Archive | April 14th, 2018

डाॅ0 आंबेडकर के विचारों का अध्ययन करना चाहिए– श्री नाईक

Posted on 14 April 2018 by admin

बाबा साहब ने विपरीत परिस्थितियों में रहते हुए छुआछूत का दंश झेला– योगी आदित्यनाथ

सुरेन्द्र अग्निहोत्री, लखनऊः 14 अप्रैल, 2018

उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज डाॅ0 भीमराव आंबेडकर की 127वीं जयंती के अवसर पर आंबेडकर महासभा लखनऊ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बाबासाहब के चित्र और प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर तथा अस्थि कलश के दर्शन कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बाबासाहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ0 महेन्द्र सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री श्री बलदेव ओलख, लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, आंबेडकर महासभा के अध्यक्ष डाॅ0 लालजी प्रसाद निर्मल सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे। कार्यक्रम में आंबेडकर महासभा द्वारा मुख्यमंत्री का सम्मान ‘दलित मित्र’ के रूप में किया गया।
राज्यपाल ने मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ0 आंबेडकर को आदराजंलि व्यक्त करते हुए कहा कि आंबेडकर महासभा के प्रांगण में आने पर नई चेतना मिलती है और कर्तव्यबोध का अहसास होता है। हमारा देश कहां है और आगे क्या करना है इसकी प्रेरणा यहां आने पर मिलती है। बाबासाहब ने अभाव के कारण पीड़ा के साथ अपनी शिक्षा पूरी की। विदेश में शिक्षा प्राप्त करके होनहार भारतीय कैसा हो, उसका परिचय पूरे विश्व को कराया। आज के दिन पूरा देश उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष बाबासाहब के सही नाम लिखने की बात उन्होंने कही थी तथा मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सरकारी कार्यालयों में डाॅ0 आंबेडकर का चित्र लगाने की घोषणा की थी। इस बात का समाधान है कि गत वर्ष के शब्द साकार हुए, दोनों बाते पूरी हुई।
श्री नाईक ने डाॅ0 आंबेडकर के वक्तव्य को उदृत्त करते हुए कहा कि बाबासाहब के शब्द मार्गदर्शक हैं। डाॅ0 आंबेडकर ने स्वतंत्रता की रक्षा को एक विशिष्ट कर्तव्य बताते हुए कहा था कि ‘स्वराज्य की रक्षा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है। अपने समाज में किसी प्रकार की फूट पुनः हमसे स्वराज्य छीन लेगी। अतः हमें छोटी-छोटी बातों में उलझना नहीं चाहिए और यदि आपस में कोई मतभेद है तो उसे लेकर टकराना नहीं चाहिए, बल्कि सौहार्दपूर्ण वातावरण में उसका हल खोज निकालना बेहतर होगा।’
राज्यपाल ने कहा कि डाॅ0 आंबेडकर के विचारों का अध्ययन करना चाहिए ताकि उनके सपनों को साकार किया जा सके। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में हम संविधान को समझें और उसके अनुसार चलने का प्रयास करें। बाबासाहब महापुरूष थे सभी ऐसा मानते हैं। उनके नाम को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए बल्कि उनके विचारों को आत्मसात करना चाहिए। बाबासाहब को जाति विशेष की परिधि में नहीं बांधा जा सकता है, वे एक महापुरूष हैं जिनके विचारों को आमजन तक पहुंचाने की जरूरत है। डाॅ0 आंबेडकर के विचारों के विभिन्न पक्षों को समझने के लिये सुप्रसिद्ध लेखक, अर्थशास्त्री एवं पुणे विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति तथा वर्तमान में राज्यसभा के सांसद डाॅ0 नरेन्द्र जाधव द्वारा संकलित चार पुस्तकों का एक-एक सेट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा को विधान सभा पुस्तकालय में विधायकों के वाचन हेतु तथा आंबेडकर महासभा के लिये डाॅ0 लालजी प्रसाद निर्मल को दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबासाहब ने विपरीत परिस्थितियों में रहते हुए छुआछूत का दंश झेला पर संविधान के माध्यम से उन्होंने सभी भारतीयों को समानता, समरसता, भाईचारा और जीवन जीने का समान अवसर दिया। बाबा जी कहते थे शिक्षा के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक विषमता को दूर किया जा सकता है। सभी को समान अवसर व न्याय मिलना चाहिए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बाबासाहब से जुड़े स्मारकों को भव्य रूप में विकसित करके जनता को समर्पित किया है। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लोगों के उत्थान के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने आवास, शिक्षा, शौचालय, छात्रवृत्ति, निःशुल्क विद्युत कनेक्शन, कन्या विवाह योजना, राशन कार्ड, दलित वर्ग के लोगों को त्वरित न्याय दिलाने के लिये न्यायालयों का गठन, सर्वशिक्षा अभियान सहित अन्य योजनाओं की जानकारी दी।
कार्यक्रम में डाॅ0 सरिता सिंह, डाॅ0 पुष्पलता शंखवार, डाॅ0 प्रियदर्शी, श्री अखिलेश कृष्ण मोहन, श्री जयशंकर सहाय, श्री अरविन्द पहाड़िया, श्री लालचन्द सरोज, श्री अब्दुल नासिर नसीर सहित अन्य लोगों को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिये ‘आंबेडकर रत्न’ से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया। समारोह में अध्यक्ष आंबेडकर महासभा डाॅ0 लालजी प्रसाद निर्मल ने संस्था का संक्षिप्त परिचय दिया तथा दलित समाज की समस्याएं भी रखीं।
इससे पूर्व राज्यपाल हजरतगंज चैराहे पर स्थित डाॅ0 भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।

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उन्नाव पीड़िता को लेकर सीबीआई टीम लखनऊ के राम मनोहर लोहिया अस्पताल पहुंची

Posted on 14 April 2018 by admin

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बाबा साहब आम्बेडकर के स्वप्नों को आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी साकार करने का काम कर रहे है - डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय

Posted on 14 April 2018 by admin

लखनऊ 14 अप्रैल 2018, भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने भारत रत्न बाबा साहब अम्बेडकर जयन्ती पर पुष्पाजंलि अर्पित की। हजरतगंज चैराहे पर बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्पार्चन करते हुए डाॅ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि बाबा साहब के दर्शन के मूल में समरसता समन्वय, सौहार्द के साथ बिना भेदभाव तथा पक्षपात के लोकतंत्रिक राष्ट्रवादी अवधारणा है, दलित, बंचित शोषित लोगों का आर्थिक और सामाजिक उन्नयन है। डाॅ. पाण्डेय ने कहा कि माननीय नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में समता मूलक समाज के निर्माण के लिए काम हो रहा है। केन्द्र सरकार की सभी जन कल्याणकारी योजनाओं में में 85 फीसदी से अधिक दलित, बंचित, शोषित वर्ग के जीवन स्तर को उठाने का काम मोदी कर रहे है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार जिसकी योजनाओं से दलित, वंचित, शोषित का हित सर्वोपरि हैं। कानून का राज स्थापित होने से सपाई गुण्डों से दलितो गरीबों का राहत मिली हैं।
डाॅ. पाण्डेय ने कहा कि डाॅ. भीम राव राम जी आम्बेडकर का अनुसरण करके भाजपा सरकारें काम कर रही है। भाजपा सरकार ने ही आरक्षण के पक्ष में 81, 82 और 85वां संविधान संशोधन किया था, जो एससी, एसटटी की बैकलाग सीटों को भरे जाने, भर्ती के माप दण्ड में छूट और पदोन्नति में आरक्षण को लेकर थे। जबकि सपा ने बाबा साहब की भावना के विपरीत पदोन्नति में आरक्षण का विरोध किया और सांसद में बिल फाड़ दिया था। अखिलेश यादव के कार्यकाल में दलित पदाधिकारियों की पदावनति की गई। सपा पहली बार भीमराव आम्बेडकर जयन्ती मना रही है। उन्हें बधाई, बस सपा इतना बता दे कि दलितों की जमीनों पर किये।
डा. पाण्डेय ने कहा कि मोदी ने ही एससी एसटी अधिनियम 2015 में संशोधित कर उसे प्रभावी बनाने का काम किया। इसी प्रकार मुआवजा बढाने के साथ ही जिला स्तर पर विशेष अदालतों की स्थापना की जिसके लिए दो महिने में निर्णय देना अनिवार्य बनाया गया। डा. आम्बेडकर ने संवैधानिक तरीकों से दलित बंचित, शोषित वर्ग के उत्थान की वकालत की थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उसी सिद्धान्त से सबको साथ लेकर सबका विकास कर रहे है।
इस अवसर पर प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर, प्रदेश महामंत्री विजय बहादुर पाठक, गोविन्द नारायण शुक्ला, प्रदेश मंत्री अनूप गुप्ता, क्षेत्रीय अध्यक्ष सुरेश तिवारी, प्रदेश मीडिया संपर्क प्रमुख मनीष दीक्षित, प्रदेश मीडिया सहप्रभारी हिमांशु दुबे, लखनऊ महानगर अध्यक्ष मुकेश शर्मा उपस्थित रहे।

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