Posted on 11 April 2018 by admin
लखनऊ: 11 अप्रैल, 2018
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और सांसद श्री अमित शाह ने महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती के अवसर पर आज समता मूलक चैराहे पर स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा, राज्य सरकार के मंत्रिगण, सांसद श्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय, प्रमुख सचिव सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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शिशु, किशोर एवं तरूण केटेगरी के तहत मिलेगा ऋण
लखनऊ: 11 अप्रैल, 2018
भारत सरकार द्वारा स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत ऋण प्राप्त करने हेतु तीन श्रेणियांे का निर्धारण किया गया है। प्रथम श्रेणी को शिशु, द्वितीय श्रेणी को किशोर एवं तृतीय श्रेणी को तरूण नाम दिया गया है। साथ ही इस योजना के अन्तर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 हेतु जनपदों को लक्ष्य भी आवंटित कर दिए गये हैं।
यह जानकारी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री श्री सत्यदेव पचैरी ने आज यहां दी है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अन्तर्गत किसी भी जनपद के युवक/युवतियाॅं स्वरोजगार स्थापित करने के लिए निर्धारित तीनों केटेगरियों में से किसी एक से ऋण ले सकते हैं। शिशु केटेगरी के तहत 50 हजार रुपये तक ऋण प्राप्त किया जा सकता है, जबकि किशोर श्रेणी के अंतर्गत 50 हजार से 05 लाख रुपये तक ऋण प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा तरूण केटेगरी में 05 से अधिक एवं 10 लाख रुपये तक ऋण देने का प्राविधान किया गया है।
श्री पचैरी ने बताया कि इस योजना के तहत जनपद के हस्तशिल्पियों (हस्तशिल्पी कार्ड धारक) को 06 फीसदी ब्याज उपादान की सुविधा प्रदान की जायेगी। इच्छुक हस्तशिल्पी/अभ्यर्थी अपने-अपने जनपद में स्थित जिला उद्योग एवं प्रोत्साहन केन्द्र से सम्पर्क स्थापित कर योजना की विस्तृत जानकारी एवं आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की वेबसाइट www.mudra.org.in पर भी आवश्यक जानकारियां उपलब्ध हैं।
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राजस्व परिषद के अध्यक्ष श्री प्रवीर कुमार ने कहा कि किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके व्यक्तित्व से होती है न कि उसके जन्म से। उन्होंने कहा कि समाज को आगे बढ़ाने के लिए सभी लोगों को एक जुट होकर कार्य करना चाहिए ताकि समाज की प्रगति एवं विकास हो, यह तभी सम्भव होगा जब समाज में एकजुटता हो।
श्री प्रवीर कुमार आज प्रेस क्लब में मुख्य अतिथि के रूप में अधिवक्ता जन सेवा संस्थान लखनऊ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सर नेम हटाओं नया भारत बनाओं में अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस दिशा में हमें अंतर्जातीय विवाह में प्रोत्साहन देना होगा। अंतर्जातीय विवाह से ही समानता एवं एकजुटता आएगी।
समाज कल्याण आयुक्त श्री चन्द्र प्रकाश ने कहा कि सर नेम हटाकर समाज में अच्छे कार्य करने चाहिए, क्योंकि हमारे समाज में विभिन्न संस्कृतियों के होने के कारण कई भावनाएं समाज में पनपती हैं। इन्हें दूर कर राष्ट्र के विकास में सबको एकजुट होकर आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलकर राष्ट्रीय एकीकरण तथा देश की प्रगति में योगदान करना चाहिए, तभी देश को एक नई दिशा में ले जाने के लिए सफल होंगे। उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान मानवता पर होना चाहिए न कि अन्य कार्यों पर।
अधिवक्ता जन सेवा संस्थान के अध्यक्ष एवं निदेशक श्री अजित कुमार ने कहा कि समाज में सभी वर्गों को एक साथ लेकर ही चलने पर समाज को नई दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि सर नेम हटाने से समाज में समानता एवं एकजुटता आएगी तथा विभिन्न प्रकार के वाद खत्म होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश का कानून एक है। सभी लोग साथ हों तब भारत का अच्छे ढंग से सर्वांगीण निर्माण होगा।
इस अवसर पर संस्थान के अन्य पदाधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये एवं बड़ी संख्या में अधिवक्तागण आदि शामिल रहे।
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उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास निधि के अटारी फार्म का भ्रमण किया। उनके साथ प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही भी उपस्थित थे। राज्यपाल श्री राम नाईक सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास निधि के पदेन अध्यक्ष भी है, ऐसे पहले राज्यपाल है जिन्होंने निधि के अटारी प्रक्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया। सेवानिवृत्त सैनिक व शहीद सैनिकों के आश्रितों के सहायतार्थ कार्य करने वाली उत्तर प्रदेश सैनिक पुनर्वास निधि को और प्रभावी बनाने के लिये राज्यपाल राम नाईक ने सेना, कृषि, वैकल्पिक ऊर्जा विभाग से एक माह में सुझाव मांगे हैं। प्राप्त सुझावों के आधार पर मुख्यमंत्री सहित सम्बन्धित विभागों के प्रमुख की बैठक करके ठोस नीति बनाने पर विचार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों व उनके परिवारों को ज्यादा से ज्यादा लाभ मिले तथा उनके जीवन स्तर को बढ़ाया जाये।
राज्यपाल के भ्रमण का मुख्य उद्देश्य जनपद लखनऊ और हरदोई द्वारा भूमि का सीमांकन, ऊसर भूमि का सुधार एवं एक अवधि तक उपयोग, सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने की सम्भावना का परीक्षण था। अटारी प्रक्षेत्र 1,342.05 एकड़ भूमि में फैला हुआ है जिनमें 70 एकड़ में कृषि, 62 एकड़ में बागवानी (आम, अमरूद, आंवला तथा बेर के पेड़), 55.05 एकड़ में भवन, सड़क सहित अन्य निर्माण तथा 1,155 एकड़ में वन क्षेत्र (विलायती बबूल/ऊसर रिक्त भूमि) है। अटारी प्रक्षेत्र की 1,342.05 एकड़ भूमि में से 1,082.96 एकड़ भूमि लखनऊ तथा 259.09 एकड़ भूमि हरदोई जनपद के अंतर्गत आती है।
भ्रमण कार्यक्रम में राज्यपाल की प्रमुख सचिव सुश्री जूथिका पाटणकर, प्रमुख सचिव कृषि श्री अमित मोहन प्रसाद, जिलाधिकारी हरदोई श्री पुलकित खरे, निदेशक कृषि श्री सोराज सिंह, निदेशक नेडा श्री अरविन्द कुमार सिंह, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगे0 अमूल्य मोहन, जी0ओ0सी0 के प्रतिनिधि बिग्रेडियर रोहित दत्ता, मुख्य वन संरक्षक लखनऊ मण्डल श्री के0प्रवीन राव, अपर जिलाधिकारी प्रशासन लखनऊ श्री श्रीप्रकाश गुप्ता, जिला वन अधिकारी श्री मनोज सोनकर, अटारी प्रक्षेत्र के अधीक्षक डाॅ0 ए0पी0 ओझा सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।
श्री नाईक ने कहा कि सैनिक पुनर्वास निधि की आय बढ़ाने के लिये अन्य स्रोतों पर भी विचार करने की जरूरत है। कार्पस फण्ड में प्रदेश सरकार से रूपये 10 करोड़, नार्दन कोल फील्डस लिमिटेड से रूपये 20 लाख तथा एन0एच0पी0सी0 से रूपये 5 लाख प्राप्त हुए है। टाटा ट्रस्ट द्वारा भी सैनिकों के बच्चों की छात्रवृत्ति हेतु सैनिक पुनर्वास निधि को तीन वर्ष में रूपये 75 लाख प्रदान किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना से ऊसर भूमि का सदुपयोग हो सकता है।
कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि निधि की भूमि को एक माॅडल के रूप में विकसित करें। उन्होंने सुझाव दिया कि उन्नत एवं प्रगतिशील किसानों से भी इस पर सुझाव मांगे जाये। छोटी-छोटी ईकाइयों में बाटंकर भूमि का उपयोग किया जाये जिससे आमदनी बढ़ायी जा सके।
जिलाधिकारी हरदोई श्री पुलकित खरे ने बताया कि हरदोई जनपद के अंतर्गत आने वाली निधि की भूमि पर बबूल के पेड़ लगाये गये हैं। भूमि के कुछ हिस्सों पर आबादी है जिस पर लगभग 100 मकान बने हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि कृषि, सौर ऊर्जा और औद्यानिक उपज के लिये भूमि का उपयोग और बेहतर ढंग से किया जा सकता है।
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उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने राज्य विधान मण्डल से पारित विधेयकों (1) उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) विधेयक 2018, (2) उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (संशोधन) विधेयक 2018, (3) उत्तर प्रदेश विनियोग अधिनियम (निरसन) विधेयक 2018 तथा (4) उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी (संशोधन) विधेयक 2018 पर अपनी सहमति प्रदान की है।
उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) विधेयक 2018 द्वारा पूर्व में अधिनियमित संयुक्त प्रान्त आबकारी अधिनियम 1910 की धारा 24-क की उपधारा (1) के खण्ड (घ) को नये प्राविधान के साथ प्रतिस्थापित किया गया है तथा धारा 24-कक बढ़ायी गयी है। पूर्व में विद्यमान अधिनियम की धारा 24-क के प्राविधान उत्तर प्रदेश आबकारी (विदेशी मदिरा की माडल शाप के लिए अनुज्ञापनों का व्यवस्थापन) नियमावली 2003 जो कि 8 सितम्बर, 2003 से प्रवृत्त है, के प्रतिकूल थे। इस संबंध में पूर्व में 29 जनवरी, 2018 को अध्यादेश पर राज्यपाल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की थी।
उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (संशोधन) विधेयक 2018 द्वारा पूर्व में अधिनियमित उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम 1961 की धारा 197 के पूर्व प्रकट होने वाले शीर्षक ‘बाजार, वधशाला’ का लोप कर ‘बाजार’ शब्द रख दिया गया है तथा धारा 198 में कतिपय संशोधन किया गया है। इस संबंध में पूर्व में 29 जनवरी, 2018 को अध्यादेश पर राज्यपाल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की थी।
‘उत्तर प्रदेश विनियोग अधिनियम (निरसन) विधेयक 2018’ के माध्यम से 252 विनियोग अधिनियमों को निरसित किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा 1950 से 2012 की अवधि के दौरान अधिनियमित विनियोग से संबंधित अधिनियमों को 2016 में निरसित किया गया है। इसका संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश के 264 विनियोग अधिनियम को निरसित करने की सिफारिश की थी। वित्त विभाग के परामर्श के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा 252 अधिनियमों को निरसित करने हेतु विधेयक लाया गया जो राज्य विधान मण्डल के दोनों सदनों से पारित हुआ है।
उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी (संशोधन) विधेयक 2018 द्वारा पूर्व में अधिनियमित उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम 1964 में संशोधन किया गया है। किसानों के कृषि उत्पाद के विक्रय हेतु बाजार के एक से अधिक विकल्प उपलब्ध कराने, निजी एवं विशिष्ट मण्डियों की स्थापना करने, भण्डारागारों, शीतगृहों तथा किसानों से सीधे क्रय हेतु संग्रह केन्द्र स्थापित करने के लिए पूर्व में स्थापित अधिनियम में संशोधन किया गया है।
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(1) वर्तमान में ख़ासकर दिनंाक 2 अप्रैल के ‘‘भारत बन्द‘‘ की आड़ में बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनुयाइयों की अंधाधुंध गिरफ्तारी तथा उन पर अनेकों प्रकार की अन्य जुल्म-ज्यादती करने वाली बीजेपी व इनकी सरकारों को क्या कोई नैतिक हक बनता है कि वह इन वर्गों के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती मनाये?
(2) यह विडम्बना नहीं तो और क्या है कि बीजेपी अब बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का नाम लेने की नाटकबाजी तो करती रहती हंैं, किन्तु उनके करोड़ों अनुयाइयों पर जातिवादी जुल्म-ज्यादती करने व इनके संवैधानिक व कानूनी अधिकारों को छीनने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैै।
(3) परन्तु अब वे लोग अपनी सत्ता प्राप्ति के लिये काफी गम्भीर लगते हैं क्यांेकि वे जान गये हैं कि बीजेपी एण्ड कम्पनी के शासन में उन्हें गुलामी से मुक्ति तथा समता व न्याय का जीवन कभी भी नहीं मिल सकता है।
(4) बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयंती मनाने की नैतिकता प्राप्त करने के लिये श्री नरेन्द्र मोदी सरकार को पहले सरकारी कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण देने सम्बंधी संविधान संशोधन विधेयक को, जो राज्यसभा से पारित है, लोकसभा से भी पारित कराना चाहिये जो कि पिछले चार वर्षों से लम्बित पड़ा हुआ है, क्यों?: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी।
नई दिल्ली, 11 अप्रैल, 2018, दिन बुधवार: सरकारी भय व आतंक पैदा करने के बाद विभिन्न राज्यों में हजारों लोगों को इनके ‘‘भारत बन्द‘‘ की आड़ में गिरफ्तार करने तथा उन पर अनेकों प्रकार की अन्य जुल्म-ज्यादती करने वाली बीजेपी व इनकी सरकारों को क्या कोई नैतिक हक बनता है कि वह इन वर्गों के मसीहा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती मनाये?
बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी ने कहा कि परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की असली पहचान उनके करोडों अनुयाइयों के दुःख-दर्द, सुख-चैन, उनकी जातिवाद से मुक्ति तथा उनके हित व कल्याण से पूरी तरह से जुड़ी हुई है जिसके लिये वे जीवन भर संघर्षरत रहे और जिसकी उपेक्षा व अनदेखी करके कोई भी सरकार सही मायने में ’’कल्याणकारी सरकार’’ हो ही नहीं सकती है। ऐसी सरकार हमेशा गरीब, मजदूर व जनविरोधी ही कहलायेगी क्योंकि वे ही बहुसंख्यक हैं और असली भारत हैं।
वोट के स्वार्थ की राजनीति करके सत्ता प्राप्त करने की कोशिश में धर्म का राजनीति में अनुचित इस्तेमाल, धार्मिक उन्माद व हिन्दू-मुस्लिम साम्प्रदायिकता फैलाना, आपस में नफरत व वैमन्सयता एवं जातिवादी बर्बर व्यवहार आदि बीजेपी सरकारों की ख़ास विशेषता रही है, परन्तु यह विडम्बना नहीं तो और क्या है कि बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का नाम तो सरकारी मजबूरीवश लेते हैं तथा इनके नाम पर अन्य और भी नाटकबाजी भी करते हैं, किन्तु उनके करोड़ों अनुयाइयों पर जातिवादी जुल्म-ज्यादती करने तथा इनके संवैधानिक व कानूनी अधिकारों को छीनने व छिनवाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। क्या इसे ही बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर व दलितों के प्रति प्रेम व स्नेह कहेंगे?
सुश्री मायावती जी ने कहा कि वैसे भी दलितों व पिछड़ों ने ऐसा सरकारी फर्जी व वक्ती प्रेम व पाखण्ड बहुत देखा है किन्तु अब वे संगठित होकर अपने कानूनी हक के लिये व खासकर जातिवादी अत्याचार-व्यवहार व भेदभाव के विरुद्ध संघर्ष करना सीख गये हैं और उसके लिये सरकारी अन्याय-अत्याचार के रुप में जेल तक जाकर कीमत चुका रहे हैं।
परन्तु श्री नरेन्द्र मोदी की बीजेपी सरकार को यह समझ लेना चाहिये कि उनके संघर्ष व आकांक्षाओं को अब और ज्यादा दिनों तक दबाया व कुचला नहीं जा सकता है। अब वे लोग अपनी सत्ता को पाने के लिये काफी गम्भीर हैं क्यांेकि वे अच्छी तरह से जान गये हैं कि बीजेपी एण्ड कम्पनी के शासन में उन्हें गुलामी से मुक्ति तथा समता व न्याय का जीवन कभी भी नहीं मिल सकता है बल्कि वे सत्ताधारी मुटठीभर लोग इन बहुसंख्यक तबकों को हमेशा की तरह लाचार व गुलाम बनाये रखने की हीन, जातिवादी व सामन्ती मानसिकता त्यागने वाले नहीं हैं।
सुश्री मायावती जी ने कहा कि खासकर उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश आदि बीजेपी शासित राज्यों में सरकारी भय, आतंक व गिरफ्तारी का ऐसा ताण्डव मचा हुआ है कि इस बार परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती भी लोग खुलकर मनाने के प्रति आशंकित है, जिसका तत्काल समाधान ज़रुरी है, ऐसी बी.एस.पी. की माँग हैं।
इसके अलावा बीजेपी व केन्द्र में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी सरकार को दलितों की कोई भी बात करने व इनके गांवों में जाकर रात बिताने का ढोंग आदि करने के पहले इनको अपनी नेक नीयती व सत्यता का थोड़ा प्रमाण अवश्य देना चाहिये और इस क्रम में सबसे पहले दलित कर्मचारियों को प्रमोशन में आरक्षण से सम्बन्धित संविधान संशोधन विधेयक को, जो राज्यसभा से पारित हो चुका है, उसे लोकसभा से पारित करना चाहिये जो काम श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार में लगभग चार वर्षों से लम्बित पड़ा हुआ है। साथ ही एससी-एसटी अत्याचार निवारण कानून, 1989 को उसके मूल रुप में बहाल करने की तत्काल जरुरत है। केन्द्र सरकार अध्यादेश लाकर भी ऐसा कर सकती है। तभी इन्हें आगे चलकर परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की पवित्र जयन्ती को मनाने की नैतिकता प्राप्त हो पायेगी।
जारीकर्ता:
बी.एस.पी. केन्द्रीय कार्यालय
4, गुरूद्वारा रकाबगंज रोड,
नई दिल्ली - 110001
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प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय चंदौली में उपवास करेंगे
लखनऊ 11 अप्रैल 2018, भारतीय जनता पार्टी के सांसद व नेता विपक्ष के अलोकतांत्रिक रवैये के खिलाफ 12 अप्रैल को उपवास करेंगे। सुबह 10 से सायं 04 बजे तक सांसद व पार्टी नेता उपवास पर रहेंगे। प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय अपने संसदीय क्षेत्र चंदौली जिला मुख्यालय में उपवास करेंगे। प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर ने बताया कि सभी सांसद अपने संसदीय क्षेत्रों में रहेंगे, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा उपवास पर रहेंगे।
श्री सोनकर ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश अध्यक्ष डा0 महेन्द्र नाथ पाण्डेय अपने संसदीय क्षेत्र चंदौली में उपवास करेंगे। इसके साथ ही सभी लोकसभा सदस्य अपने संसदीय क्षेत्र के जिला मुख्यालय पर 12 अप्रैल को सुबह 10 बजे से सायं 04 बजे तक उपवास पर रहेंगे। इसके साथ ही केन्द्रीय मंत्री जेपी नड्डा वाराणसी, राज्यसभा सांसद सकलदीप राजभर आजमगढ़, अशोक बाजपेयी रायबरेली, विजयपाल तोमर अमेठी, श्रीमती कांता कर्दम शामली, हरनाथ यादव मैनपुरी, अनिल अग्रवाल फिरोजाबाद में उपवास करेंगे।
प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर ने बताया कि विगत संसद सत्र में विपक्ष ने संसद को निर्वाध चलने में व्यवधान उत्पन्न किया। विपक्ष के इस अलोकतांत्रिक रवैये के विरोध में भाजपा सांसद उपवास पर रहेंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष शिवनाथ यादव एवं प्रदेश मंत्री प्रकाश पाल को संगठन द्वारा समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी है।