प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जिस प्रकार शराब की दुकानों को लेकर नियम एवं कानूनों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं इसमें कहीं न कहीं शासन एवं प्रशासन, आबकारी विभाग एवं शराब माफियाओं की आपसी सांठगांठ नजर आ रही है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता जीशान हैदर ने आज जारी बयान में कहा कि सख्त नियम-कानून एवं निर्देश होने के बावजूद धार्मिक स्थलों, शिक्षण संस्थानों एवं रिहायशी क्षेत्रों में शराब की दुकानें खुलेआम आवंटित की जा रही हैं और राजधानी में रात्रि होते ही इन धार्मिक, शैक्षिक एवं रिहायशी क्षेत्र में स्थित शराब की दुकानों तथा उसके आसपास अराजक तत्व खुलेआम शराब पीते हैं तथा अराजकता की स्थिति पैदा करके कानून व्यवस्था को तार-तार कर रहे हैं और आम जनता का जीना दुश्वार कर रहे हैं जिसके चलते आये दिन मारपीट, गाली-गलौच, महिलाओं के साथ छेड़खानी आदि तमाम घटनाएं घटित हो रही हैं।
श्री हैदर ने कहा कि राजधानी में शराब की दुकानों के आवंटन में किस कदर नियमों एवं कानूनों की धज्जियां उड़ायी गयी हैं इसका जीता जागता उदाहरण कोनेश्वर मंदिर चौक, प्राग नरायन रोड स्थित मंदिर के सामने, केन्द्रीय विद्यालय गोमतीनगर के सामने, अशोक मार्ग स्थित बाबा रामदास धर्मशाला के बगल में एवं सामने एवं तमाम ऐसे स्थानों पर खुली शराब की दुकानें खुलेआम प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार की शराब माफियाओं से सांठगांठ की पेाल खेाल रही हैं।
श्री हैदर ने कहा कि इतना ही नहीं प्रदेश की भाजपा सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर एवं भाजपा के सांसद द्वारा इन नियम एवं कानून विरूद्ध शराब की दुकानों के आवंटन एवं शराब सिंडीकेटों के विरूद्ध आवाज उठाने के बजाय शराब पीने को बढ़ावा देने एवं इसे जाति विशेष से जोड़कर समाजविरेाधी बयान दे रहे हैं जो निन्दनीय है।
प्रवक्ता ने कहा कि नियम एवं कानून के विरूद्ध आवंटित शराब की दुकानों को तत्काल हटाया जाय नहीं तो इनके विरोध में एक प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जायेगा।