-जस्प्रुडेंशिया वर्ल्ड पीस समिट में बोले उप मुख्यमंत्री
-शांति के लिए सामाजिक सहयोग जरूरी : प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी
-भारत के ज्यादातर लोग शांति के बारे में सोचते हैं : स्कॉट लिंच
-शांति और सद्भाव के लिए काम करने वाली पांच हस्तियों को सम्मान
लखनऊ,3 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा विश्व में शांति के लिए सबसे ज्यादा विचार हमारे देश की ही धरती से ही पैदा हुए हैं, इसीलिए पूरा विश्व भारत को गुरु मानता है। उन्होंने कहा कि आपसी प्रेम और सद्भाव से ही शांति की स्थापना हो सकती है। श्री मौर्य आज यहां राजधानी लखनऊ में पर्यटन भवन जस्प्रुडेंशिया की ओर से आयोजित वर्ल्ड पीस समिट में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। समिट में देश-विदेश की अनेक हस्तियां मौजूद थीं।
उप मुख्यमंत्री श्री मौर्य ने कहा कि विश्व में ऐसा कौन सा सख्श होगा जो खुश नहीं होना चाहता हो। लेकिन यह खुशी तब मिल सकती है, जब सबके भीतर और बाहर शांति का वातावरण हो। श्री मौर्य ने कहा कि जस्प्रुडेंशिया शांति के लिए अभिनव प्रयास कर रही है। मैं और मेरी सरकार जस्प्रुडेंशिया के इस अभियान के साथ हैं। वर्ल्ड पीस समिट के आयोजक शुभम त्रिपाठी और उनकी टीम छोटी सी उम्र में शांति लाने का जो प्रयास कर रही है, वह साधुवाद की पात्र है।
समिट में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश की महिला एवं परिवार कल्याण, बाल कल्याण और पर्यटन मंत्री प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि शांति हिमालय या मंदिर में नहीं, अपने भीतर मिलती है। आज विश्व के अनेक देशों में अशांति का वातावरण है, परस्पर टकराव है चाहे वह यूरोप हो या एशियाई देश। सामाजिक सहयोगा व भाईचारे की भावना से ही अशांति खत्म की जा सकती है और शांति को स्थापित किया जा सकता है। प्रोफेसर जोशी ने शांति के लिए जस्प्रुडेंशिया के प्रयासों की सराहना की।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए बीएचयू के पूर्व कुलपति प्रोफेसर गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने विश्व के अनेक देशों में अशांति के कारणों का जिक्र करते हुए शांति के लिए भारतीय मनीषियों के दर्शन को श्रेष्ठ बताया और कहा कि समाज में छोटे छोटे प्रयासों से शांति कायम की जा सकती है। विशिष्ट अतिथि के रूप में अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक और योग गुरु स्वामी योगी सत्यम ने दुनिया के अनेक देशों में अपने भ्रमण के अनुभव साझा किए और कहा कि भारतीय दर्शन के साथ ही विश्व के अनेक संतों के विचार भी शांति के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन सबके साथ ही क्रियायोग के जरिए शांति और सरलता से स्थापित हो सकती है। अमेरिका से आए कानूनवेत्ता स्कॉट लिंच ने इस मौके पर विश्वशांति के लिए जस्प्रुडेंशिया के प्रयासों को सराहा और कहा कि भारत इसीलिए श्रेष्ठ है कि यहां के ज्यादातर लोग शांति के बारे में सोचते हैं।
समारोह में शांति और सद्भाव के लिए काम करने वाली कई जानी-मानी हस्तियों को सम्मानित भी किया गया। इनमें सामाजिक कार्यकर्ता पद्मश्री रूना बनर्जी, हिंदुस्तान टाइम्स की लखनऊ के सीनियर एडिटर सुनीता ऐरन, सिटी मांटेसरी स्कूल के संस्थापक डॉ जगदीश गांधी, यूनेस्को के ब्रांड एम्बेसडर स्वप्निल तिवारी, व शीरोज हैंगआउट के संस्थापक शामिल हैं। इससे पहले जस्प्रुडेंशिया के संस्थापक अध्यक्ष शुभम त्रिपाठी ने वर्ल्ड पीस समिट के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन शेफाली ने किया। कार्यक्रम में देश-विदेश से आए अनेक वक्ताओं ने अलग अलग सत्रों में अपने विचार व्यक्त किये। देश के हिस्सों से आए रिसर्च स्कॉलर ने अपने अपने पेपर भी प्रेजेंट किए।