उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने राज्य विधान मण्डल से पारित विधेयकों (1) उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) विधेयक 2018, (2) उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (संशोधन) विधेयक 2018, (3) उत्तर प्रदेश विनियोग अधिनियम (निरसन) विधेयक 2018 तथा (4) उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी (संशोधन) विधेयक 2018 पर अपनी सहमति प्रदान की है।
उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) विधेयक 2018 द्वारा पूर्व में अधिनियमित संयुक्त प्रान्त आबकारी अधिनियम 1910 की धारा 24-क की उपधारा (1) के खण्ड (घ) को नये प्राविधान के साथ प्रतिस्थापित किया गया है तथा धारा 24-कक बढ़ायी गयी है। पूर्व में विद्यमान अधिनियम की धारा 24-क के प्राविधान उत्तर प्रदेश आबकारी (विदेशी मदिरा की माडल शाप के लिए अनुज्ञापनों का व्यवस्थापन) नियमावली 2003 जो कि 8 सितम्बर, 2003 से प्रवृत्त है, के प्रतिकूल थे। इस संबंध में पूर्व में 29 जनवरी, 2018 को अध्यादेश पर राज्यपाल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की थी।
उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत (संशोधन) विधेयक 2018 द्वारा पूर्व में अधिनियमित उत्तर प्रदेश क्षेत्र पंचायत तथा जिला पंचायत अधिनियम 1961 की धारा 197 के पूर्व प्रकट होने वाले शीर्षक ‘बाजार, वधशाला’ का लोप कर ‘बाजार’ शब्द रख दिया गया है तथा धारा 198 में कतिपय संशोधन किया गया है। इस संबंध में पूर्व में 29 जनवरी, 2018 को अध्यादेश पर राज्यपाल ने अपनी स्वीकृति प्रदान की थी।
‘उत्तर प्रदेश विनियोग अधिनियम (निरसन) विधेयक 2018’ के माध्यम से 252 विनियोग अधिनियमों को निरसित किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा 1950 से 2012 की अवधि के दौरान अधिनियमित विनियोग से संबंधित अधिनियमों को 2016 में निरसित किया गया है। इसका संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश के 264 विनियोग अधिनियम को निरसित करने की सिफारिश की थी। वित्त विभाग के परामर्श के पश्चात् राज्य सरकार द्वारा 252 अधिनियमों को निरसित करने हेतु विधेयक लाया गया जो राज्य विधान मण्डल के दोनों सदनों से पारित हुआ है।
उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी (संशोधन) विधेयक 2018 द्वारा पूर्व में अधिनियमित उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मण्डी अधिनियम 1964 में संशोधन किया गया है। किसानों के कृषि उत्पाद के विक्रय हेतु बाजार के एक से अधिक विकल्प उपलब्ध कराने, निजी एवं विशिष्ट मण्डियों की स्थापना करने, भण्डारागारों, शीतगृहों तथा किसानों से सीधे क्रय हेतु संग्रह केन्द्र स्थापित करने के लिए पूर्व में स्थापित अधिनियम में संशोधन किया गया है।