्रकरण को विपक्षी सभासदों ने उठाया तो अध्यक्ष पालिका अधिशासी अधिकारी ने कहा कि इस बैठक को पूरा करने दीजिये, जब शासन द्वारा जबाब मांगा जायेगा तो हम देगें, और मुनिशपल एैक्ट कें बारे में 00 नगर पालिका ने कहा कि विशे प्रस्ताव साधारण प्रस्ताव दोनों एक साथ रखे जा सकते है क्योकि विशे प्रस्ताव के लिये तीन दिन का समय होना चाहिये, और साधारण प्रस्ताव के लिये एक सप्ताह का समय। जो कि यह एजेण्डा एक सप्ताह पहले ही बोर्ड सदस्यों को दिया गया है। रियाज टैक्स इंस्पेक्टर श्यामलाल अवर अभियन्ता की मौजूदगी होने के बारे में अध्यक्ष पालिका ने कहा कि क्या यह दोनों लोग नही होगें तो बोर्ड मीटिंग नही होगी।

आखिर क्या कारण था अध्यक्ष पालिका का इस एजेण्डें को पास कराने में-

जब विरोध में रहे सभासदों ने शासन मुनिशपल एक्ट के नियम कानून के विपरीत इस एजेडें की बात उठायी सांसद की ना मौजूदगी की बात उठायी तो पालिका अध्यक्ष द्वारा यह कहा गया कि अगर हम इस बैठक का शासनादेश का उल्लंघन कर रहे है तो हम शासन को जबाब देगें, और दूसरी तरफ सभासदों को इशारे में समझातें हुए कहा कि यह एजेण्डा महत्वपूर्ण है इससे ज्यादा हम कुछ नही कह सकते। अध्यक्ष पालिका के इशारे वाले बातों से सा लगा कि इस एजेण्डें को पास कराने में कोई बहुत गहरा राज छिपा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
मो0 9415508695
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