Posted on 28 April 2018 by admin
सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में पुलिस एवं परिवहन विभाग
द्वारा संयुक्त अभियान चलाए चलाने के निर्देश
सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए
हेलमेट और सीट बेल्ट के इस्तेमाल का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए
जनसामान्य और खासतौर से स्कूली बच्चों व उनके अभिभावकों
को सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में अभियान चलाकर जागरूक किया जाए
सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में पुलिस, परिवहन, चिकित्सा एवं
स्वास्थ्य तथा शिक्षा विभाग संयुक्त रूप से कार्य योजना
बनाकर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करें
सभी मार्गों पर साइन बोड्र्स को प्राथमिकता पर लगाए जाने के निर्देश
लखनऊ: 28 अप्रैल, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में पुलिस एवं परिवहन विभाग द्वारा संयुक्त अभियान चलाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सड़क सुरक्षा के नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। हेलमेट और सीट बेल्ट के इस्तेमाल का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर ई-चालान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। छोटे स्कूल वाहन व वैन के लिए तय नियमों का पालन किया जाए। जनसामान्य और खासतौर से स्कूली बच्चों व उनके अभिभावकों को सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में अभियान चलाकर जागरूक किया जाए।
मुख्यमंत्री जी आज यहां शास्त्री भवन में सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में पुलिस, परिवहन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा शिक्षा विभाग संयुक्त रूप से कार्य योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करें। बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग से जनपदवार स्कूलों की सूची प्राप्त करके अभियान चलाकर सम्बन्धित वाहनों का शत-प्रतिशत निरीक्षण किया जाए। स्कूलों का दायित्व निर्धारित किया जाए कि मानक के अनुसार ही वाहन चलें।
योगी जी ने सभी मार्गों पर यातायात नियंत्रण सम्बन्धी साइन बोड्र्स को प्राथमिकता पर लगाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि मार्ग दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को लेकर सरकार अत्यन्त चिन्तित और गम्भीर है। इन्हें रोकने के लिए गम्भीर प्रयास करने होंगे। मार्ग दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण ड्राइवरों की लापरवाही, ओवर स्पीडिंग और शराब पीकर वाहन चलाना है। इन पर हर हाल में लगाम लगानी होगी। उन्होंने ड्राइवरों के स्वास्थ्य परीक्षण करवाने के भी निर्देश दिए। साथ ही, कहा कि यात्री व स्कूली वाहनों की भी फिटनेस सुनिश्चित हो। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने कहा कि वाहन चालकों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी देते हुए नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वाहन चालकों की समय-समय पर रिफ्रेशर ट्रेनिंग करवायी जाए। इसके लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। राजमार्गाें एवं एक्सप्रेसवेज़ पर आवश्यकतानुसार एम्बुलेन्स तथा डायल-100 के वाहनों की व्यवस्था हर हाल में की जाए। एक्सप्रेसवेज़ और राजमार्गों पर तेज गति से चलने वाले वाहनों के कारण इन पर सजग पेट्रोलिंग की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने इन पर मौजूद अनावश्यक और अवैध कट्स को बन्द करने के निर्देश दिए।
योगी जी ने कहा कि प्रदेश के मार्गाें पर चिन्ह्ति किए गए ‘ब्लैक स्पाॅट्स’ में से सुधारीकरण के अवशेष ‘ब्लैक स्पाॅट्स’ का कार्य सभी सड़क निर्माण सम्बन्धी संस्थाओं द्वारा शीघ्रता से पूर्ण किया जाए। रोड सेफ्टी आॅडिट का कार्य भी शीघ्रता से किया जाए। स्कूल, अस्पताल, भीड़भाड़ वाले स्थानों आदि पर जेब्रा क्राॅसिंग बनाए जाने के साथ ही, फुट ओवरब्रिज भी बनाए जाएं। अस्पताल, स्कूल, ग्राम, बाजार, भीड़युक्त स्थान आदि पर गति सीमा सम्बन्धी बोर्ड हर हाल में लगाए जाएं।
सड़क सुरक्षा से लाभ एवं ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के दुष्परिणाम से आम जनमानस को अवगत कराने के निर्देश दते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोगों में सुरक्षा का भाव और जागरूकता उत्पन्न करने के लिए प्रचार-प्रसार की आवश्यक कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि रोड सेफ्टी के सम्बन्ध में दिए गए निर्देशों जैसे दो-पहिया वाहन चालकों के साथ सहयात्री को भी अनिवार्य रूप से हेलमेट पहनना, लेन ड्राइविंग एवं ओवर टेकिंग के सम्बन्ध में निर्धारित नियमों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मार्ग दुर्घटना में घायलों को शीघ्र चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि घायलों की मदद हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
योगी जी ने कहा कि ट्रैफिक जागरूकता एवं सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित अभियान लगातार चलाया जाए। स्कूली छात्र-छात्राओं को स्कूल के स्तर पर ही सड़क सुरक्षा तथा सेफ ड्राइविंग के विषय में शुरू से ही जागरूक बनाया जाए। उन्हें ट्रैफिक नियमों की पूरी जानकारी दी जाए। उन्होंने यातायात नियमों और फस्र्ट ऐड के सम्बन्ध में जानकारी स्कूल/काॅलेज स्तर पर उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री जी ने जिला, तहसील तथा ब्लाॅक स्तर तक सड़क सुरक्षा, यातायात सुरक्षा तथा ट्रैफिक नियमों के पालन के सम्बन्ध में लोगों को जागरूक बनाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने राजमार्गों तथा ढाबों पर जगह-जगह सड़क के किनारे खड़े किए जा रहे ट्रकों पर भी प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि ऐसे ट्रक या भारी वाहन अक्सर दुर्घटना का कारण बनते हैं। उन्होंने ‘ड्रंकेन ड्राइविंग’ एवं ओवरलोडिंग के मामलों में सख्ती बरतने के भी निर्देश दिए। बैठक के दौरान सड़क सुरक्षा हेतु भावी कार्य योजनाओं तथा प्रस्तावों पर भी विचार किया गया।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव गृह श्री अरविन्द कुमार, डी0जी0पी0 श्री ओ0पी0 सिंह, प्रमुख सचिव परिवहन श्रीमती आराधना शुक्ला, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मुत्युंजय कुमार नारायण, मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार श्री मुत्युंजय कुमार, प्रमुख सचिव सूचना एवं पर्यटन श्री अवनीश कुमार अवस्थी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
Posted on 28 April 2018 by admin
‘‘विश्व पशुचिकित्सा दिवस‘‘ के अवसर पर उत्कृष्ट कार्य हेतु 25 पशुचिकित्साविद् सम्मानित
लखनऊ: 28 अप्रैल, 2018
प्रदेश के पशुधन,लघु सिंचाई एवं मत्स्य विकास मंत्री प्रो0 एस.पी. सिंह बघेल ने कहा है कि सरकार द्वारा पशु स्वास्थ्य एवं चिकित्सा, रोग नियंत्रण, उच्च पशु प्रजनन, पशु एवं चारा विकास आदि कार्यक्रमों के सुनियोजित संचालन के साथ-साथ पशुपालन कार्यक्रमों को स्वरोजगारपरक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग प्रदेश में दूध, अण्डा एवं ऊन उत्पादन में वृद्धि कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरन्तर प्रयत्नशील है और उत्पादकता बढ़ाने हेतु पशुपालकों को अधिक से अधिक उन्नत पशुपालन सेवाएं उपलबध कराने जैसे अनुदान सहायता, सुलभ ऋण, पशुधन बीमा सुरक्षा तथा समुचित पशुधन उत्पाद विपणन की व्यवस्था सुनिश्चत की जा रही है।
प्रो0 एस.पी. सिंह बघेल आज ‘‘विश्व पशुचिकित्सा दिवस‘‘ के उपलक्ष्य में पशुपालन निदेशालय बादशाह बाग, लखनऊ में पशुपालन विभाग एवं लेबोरेटरी एनीमल सांइस एसोसिएशन आफ इण्डिया के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन अवसर पर सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी का मुख्य विषय प्रयोगशाला पशु स्वास्थ्य पर अनुसंधान एवं शोध, प्रयोगशालीय पशुओं व प्रक्षेत्र के पशुओं का वैज्ञानिक प्रबन्धन, उनके कल्याण व उनके प्रति मानवीय दृष्टिकोण है, जो अत्यंत प्रासंगिक है।
प्रो0 एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि इस संगोष्ठी में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के 34 शोध कार्यों पर चर्चा की जायेगी जिसका पशुचिकित्सकों को पशु स्वास्थ्य, चिकित्सा, प्रजनन, उत्पादन एवं समय-समय पर फैलने वाली विभिन्न पशुमहामारियों के नियंत्रण एवं उन्मूलन में विशेष लाभ होगा और पशु चिकित्सा के क्षेत्र में आधुनिक वैज्ञानिक विधियों का समावेश होगा। उन्होंनें कहा कि पशु स्वास्थ्य सुरक्षा एवं चिकित्सा कार्यक्रमों के माध्यम से पशुओं को स्वस्थ्य रखा जाय।
पशुधन मंत्री ने इस अवसर पर पशुपालन विभाग उ0प्र0 के स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण होने तथा विश्व पशु चिकित्सा दिवस के शुभ अवसर पर देश के 18 पशुचिकित्साविदों एवं 07 सेवानिवृत्त वरिष्ठ पशुचिकित्साविद्ों को सम्मानित किया गया। इस संगोष्ठी में इण्डियन ब्रिगेडियर डी अहलावत, कमान्डेंट आर.वी.सी., बाबूगढ़, डा0 चरन सिंह यादव, निदेशक पशुपालन(प्रशासन एवं विकास), डा0 ए0 एन0 सिंह, निदेशक पशुपालन (रोग नियंत्रण एवं प्रक्षेत्र) ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस संगोष्ठी में देश भर के विभिन्न संस्थानों के वैज्ञानिकों, विषय विशेषज्ञों, शोधकर्ताओें तथा पशुचिकित्सा विज्ञान से संबंधित विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों के प्रतिनिधियों के द्वारा प्रतिभाग किया गया।
Posted on 28 April 2018 by admin
प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जिस प्रकार शराब की दुकानों को लेकर नियम एवं कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं इसमें कहीं न कहीं शासन एवं प्रशासन, आबकारी विभाग एवं शराब माफियाओं की आपसी सांठगांठ नजर आ रही है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने आज जारी बयान में कहा कि सख्त नियम-कानून एवं निर्देश होने के बावजूद धार्मिक स्थलों, शिक्षण संस्थानों एवं रिहायशी क्षेत्रों में शराब की दुकानें खुलेआम आवंटित की जा रही हैं और राजधानी में रात्रि होते ही इन धार्मिक, शैक्षिक एवं रिहायशी क्षेत्र में स्थित शराब की दुकानों तथा उसके आसपास अराजक तत्व खुलेआम शराब पीते हैं तथा अराजकता की स्थिति पैदा करके कानून व्यवस्था को तार-तार कर रहे हैं और आम जनता का जीना दुश्वार कर रहे हैं जिसके चलते आये दिन मारपीट, गाली-गलौच, महिलाओं के साथ छेड़खानी आदि तमाम घटनाएं घटित हो रही हैं।
श्री हैदर ने कहा कि राजधानी में शराब की दुकानों के आवंटन में किस कदर नियमों एवं कानूनों की धज्जियां उड़ायी गयी हैं इसका जीता जागता उदाहरण कोनेश्वर मंदिर चौक, प्राग नरायन रोड स्थित मंदिर के सामने, केन्द्रीय विद्यालय गोमतीनगर के सामने, अशोक मार्ग स्थित बाबा रामदास धर्मशाला के बगल में एवं सामने एवं तमाम ऐसे स्थानों पर खुली शराब की दुकानें खुलेआम प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार की शराब माफियाओं से सांठगांठ की पेाल खेाल रही हैं।
श्री हैदर ने कहा कि इतना ही नहीं प्रदेश की भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर एवं भाजपा के सांसद द्वारा इन नियम एवं कानून विरूद्ध शराब की दुकानों के आवंटन एवं शराब सिंडीकेटों के विरूद्ध आवाज उठाने के बजाय शराब पीने को बढ़ावा देने एवं इसे जाति विशेष से जोड़कर समाजविरेाधी बयान दे रहे हैं जो निन्दनीय है।
प्रवक्ता ने कहा कि नियम एवं कानून के विरूद्ध आवंटित शराब की दुकानों को तत्काल हटाया जाय नहीं तो इनके विरोध में एक प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जायेगा।
Posted on 28 April 2018 by admin
जनपद कुशीनगर में जिस प्रकार स्वास्थ्य महकमा और चिकित्सकों की संवेदनहीनता सामने आयी है कि मासूम बच्चोें के शवों के पोस्टमार्टम के बाद बिना उनके शवों को टांका लगाये ही उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण एवं दुःखद है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने आज जारी बयान में कहा कि कुशीनगर में स्कूली वैन से हुई ट्रेन की दुर्घटना में दर्जनों मासूम बच्चों की दर्दनाक मृत्यु से जहां पूरा प्रदेश स्तब्ध और दुःखी है वहीं चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा उन मासूम बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद वैसे ही कपड़े में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया गया जो अपने आपमें संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है।
श्री हैदर ने कहा कि इतने बड़े हृदयविदाकर घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सकों द्वारा की गयी संवेदनहीनता की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाय ताकि आने वाले समय में इस प्रकार की संवेदनहीन कृत्यों की पुनरावृत्ति न हो।
Posted on 28 April 2018 by admin
प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का दलितों के प्रति प्रेम एक ढकोसला है और यह उस समय खुलकर सामने आ गया जब वह जनपद अमरोहा में दलित प्रधान के घर भोजन करने पहुंचे तो पहले उनकी गायों को शैम्पू से नहलाया जाता है। जो लोग भोजन करने पहुंचे उनके लिए मैन्यू पहले से तय होता है और जिस घर में पीने के लिए स्वच्छ पेयजल नहीं होता वहां मिनरल वाटर के ढेर लगाये जाते हैं घर के छप्पर में प्लास्टिक की नई शीटें लगायी जाती हैं। यह सब साबित करता है कि मुख्यमंत्री जी को दलितों से प्रेम नहीं बल्कि सिर्फ चुनावी वर्ष नजदीक होने के कारण सिर्फ एक दिखावा है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने आज जारी बयान में कहा कि आदित्यनाथ जी पिछले दो दशकों से अधिक समय से सार्वजनिक जीवन में हैं। कोई एक ऐसा उदाहरण नहीं बता सकते कि जहां वह एक भी दिन दलित के घर जाकर भोजन किये हों या रात्रि विश्राम किया हो। बल्कि मुख्यमंत्री बनने के बाद जनपद बस्ती के दलित बस्ती में जाने से पहले प्रशासन द्वारा दलितों के लिए साबुन और शैम्पू भिजवाकर उनका अपमान किया गया था।
श्री हैदर ने कहा कि मुख्यमंत्री अगर दलितों के वाकई हितैषी हैं अथवा दलितों से प्रेम करते हैं तो उन्हें यह सब छोड़कर ईमानदारी के साथ दलितों के हितों के लिए कार्य करना चाहिए न कि सिर्फ चुनावी वर्ष नजदीक होने की वजह से दिखावा करना चाहिए।
श्री हैदर ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि देश और प्रदेश में जबसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी है लगातार दलितों के साथ हो रहे उत्पीड़न, हत्या, बलात्कार की घटनाओं में सर्वाधिक वृद्धि हुई है, दलितों के एफआईआर तक दर्ज नहीं हो रहे है। देश व प्रदेश का दलित वर्ग आज भय के वातावरण में जीने के लिए मजबूर है और खुद को सबसे ज्यादा असुरक्षित महसूस कर रहा है।
Posted on 28 April 2018 by admin
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि इन दिनों गांवों में किसान अपनी फसल की मड़ाई-कटाई में व्यस्त हैं। उसके लिए ये बहुत काम के दिन हैं क्योंकि फसल की कमाई से ही उसका और उसके परिवार का जीवन चलता है। लेकिन इन्हीं दिनों भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री, मंत्री गांवों में चैपाल और रात्रि विश्राम करने लगे है। इससे गांव के लोगों को बहुत परेशानी हो रही है।
मुख्यमंत्री जी और मंत्रियांे की चैपाल से गांवों के लोगों की दिनचर्या अस्तव्यस्त हो जा रही है। सरकारी अमले की भाग दौड़ से गांव के लोग अपने जरूरी काम भी नहीं निबटा पा रहे हैं। गांवों में विकास कार्य पहले से ही रूके हुए हैं। चैपाल लगने से कोई सकारात्मक परिणाम भी नहीं निकल रहे हैं। लोगों की शिकायतें कार्यवाही के बिना अनसुनी ही रह जाती हैं।
भाजपा सरकार ने चैपाल की बहुत चर्चा की है लेकिन उसके नतीजे सिफर हैं। उपमुख्यमंत्री जी की चैपाल में कई प्रमुख अधिकारी नदारद रहे। अब अधिकारी मंत्रियों की सुनने को भी तैयार नहीं तो अंदाजा लग जाता है कि इस सरकार के क्या हाल हैं। यह भी विडम्बना है कि मंत्रिमंडल के सहयोगी मंत्री और विधायक खुद अपनी ही सरकार और अपने मुख्यमंत्री की भी खिलाफत कर रहे हैं। एक उपमुख्यमंत्री ने तो अधिकारियों पर अपने कार्यकर्ताओं का ही उत्पीड़न करने का आरोप लगा दिया है। जब सरकार में उनकी नहीं सुनी जा रही तो आम जनता का क्या हाल होगा?
भाजपा को अगर किसानों की चिंता होती तो वे फसल कटाई के मौसम में गांवों में अव्यवस्था फैलाने का उपक्रम नहीं करते। गेंहॅू किसान को उसकी फसल का निर्धारित मूल्य भी नहीं मिल रहा है। लेकिन उसकी आय दुगना करने का झूठा आश्वासन दिया जा रहा है। गन्ना किसान का गन्ना खेतों में खड़ा है। उसका बकाया भुगतान नहीं हो रहा है। आलू किसान को भी बहुत भरोसा दिलाया गया था परन्तु उन्हें भी धोखा मिला है।
भाजपा ने गांव और किसान को बर्बाद करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। किसान की कर्जमाफी नहीं हुई। वह आत्महत्या करने को मजबूर है। समाजवादी सरकार ने बजट की 75 प्रतिशत धनराशि गांव-किसान के लिए निर्धारित की थी। किसान को बीमा, मुफ्त सिंचाई, कर्जमाफी आदि तमाम सुविधाएं दी थीं। भाजपा के प्रति किसानों में गहरा आक्रोश है। किसानों का कहना है कि हमें सोने वाली सरकार नहीं चाहिए। सरकार जागरूक होनी चाहिए और काम करने वाली सरकार हो तभी उनकी समस्या का समाधान हो सकेगा।