बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने महिला उत्पीड़न को लेकर प्रदेश कांग्रेस पार्टी द्वारा चलाये जा रहे आन्दोलन को महज राजनीतिक ड्रामेबाजी और केन्द्र की कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण उपजी गम्भीर समस्याओं से जनता का ध्यान हटाने की साजिश बताया है। उन्होंने कहा कि आज पूरा देश आतंकवाद, मंहगाई, बेरोजगारी एवं केन्द्र सरकार के विभिन्न मन्त्रालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार से बुरी तरह से त्रस्त है। ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई द्वारा राज्य सरकार के विरूद्ध की जा रही यह नौटंकी जनता को निराश करने वाली है।
श्री मौर्य ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं को चुनौती देते हुए कहा कि अगर प्रदेश कांग्रेस के लोग जनता के सच्चे हितैशी बनना चाहते हैं, तो उन्हें देश में लगातार बढ़ रहे आतंकवाद तथा मंहगाई के साथ-साथ केन्द्र सरकार द्वारा प्रदेश के हितों की निरन्तर की जा रही उपेक्षा पर अपनी आवाज बुलन्द करते हुए इनके विरूद्ध आन्दोलन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता अच्छी तरह से समझती है कि कांग्रेस पार्टी की नीतियां और विचारधारा हमेशा से गरीब, असहाय, दलित, पिछड़ों एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों को धोखा देने वाली रही हैं।
बी0एस0पी0 के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि देश की आजादी के 62 सालों के दौरान कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश में सबसे ज्यादा लगभग 38 वर्ष तक शासन किया। केन्द्र में भी अधिकांश समय कांग्रेस पार्टी ही सत्ता में रही और वर्तमान में भी उसकी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार केन्द्र की सत्ता पर काबिज है। इसके बावजूद कांग्रेस पार्टी की सरकारें कभी भी जनता के हितों को लेकर गम्भीर नहीं रही। उन्होंने कहा कि केन्द्र की कांग्रेस नेतृत्व वाली यू0पी0ए0 सरकार की गलत एवं विध्वंसकारी नीतियों के कारण ही आज देश का हर नागरिक अपने को असुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के ढीले और लचर रवैये के कारण ही आतंकवादी पूरे देश में कहीं भी और कभी भी, आतंकी घटनाओं को अंजाम देकर जान-माल को भारी क्षति पहुंचा रहे हैं। इसके बावजूद केन्द्र सरकार ने आतंकवादी घटनाओं को काबू में लाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाये हैं। उन्होंने कहा कि जनता से जुड़े इतने महत्वपूर्ण मसले से कांग्रेस पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई का कोई लेना-देना नहीं है।
श्री मौर्य ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों एवं उसके मन्त्रियों के गैर-जिम्मेदाराना बयानों के कारण आज मंहगाई अपने चरम पर है। उन्होंने कहा कि गरीब की तो बात ही क्या, मध्यम वर्ग के लोगों को भी दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए अथक प्रयास करने पड़ रहे हैं। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को केन्द्र सरकार की यह खामिया नज़र नहीं आ रही हैं। उन्होंने कहा कि आम जनता के हित में उचित तो यह होता कि प्रदेश के कांग्रेसी नेता केन्द्र की अपनी सरकार पर खाद्यान्नों की कीमतों को तत्काल घटाने के लिए दबाव बनाते। जनहित में मंहगाई के विरूद्ध ठोस कार्यवाही करने के बजाय प्रदेश कांग्रेस के नेता उन घटनाओं को लेकर अनावश्यक रूप से आन्दोलन चलाने का ड्रामा कर रहे हैं, जिसका आम जनता से कोई लेना-देना नहीं है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राज्य की जनता अच्छी तरह जानती है कि मुख्यमन्त्री सुश्री मायावती ने वर्तमान कार्यकाल में सत्ता में आते ही अपराधियों के विरूद्ध जोरदार अभियान चलाया। बी0एस0पी0 की प्रदेश सरकार देश की इकलौती सरकार है, जिसने कानून तोड़ने वाले अपने मन्त्रियों, विधायकों तथा सांसदों के विरूद्ध बेहिचक कार्यवाही करके उन्हें जेल की सलाखों के पीछे भेजा है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में कानून द्वारा कानून का राज कायम है। गुण्डे, माफिया और खूंखार अपराधी या तो जेल में हैं या फिर प्रदेश छोड़कर भाग गये हैं।
श्री मौर्य ने कहा कि कांंग्रेस पार्टी का चरित्र दोहरा है और उसके नेताओं की कथनी और करनी में भारी अन्तर है। यह बात इसी से उजागर हो जाती है कि जब प्रदेश में सपा की सरकार कांग्रेस पार्टी के खुले समर्थन से सत्ता में थी तब पूरे राज्य में अराजकता का माहौल था। महिलाओं, बच्चों, दलितों सहित समाज के गरीब और कमजोर लोगों के विरूद्ध शोषण का माहौल बना हुआ था। सरकारी संरक्षण में असामाजिक तत्व व गुण्डे प्रदेश की कानून व्यवस्था को धता बताकर मनमानी कर रहे थे। प्रदेश में चारों तरफ राजनैतिक हत्याओं का सिलसिला चल रहा था। उन्होंने कहा कि जनता आज भी सपा सरकार के समय के जघन्य निठारी हत्याकाण्ड, इलाहाबाद में करेली का मदरसा काण्ड, पुलिस भर्ती घोटाला, खाद्यान्न घोटाला आदि को नहीं भूल पायी है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जनता को सपा सरकार के कार्यकाल का निठारी काण्ड आज भी अच्छी तरह याद है। वह यह भी नहीं भूली है कि अत्यन्त संवेदनहीनता का परिचय देते हुए तत्कालीन सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मन्त्री, जो वर्तमान में विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष हैं, ने निठारी काण्ड को छोटी-मोटी घटना बताते हुए कहा था कि ऐसी घटनाएं तो होती ही रहती हैं। इसी तरह इलाहाबाद में करेली मदरसा काण्ड में भी तत्कालीन सपा सरकार ने लीपा-पोती का प्रयास करके महिलाओं की इज्जत का मजाक उड़ाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता उस समय कहां थी, जब उनके समर्थन वाली सपा सरकार के शासन में लोमहर्षक वारदातें हो रही थीं। इतना ही नहीं, सपा सरकार के समय में ही इलाहाबाद में बी0एस0पी0 के विधायक श्री राजूपाल की हत्या हुई थी, जिसमें सपा के लोग ही शामिल थे। तत्कालीन सपा सरकार कानून के मुताबिक कार्यवाही करने के बजाय अपराधियों को बचाने में जुट गई। उन्होंने सवालिये लहजे में कहा कि कांग्रेस पार्टी को उस समय प्रदेश की कानून व्यवस्था का ध्यान नहीं आया और न ही उन्होंने कोई आन्दोलन चलाया, जबकि चारों तरफ जंगलराज कायम था।
श्री मौर्य ने बरेली में दरगाह आला हजरत की मजार पर चादर चढ़ाने जाते समय दिल्ली की मुख्यमन्त्री श्रीमती शीला दीक्षित एवं उनके साथ अन्य कांग्रेस पार्टी नेताओं की सुरक्षा में हुई चूक को मुद्दा बनाये जाने को राजनैतिक ढकोसला बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के लोग इस मामले में गलत बयानी कर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। सच्चाई तो यह है कि श्रीमती दीक्षित एवं अन्य नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था मानकों के अनुरूप की गई थी और पर्याप्त संख्या में पुलिस अधिकारियों एवं अन्य सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी लगायी गई थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने श्रीमती दीक्षित को राज्य अतिथि घोषित करके उनको समुचित सम्मान दिया था। उन्होंने कहा कि यदि सरकार की नीयत में कोई खोट होता तो श्रीमती दीक्षित को राज्य अतिथि क्यों घोषित करती।
श्री मौर्या ने कहा कि श्रीमती दीक्षित व उनके साथ मौजूद अन्य नेताओं ने बरेली में प्रेस कांफ्रेन्स की थी। उन्होंने कहा कि यदि श्रीमती दीक्षित की सुरक्षा व्यवस्था में राज्य सरकार द्वारा कोताही बरती गई होती, तो वे प्रेस कांफे्रन्स में भी उसका उल्लेख अवश्य करते, परन्तु उक्त पत्रकार वार्ता में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई बात नहीं उठायी गई।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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