बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि सपा नेता श्री षिवपाल सिंह यादव प्रदेष की बी0एस0पी0 सरकार की कार्यषैली के बारे में झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि गुटबाजी और टूटफूट मे उलझी समाजवादी पार्टी के नेता अपनी हताषा को कम करने के लिए राज्य सरकार पर औचित्यहीन टिप्पणियां करते रहते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतान्त्रिक व संसदीय मर्यादाओं को ताख पर रखकर जंगलराज कायम कर सरकारी खजाने की लूट में षामिल रहे नेताओं को प्रदेष की लोकप्रिय बी0एस0पी0 सरकार पर उंगली उठाने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
श्री मौर्य ने प्रदेष विधान सभा के बजट सत्र को छोटा किये जाने के सम्बन्ध में सपा नेता की बयानबाजी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि विधान सभा की कार्यमन्त्रणा समिति ने जितने दिन तक सत्र बुलाने का फैसला लिया, बी0एस0पी0 सरकार ने उतनी अवधि तक सदन की कार्यवाही भी चलाई। उन्होंने कहा कि प्रदेष की जनता आज तक यह नहीं भूली है कि किस प्रकार पूर्ववर्ती सपा सरकार के पूरे कार्यकाल में विधान सभा सत्र, कागजों पर, दो-दो महीने चला करता था, लेकिन सदन की बैठक मात्र दो-तीन दिन ही संचालित होती थी और चोर दरवाजे से विष्वास-मत तक प्राप्त कर लिया जाता था।
प्रदेष अध्यक्ष ने कहा कि सपा नेता विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष हैं और पूर्व सपा सरकार में कैबिनेट मन्त्री भी रहे हैं। इसलिए उनसे इतनी उम्मीद तो की ही जा सकती है कि वे सदन के सत्र की अवधि को तय किये जाने के बारे में राज्य सरकार की भूमिका से अवष्य ही परिचित होंगे। उन्होंने कहा कि सदन की अवधि विधान सभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित कार्यमन्त्रणा समिति द्वारा तय की जाती है, जिसमें सभी राजनैतिक दलों के नेता सदस्य के तौर पर षामिल होते हैं। सदन द्वारा सभी निर्धारित विधायी कार्य निपटा लिये जाने और कोई भी विषेश या महत्वपूर्ण मामला लिम्बत न रहने के साथ-साथ बी0जे0पी0 के इन्दौर में चल रहे राश्ट्रीय अधिवेषन को दृिश्टगत रखते हुए समिति के सदस्यों ने सत्र को छोटा करने का फैसला लिया, जिसमें प्रदेष सरकार का कोई दखल नहीं था।
मंहगाई को लेकर सपा नेता श्री यादव द्वारा प्रदेष सरकार के विरूद्ध की गई बयानबाजी का जवाब देते हुए श्री मौर्य ने कहा कि बढ़ती हुई मंहगाई के लिए राज्य सरकार नहीं, बल्कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार की गलत आर्थिक व आयात-निर्यात सम्बन्धी नीतियां ही पूरी तरह से जिम्मेदार हैं। केन्द्र सरकार के वरिश्ठ मन्त्रियों की गैरजिम्मेदाराना बयानबाजी आग में घी डालने का काम कर रही हैं। परिणामस्वरूप जमाखोरों और मुनाफाखोरों को खाद्य पदार्थों के दामों को बढ़ाने का मौका मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मंहगाई के मुद्दे पर राज्य सरकार के विरूद्ध बोलने वाले विपक्षी नेताओं को केन्द्र सरकार के खिलाफ अपनी आवाज उठानी चाहिए और आन्दोलन करना चाहिए। इस मामले में बहुजन समाज पार्टी और उसकी सरकार पूरा सहयोग करेगी।
प्रदेष अध्यक्ष ने कहा कि राज्य सरकार खाद्य पदार्थों की कीमतों को काबू में रखने के लिए जमाखोरों और मुनाफाखोरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर रही है। सभी उपजिलाधिकारियों को सप्ताह में कम से कम एक बार आकिस्मक निरीक्षण और मुनाफाखोरों के ठिकानों पर छापे डालने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि जनता को उचित मूल्य पर खाद्य सामग्री उपलब्ध हो, इसके लिए राज्य सरकार ने अनेक कदम उठाये हैं। पी0डी0एस0 के माध्यम से पीली मटर की दाल षीघ्र उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गई है, ताकि आम जनता को राहत मिल सके। इसके अलावा अधिकारियों को चीनी की थोक खपत पर लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिये गये हैं ताकि किसी भी कीमत पर आम उपभोक्ता के लिए आवंटित चीनी का प्रयोग व्यवसायिक तौर पर तैयार की जाने वाली सामग्री में न किया जा सके।
श्री मौर्य ने प्रदेष सरकार पर लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों व घोटालों को पूरी तरह बेबुनियाद और तथ्यहीन बताया। उन्होंने कहा कि बी0एस0पी0 की सरकार में भ्रष्टाचार व घोटालों के लिए कोई जगह नहीं है जबकि पूर्ववर्ती सरकारों द्वारा किये गये घोटालों की सूची काफी लम्बी है। उन्होंने कहा कि श्री यादव को इस सम्बन्ध में बयान जारी करने से पहले अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए था। सपा सरकार के कार्यकाल के पुलिस भर्ती घोटाले, खाद्यन्न घोटाले, नोएडा भूमि घोटाले, एल0डी0ए0 घोटालों का उल्लेख करते हुए उन्होेंने कहा कि खाद्यान्न घोटाले में तो गरीबों के मुंह से निवाला तक छीनने का काम सपा की पूर्ववर्ती प्रदेष सरकार ने किया था।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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