Posted on 07 April 2018 by admin
अधिक से अधिक कनेक्शन देने की तैयारी में जुटा पावर कारपोरेशन
लखनऊ 07 अप्रैल, 2018। डाॅ0 भीमराव रामजी आम्बडेकर जयन्ती के अवसर पर 14 अप्रैल से 30 अप्रैल तक प्रदेश में अनुसूचित जाति, जनजाति बहुल्य ग्रामों में सौभाग्य योजना के अन्तर्गत बी0पी0एल0 परिवारों को मुफ्त कनैक्शन बांटे जायेंगे। इस अभियान की सफलता हेतु अधिकारी पूरी कार्ययोजना बनाकर पूरी निष्ठा एवं मेहनत से कार्य करें। यह निर्देश समीक्षा बैठक में आज प्रमुख सचिव ऊर्जा एवं उ0प्र0 पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने दिये। सौभाग्य योजना की समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुये उन्होंने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ एवं मा0 ऊर्जा मंत्री पंडित श्री श्रीकांत शर्मा ने निर्देशित किया है कि 14 अप्रैल से 30 अप्रैल तक ऐसे ग्राम या मजरे जहां अधिक आबादी अनुसूचित जाति एवं जनजातियों की है वहां सौभाग्य योजना के अन्तर्गत कैम्प लगाकर बिजली कनैक्शन बांटे जायें। प्रदेश में 3387 ऐसे गांव चिन्हित गये है जहां सर्वाधिक अनुसूचित जाति एवं जनजाति की संख्या है।
उन्होंने बताया कि आम्बेडकर पखवारे के अवसर पर गरीबों को मुफ्त कनेक्शन बांटे जाने की तैयारियों की मा0 ऊर्जा मंत्री पंडित श्रीकांत शर्मा 10 अप्रैल को समीक्षा करेंगे। इसलिए 9 अप्रैल तक कैम्पों के स्थानों का निर्धारण एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की पूरी तैयारी कर ली जाये और उसकी सूचना मुख्यालय को भेजी जाये। प्रमुख सचिव ने मध्यांचल डिस्काम में कैम्पों को और बढ़ाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाये कि प्रदेश के हर बी0पी0एल0 परिवार तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ मिले। अभियान की सफलता हेतु व्यापक प्रचार प्रसार किया जाये। प्रमुख सचिव ने कहा कि ऐसी योजना बनायी जाये जिससे हर हफ्ते लगभग 2 लाख कनैक्शन सौभाग्य योजना के अन्तर्गत दिये जा सकें। प्रदेश में आगामी मार्च तक लगभग 75 लाख कनैक्शन बांटे जाने हैं। जिसकी सफलता हेतु इसमें और तेजी लाने की आवश्यकता है।
बैठक में पावर कारपोरेशन के प्रबन्ध निदेशक अपर्णा यू0 सहित प्रदेश के सभी डिस्काम के प्रबन्ध निदेशक, निदेशक तकनीकी एवं वाणिज्य तथा सौभाग्य योजना में कार्य कर रही एजेन्यिों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। अध्यक्ष ने निर्देशित किया कि स्वीकृत विद्युत कनेक्शन का लेजराईजेशन सुनिश्चित किया जाय।
सौभाग्य योजना में दिये जा रहे कनेक्शन में जो सामग्री प्रयोग हो रही है उसमें गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बैठक में प्रमुख सचिव ने अधिकारियों के जमकर पेंच कसे। उन्होंने कहा कि अनेक स्थानों से ऐसी शिकायतें प्राप्त हो रही है कि जो विद्युत सामग्री दी जा रही है वो गुणवत्तापरक नही है साथ ही पूरा अनुमन्य सामग्री भी उपभोक्ता को नही मिलती। प्रमुख सचिव ने निर्देशित किया कि क्षेत्रीय मुख्य अभियन्ता कैम्पों के बाद हर सप्ताह गांवों में जाकर घरों का निरीक्षण करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि उपभोक्ता को निश्चित मानकों के अनुरूप गुणवत्तापरक अनुमन्य सामग्री प्राप्त हो।
प्रमुख सचिव ने यह भी निर्देशित किया कि सौभाग्य योजना में दिये जा रहे कनेक्शनों की जांच थर्ड पार्टी से करायी जाय। प्रबन्ध निदेशक इस बिन्दु पर शीघ्र अपनी अनुशंसा भेजे।
Posted on 07 April 2018 by admin
-मायावती जी के इशारे पर जब उनकी पार्टी के लोग सार्वजनिक रूप से एक महिला और उसकी बेटी को पेश करने की बात कर रहे है। तब उनको सभ्यता व संस्कार क्यों नहीं याद आया?
- जातिगत विद्वेष फैलाकर समाज के विभिन्न वर्गों को अपशब्द कहने वाली मायावती जी को अपनी हिटलरशाही व अभद्र व्यवहार पुण्य क्यों लगता है व भाजपा की लोकतंत्र को मजबूत व दलितों, आम जनता का सम्मान बढ़ाने वाली बातें पाप क्यों लगती हैं?
- पश्चिम बंगाल व केरल में बड़े पैमाने पर दलितों की हत्याओं पर मौन मायावती को दलित समाज ही जवाब देगा
- केवल भाजपा ही ऐसा राजनीतिक दल है, जो पश्चिम बंगाल व केरल के दलितों के लिए सडक से लेकर विधानसभा व संसद तक संघर्ष कर रही है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान और सबका साथ सबका विकास की नीति एवं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी द्वारा दलितों, गरीबों को राजनैतिक व अधिकार दिलाने के कार्यों से घबराए और बौखलाए विपक्ष के षडयंत्रों का उत्तर जनता देगी।
लखनऊ 07 अप्रैल 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने कहा कि ‘तिलक, तराजू और तलवार, इनको मारो जूते चार’ का नारा लगाने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती असंसदीय परपरंपराओं व कृत्य के कारण जानी जाती हैं। मायावती जी जब समाज को बांटने व अपमानित करने वाले ये बोल बोलती थीं तो उन्हें असंसदीय, अपमानजनक व अशिष्ट व्यवहार का ध्यान क्यों नहीं रहता था? मायावती जी के इशारे पर जब उनकी पार्टी के लोग सार्वजनिक रूप से एक महिला और उसकी बेटी का पेश करने को कह रहे थे, तब उनको रोकने के बजाय शह दे रही थीं। तब उनको सभ्यता व संस्कार क्यों नहीं याद आया? डॉ. पांडेय ने पूछा कि मायावती जी को अपनी अशिष्ट, भ्रष्टाचार व दलितों का उत्पीडन पाप और भाजपा के दलित व गरीब हितैषी कार्यक्रम, योजनाएं, कार्य व भ्रष्टाचार विरोधी अभियान पाप क्यों लगता है?
डॉ. पांडेय ने कहा कि पार्टी का टिकट बेचने के आरोपों के दाग वाली मायावती ने सत्ता हासिल करने के लिए दलितों व गरीबों के साथ ही छल किया। अकूत धन इकट्ठा करने के लिए मायावती ने अपनी पार्टी में दलितों का ही हक मारा और अपनी ही पार्टी के दलित व पिछड़े नेताओं को अपमानित करते हुए बाहर जाने पर विवश किया। उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी के बुजुर्ग व वरिष्ठ दलित नेताओं को जमीन पर बिठाकर और हिटलर की तरह तानाशाही असभ्य, अलोकतांत्रिक व भ्रष्ट व्यवहार करने वाली मायावती किस मुंह से सवाल उठा रही हैं? भ्रष्टाचार, हिटलरशाही व आम जनता, गरीबों का शोषण करने वाली मायावती जी को सभ्यता, संसदीय परंपरा और ईमानदारी की परिभाषा सीखने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि ये वही मायावती हैं, जो दलितों में भेद करती हैं। पश्चिम बंगाल व केरल में बड़े पैमाने पर दलितों की हत्याएं हो रही हैं। पर दलितों को वोट बैंक समझने वाली मायावती ने इन दलितों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आज तक एक शब्द भी नहीं बोला है। केवल भाजपा ही ऐसा राजनीतिक दल है, जो इन दलितों के साथ न केवल खड़ा है, बल्कि उनके लिए सडक से लेकर विधानसभा व संसद तक संघर्ष कर रहा है। पूरे देश की जनता और सर्व समाज के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी के दलितों, पिछड़ों व आम लोगों को राजनैतिक अधिकार दिलाकर लोकतंत्र को सुदृढ़ करने के प्रयासों में न केवल विश्वास करते हैं, बल्कि अपार समर्थन दे रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान और सबका साथ सबका विकास की नीति से घबराए और बौखलाए विपक्ष के षडयंत्रों का उत्तर जनता देगी।
उन्होंने कहा कि सपा, बसपा व कांग्रेस ने अपने राज में दलितों को असहाय व दीनहीन बना डाला ताकि वोट बैंक के लिए उन्हें भीड़ की तरह हांका जा सके। मायावती को जवाब देना चाहिए कि जहां आम दलित और गरीब की आर्थिक हालत उनके समय में खराब हुई, वहीं उनके व उनके भाई के पास हजारों करोड़ की दौलत कहां से आ गई? जिस धन पर दलितों का हक था, उस पर उन्होंने और उनके भाई ने अपनी व्यक्गित संपत्ति समझकर कब्जा कैसे कर लिया? जिन टिकटों पर दलितों व गरीबों का हक था, उन टिकटों को गैर दलित धन्ना सेठों को देकर मायावती जी ने दलितों को राजनैतिक अधिकार देने से वंचित क्यों किया?
Posted on 07 April 2018 by admin
श्रद्धालुओं को सुगम स्नान हेतु मुख्य पर्वों एवं मुख्य महाकुम्भ तक पानी की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी
- धर्मपाल सिंह
सुरेंद्र अग्निहोत्री ,लखनऊ 07 अप्रैल, 2018
उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री श्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि वर्ष 2019 में धर्मनगरी प्रयागराज इलाहाबाद में आयोजित होने वाला कुम्भ मेला अत्यन्त महत्वपूर्ण है, जिसमें विभिन्न अखाड़ों, करोड़ों श्रद्धालुओं, विदेशी सैलानियों के आगमन को दृष्टिगत रखते हुए इस बार का महाकुम्भ काफी वृहद होगा। कुम्भ मेला 2019 को कुशलता पूर्वक सम्पन्न कराना उ0प्र0 सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। कुम्भ मेला इलाहाबाद में 15 जनवरी, 2019 से प्रारम्भ होकर दिनांक 04 मार्च, 2019 तक आयोजित होगा, मेले में श्रद्धालुओं के सुगम स्नान हेतु पूरे प्रबन्ध किये जायेगें एवं मुख्य पर्वों पर तथा मुख्य महाकुम्भ तक जल की सम्पूर्ण व्यवस्था हरिद्वार से की जायेगी, इस पर पूरी योजना बना ली गई है।
श्री धर्मपाल सिंह आज हरिद्वार में सिंचाई विभाग उ0प्र0 के अधिकारी एवं टिहरी डैम बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक के बाद प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रयाग में आयोजित होने वाले कुम्भ मेला 2019 के प्रमुख स्नान पर्व दिनांक 15 जनवरी, 2019 मकर संक्रान्ति, 21 जनवरी, 2019 पोष पूर्णिमा, 04 फरवरी, 2019 मौनी अमावस्या, 10 फरवरी, 2019 बसंत पंचमी, 19 फरवरी, 2019 माघी पूर्णिमा, 04 मार्च, 2019 महाशिवरात्री को आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि गंगा जल को टिहरी डैम से इलाहाबाद संगम स्थल तक पहुंचने में लगभग 15 दिन का समय लगता है, इस पर विशेष चर्चा की गई और कार्ययोजना बनाने के उपरान्त समय से संगम पर पानी उपलब्ध कराया जायेगा।
श्री सिंह ने कहा कि मायापुर लिंक चैनल का निर्माण कर ऊपरी गंगा नहर की क्षमता 10500 क्यूसेक से बढ़ाकर 13000 क्यूसेक कर दी है। ऊपरी गंगा नहर व समान्तर ऊपरी गंगा नहर के समस्त रेगुलेटरों को पुनरोद्धार द्वारा सुदृढ़ीकरण कर नहर को निर्धारित क्षमता से चलाया जा रहा है। मायापुर स्केप चैनल में एक अद्वितीय स्टील ओम ब्रिज का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो गया है, यह ब्रिज उत्तरी भारत का एक विशेष आकर्षण का केन्द्र बनेगा। मायापुर में ओम ब्रिज के साथ साथ विशेष पर्वों पर भारी भीड़ को देखते हुए चार नये घाटों का निर्माण किया गया है। कुम्भमेला क्षेत्र नहर के सिस्टम की सुरक्षा हेतु दूधियाबन्ध पर बाढ़ निरोधक कार्यों की परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया गया है।
सिंचाई मंत्री ने बताया कि टी0एच0डी0सी0 के अधिकारियों द्वारा मेरे संज्ञान में लाया गया कि टिहरी जलाशय को आर0एल0 825 मीटर से आर0एल0 830 मीटर तक भर दिया जाये तो 195 मिलियन क्यूबिक मीटर अतिरिक्त पानी संचय होगा, जो कुम्भ मेला 2019 में अतिरिक्त जल उपलब्ध होगा, साथ ही साथ विद्युत उत्पादन बढ़ेगा जिससे उत्तराखण्ड शासन को भी लाभ होगा तथा संगम में तीर्थयात्रियों को भी भरपूर मात्रा में जल प्राप्त होगा। इसके सम्बन्ध में हम उत्तराखण्ड सरकार से वार्ता करेंगे।
Posted on 07 April 2018 by admin
-भाजपा विस्तारक बैठकों में विगत कार्यो की हुई समीक्षा, आगामी कार्यक्रमों के
लिए निर्देश दिये
लखनऊ 07 अप्रैल 2018, भारतीय जनता पार्टी विस्तार बैठकों में विगत कार्यो की हुए समीक्षा, आगमी कार्यो की जिम्मेदारी विस्तारकों को सौंपी गई। प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक ने विस्तारकों को सामाजिक समरसता दिवस के कार्यक्रम के लिए निर्देशित किया। भाजपा विस्तारकों की क्षेत्रवार हुई बैठकों में जिला मण्डल एवं बूथ स्तर के कार्यो के लिए निर्देशित किया।
भाजपा प्रदेश मुख्यालय में अवध में अवध क्षेत्र विस्तारक बैठक में प्रदेश महामंत्री एवं विस्तारक योजना प्रभारी विजय बहादुर पाठक ने कहा कि विस्तारक मण्डल, बूथ, जिला और प्रदेश के संगठनात्मक सेतु है। केन्द्र और प्रदेश द्वारा प्रस्तावित कार्यक्रमों को बूथ स्तर तक प्रभावी रूप से संचालित कराने में विस्तारकों की अहम् भूमिका है। पूर्ण कालिक विस्तारकों के प्रभावी क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना है। 14 अप्रैल को डाॅ. भीमराव आम्बेडकर जयन्ती पर सामाजिक समरसता कार्यक्रम मनाए जाना है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर अवध क्षेत्र विस्तारक बैठक हुई, जिसमें क्षेत्रीय अध्यक्ष सुरेश तिवारी एवं क्षेत्रीय संगठन मंत्री ब्रज बहादुर वे क्षेत्रीय मंत्री अजीत जी रहे। इससे पूर्व 1 अप्रैल को संतकबीर नगर में गोरखपुर क्षेत्र विस्तारक बैठक हुई, 2 अप्रैल को काशी क्षेत्र, 3 अप्रैल को कानपुर बुन्देलखण्ड क्षेत्र, 4 अप्रैल को ब्रज क्षेत्र की आगरा में एवं 5 अप्रैल को चांदपुर बिजनौर में पश्चिम क्षेत्र की विस्तारक बैठक सम्पन्न हुई।
Posted on 07 April 2018 by admin
लखनऊ 07 अप्रैल 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि प्रदेश की श्री योगी आदित्यनाथ जी की सरकार अभिभावकों, स्कूलों के प्रबंध तंत्र और शिक्षाविदों से राय मशविरा करके ही शुल्क निर्धारण विधेयक ले लाई है। इसका मकसद शिक्षा का स्तर बेहतर करने के साथ ही साथ स्कूलों के प्रबंध तंत्र के सहयोग से उन अभिवावकों को राहत देने का भी है जिनके सामने आर्थिक समस्याएं हैं। सरकार की कोशिश है कि आर्थिक तंगी के चलते किसी भी बच्चे की पढाई और तरक्की ना रूके और ये कानून इसी दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। सरकार हर बच्चे को साक्षर करने के लिए कृतसंकल्पित है और इस बात की अपेक्षा है कि प्राइवेट स्कूल भी इस मुहिम में अपना योगदान देकर देश और समाज को मजबूत करेंगे। तमाम अभिभावक संगठनों और शिक्षण संस्थाओं ने इस कानून का स्वागत किया है। ये एक ऐतिहासिक कानून है जो अभिभावकों के साथ ही साथ स्कूलों के भी हित में है। इस कानून के लिए मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्नाथ जी और उपमुख्यमंत्री जी बधाई के पात्र हैं। स्कूलों के प्रबंधतंत्र को इस कानून का विरोध करने की बजाए इस कानून के लिए सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने इसी के मद्देनजर अभिभावक संगठनों और शैक्षणिक संगठनों से बातचीत और सुझावों के आधार पर नया कानून तैयार किया है। इसमें किसी को परेशानी ना हो, इसका भी विशेष तौर पर ध्यान रखा गया है। ज्यादातर स्कूलों के प्रबंध तंत्र ने इस कानून को सभी के हित में बताया है। ऐसे में आमजन के हित में लाए जा रहे इस कानून के विरोध का कोई आधार नहीं बनता। देश और समाज की तरक्की के लिए शैक्षणिक संगठनों को सरकार की मदद करनी चाहिए और कानून का विरोध करने की बजाए सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि शैक्षणिक संस्थाएं बेहद पवित्र सोच के साथ शुरु की जाती हैं जिसका हमेशा से ये मकसद रहा है कि हर तबके के बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिल सके। और इसीलिए इन संस्थाओं के प्रति समाज में हमेशा से सम्मान का भाव रहा है। इसी वजह से सरकारें भी तमाम जरूरी सहूलियतें इन संस्थाओं को हमेशा से देती रही हैं। ऐसे में पिछले कुछ सालों से ये रिश्ता दरकने लगा था और उसकी एक बड़ी वजह थी संस्थाओं और अभिभावकों के बीच पनपी अविश्वास की खाई। अभिभावकों की तरफ से लंबे वक्त से ये शिकायतें आ रही थीं कि स्कूलों के प्रबंधतंत्र की तरफ से ना सिर्फ मनमाफिक शुल्क जाते हैं बल्कि यूनीफार्म और तमाम सुविधाओं के नाम पर उनसे तमाम तरह की वसूली की जाती है। इसे लेकर अभिभावक संगठन कानून बनाने की मांग भी कर रहे थे। और सरकार ने यह वायदा पूरा कर दिया है।