Posted on 03 April 2018 by admin
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में प्रदेश में कानून व्यवस्था चैपट है और अराजकता को रोक पाने में उसकी असफलता से जनजीवन त्रस्त है। समाज का हर वर्ग इन दिनों गहरी निराशा में डूबा हुआ है। दलित समाज का उत्पीड़न रूक नहीं रहा है। इससे वह बुरी तरह आंदोलित और आक्रोशित है। अपराध रोकने के नाम पर एनकाउण्टर में अब निर्दोष और खुद भाजपा के अपने लोग भी शिकार बन रहे हैं।
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का नाम लेने वाली भाजपा के शासनकाल में उनकी प्रतिमा ही सबसे ज्यादा तोड़ी गई हैं। अपराधी भयमुक्त हैं। दलितों का उत्पीड़न बदस्तूर जारी है। बांदा के नीवी गांव में दलित पीने के पानी के लिए छटपटा रहे हैं। इलाहाबाद के कासगंज के निजामपुर गांव में एक युवक को शादी में घोड़ी पर चढ़कर जाने से रोका जा रहा है। स्थानीय पुलिस दबंगों के आगे उसको सुरक्षा देने में आनाकानी कर रही है। दलित बेटियों का मान सम्मान सुरक्षित नहीं रह गया है। इसमें भाजपा की नाकामी और उसका दलित विरोधी चरित्र जाहिर है। दलितों और डा. आंबेडकर के नाम पर भाजपा सिर्फ दिखावटी प्रेम दिखाती है।
जहां तक अपराध नियंत्रण की बात है भाजपा सरकार लगातार असफल साबित हुई है। अपनी असफलता छुपाने के लिए वह फर्जी इन्काउंटरों का सहारा ले रही है। पुलिस के इस खेल का एक बड़ा खुलासा तब हुआ जब कल (2 अप्रैल 2018 को) नोएडा सेक्टर 16 से पुलिस ने आर.एस.एस. के नामी प्रवक्ता राकेश सिन्हा को ही पकड़ कर उपद्रवी बताते हुए गाड़ी में बिठा लिया और परिचय देने के बावजूद उनकी एक नहीं सुनी। बड़ी मुश्किल से वे छूटे और उनकी जान बची। अब राकेश सिन्हा ही बता पायेंगे कि उनके साथ पुलिस के दुव्र्यवहार से क्या स्थिति हुई होगी? एनकाउण्टर के बारे में उनकी अब क्या राय है?
मुख्यमंत्री जी अक्सर दावा करते हैं कि अपराधी भाग रहे हैं पर सच्चाई तो यह है कि प्रधानमंत्री जी के गृह प्रदेश गुजरात के राज्यपाल महोदय, श्री ओपी कोहली के नोएडा स्थित आवास (डी-6 सेक्टर 50) का ताला तोड़कर बदमाशों ने कीमती सामान चोरी कर लिया। पुलिस जब राज्यपाल महोदय का घर नहीं बचा पाई तो आम आदमी कहां सुरक्षित रहेगा?
ये कुछ घटनाएं बानगी हैं कि भाजपा सरकार का कामकाज किस तरह जनविरोधी है और लोग किस तरह दहशत में जी रहे हैं। चूंकि भाजपा में जनता की कहीं सुनवाई नहीं है इसलिए किसी को भी अपने सम्मान और अधिकारों के लिए आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है। जनता में बढ़ता असंतोष भाजपा के लिए सन् 2019 में केन्द्र से विदाई का संदेश हैं।
Posted on 03 April 2018 by admin
-राजनीतिक स्वार्थ में कराई गई हिंसा के लिए मायावती दोषी
-हिंसा के लिए जनता से माफी मांगे मायावती।
लखनऊ 03 अप्रैल 2018, भारतीय जनता पार्टी ने सत्ता की चाह में हिंसा व अराजकता का माहौल बनाने के लिए मायावती को जिम्मेदार ठहराया। प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि जनता मायावती से सवाल पूंछ रही है कि मायावती सरकार ने 29 अक्टूबर 2007 को एस.सी./एस.टी. एक्ट के दुरूपयोग को रोकने के लिए आदेश पारित किये थे, अब जबकि बिल्कुल वैसे ही उच्चतम न्यायालय ने अपनी भावना अभिव्यक्त की तो विरोध में हिंसा और अराजकता की राजनीति क्यों? भारत बंद के नाम पर हुई हिंसा और अराजकता के लिए मायावती जी जनता से माफी मांगे। डाॅ. पाण्डेय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भाजपा सरकार इस फैसले पर पुनर्विचार की जरूरत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुॅची है। उन्होंने सारे दलित समाज से अपील की कि दलितों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने वालों से सावधान रहे। मोदी और योगी सरकार सच्चे अर्थो में दलित समाज के कल्याण के लिए समर्पित है। डाॅ. पाण्डेय ने योगी सरकार को धन्यवाद दिया कि बडे़ पैमाने पर हिंसा के लिए रचे गए षडयंत्र को पूरी तत्परता से तत्काल काबू किया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने विगत दिवस हुई प्रायोजित हिंसा और अराजकता पर निंदा एवं क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्यनीय बाबा साहेब आम्बेडकर एवं माननीय काशीराम जी की नीति एवं सिद्धान्तों के उलट मायावती हिंसा और अराजकता के हथकडों से राजनीतिक विसात विछाने की कोशिश कर रही है। डाॅ. पाण्डेय ने कहा कि मोदी सरकार ने ही एस.टी.-एस.सी. अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक 2015 पारित कर दलितों के हितों की रक्षा करने का काम किया है। दलितों के खिलाफ 22 तरह के अपराध हुआ करते थे, जिन्हे मोदी सरकार ने कैटेगोराइज्ड करके 123 तरह के अपराध रजिस्टर किये हैं। डाॅ. पाण्डेय ने कहा कि आज सबसे ज्यादा दलित विधायक और सांसद भाजपा के है। मोदी सरकार ने पूज्यनीय डाॅ. आम्बेडकर जी से जुडे स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया है। डाॅ. अम्बेडकर अन्तर्राष्ट्रीय केन्द्र के निर्माण से डाॅ. अम्बेडकर जी की विचारधारा विश्व क्षितिज पर पहुॅचाने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किया है।
डाॅ. पाण्डेय ने कहा कि पूरा देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ विकास पथ पर बढ चुका है। सपा-बसपा-कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल राजनीतिक जमीन के दरकरने पर जातिगत विद्वेष फैलाकर देश की शांति, सद्भाव को समाप्त करने का पाप कर रहे है, जिसके लिए जनता उन्हें क्षमा नहीं करेगी। डाॅ. पाण्डेय ने कहा कि दलित वर्ग के लोग नौकरी देने वाले बने इसके लिए मोदी सरकार ने स्टैडअप के माध्यम से 2.5 लाख दलित उद्यमियों का लक्ष्य रखा है। वैचलर कैपिटल फंड योजना के तहत दलित जाति के युवको को 50 लाख से 15 करोड़ रूपये तक के ऋण की व्यवस्था की है। दलितों के लिए अलग से मुद्रा बैंक प्रारम्भ हुए है। प्रधानमंत्री आवास, उज्जवला, मुद्रा बैंक, जीवन बीमा सहित केन्द्र सरकार की सभी योजनओं का सबसे ज्यादा लाभ दलितों को हुआ हैैै। डाॅ. पाण्डेय ने कहा कि मोदी सरकार और योगी सरकार की दलितों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान एवं राजनीतिक भागीदारी के काम में प्राणार्पण से जुटी है, जिससे घबराकर मायावती वैमनस्य फैलाने का पाप कर रही है।
Posted on 03 April 2018 by admin
-जस्प्रुडेंशिया वर्ल्ड पीस समिट में बोले उप मुख्यमंत्री
-शांति के लिए सामाजिक सहयोग जरूरी : प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी
-भारत के ज्यादातर लोग शांति के बारे में सोचते हैं : स्कॉट लिंच
-शांति और सद्भाव के लिए काम करने वाली पांच हस्तियों को सम्मान
लखनऊ,3 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा विश्व में शांति के लिए सबसे ज्यादा विचार हमारे देश की ही धरती से ही पैदा हुए हैं, इसीलिए पूरा विश्व भारत को गुरु मानता है। उन्होंने कहा कि आपसी प्रेम और सद्भाव से ही शांति की स्थापना हो सकती है। श्री मौर्य आज यहां राजधानी लखनऊ में पर्यटन भवन जस्प्रुडेंशिया की ओर से आयोजित वर्ल्ड पीस समिट में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। समिट में देश-विदेश की अनेक हस्तियां मौजूद थीं।
उप मुख्यमंत्री श्री मौर्य ने कहा कि विश्व में ऐसा कौन सा सख्श होगा जो खुश नहीं होना चाहता हो। लेकिन यह खुशी तब मिल सकती है, जब सबके भीतर और बाहर शांति का वातावरण हो। श्री मौर्य ने कहा कि जस्प्रुडेंशिया शांति के लिए अभिनव प्रयास कर रही है। मैं और मेरी सरकार जस्प्रुडेंशिया के इस अभियान के साथ हैं। वर्ल्ड पीस समिट के आयोजक शुभम त्रिपाठी और उनकी टीम छोटी सी उम्र में शांति लाने का जो प्रयास कर रही है, वह साधुवाद की पात्र है।
समिट में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण, बाल कल्याण और पर्यटन मंत्री प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि शांति हिमालय या मंदिर में नहीं, अपने भीतर मिलती है। आज विश्व के अनेक देशों में अशांति का वातावरण है, परस्पर टकराव है चाहे वह यूरोप हो या एशियाई देश। सामाजिक सहयोगा व भाईचारे की भावना से ही अशांति खत्म की जा सकती है और शांति को स्थापित किया जा सकता है। प्रोफेसर जोशी ने शांति के लिए जस्प्रुडेंशिया के प्रयासों की सराहना की।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने विश्व के अनेक देशों में अशांति के कारणों का जिक्र करते हुए शांति के लिए भारतीय मनीषियों के दर्शन को श्रेष्ठ बताया और कहा कि समाज में छोटे छोटे प्रयासों से शांति कायम की जा सकती है। विशिष्ट अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक और योग गुरु स्वामी योगी सत्यम ने दुनिया के अनेक देशों में अपने भ्रमण के अनुभव साझा किए और कहा कि भारतीय दर्शन के साथ ही विश्व के अनेक संतों के विचार भी शांति के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन सबके साथ ही क्रियायोग के जरिए शांति और सरलता से स्थापित हो सकती है। अमेरिका से आए कानूनवेत्ता स्कॉट लिंच ने इस मौके पर विश्वशांति के लिए जस्प्रुडेंशिया के प्रयासों को सराहा और कहा कि भारत इसीलिए श्रेष्ठ है कि यहां के ज्यादातर लोग शांति के बारे में सोचते हैं।
समारोह में शांति और सद्भाव के लिए काम करने वाली कई जानी-मानी हस्तियों को सम्मानित भी किया गया। इनमें सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री रूना बनर्जी, हिंदुस्तान टाइम्स की लखनऊ के सीनियर एडिटर सुनीता ऐरन, सिटी मांटेसरी स्कूल के संस्थापक डॉ जगदीश गांधी, यूनेस्को के ब्रांड एम्बेसडर स्वप्निल तिवारी, व शीरोज हैंगआउट के संस्थापक शामिल हैं। इससे पहले जस्प्रुडेंशिया के संस्थापक अध्यक्ष शुभम त्रिपाठी ने वर्ल्ड पीस समिट के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन शेफाली ने किया। कार्यक्रम में देश-विदेश से आए अनेक वक्ताओं ने अलग अलग सत्रों में अपने विचार व्यक्त किये। देश के हिस्सों से आए रिसर्च स्कॉलर ने अपने अपने पेपर भी प्रेजेंट किए।
Posted on 03 April 2018 by admin
लखनऊ 03 अप्रैल 2018, भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि अदालत के आदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी जन औषधि केंद्र खुलने का रास्ता साफ हो गया है। जन औषधि केंद्र के स्टोर खुलने का सीधा फायदा आम लोगों को होगा। इन स्टोर्स पर 6 सौ तरह की जीवन रक्षक दवाएं और सर्जिकल उपकरण बाजार से काफी कम कीमत पर मिल सकेंगे। प्रधामनंत्री जी की पहल पर पूरे देश में जीवनरक्षक दवाओं को सस्ती कीमत पर देने के लिए स्टोर्स खोले जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में कानूनी विवाद के चलते ये जनऔषधि केंद्र नहीं खुल पाए थे। पर अदालत से आए आदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी जनऔषधि केंद्र के ये स्टोर्स बहुत जल्द लोगों के लिए उपलब्ध होंगे और इसका सीधा फायदा आम लोगों को होगा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी खुद जनऔषधि केंद्रों को लेकर प्रयास कर रहे हैं और उन्होंने शीघ्र ही इसके स्टोर्स खोलने के आदेश दिए हैं।
प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि तमाम कंपनियों ने अपने हितों के चलते आम लोगों को जीवनरक्षक दवाएं काफी महंगी कीमतों पर मिलती थीं। इसते चलते तमाम लोगों का इलाज तक नहीं हो पाता था। गरीबों की इसी समस्या को समझते हुए प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्र की यह महत्वपूर्ण योजना लेकर आए। ये तय किया गया कि जरूरी दवाएं और सर्जिकल उपकरण काफी कम कीमत पर आम लोगों को मुहैया कराए जाएं। प्रधानमंत्री जी ने अपनी कोशिशों से हृदयरोगियों के लिए जरूरी स्टंट की कीमतें भी काफी कम कराई थीं। इसका फायदा भी आम लोगों को मिल रहा है।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि जनऔषधि केंद्रों पर जीवनरक्षक जरूरी दवाएं बाजार से 80 फीसदी कम कीमत पर मिलेंगी। साथ ही इन केंद्रों पर सर्जिकल उपकरण भी काफी सस्ती कीमतों पर मिलेंगे। प्रधामनंत्री जी गांव-गांव तक ऐसे जनऔषधि केंद्र खुलवाने की मुहिम में जुटे हुए हैं और उत्तर प्रदेश सरकार की कोशिशों के बाद अब प्रदेश में भी जनऔषधि केंद्र खुलने का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल अदालती प्रक्रिया में होने के नाते उत्तर प्रदेश में जनऔषधि केंद्र नहीं खुल पाए थे। मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ खुद इस मामले की समीक्षा कर रहे थे और अब अदालती आदेश आने के बाद उत्तर प्रदेश में भी जनऔषधि केंद्र खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।